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शनिवार, मई 28, 2022

'सुलगी है प्रीत की अँगीठी'(चर्चा अंक-4444)

सादर अभिवादन। 

शनिवारीय प्रस्तुति में आप सभी का हार्दिक स्वागत है। 

शीर्षक व काव्यांश आदरणीया अमृता तन्मय जी के सृजन 'किसकी आई प्यारी चीठी? ....' से

किसकी आई प्यारी चीठी?

उठी लालसा मीठी-मीठी

मीठा-मीठा दर्द उठा है

सुलगी है प्रीत की अँगीठी

किसकी आई प्यारी चीठी? 

आइए अब पढ़ते हैं आज की पसंदीदा रचनाएँ-

--

दोहे "टूटा कुनबेवाद से, जन-गण का विश्वास" 

टूटा कुनबेवाद से, जन-गण का विश्वास।
जनता को परिवार से, नहीं रही अब आस।।

गाँधी जी के स्वप्न को, किया नेस्त-नाबूद।
काँगरेस का अब नहीं, बाकी बचा वजूद।।
--
किसकी आई प्यारी चीठी?
उठी लालसा मीठी-मीठी
मीठा-मीठा दर्द उठा है
सुलगी है प्रीत की अँगीठी
किसकी आई प्यारी चीठी?
--
रात्रि की निस्तब्धता में 
कुमुदिनी कलिका का किलक बसेरा 
प्रातः के ललाम आलोक में 
उर सरोज सा खिलता सवेरा !!
--

सोचा,बेटी,जो बड़ी हो गई थी,

उससे ख़ूब बातें करूंगा,

सालों बाद फ़ुर्सत मिली थी,

सालों की क़सर पूरी करूंगा. 

--

उदंकार : बड़ू आदिम 

बड़ी दुन्यां 
बड़ा बड़ा आदिम 
जति बड़ू आदिम 
वे मा वति बड़ो हत्यार
--
लिखा तुम्हारा पढ़ते - पढ़ते
अश्क संभाले गिरते - गिरते

ऊंचाई  पर  ही  उतरन  थी
उतर गया वो चढ़ते - चढ़ते
--
सर - फिरे  लोग  ही  करते  है यहां  खून  ख़राबा
सब  हों   उल्फ़त  में  गिरफ्तार  ज़ुरूरी  तो  नहीं।
--
अस्पताल है कई 
बरस से बना हुआ ।
अंग्रेजी डॉक्टर है 
बैठा तना हुआ ॥
गाँव गिराँव एक 
पाँव से दौड़ पड़ा है ।
बीमारी को दूर 
भगाने डटा खड़ा है ॥
--
मिली  कँगूरों  को  सखे,तभी  बड़ी  पहचान,
दिया नीव  की  ईंट ने,जब  अपना बलिदान।
🌷
कलाकार  पर   जब  रहा,प्रतिबंधों  का  भार,
नहीं कला में आ सका,उसकी तनिक निखार
--
कुहूकी कुहूकी बोले काली रे कोयलिया-२
कुहुक उठे मोरे मनवा हो रामा
कुहुक उठे मोरे मनवा हो रामा मोरे आँगनवा
चैत मासे बोले कोयलिया हो रामा मोरे आँगनवा
--
लघुता में गुरूता छिपी, गुरूता को लघु जान।
पहले   बोले    भेंट   में, उसमें   गुरूता   मान।।
दुर्जन
दुर्जन  को  शिक्षा दिये, कबहुँ न सज्जन कोय।
जिमि जड़ सींचे दूध से, नीम  न   मीठी   होय।।
--
दोस्तो, मलाई से घी निकालते वक्त अक्सर ये समस्यायें आती है कि गर्मी और ठंडी में घी जल्दी निकालने के लिए क्या करें? मक्खन निकालते वक्त ऐसा क्या करें ताकि हाथ ज्यादा नहीं भरे? एक ही मलाई से दोबारा घी कैसे निकाले? मलाई में क्या मिलाये ताकि घी ज्यादा निकले? जानिये ऐसे सभी सवालों के जबाब... 
-- 
आज का सफ़र यहीं तक 
@अनीता सैनी 'दीप्ति'

8 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत बेहतरीन चर्चा प्रस्तुति |
    आपका बहुत-बहुत धन्यवाद @अनीता सैनी 'दीप्ति' जी!

    जवाब देंहटाएं
  2. बेहतरीन प्रस्तुति.धन्यवाद.

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत बेहतरीन प्रस्तुति।सादर आभार मेरी रचना को स्थान देने के लिए❤️🥀

    जवाब देंहटाएं
  4. सादर धन्यवाद अनीता सैनी जी ,उत्कृष्ट लिंक्स के साथ आपने मेरी कृति को भी स्थान दिया !!

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति

    जवाब देंहटाएं
  6. लाजबाव चर्चा प्रस्तुति

    जवाब देंहटाएं
  7. हार्दिक आभार इतनी सुन्दर सूत्रों वाली अँगीठी सुलगाने के लिए। हार्दिक शुभकामनाएँ भी समस्त सूत्रधारों को।

    जवाब देंहटाएं

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