राम और कृष्ण की भूमि भारत। नानक, महावीर स्वामी और गौतम बुद्ध की भूमि भारत। तपोभूमि भारत। अर्पण और तर्पण की भूमि भारत। वंदन और अभिनंदन की भूमि भारत। कंकर-कंकर में शंकर वाला भारत। नर में ही नारायण देखने वाला भारत। नारी तू नारयणी के भाव रखने वाला भारत। धर्म और अध्यात्म का केन्द्र भारत। पत्थरों को, जल को, वृक्षों का पूजन करने वाला भारत। योग की जन्मस्थली भारत। ऋषियों और मुनियों का देश भारत। प्राचीनतम संस्कृति वाला भारत। शून्य और दशमलव प्रणाली का प्रदाता भारत। विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों के मानने वालों का देश भारत। विविध भाषाओं का घर भारत।
ठहर-ठहरकर बरसती बरसात कजरी के मीठे स्वर-सी प्रतीत हो रही थी। मानो एक-एक बूँद झूम रही हो। जो प्रेम में था उसके लिए बरसात प्रेमल थी और जिसका हृदय पीड़ा में था उसके लिए समय की मार! अपनों के लिए अपनों को दुत्कारती फिर उन्हें अपनाने की चाह में भटकती धनकोर अनायास ही कह बैठती है -
”गृहस्थी में उलझी औरते प्रेम में पड़ी औरतों-सी होती हैं। गृहस्थी की फ़िक्र बहुत सताती है उन्हें।” स्वयं के अधीर मन को सांत्वना देती बरसात में भीगी ओढ़नी निचोड़कर उससे अपना मुँह पोंछती है।
मैंने जब रश्मिरथी पढ़ी थी तो मुझे महाभारत के इस पात्र के साथ एक आत्मीयता महसूस हुई और हमेशा उनको और अधिक जानने की इच्छा हुई । ओम शिवराज जी को कोटिशः धन्यवाद ....जिनकी वजह से मैं इस किताब का हिंदी अनुवाद पढ़ पा रही हूँ और वो भी बेहतरीन अनुवाद।
किताब के शुरुआत में इसकी पृष्ठभूमि है कि किस तरह से इसकी रुपरेखा अस्तित्व में आयी।
30-40 साल पहले जब आने जाने के उतने साधन नहीं थे तब बहने एक एक महीना पहले राखी भेज देती थी। फ़िर भी कई भाईयों को राखी के पांच-दस दिन बाद मिलती थी और भाई बिना कोई मुहूर्त देखे खुशी खुशी राखी बांध लेते थे। तब किसी प्रकार का कोई अपशगुन नहीं होता था क्योंकि तब भाई-बहन के प्यार के बीच मुहूर्त नहीं आता था। हम बचपन में पूरा दिन राखी, दिवाली और होली मनाते थे। कोई किसी से मुहूर्त नहीं पूछता था। फ़िर भी परिवारों में अभी से ज्यादा सामंजस्य, भाईचारा और प्रेम की भावना थी!
बहुत बढ़िया और सार्थक चर्चा प्रस्तुति। सभी रचनाकारों को बधाई।मुझे भी स्थान देने के लिए आपका बहुत-बहुत आभार। संपूर्ण चर्चा प्रस्तुति के लिए आदरणीय कामिनी जी का हार्दिक धन्यवाद। सादर।
सामायिक शीर्षस्थ पंक्तियां। देश भक्ति रचनाएं और विविधता से भरा शानदार संकलन। सभी लिंक बहुत सुंदर आकर्षक पठनीय। सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई। मेरी रचना को चर्चा में स्थान देने के लिए हृदय से आभार। सादर सस्नेह।
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बहुत सुन्दर और सार्थक चर्चा प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंआपका आभार कामिनी सिन्हा जी।
बहुत सुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंउम्दा चर्चा। मेरी रचना को चर्चा मंच में शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद, कामिनी दी।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन लिंक......मुझे स्थान देने के लिये शुक्रिया आपका
जवाब देंहटाएंसुप्रभात! देश प्रेम के रंग में रंगी सुंदर चर्चा, बहुत बहुत आभार 'डायरी के पन्नों से' को भी शामिल करने हेतु कामिनी जी !
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचना संकलन एवं प्रस्तुति सभी रचनाएं उत्तम रचनाकारों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं मेरी रचना को चयनित करने के लिए सहृदय आभार सखी सादर
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचना संकलन एवं प्रस्तुति सभी रचनाएं उत्तम रचनाकारों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं मेरी रचना को चयनित करने के लिए सहृदय आभार सखी सादर
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया और सार्थक चर्चा प्रस्तुति। सभी रचनाकारों को बधाई।मुझे भी स्थान देने के लिए आपका बहुत-बहुत आभार। संपूर्ण चर्चा प्रस्तुति के लिए आदरणीय कामिनी जी का हार्दिक धन्यवाद। सादर।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर सराहनीय संकलन।
जवाब देंहटाएं'ठूँठपन' को स्थान देने हेतु हार्दिक आभार।
सादर
सामायिक शीर्षस्थ पंक्तियां।
जवाब देंहटाएंदेश भक्ति रचनाएं और विविधता से भरा शानदार संकलन।
सभी लिंक बहुत सुंदर आकर्षक पठनीय।
सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई।
मेरी रचना को चर्चा में स्थान देने के लिए हृदय से आभार।
सादर सस्नेह।