मित्रों!
बुधवार की चर्चा में देखिए कुछ लिंक!
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दोहे "नागपंचमी-बहुत खास त्यौहार" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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छोटा सा दिल लघु सी चाहत
उससे बनती मन की कारा,
उठो आज अम्बर को छू लो
है अनंत सामर्थ्य तुम्हारा !
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राजकुमार- तू अपने और मैं अपने घर का
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“पापा ये बाबा तो हर वक्त गाली ही देते रहते हैं..जब इनके पास आओ या बग़ल से गुजरो..ये अपनी छड़ी पटकते हैं और कुछ न कुछ बड़बड़ाने लगते हैं और आप कहते हैं कि मुझे इनके पास बैठना चाहिए, समय बिताना चाहिए.. सम्मान करना चाहिए..आदर करना चाहिए ।”
“अब आप ही बताइए भला ऐसे में कोई इनके साथ ज़्यादा देर तक तो नहीं बैठ सकता न.. मैं बाबा के काम कर दूँगा पर उनके साथ बैठना मुझसे न होगा न ।”
गागर में सागर जिज्ञासा सिंह
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भावों की उत्तंग तरंगें
जब विशाल रूप लेतीं
मन के सारे तार छिड़ जाते
उन्हें शांत करने में |
पर कहीं कुछ बिखर जाता
किरच किरच हो जाता
कोई उसे समेंट नहीं पाता
अपनी बाहों में
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अंग्रेजी की इन पाँच क्रियाओं(Verbs) के अर्थ और प्रयोग आपको जानने चाहिए!
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भींजे ख़्वाबों में .. बस यूँ ही ...
यूँ तो कहते हैं सब कि
"समुन्दर में
नहा कर तुम
और भी
नमकीन हो गई हो ~~~
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विचार प्रवाह : जीवन-संध्या का मुकाबला वैसे बूढ़े वृक्ष पर तो न तो परिन्दें बैठते हैं और फल- फूल न आने की वजह से न मधुमक्खियां आती हैं और न ही भँवरे डोलते हैं और न ही तितलियां उस पर मंडराती हैं। यह प्रकृति का नियम है।अतः इस सत्य को स्वीकारते हुए कि सुबह के बाद शाम तो आनी ही है, चिंता छोड़कर चिन्तनशील बने रहें ।
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'आहुति' सुषमा कुमारी
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खुशियां तलाश रही हूं बारिश की बूंदों में, जो बरस कर ठहर गई हैं फूलों और पत्तियों में...
रूप-अरूप रश्मि शर्मा
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मुरादाबाद की साहित्यकार प्रो. ममता सिंह का नवगीत "सोचें क्यों अन्जाम"
सोचें क्यों अन्जाम।।
नियम ताक पर रख कर सारे,
वाहन तेज भगायें।
टकराने वाले हमसे फिर,
अपनी खैर मनायें ।
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आज के लिए बस इतना ही...!
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सुप्रभात! नाग पंचमी का त्योहार कर्नाटक में भी उत्साह से मनाया जाता है। पठनीय रचनाओं के संयोजन से सजा सुंदर चर्चा मंच, आभार मुझे भी इसमें शामिल करने हेतु!
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति में मेरी ब्लॉग पोस्ट सम्मिलित करने हेतु आभार!
जवाब देंहटाएंबहुत ही सार्थक और सुंदर चर्चा प्रस्तुति । मेरी लघुकथा को शामिल करनेके लिए आपका बहुत बहुत आभार आदरणीय शास्त्री जी । आपको मेरा नमन और वंदन।
जवाब देंहटाएंबेहद सुंदर चर्चा संकलन
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