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शनिवार, अगस्त 13, 2022

"हमको वो उद्यान चाहिए" (चर्चा अंक-4520)

 मित्रों!

शनिवार की चर्चा में आपका स्वागत है।

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अब सीधे चलते हैं कुछ लिंकों की ओर!

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गीत "ऐसा हमें विधान चाहिए" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') 

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जो नंगापन ढके हमारा, हमको वो परिधान चाहिए।
साध्य और साधन में हमको, समरसता संधान चाहिए।।
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अपनी मेहनत से ही हमने, अपना वतन सँवारा है,
जो कुछ इसमें रचा-बसा, उस पर अधिकार हमारा है,
सुलभ वस्तुएँ हो जाएँ सब, नहीं हमें अनुदान चाहिए।
साध्य और साधन में हमको, समरसता संधान चाहिए।। 

उच्चारण 

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अमृत महोत्सव भारत में 

हर      हाथ    तिरंगा,

हर   घर   में   तिरंगा।

भारत  की है  शान तिरंगा,

भारत की पहचान तिरंगा।।

काव्य दर्पण अशर्फी लाल

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लहराया तिरंगा घर घर पर । 

शान से निखर कर ,

दिल और जिगर पर,

वक्त के हर प्रहर पर ,

जैसे छत्र छाया मेरे सर पर ,

लहराया तिरंगा मेरे घर पर । 

मेरी अभिVयक्ति 

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तिरंगा 

पन्द्रह अगस्त पर
लाल किले की प्राचीर से
फहराया जाता
बड़े सम्मान से इसे
प्रधान मंत्री के द्वारा
इसका नाम तिरंगा है
तीन रंगों से बनाया गया

Akanksha -asha.blog spot.com 

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भारत से अधिक निरंतरता किस राष्ट्र में है भला! सहस्राब्दियों से देश के सभ्यतामूलक या संस्कृतिमूलक एकरूपता को यह लोग आसानी से नजरअंदाज कर देते हैं. हड़प्पा शहरों की खुदाई में निकली बैलगाड़ी क्या अब भी हाल तक भारत के देहातों में प्रचलित नहीं थी? मैंने खुद लकड़ी के पहियों वाली इन बैलगाड़ियों में यात्राएं की हैं. हां, यह बात और है कि अब उनके कटही (काठ की) पहियों की जगह रबर के टायरों ने ले ली है और मेरे गांव में अब उस गाड़ी को बैलगाड़ी की जगह ‘टैरगाड़ी’ कहा जाता है. मियां मिट्ठू
पत्रकार, लेखक, अनुवादक. घुमक्कड़, इनमें से मैं पहले क्या हूं खुद मुझे नहीं पता. फिलहाल इंडिया टुडे में पत्रकार हूं. अपनी यात्राओं से हासिल एक किताब भी लिखी है, ये जो देश है मेरा. जिसमें देश के वंचित इलाकों के विकास की रफ्तार में छूट गए पांच इलाकों पर रिपोर्ताज हैं.
गुस्ताख़ 

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राखी - एक भावना 

 राखी

एक भावना

भाई - बहन के प्यार की

बचपन के दुलार की

बहन बांधेगी एक धागा

मीठा खिलायेगी

और

भाई

बहन को देगा उपहार 

! कौशल ! 

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राखी 

पहल

आपके देश में हर साल अपनी बहिन की रक्षा करने का संकल्प लेने का त्यौहार मनाया जाता है फिर भी स्त्रियों के अपमान की इतनी ज्यादा घटनाएँ होती हैं। आइये! अपनी बहिन के समान औरों की बहनों के मान-सम्मान की रक्षा करने का संकल्प भी रक्षबंधन पर हम सब लें।

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राखी आई रे 

सुंदर रंगबिरंगी हाँ हाँ

सुंदर रंगबिरंगी 

राखी मैं तो लाई रे 

मेरे भैया की सजेगी कलाई रे 


भैया जसुदा का जाया हुआ लाल है

और सुभद्रा का कृष्ण गोपाल है

उसके हाथों में आज सजाऊँगी

मैं तो रेशम का धागा लाल लाल है

सखी देखो  शुभ घड़ी आई रे । 

जिज्ञासा की जिज्ञासा 

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जानना 

लहर कहाँ जानती है 

सागर कितना गहरा है 

ऊपर ही ऊपर बनती व बिगड़ती 

मान लेती है यही उसकी नियति 

मन पाए विश्राम जहाँ 

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बैलेंस्ड डाइट 

 मेरे बाल-कथा संग्रह ‘कलियों की मुस्कान’ की एक कहानी आपकी सेवा में प्रस्तुत है. इस कहानी को मेरी बारह साल की बेटी गीतिका सुनाती है और इसका काल है – 1990 का दशक ! पाठकों से मेरा अनुरोध है कि वो गीतिका के इन गुप्ता अंकल में मेरा अक्स देखने की कोशिश न करें.

बैलेन्स्ड डाइट -
भगवान ने कुछ लोगों को कवि बनाया है, उन्हें भावुकता अच्छी लगती है.
सुन्दर दृष्य देखकर या किसी ट्रैजेडी के बारे में सुनकर उनके मन में कविता के भाव उमड़ने लगते हैं.

