रईसी के ठाठ में पलते
गुलाब और उसके संगी-साथी
उसकी जिजीविषा
और बेफ़िक्री की आदत से
ईर्ष्या भी करते ही होंगे
एक अलग सी ठसक
और…,
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” हाँ,गमले के पीछे की एक गज़ ज़मीन तुम्हारे ही नाम तो लिख रखी है। "
हिलकोरे मारती स्मृतियाँ; राधिका समय से साथ बहती ही चली गई।
"हाँ, वही तो है यह कबूतर…नहीं! नहीं!वह नहीं है, वह तो कुछ मोटा था।” अब कबूतर की पहचान करने को आकुल हो गया मन ?
कबूतर अपने साथ ले आया यादों की पोटली। राधिका उस गठरी में ढूँढ़ने लगी थी कोकिला को, उसकी माँ उसे कोकि कह पुकारती।
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निकलूँ जब अन्तिम यात्रा पर
तब मेरे सिरहाने सहेज देना
कुछ रंग शोख तितली से और
कुछ बुझे-बुझे राख से
कुछ ब्रश, कुछ स्याही और
कुछ कलम भी
थोड़े से खाली पन्ने और
कुछ बर्फ से सफेद
कोरे कैनवास भी
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दिन डूबा संध्या उतरी है
पशुओं की कतार सजी है
खेतों और खलिहानों से
आने को तैयार खड़ी है.
बिखरी लट है कृषक बाला की
मलीन है उसका मुख मस्तक भी
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रंग मेरे बजरंग का
बदरंग मत करो भई,
हनुमानजी के नाम पर
हुड़दंग मत करो भई !!!
बूढ़ा बरगद देखता, घर का आँगन लुप्त।
खड़ी मध्य दीवार में, नेह पड़ा है सुप्त।।
लाख यत्न शासक करे,बना नियम सौ-लाख।
कुछ की भूख करोड़ की, कहाँ बचे फिर साख।।
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अँधेरे समय ने तुम्हारे हाथों से छीन कर
कभी उससे मिलो,
तो ज़बर्दस्ती ही सही,
उसकी मुट्ठी खोल देना,
उसमें मेरी रेखाएँ बंद हैं,
उन्हें मेरे हाथ में होना चाहिए.
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स्वामी विवेकानंद जी से सीखने वाली 5 बातें
1. चिंतन करो चिंता नहीं नए विचारों को जन्म दो।
2. एक समय में एक काम करो और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमें डाल दो।
3. उठो जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त ना हो जाये।
4. जब तक जीना तब तक सीखना।
5. ये दुनिया एक व्यायामशाला है जहाँ हम ख़ुद को मजबूत बनाने के लिए आते हैं ।
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आज का सफर यही तक,अब आज्ञा दे
आपका दिन मंगलमय हो
कामिनी सिन्हा
बहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत बेहतरीन चर्चा प्रस्तुति|
जवाब देंहटाएंआपका आभार कामिनी सिन्हा जी|
अच्छी चर्चा.आभार
जवाब देंहटाएंबेहतरीन सूत्रों से सजी बहुत सुन्दर चर्चा । आज की चर्चा में “जंगली फूल” को सम्मिलित करने के लिए सादर आभार कामिनी जी ।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन चर्चा- प्रस्तुति। कामिनी जी मेरी रचना को शामिल करने का बहुत शुक्रिया !
जवाब देंहटाएंबढ़िया संकलन
जवाब देंहटाएंआपके पटल पर सभी सामग्री बेहद बढ़िया है । शुभकामनाएं आपको !
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर संकलन।
जवाब देंहटाएंमेरे सृजन को स्थान देने हेतु हार्दिक आभार।
सादर
बहुत खूबसूरत चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंआप सभी को हृदयतल से धन्यवाद एवं सादर नमन
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