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मंगलवार, अगस्त 02, 2022

"रक्षाबंधन पर सैनिक भाईयों के नाम एक पाती"(चर्चा अंक--4509)

सादर अभिवादन 
आज  प्रस्तुति में आप सभी का हार्दिक स्वागत है। 
(शीर्षक और भूमिका आदरणीया ज्योति देहलीवाल जी की रचना से)


प्रिय सैनिक भाईयों, 
भारतीय सुरक्षा और सेना बल, 
सादर नमस्कार। 

रक्षाबंधन के पावन पर्व पर आप सभी के लिए अपने स्नेहभाव से भरे शब्दरक्षासूत्र भेज रही हूं...मुझे पूरा विश्वास है कि ये सदैव आप लोगों की रक्षा करेंगे।

ये पत्र सिर्फ ज्योति जी की तरफ से नहीं बल्कि 
देश की प्रत्येक बेटी-बहन की तरफ से होनी चाहिए 
हमारे सच्चे भाई तो यही है। 
परमात्मा हर पल उनकी रक्षा करें। 
उन्हें हमारा सत-सत नमन 
और ढेरों प्यार और शुभकामनायें। 

------------------------गीत "सम्बन्धों की परिभाषा" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)


मानव दानव बन बैठा है, 

जग के झंझावातों में।

दिन में डूब गया है सूरज, 

चन्दा गुम है रातों में।।

--------------------------

रक्षाबंधन पर सैनिक भाईयों के नाम एक पाती


सैनिक भाईयों, भारत के हर इंसान को आप पर बहुत गर्व है। हम सब आपके शुक्रगुजार है। सिर्फ़ आपके ही नहीं तो आपके पूरे परिवार के भी शुक्रगुजार है जिन्होंने आपके अंदर देशभक्ति की भावना भर कर...आपको अपने आप से दूर करके मातृभूमि की रक्षा हेतु सरहद पर भेजा! मैं व्यक्तिश: भी आपको एवं आपके पूरे परिवार को नमन करती हूं। ------------------------------सावन का मृदु हास

रंग बिरंगी लगे कामिनी 

बनी ठनी सी चमक रही

परिहास हास में डोल रही 

खुशियाँ आनन दमक रही

डोरी थामें चहक रही है

सारी सखियाँ हाथ मिला।।

-----------------------

 "लम्हों का सफर "(डॉ .जेन्नी शबनम )


डॉ .जेन्नी शबनम जी की "लम्हों का सफर "पढ़ रही हूँ | लम्हों के सफर में लम्हां लम्हां एहसास पिरोये हैं !!अपनी ही दुनिया में रहने वाली कवयित्री के मन में कसक है जो इस दुनिया से ताल मेल नहीं बैठा पाती हैं | बहुत रूहानी एहसास से परिपूर्ण  कविताएं हैं | गहन हृदयस्पर्शी भाव हैं | प्रेम की मिठास को ज़िन्दगी का अव्वल दर्जा दिया गया है | दार्शनिक एहसास के मोतियों से रचनाएँ पिरोई गई हैं किसी और से जुड़ कर उसके दुःख को इतनी सहृदयता से महसूस करना एक सशक्त कवि ही कर सकता है | पीड़ा को ,दर्द को ,छटपटाहट को शब्द मिले हैं | ज़मीनी हक़ीक़त से जुड़ी  ,जीवन की जद्दोजहद प्रस्तुत करती हुई कविताएं हैं | 


-------------------कर्ज़... न जाने कितने जन्मों का उठाये हुए कर्ज़ रूह पर अपनी चली आती हूँ बार बार चुकाने उसको लेकिन चुकता नहीं पुराना कर्ज़ -----------------नए तरीके के क्लास तो नए तरीके की शैतानियांकोरोना काल मे जब बच्चो के क्लास ऑनलाइन चल रहे थे तब बच्चो की शरारत भी उसी हिसाब की होती थी । एक दिन बिटिया से पूछा कि ऑनलाइन क्लास के बीच में उसने बाथरूम ब्रेक कैसे ले लिया  अगर इस बीच टीचर तुम्हारा नाम ले कर कुछ  पूछ लेती तो क्या करती | तो कहती हैं मैं डाटा बंद करके गयी थी , उससे मैं क्लास में तो थी लेकिन मेरा वीडियों बफर कर रहा था | ----------------------जीएफ़आरजैन साहब ने एक एचपीएलसी और कुछ केमिकल्स का इन्डेन्ट मेक और ब्रैंड के साथ क्रय विभाग को भेज दिया. अगली सुबह जब वो काम पर आये तो उनकी लैब में वो सारा सामान उपस्थित था, जो उन्होंने माँगा था. उनके साथ ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था. उन्हें थोडा नहीं, बहुत आश्चर्य हुआ. बल्कि ये कहना उचित होगा की वो आश्चर्य के सागर में गोते लगाने लग गये.-------------------जिसमें अपना भला है , बस वो होना है

