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मंगलवार, मई 31, 2022

हे सर्वस्व सुखद वर दाता(चर्चा अंक 4447)

 सादर अभिवादन 

आज की प्रस्तुति में आप सभी का हार्दिक स्वागत है

(शीर्षक और भूमिका आदरणीया भारती दास जी की रचना से)

ब्रह्म देव श्री हरि उमापति

कष्ट क्लेश हरते हैं दुर्मति

यमदेव हर्षित वर देते

आंचल में खुशियां भर देते


श्री हरि की चरणों में सत-सत नमन करते हुए 

चलते है आज की कुछ खास रचनाओं की ओर....

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ग़ज़ल "सीखो चमन में जाकर, आपस में सुर मिलाना"

 (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')


जीवन की हकीकत का, इतना सा है फसाना
खुद ही जुटाना पड़ता, दुनिया में आबोदाना

सुख के सभी हैं साथी, दुख का कोई न संगी

रोते हैं जब अकेले, हँसता है कुल जमाना

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हे सर्वस्व सुखद वर दाता

सत्यवान ने नव जीवन पाई

मुदित मगन सावित्री घर आई

करती प्रार्थना सभी सुहागिन 

वैसे ही सौभाग्य बढ़ती रहे हरदिन.


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तथागत ने कहा था



ऐसा है, इसलिए वैसा होगा 

उससे बचना है, तो इसे तजना होगा 

तथागत ने कहा था !

पल-पल बदल रहा जगत

जहाँ जुड़ी है हर वस्तु दूसरे से

थिर नहीं तन-मन दोनों 


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कहत कबीर

कांकर-पाथर जोरि के मस्जिद लई बनाई

अब भक्तन की मांग पे इनकी होय खुदाई
हिन्दू मुस्लिम सिक्ख इसाई प्रीत न काहू भाई
आपस में लड़ि- लड़ि सब मूएँ यही रीत सुखदाई

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शुभदा की जॉब लगते ही घर में हंगामा हो गया। जिठानियों के ताने शुरु हो गए-" नौकरी करने वाली औरतों के घर बर्बाद हो जाते हैं, बच्चे आवारा हो जाते हैं, पति हाथ से निकल जाते  हैं ….!”
जिंदगी का जहर है नशा मानिए।

जो सुने गीत हम चले आये


जो सुने गीत हम चले आये।
बाँधकर प्रीत साथ में लाए॥

दो घड़ी पास में जरा बैठो।
बीतती रात रागिनी गाये॥

मौन हो आज पायलें बैठी।
चूड़ियाँ भी न भेद बतलाये॥

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फ़िल्मी विवाद , विवाद या पब्लिसिटी स्टंट
आम लोगों दर्शको के लिए कई  बार ये पता करना भी एक मुश्किल काम होता है कि क्या असली हैं और क्या पब्लिसिटी स्टंट | इस चक्कर में कई बार मासूम दर्शक उन्हें सच असली मान ठगा जाता हैं | जैसे ऑस्कर एवार्ड में विल स्मिथ के मारे गए थप्पड़ को भी बहुत सारे लोग   असली मान बैठे थे  प्बलिसिटी  स्टंट नहीं | ----------------------------------

सिर्फ 5 मिनट में बनाएं ब्रेड सैंडविच ढोकला


कभी कभी ढोकला खाने का मन करता है लेकिन हमारे पास इतना समय नहीं होता। तो ऐसे में सिर्फ 5 मिनट में बनाएं इंस्टेंट ब्रेड सैंडविच ढोकला। ब्रेड सैंडविच ढोकला बनाने में बहुत आसान है और खाने में लाजवाब लगते है। आप एक बार बनाएंगे तो बार बार बनाना पड़ेगा इतने स्वादिष्ट लगते है। ---------------------------------
आज का सफर यही तक,अब आज्ञा दे 
आपका दिन मंगलमय हो 
कामिनी सिन्हा 

11 टिप्‍पणियां:

  1. सुप्रभात! सुंदर शीर्षक और विविधता पूर्ण विषयों पर आधारित रचनाओं के लिंक्स को संजोए अभिनव चर्चा! आभार!

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत सुन्दर और सार्थक चर्चा प्रस्तुति।
    आपका आभार कामिनी सिन्हा जी।

    जवाब देंहटाएं
  3. उम्दा चर्चा। मेरी रचना को चर्चा मंच में शामिल करने के लिए बहत बहुत धन्यवाद, कामिनी दी।

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत सुंदर सराहनीय अंक प्रिय कामिनी जी ।

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति

    जवाब देंहटाएं
  6. सुन्दर विविधतापूर्ण चर्चा लिंक…आपका हृदय से आभार कामिनी जी 🙏

    जवाब देंहटाएं
  7. आप सभी को हृदयतल से धन्यवाद एवं सादर नमस्कार 🙏

    जवाब देंहटाएं
  8. बहुत ही भावपूर्ण चर्चा प्रस्तुति

    जवाब देंहटाएं
  9. चर्चा में मेरी पोस्ट को स्थान देने के लिए धन्यवाद |

    जवाब देंहटाएं

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