मित्रों!
शनिवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
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अब सीधे चलते हैं कुछ लिंकों की ओर!
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गीत "ऐसा हमें विधान चाहिए" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
जो नंगापन ढके हमारा, हमको वो परिधान चाहिए।
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हर हाथ तिरंगा,
हर घर में तिरंगा।
भारत की है शान तिरंगा,
भारत की पहचान तिरंगा।।
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शान से निखर कर ,
दिल और जिगर पर,
वक्त के हर प्रहर पर ,
जैसे छत्र छाया मेरे सर पर ,
लहराया तिरंगा मेरे घर पर ।
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भारत से अधिक निरंतरता किस राष्ट्र में है भला! सहस्राब्दियों से देश के सभ्यतामूलक या संस्कृतिमूलक एकरूपता को यह लोग आसानी से नजरअंदाज कर देते हैं. हड़प्पा शहरों की खुदाई में निकली बैलगाड़ी क्या अब भी हाल तक भारत के देहातों में प्रचलित नहीं थी? मैंने खुद लकड़ी के पहियों वाली इन बैलगाड़ियों में यात्राएं की हैं. हां, यह बात और है कि अब उनके कटही (काठ की) पहियों की जगह रबर के टायरों ने ले ली है और मेरे गांव में अब उस गाड़ी को बैलगाड़ी की जगह ‘टैरगाड़ी’ कहा जाता है.
गुस्ताख़
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राखी
एक भावना
भाई - बहन के प्यार की
बचपन के दुलार की
बहन बांधेगी एक धागा
मीठा खिलायेगी
और
भाई
बहन को देगा उपहार
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पहल
आपके देश में हर साल अपनी बहिन की रक्षा करने का संकल्प लेने का त्यौहार मनाया जाता है फिर भी स्त्रियों के अपमान की इतनी ज्यादा घटनाएँ होती हैं। आइये! अपनी बहिन के समान औरों की बहनों के मान-सम्मान की रक्षा करने का संकल्प भी रक्षबंधन पर हम सब लें।
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सुंदर रंगबिरंगी
राखी मैं तो लाई रे ।
मेरे भैया की सजेगी कलाई रे ॥
भैया जसुदा का जाया हुआ लाल है
और सुभद्रा का कृष्ण गोपाल है
उसके हाथों में आज सजाऊँगी
मैं तो रेशम का धागा लाल लाल है
सखी देखो न शुभ घड़ी आई रे ।
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सागर कितना गहरा है
ऊपर ही ऊपर बनती व बिगड़ती
मान लेती है यही उसकी नियति
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मेरे बाल-कथा संग्रह ‘कलियों की मुस्कान’ की एक कहानी आपकी सेवा में प्रस्तुत है. इस कहानी को मेरी बारह साल की बेटी गीतिका सुनाती है और इसका काल है – 1990 का दशक ! पाठकों से मेरा अनुरोध है कि वो गीतिका के इन गुप्ता अंकल में मेरा अक्स देखने की कोशिश न करें.
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आलेख छत्तीसगढ़ में पले -बढ़े छत्तीस भाषाओं के ज्ञाता
सिर्फ़ 34 साल की उम्र में 36 भाषाओं का ज्ञाता बनना कोई मामूली बात नहीं है। संसार में अत्यधिक विलक्षण प्रतिभा सम्पन्न ऐसे विद्वान गिने -चुने ही होते हैं । यहां तक कि ऐसी महान प्रतिभाओं का बारे में बहुत कम ही सुनने और पढ़ने को मिलता है। छत्तीसगढ़ की माटी में ,रायपुर की धरती पर पले-बढ़े हरिनाथ डे भी दुनिया की उन्हीं विलक्षण प्रतिभाओं में से थे । उनकी जीवन यात्रा सिर्फ 34 साल की रही ,लेकिन जुनून की हद तक भाषाएँ सीखने की दीवानगी ने उन्हें विश्व के महानतम भाषाविदों की प्रथम पंक्ति में प्रतिष्ठित कर दिया।
आज 12 अगस्त को उनका जन्म दिवस है। उन्हें विनम्र नमन
मेरे दिल की बात आलेख : स्वराज करुण
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यह घर बहुत हसीन है - Kuchh Rang Pyar Ke Deeepak Naik
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मेरी गली में वो चाँद जलवानुमा सा है
तेरी यादो का कुछ धुँवा सा हैं,
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डॉ. वीरेन्द्र सिंह
लोग कहते हैं: ‘बहुत कठिन है गाँधी की राह पर चलना।’ डॉ। वीरेन्द्र सिंह कहते हैं: ‘बहुत आसान है यदि आप रोज-रोज उनकी तरफ चलते हैं।’ अपने ऐसे ही प्रयोगों की सरल डायरी लिखी है उन्होंने ‘गांधी-मार्ग’, जिसके कुछ पन्ने ‘गांधी-मार्ग’ के पाठकों के लिए धारावाहिक।
दैनिक समस्याओं के समाधान के बहुत से तरीके हैं, गाँधी-मार्ग भी उनमें से एक तरीका है। गाँधी-मार्ग का आधार है सत्य। सत्य या सच्चाई क्या है? विचार, वाणी और व्यवहार की एकरूपता ही सत्य है।
एकोऽहम् विष्णु वैरागी
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भारतीय मंदिरों में पत्थर पर विज्ञान श्रंखला कम्प्यूटर और कीबोर्ड---
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वर्ष 2022 के शेमस अवॉर्ड विजेताओं की हुई घोषणा
प्राइवेट आई राइटर्स ऑफ अमेरिका (Private Writers Of America) द्वारा वर्ष 2022 के शेमस अवार्ड विजेताओं की घोषणा कर दी है। यह घोषणा शेमस अवार्ड्स के चैयरपर्सन जॉन शेपर्ड (John Shepphird) द्वारा की गई।
यह पुरस्कार हर वर्ष सर्वश्रेष्ठ प्राइवेट आई उपन्यासों और कहानियों को दिया जाता है। वर्ष 2022 के शेमस पुरस्कारों के लिए वर्ष 2021 में यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका में प्रथम बार प्रकाशित रचनाएँ ही मान्य थीं।
अलग-अलग श्रेणियों में दिए जाने वाले इस पुरस्कार के विजेता निम्न हैं:
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आज के लिए बस इतना ही...।
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सुप्रभात !
जवाब देंहटाएंसादर प्रणाम आदरणीय शास्त्री जी ।
आपकी उपस्थिति देख सुखद अनुभूति हुई । आपके उत्तम स्वास्थ्य के लिए हार्दिक शुभकामनाएं ।
विविध रचनाओं से सज्जित सुंदर और सार्थक अंक । मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका हार्दिक आभार। आपके श्रमसाध्य कार्य के लिए आपको नमन और वंदन।
आदरणीय मयंक सर, नमस्ते , मेरी प्रविष्टि् " लहराया तिरंगा घर घर पर " की चर्चा आज के इस अंक (13-08-2022) को "हमको वो उद्यान चाहिए" (चर्चा अंक-4520) पर शामिल करने के लिए बहुत धन्यवाद एवम आभार ।
जवाब देंहटाएंसभी संकलित रचनाएं बहुत ही उम्दा है , सभी आदरणीय को बहुत बधाइयां ।
सादर ।
बहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंआपका परिश्रम और आपकी लगन सचमुच में अद्भुत, प्रणम्य है।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन चर्चा संकलन
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