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आलेख छत्तीसगढ़ में पले -बढ़े छत्तीस भाषाओं के ज्ञाता 

सिर्फ़ 34 साल की उम्र में 36 भाषाओं का ज्ञाता बनना कोई मामूली बात नहीं है। संसार में अत्यधिक विलक्षण प्रतिभा सम्पन्न ऐसे विद्वान गिने -चुने ही होते हैं । यहां तक कि ऐसी महान प्रतिभाओं का बारे में बहुत कम ही सुनने और पढ़ने को मिलता है। छत्तीसगढ़ की माटी में ,रायपुर की धरती पर पले-बढ़े हरिनाथ डे भी दुनिया की उन्हीं विलक्षण प्रतिभाओं   में से थे । उनकी जीवन यात्रा सिर्फ 34 साल की रही ,लेकिन जुनून की हद तक भाषाएँ सीखने की दीवानगी ने उन्हें विश्व के महानतम भाषाविदों की प्रथम पंक्ति में प्रतिष्ठित कर दिया। 

आज 12 अगस्त को उनका जन्म दिवस है। उन्हें विनम्र नमन 

मेरे दिल की बात आलेख : स्वराज करुण 

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यह घर बहुत हसीन है - Kuchh Rang Pyar Ke Deeepak Naik 

“विभाकर विहार“ - ये खूबसूरत घर ही नहीं, एक सन्देश है जीवन का सन्देश, जब आदमी मुसीबत में होता है तो इधर - उधर भटकता है और अपनों से भी गुहार लगता है पर कही से कोई मदद नही मिलती तब प्रकट होते है देवदूत समान कुछ बिरले लोग - जो आपकी मदद करते है, वे कब आते है और कब अपना काम ख़त्म करके चले जाते है - मालूम ही नहीं पड़ता, जी हाँ मै बात कर रहा हूँ रक्तदाताओं की

ज़िन्दगीनामा 

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मेरी गली में वो चाँद जलवानुमा सा है 

तेरी यादो का कुछ धुँवा सा हैं,

मेरी गली में वो चाँद जलवानुमा सा है,

आँखे जैसे सूरज की पहली किरण,
तेरा चेहरा जैसा दुवा सा हैं, 

tHe Missed Beat 

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रोज-रोज के गाँधी 

 डॉ. वीरेन्द्र सिंह

लोग कहते हैं: ‘बहुत कठिन है गाँधी की राह पर चलना।’ डॉ। वीरेन्द्र सिंह कहते हैं: ‘बहुत आसान है यदि आप रोज-रोज उनकी तरफ चलते हैं।’ अपने ऐसे ही प्रयोगों की सरल डायरी लिखी है उन्होंने ‘गांधी-मार्ग’, जिसके कुछ पन्ने ‘गांधी-मार्ग’ के पाठकों के लिए धारावाहिक।

दैनिक समस्याओं के समाधान के बहुत से तरीके हैं, गाँधी-मार्ग भी उनमें से एक तरीका है। गाँधी-मार्ग का आधार है सत्य। सत्य या सच्चाई क्या है? विचार, वाणी और व्यवहार की एकरूपता ही सत्य है।

एकोऽहम् विष्णु वैरागी

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भारतीय मंदिरों में पत्थर पर विज्ञान श्रंखला कम्प्यूटर और कीबोर्ड--- 

1400 साल पहले, पल्लव राजा नरसिंह द्वितीय दृारा निर्मित...
लालगिरी मंदिर में, एक कम्प्यूटर और कीबोर्ड के साथ, पत्थर की दीवार पर एक मूर्ति उकेरी गई है...!
तब ये आधुनिक बिजली भी नहीं थी...ये आधुनिक तकनीकी यंत्र भी नहीं थे..!
उन्होंने इस की कल्पना किस तरह की होगी...?

भारतीय नारी 

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वर्ष 2022 के शेमस अवॉर्ड विजेताओं की हुई घोषणा 

प्राइवेट आई राइटर्स ऑफ अमेरिका (Private Writers Of America) द्वारा वर्ष 2022 के शेमस अवार्ड विजेताओं की घोषणा कर दी है। यह घोषणा शेमस अवार्ड्स के चैयरपर्सन जॉन शेपर्ड (John Shepphird) द्वारा की गई। 

यह पुरस्कार हर वर्ष सर्वश्रेष्ठ प्राइवेट आई उपन्यासों और कहानियों को दिया जाता है। वर्ष 2022 के शेमस पुरस्कारों के लिए वर्ष 2021 में यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका में प्रथम बार  प्रकाशित रचनाएँ ही मान्य थीं। 

अलग-अलग श्रेणियों में दिए जाने वाले इस पुरस्कार के विजेता  निम्न हैं: 

एक बुक जर्नल 

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आज के लिए बस इतना ही...।

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5 टिप्‍पणियां:

  1. सुप्रभात !
    सादर प्रणाम आदरणीय शास्त्री जी ।
    आपकी उपस्थिति देख सुखद अनुभूति हुई । आपके उत्तम स्वास्थ्य के लिए हार्दिक शुभकामनाएं ।
    विविध रचनाओं से सज्जित सुंदर और सार्थक अंक । मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका हार्दिक आभार। आपके श्रमसाध्य कार्य के लिए आपको नमन और वंदन।

    जवाब देंहटाएं
  2. आदरणीय मयंक सर, नमस्ते , मेरी प्रविष्टि् " लहराया तिरंगा घर घर पर " की चर्चा आज के इस अंक (13-08-2022) को "हमको वो उद्यान चाहिए" (चर्चा अंक-4520) पर शामिल करने के लिए बहुत धन्यवाद एवम आभार ।
    सभी संकलित रचनाएं बहुत ही उम्दा है , सभी आदरणीय को बहुत बधाइयां ।
    सादर ।

    जवाब देंहटाएं
  3. आपका परिश्रम और आपकी लगन सचमुच में अद्भुत, प्रणम्‍य है।

    जवाब देंहटाएं

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