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रविवार, मई 01, 2022

"अब राम को बनवास अयोध्या न दे कभी"(चर्चा अंक-4417)

सादर अभिवादन 

रविवार की प्रस्तुति में आप सभी का हार्दिक स्वागत है  

(शीर्षक और भूमिका आदरणीय जयकृष्ण राय तुषार जी की रचना से)


हर लाइलाज मर्ज़ का अब तो निदान हो

सबके लिए समानता का संविधान हो


हिन्दु,मुसलमाँ, सिक्ख,ईसाई न हो कोई

पहले वो हिंदुस्तानी हो ऐसा विधान हो

इस नेक विचार के साथ चलते हैं आज की कुछ खास रचनाओं की ओर...

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गीत "बे-मौसम चपला नीलगगन में" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')


तेजविहीन हुए तारे, चन्दा शरमाया,

गन्धहीन हो गया सुमन, उपवन अकुलाया,

नीरसता-नीरवता सी छाई जीवन में।

अनहोनी की आशंका, गहराई मन में।।


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राष्ट्र के नाम एक ग़ज़ल -अब राम को बनवास अयोध्या न दे कभी




सत्ता के लोभ में जो यहाँ मुल्क बेचते

उनके लिए फिर काला पानी अंडमान हो


इस देश को बचाइये मजहब की आग से

भारत की जिसमें जय हो वो पूजा अज़ान हो


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विश्व श्रर्मिक दिवस पर एक सुंदर लघु कथा 

मजदूर (लघुकथा )



"पापा ये मजदूर कौन होते है "?नन्ही रानी नें अपने पापा से प्रश्न किया ।

बेटा, जो दिनभर मेहनत करते है ,मजदूरी करते हैं ।जैसे बोझा उठाना ,घरों में काम करना और भी बहुत से काम ।
वो देखो सामनें घर बन रहे हैं न ,देखो.... बहुत से लोग सिर पर ईँट ;पत्थर लिए इधर  से उधर जा रहे हैं वो सब मजदूर हैं।ये लोग दिनभर मेहनत करते हैं और पैसे कमाते है और अपना जीवन चलाते हैं।

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मरुस्थल



तुम्हें पता है?

मरुस्थल डकार मारता

नंगे पाँव दौड़ता

चाँद की ओर कूच कर रहा है।

साँप की लकीरें नहीं

 इच्छाएँ दौड़ती हैं


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फेल होने की मिठाई (लघुकथा)


बच्चों की अंकतालिका देने के लिए सभी अभिभावकों को स्कूल में बुलाया गया था। अतः शिवचरण भी अपने बेटे राजीव के स्कूल पहुँचे। आज स्कूल में छोटी कक्षाओं के बच्चों का परीक्षा-परिणाम घोषित किया जाने वाला था।  शिवचरण अपने बच्चे का परीक्षा-परिणाम पहले से ही जानते थे और इसीलिए उदास निगाह लिये प्रधानाध्यापक के कक्ष में पहुँचे। प्रधानाध्यापक ने उनका स्वागत किया और वहां पर बैठे अन्य  सभी अभिभावकों के साथ उन्हें भी स्कूल के मैदान में पहुँचने के लिए कहा गया। 
-------------------------ख़ुद से साक्षात्कार - -


जन अरण्य में भी बहुधा जीवन होता है
निःसंग, कहने को झिलमिलाते हैं
हर तरफ आलोकमय माला,
निर्लिप्त सा रहता है
मन का आँगन,
और शून्य
होता
है
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आत्ममुग्धि

यूँ कल, कितने, विखंडित थे वो पल,
न था, अन्त, अनन्त तक,
बस इक, टिमटिमाता सा एहसास,
जरा सी चांदनी,
और, दूर तलक, बिखरा सा आकाश,
यूँ ही, अचानक, 
संघनित हो उठी, स्मृतियां,
बरस पड़े बादल!

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बस इतना ही किया करते हैं !



वो  रोक तो  सकते नहीं हैं ,

चाहे देखा करें उनके ही सपने हैं,

या दीदार करें उनके ही कितने हैं,

जितना है बस में  देख उतना,

दिल को तसल्ली से भरा करते हैं । 

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बिना छिलका उतारे इलायची पाउडर बनाने का आसान तरीका 



इलायची पाउडर से किसी भी व्यंजन का स्वाद बढ़ जाता है। इलायची की तासीर ठंडी होने से ये गर्मियों में हमारी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है। सिर्फ़ इलायची ही नहीं तो इलायची के छिलके (cardamom peels) भी कई तरह से शरीर के लिए फायदेमंद है। जैसे कि ये ब्लड को शुद्ध करते है, शरीर को अंदर से डिटॉक्स करते है और पाचन क्रिया को तेज करते है।---------------------देश के बाजार पर हलाल इकॉनॉमी का कब्‍ज़ा...सभी को ये सच जानना जरूरी है

पूरे देश में हलाल प्रमाणित उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने, ऐसे उत्पादों को बाजार से वापस लेने और 1974 से जारी हलाल सर्टिफिकेट को शून्य घोषित करने के निर्देश देने की मांग करने वाली एक याचिका वकील विभोर आनंद और रवि कुमार तोमर की ओर से #SupremeCourt में विगत सप्‍ताह दाखिल की गई है।
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"1 मई विश्व श्रमिक दिवस"
आज देश के विकास में मजदूरों के योगदान को नमन करने का दिन है।
 ये दिन मजदूरों के सम्मान, उनकी एकता और उनके हक के समर्थन में मनाया जाता है।
मजदूर जिनकी अथक परिश्रम के कारण आज हम सुख-सुविधाओं से जी रहें है
 ऐसे सपूतों को मेरा सत-सत नमन 

आज का सफर बस यही तक,अब आज्ञा दे 
आपका दिन मंगलमय हो 
कामिनी सिन्हा 

11 टिप्‍पणियां:

  1. सभी लिंक्स अच्छे ,पठनीय।आपका हृदय से आभार।सादर अभिवादन

    जवाब देंहटाएं
  2. आदरणीय मेम,
    मेरी रचना को इस अंक में शामिल करने हेतु बहुत धन्यवाद एवं आभार ।
    सभी संकलित रचनाएं बहुत उम्दा है , सभी को बधाइयां ।
    सादर ।

    जवाब देंहटाएं
  3. सुन्दर चर्चा-अंक के लिए बधाई कामिनी जी! मेरी लघुकथा को चर्चा-मंच पर स्थान देने के लिए आपका हार्दिक आभार!

    जवाब देंहटाएं
  4. वाह!सुंदर संकलन ।मेरी रचना को स्थान देने हेतु हृदयतल से आभार ।

    जवाब देंहटाएं
  5. उम्दा चर्चा। मेरी रचना को चर्चा मंच में शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद, कामिनी दी।

    जवाब देंहटाएं
  6. बेहतरीन लिंकों के साथ सुन्दर चर्चा सजाई है आपने।
    कामिनी सिन्हा जी बहुत बहुत आभार आपका।

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत ही सुंदर प्रस्तुति।
    सभी को बधाई।
    मेरे सृजन को स्थान देने हेतु हृदय से आभार।
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  8. बहुत खूबसूरत चर्चा संकलन

    जवाब देंहटाएं
  9. आप सभी को हृदयतल से धन्यवाद एवं नमन

    जवाब देंहटाएं
  10. बहुत बहुत आभार कामिनी जी, मेरी ब्लॉगपोस्‍ट को अपने इस नायाब मंच पर स्‍थान देने के लिए आपका बहुत बहुत धन्‍यवाद

    जवाब देंहटाएं

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