मित्रों!
बुधवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए कुछ अद्यतन लिंक।
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गीत "पहली बारिश का आना" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
मौसम कितना हुआ सुहाना।
देख घटाएँ आसमान पर,
दादुर गाते हैं गाना।।
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फटी पपेली-हुआ उजाला,
हुई सभी को हैरानी,
पहले आँधी चली जोर से,
फिर बरसा जमकर पानी,
बाँट रहा सुख जन-मानस को,
पहली बारिश का आना।
देख घटाएँ आसमान पर,
दादुर गाते हैं गाना।।
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आज कहीं अखबार की कटिंग पढ़ी कि अब सोशल मीडिया पर शेखी बघारना मँहगा पड़ेगा. अव्वल तो बात खुद से जुड़ी लगी अतः थोड़ी घबराहट स्वभाविक थी. शेखी तो क्या हम तो पूरे शेख बने फिरते हैं सोशल मीडिया पर. अपनी शेखी भी ऐसी वैसी नहीं, कभी खुद को गालिब तो कभी खुद को बुद्ध घोषित कर जाना तो आम सी बात है.
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खुद से दूर हुआ है जो भी
तुझसे दूर रहा करता है,
प्रेमी ही यदि खोया हो तो
प्रियतम कहाँ मिला करता है !
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अनुभव - जवान बने रहने का एक राज़ जवान बने रहने का एक राज़ यह भी है कि स्वयं को सक्षम बनाया जाए और जहां तक संभव हो किसी और के भरोसे न रहा जाए। किसी का मोहताज होना अर्थात स्वयं को कमजोर करना। जबकि स्वयं पहल करके अपने काम करना अर्थात स्वयं को मजबूत बनाना, अपने आप को शक्ति प्रदान करना। फिर चाहे कोई भी उम्र हो आप सदैव स्वावलम्बी रहेंगे, खुश प्रसन्न रहेंगे।
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जन्मदिन पर धन्यवाद संदेश (Thanks for Birthday Wishes in Hindi) आपके द्वारा भेजी गई जन्मदिन की शुभकामनाएं, किसी भी गिफ्ट से बेहतर और किसी भी केक से मीठी है!
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सुरेन्द्र मोहन पाठक की नवीन पुस्तक जल्द ही होगी रिलीज; सीधे किंडल पर किया जाएगा प्रकाशन
नया थ्रिलर उपन्यास ब्लाइंड डील जिसके साथ पाठकों को एक विस्तृत लेखकीय और तीन अप्रकाशित कहानियाँ मिलेंगी केवल किंडल पर 10 जून 2022 से उपलब्ध होगा। पोस्ट के साथ उन्होंने एक पोस्टर भी साझा किया जिसमें उपन्यास का कवर और उपन्यास के विषय में यह जानकारी भी दर्ज थी।
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जयंती विशेष: साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त अन्नाराम सुदामा, पढ़िए उनकी कहानी- ''सूझती दीठ'' राजस्थानी भाषा के प्रसिद्ध साहित्यकार अन्नाराम सुदामा का जन्म 23 मई 1923 में हुआ था। सुदामा ने राजस्थानी भाषा में साहित्य की कई विधाओं में रचनांए की हैं। उन्होंने उपन्यास, कहानी, कविता, निबंध, नाटक, यात्रा स्मरण एवं बाल साहित्य लिखा है। उन्होंने अन्य कई विधाओं में 25 से ज्यादा पुस्तकें लिखी हैं।
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धूप के गुलमोहर- ऋता शेखर 'मधु' यूँ तो यह लघुकथा संकलन मुझे लेखिका की तरफ़ से उपहार स्वरूप मिला मगर अपने पाठकों की जानकारी के लिए मैं बताना चाहूँगा कि बढ़िया कागज़ पर छपे इस 188 पृष्ठीय लघुकथा संकलन को छापा है श् वेतांश प्रकाशन ने और इसका मूल्य रखा गया है 340/- रुपए जो कि कंटैंट को देखते हुए मुझे ज़्यादा लगा। आने वाले उज्ज्वल भविष्य के लिए लेखिका एवं प्रकाशक को बहुत बहुत शुभकामनाएं।
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स्नेह की डोर (लघुकथा) साथ - साथ गिरते - दौड़ते, चौकड़ी भरते दोनों पिछले दो फागुन से एक दूसरे के जीवन मेंअपने स्नेह और अपनापन का रंग भर रहे थे। यह देख-महसूस कर उसका बाल मन अघा जाता कि पिता ने भी उन दोनों पर अपने प्राण निछावर कर दिए थे।
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विपक्ष के मंझे हुए एक नेता वर्तमान समस्या,समस्या के कारण और निवारण पर जनसभा में बोल रहे थे।
चीख चीख कर व्यवस्था की पोल खोल रहे थे।
जिंदाबाद का नारा बीच-बीच में बुलंद हो रहा था।
प्रथम पंक्ति की भीड़ उत्तेजित थी, पिछला पंक्ति सो रहा था।
इसी बीच मुद्दा बेरोजगारी का आया।
नेताजी ने इसे सभी समस्याओं का जड़ बताया।
कहा,"अपराध" जैसी समस्या समाज में बेरोजगारी से आता है।
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Ek paigam premika ke naam | एक पैगाम प्रेमिका के नाम।
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आज के लिए बस इतना ही...!
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बहुत ही शानदार लिंकों से सजी लाजवाब चर्चा प्रस्तुति...
जवाब देंहटाएंआदरणीय शास्त्री जी
रोचक लिंक्स से सुसज्जित चर्चा। हमारी पोस्ट को चर्चा में शामिल करने हेतु हार्दिक आभार।
जवाब देंहटाएंसुप्रभात !
जवाब देंहटाएंसुंदर पठनीय सूत्रों से परिपूर्ण उत्कृष्ट अंक।
मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका हार्दिक आभार।
सभी को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं।
उम्दा चर्चा। मेरी रचना को चर्चा मंच में शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद, आदरणीय शास्त्री जी।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंइस सुंदर प्रस्तुति की बधाई और आभार!!!
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचनाओं के लिंक्स सुझाती सुंदर चर्चा ! आभार शास्त्री जी !
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर चुनकर लगाए गए लिंक
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