जब से खुद को खुद सा ही स्वीकार किया

हाँ औरों से अलग हूँ, खुद से प्यार किया ।


अपने होने के कारण को जब जाना ।

तेरी रचनात्मकता को कुछ पहचाना ।

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चलते-चलते एक खूबसूरत ग़ज़ल 
एक ग़ज़ल -राम को जब कोई हैवान भुला देता है


बुझ गए जब भी दिए दोष हवाओं का रहा
कोई मौसम कहाँ सूरज को बुझा देता है

स्वर्ण की जलती हुई लंका ही मिलती है उसे

राम को जब कोई हैवान भुला देता है 

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श्री राम के चरणों में नमन करते हुए आज की चर्चा को अब यही समाप्त करती हूँ 
अब आज्ञा दें 
आपका दिन मंगलमय हो 
कामिनी सिन्हा 

19 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर और सार्थक चर्चा।
    आपका आभार कामिनी सिन्हा जी।
    आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ ।
    आप सदैव स्वस्थ और प्रसन्न रहें।
    हर दिन मंगलमय हो आपका।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. बहुत बहुत धन्यवाद सर आपका आशीर्वाद सदैव बना रहे,सादर नमस्कार 🙏

      हटाएं
  2. धन्यवाद कामिनी जी...इस खूबसूरत प्रस्तुति और संकलन के लिये...और जिएफ़आर को स्थान देने के लिये...🙏🙏🙏

    जवाब देंहटाएं
  3. बेहतरीन लिंक्स. आपको जन्मदिन पर असीम और अशेष शुभकामनायें

    जवाब देंहटाएं
  4. मेरी रचना के शीर्षक को चर्चा मंच का शीर्षक बनाने के लिए और रचना को चर्चा मंच में स्थान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद, कामिनी दी।
    जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. दिल से शुक्रिया ज्योति बहन,
      हमारे सैनिक भाईयों के नाम इतनी प्यारी भावभीनी प्रत्र लिखने के लिए आपको ढेरों बधाई एवं शुभकामनाएं 🙏

      हटाएं
  5. पुस्तक परिचय को साझा करने हेतु हार्दिक धन्यवाद कामिनी जी ❤

    जवाब देंहटाएं
  6. जन्मदिन की बधाई एवं शुभकामनायें 🙏🙏❤️

    जवाब देंहटाएं
  7. वैविध्यपूर्ण रचनाओं से सज्जित सुंदर सराहनीय अंक।

    जवाब देंहटाएं
  8. जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई सखी ।

    जवाब देंहटाएं
  9. वाह!आज आपका जन्म दिवस हैं।
    अनंत शुभकामनाएं कामिनी जी ।

    आप हँसते रहे मुस्कुराते रहें
    खुशियाँ ही खुशियाँ लुटाते रहें
    मुबारक हो आपको नया ये बसंत
    जो जीवन में भर दें तरंग ही तरंग।।

    जन्म दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।

    आज की चर्चा शीर्षक से अंत तक शानदार रही।
    शीर्षक पंक्तियों पर आपकी व्याख्या बहुत सुंदर सटीक।
    सभी रचनाएं बहुत आकर्षक सुंदर
    सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई
    मेरी रचना को शामिल करने के लिए हृदय से आभार।
    सादर सस्नेह।


    जवाब देंहटाएं
  10. उत्कृष्ट लिंको से सजी लाजवाब चर्चा प्रस्तुति । मेरी रचना को भी चर्चा मे शामिल करने हेतु दिल से धन्यवाद कामिनी जी !
    जन्मदिन की अनंत शुभकामनाएं एवं बधाई आपको🌺🌹❤️🌹

    जवाब देंहटाएं
  11. आज की चर्चा मे मेरी पोस्ट शामिल करने के लिए धन्यवाद 🙏

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. मंच पर उपस्थित होकर उत्साहवर्धन करने हेतु आप सभी स्नेहीजनों को हृदयतल से धन्यवाद एवं आभार 🙏

      हटाएं

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