शीर्षक पंक्ति: आदरणीय सतीश सक्सेना जी की रचना से।
सादर अभिवादन।
गुरुवारीय प्रस्तुति में आपका स्वागत है।
दोहे "आग बरसती धरा पर" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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आखर-आखर श्वांस पिरोई
भावों की है रंगोली
अंतर का आलोक उजासित
ज्यों केसर की है होली
समतल या पथरीली राहें
रही लेखनी बन भविता।।
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मॉर्निंग वाक मैडिटेशन -सतीश सक्सेना
वह नहीं
कभी इसकी कभी उसकी
टांग खींचते
या अपना क़द दूसरों की नज़रों में ढूँढते
बड़ा बनने की कोई वजह नहीं छोड़ते
छोटी-छोटी बातों में बड़प्पन झलकाते हैं
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मिलन-बिछोह के
राज हैं उनके भी
अपने…
घर की बात घर में रहे
यही सोच कर
बादलों ने भी डाल दिया
नमीयुक्त
झीना सा आवरण
उनकी उदास सी
रिक्तता पर
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महानगर को गाँव कहाँ याद आता है
पर आलिशान
महलों से उठकर
अब कहाँ
महानगर गाँव जाता है
आंगन के नाम पर
उसके पास शानदार
बालकनी जो है
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पंडित शिव कुमार शर्मा- पानी की आवाज़ का नाम
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महेश बाबू जिन्हें बॉलिवुड Afford नहीं कर सकता
महेश बाबू का एक्टिंग के अलावा महेश बाबू एंटरटेंनमेंट नाम से प्रोडक्शन हाउस भी है. इसी प्रोडक्शन हाउस के तहत बनी फिल्म मेजर के ट्रेलर लॉन्च में महेश बाबू पहुंचे थे. ये फिल्म 2008 मुंबई हमलों के दौरान शहीद हुए जांबाज़ ऑफिसर मेजर संदीप उन्नीकृष्णन पर बेस्ड है. फिल्म में ये रोल आदिवी शेष निभाते नज़र आ रहे हैं. इस फिल्म के ट्रेलर को सलमान खान ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से शेयर किया है.*****
बहुत बेहतरीन चर्चा प्रस्तुति|
जवाब देंहटाएंआपका बहुत-बहुत धन्यवाद.
आदरणीय रवीन्द्र सिंह यादव जी!
सुंदर सराहनीय अंक।
जवाब देंहटाएंबहुत आभार आदरणीय रवीन्द्र सिंह यादव जी।
लाजवाब सूत्रों से सजी बहुत सुन्दर चर्चा प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंमेरे सृजन को मंच पर साझा करने के लिए सादर आभार आदरणीय रवीन्द्र सिंह जी ।
बहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंआभार आपको रचना पसंद आयी , बेहतरीन प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंशानदार प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंसभी लिंक एक से एक बेहतर।
शीर्षक पंक्तियाँ सार्थक सरस।
सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई।
मेरी रचना को चर्चा में स्थान देने के लिए हृदय से आभार।
सादर सस्नेह।