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शुक्रवार, फ़रवरी 18, 2022

'भाग्य'(चर्चा अंक-4344)

सादर अभिवादन। 

शुक्रवारीय  प्रस्तुति में आपका स्वागत है

शीर्षक व काव्यांश आ.शुभा मेहता जी की रचना 'भाग्य' से-

भाग्य =
    prepration + Attitude+opportunity+
   Action 

   तैयारी+रवैया+मौका +कार्य (मेहनत)=भाग्य 

आइए अब पढ़ते हैं आज की पसंदीदा रचनाएँ-

--

ग़ज़ल "नहीं पहचान पाये रूप" 

कटी है उम्र गीतों मेंमगर लिखना नहीं आया
तभी तो हाट में उनकोअभी बिकना नहीं आया

ज़माने में फकीरों का, नहीं होता ठिकाना कुछ
उन्हें तो एक डाली पर, कभी टिकना नहीं आया
--
 भाग्य =
    prepration + Attitude+opportunity+
   Action 

   तैयारी+रवैया+मौका +कार्य (मेहनत)=भाग्य 

    खाली बैठकर भाग्य को दोष मत दीजिए । 
--
जब से तुमने
इशारे से बुलाकर 
उसके कान में कहा 
तुम मेरे दोस्त हो 
वह
मैं बोलने लगा
सुनने भी लग
बारिशों में  कुआं 
मुमकिन होता तो 
भीगने से खुद को 
बचा लेता क्योंकि 
उसके तृप्त होने का 
उत्सव मनाने गगरी का 
अब नृत्य नहीं होता है ।
चाँद की निर्मल प्रभा
सज्जित हुआ सारा गगन
दूधिया सी चाँदनी से
चमकता है ये चमन
उतरती हैं मेनका 
स्वागत करे स्वर्णिम जहाँ ।।
सखी सुनो मेरी यह बतिया।
नींद नहीं मोहे आती रतिया।
परीक्षा सिर पर आन पड़ी है।
लगती यूं मुश्किल की घड़ी है।
एक-एक कर जो थोड़े बहुत समझदार थे वे किनारा करते जा रहे हैं ! सच्चे हिमायती भी कुछ ना कर पाने की हालत में निराश हो दामन छोड़ रहे हैं ! चारण, चरणचुंबी, मौकापरस्त, मतलबी लोग, जिनका कहीं कोई आधार नहीं है, जिन्हें घर छोड़ बाहर शायद ही कोई पहचानता हो, जैसे ही बचे रह गए हैं ! पर दल की कमान संभालने वाली त्रयी अभी भी हवा में उड़ रही है ! अवाम को अपनी रियाया समझ वैसा ही व्यवहार किया जा रहा है !
• गैस को ऑन करके नॉन स्टिक तवे को उस पर रखें। आंच मध्यम रखें। 
• तवे पर आधा कप सिरका (white vinegar) डालें। इसमें एक कप पानी डालिये। पानी में उबाल आने दीजिए। लकड़ी का स्टापूला लेकर धीरे धीरे तवे के किनारों पर जहाँ पर गंदगी जमा है वहां पर स्टापूला से रगड़िए। इससे तवे पर जो तेल की लेयर जमी है वो धीरे धीरे निकलने लगेगी। पाँच छः मिनट रगड़ने पर सभी गंदगी पानी के उपर तैरने लगेगी। इस पानी को फेंक दीजिए। 
-- 

आज का सफ़र यहीं तक 

@अनीता सैनी 'दीप्ति'

9 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत बेहतरीन चर्चा प्रस्तुति|
    आपका आभार अनीता सैनी 'दीप्ति' जी!

    जवाब देंहटाएं
  2. उम्दा चर्चा।मेरी रचना को चर्चा मंच में शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद, अनिता दी।

    जवाब देंहटाएं
  3. सुंदर संकलन धन्यवाद मेरी रचना को स्थान देने के लिए

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत सुंदर सराहनीय अंक अनीता जी । विविधता से भरा अंक सजाने के लिए, आपके परिश्रम को नमन । मेरी रचना को शामिल करने के लिए आभार ।बहुत बधाई और हार्दिक शुभकामनाएं 💐💐👏👏

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत-बहुत धन्यवाद प्रिय अनीता मेरी रचना से चर्चा का आरंभ करने के लिए ।

    जवाब देंहटाएं
  6. सदा की तरह सार्थक अंक ! मुझे शामिल कर मान देने हेतु हार्दिक आभार

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत अच्छी चर्चा,सुंदर संयोजन के लिए बधाई
    मुझे सम्मलित करने का आभार
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  8. मेरी ग़ज़ल के मतला व शेर शामिल करने के लिए धन्यवाद 🙏😊 सुंदर रचनाओं से सजा चर्चा मंच । सभी को बधाई उत्तम रचनाओं के लिए

    जवाब देंहटाएं
  9. बहुत खूबसूरत चर्चा संकलन

    जवाब देंहटाएं

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