ग़ज़ल "आओ प्यार की बातें करें" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")
प्यार का मौसम है, आओ प्यार की बातें करें
नेह की लेकर मथानी, हृदय का मन्थन करें,
छोड़ कर छल-छद्म, कुछ उपकार की बातें करें
आत्महत्या : माँ मेरी भी तो सुन लिया करो !
"बेटा परेशानियां तो आती जाती रहती हैं जीवन में , इनसे क्या घबराना । और मैं तेरे ससुराल आकर क्या करूँगी ! तेरे ससुराली मुझे देखकर पता नहीं क्या सोचेंगे, कहीं और न चिढ़ जायें । वैसे मैंने पंडित जी से तेरी और दामाद जी की कुण्डली दिखाई । कुछ ग्रहदोष हैं तो कल ग्रहशांति के लिए जप करवा रही हूँ, तू चिंता न कर ग्रहशांति के बाद सब ठीक हो जायेगा । सब्र से काम ले" ।
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कुरुक्षेत्र _कर्ण _कृष्ण और सार
कल रात
दिखा कुरुक्षेत्र का शमशान
कर्ण की रूह
अश्रुयुक्त आँखों से
धंसे पहिये को निहारती
जूझ रही थी
ह्रदय में उठते प्रश्नों के अविरल बवंडर से ...
- ऐसा क्यूँ . क्यूँ , क्यूँ ???
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खुद से दूर हुआ है जो भी
तुझसे दूर रहा करता है,
प्रेमी ही यदि खोया हो तो
प्रियतम कहाँ मिला करता है !
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बहुत हिम्मत और
ताकतवर है साब भूख
हजारों मील दौड़ती है
संसार के ओर छोर
महाद्वीपों से महाद्वीप
प्रायद्वीपों से टापुओं में
दाने के लिए।
-----------------------अभी कल की ही तो बात है
लोग कई दिन से तेज़ गर्मी के चलते जिस परेशानी और लाचारी से गुज़र रहे थे उसे प्रकृति ने अपनी कृपा-दृष्टि से दूर कर दिया।यदि प्रकृति मानव द्वारा उससे की जाने वाली अनावश्यक छेड़छाड़ का दंड देती है तो उसे अपने प्यार और आशीर्वाद से पोषित भी करती है।हमें प्रकृति या क़ुदरत के प्रति सदैव कृतज्ञता ज्ञापित करते रहना चाहिए और पर्यावरण को दूषित करने से बचना चाहिए इसी से मानवकल्याण सम्भव है।
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एक ग़ज़ल -नगर अनजान है प्यारे
“अपने आसपास घट रही छोटी-छोटी घटनाओं से प्रेरणा व सकारात्मकता की उर्जा फैलाए और समाज और लोगों के बीच एक प्रेरणादायक संदेश आप पहुंचाने का प्रयास करें ।ट्रैफिक पुलिस वाले ने अपनी इंसानियत का परिचय जरूर दिया
ट्रैफ़िक पुलिस के इस सिपाही का नाम रंजीत सिंह है। 2 बच्चे रोड क्रॉस कर रहे थे सिग्नल बंद था बच्चे के पाँव जल रहे थे। बच्चे ने कहा- सर पाँव जल रहे हैं, रोड क्रॉस करवा दो, रंजीत ने कहा- जब तक ट्रैफ़िक रुकता नहीं मेरे पैर पर पैर रख लो” ---------------------------आज का सफर यही तक,अब आज्ञा दे आपका दिन मंगलमय हो
बेहतरीन चर्चा प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंआपका आभार कामिनी सिन्हा जी।
आदरणीया कामिनी दीदी जी
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को अपना वृहत मंच प्रदान करने और चर्चा की शुरुआत मेरे सृजन से करने के लिए आपका कोटि कोटि प्रणाम ll
बहुत ही बेहतरीन चर्चा संकलन प्रस्तुति ll
उत्कृष्ट लिंकों से सजी लाजवाब चर्चा प्रस्तुति...
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को भी चर्चा में शामिल करने हेतु तहेदिल से धन्यवाद एवं आभार कामिनी जी !
बहुत खूब हैं सभी लिंक...सुधा जी की लिखी कहानी ने दिल को हिला दिया..
जवाब देंहटाएंविभिद्ध रचनाओं का संयोजन और चर्चा, हार्दिक आभार कामिनी सिन्हा जी, मेरी रचना को मंच देने का।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंआप सभी को हृदयतल से धन्यवाद एवं सादर नमस्कार 🙏
जवाब देंहटाएंबहुत ही शानदार चर्चा प्रस्तुति...
जवाब देंहटाएंहमारी पोस्ट को भी चर्चा में शामिल करने हेतु हृदय की गहराइयों से धन्यवाद वं आभार आदरणीय कामिनी जी !
हार्दिक आभार आपका सादर प्रणाम
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