फ़ॉलोअर



यह ब्लॉग खोजें

बुधवार, अगस्त 31, 2011

"जीत के मायने" (चर्चा मंच-623)

मित्रों आप सभी का बुधवासरीय चर्चा में एक बार फ़िर स्वागत है। अन्ना के आंदोलन की व्यस्तता में मैने छुट्टी ले रखी थी, जिस पर हेड  साहब को मेरा काम करना पड़ा,  उनको कोटी कोटी धन्यवाद।  डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ने चाय पर लिखा  कि वही हमारे मन को  भाई"    नही चाहिये कांग्रेस आई। हमने जवाब मे सोहन शर्मा उर्फ़ कांग्रेसी का प्यारी सोनिया मम्मी को खत  पेश कर दिया।  सुरेन्द्र सिंह " झंझट " ने    अलिखित      मे उस कसक के बारे मे लिखा है जो आज भी मन को कचोट रही है। उसके बाद धनंजय जी ने  तिरंगे की बहार   मे समा ही बांध लिया है। मित्रो ये आंदोलन कई गंभीर सवाल भी खड़ा करता है कि आखिर कांग्रेस का सेक्युलर विकल्प    क्या है (आनंद प्रधान)और इन  सभ्य , पढ़े लिखे और शरीफ सांसद  गणॊ को बुरा भला कहना अपराध क्यों है (शिवम मिश्रा) । इसी मुद्दे पर ... ललित शर्मा जी कह रहे हैं कि अभी तो यह अंगडाई है, आगे और लडाई है..........     और जो "लावा"   (संजय शर्मा हबीब) हमारे दिलों में है, उसका क्या और सवाल भी उठते ही हैं कि इन्हें भी तो जोड़ो जन-लोकपाल में !   पर बात जोड़ और घटाने की है तो राष्ट्रहित का क्या और नये बिंदु अब राइट टू रिजेक्‍ट और राइट टू रि-कॉल की जरूरत  पर हमारी सोच क्या होनी चाहिये। अन्ना की जीत के मायने   क्या निकाले जानें चाहिये। अफ़वाहॊ का बाजार भी गर्म ही है, कनु जी बता रही हैं कि आइये जाने कौन है सोनिया गाँधी। इसी बीच == अन्न सन्न ==   मे गजब व्यंग्य है इस व्यवस्था पर, दर्द-ए-दिल-ए-स्वामी अग्निवेश  
मे तो   संजय महापात्रा  जी ने कहर ही ढा दिया है। मुझे यह कहने में बड़ा हर्ष है कि हमारे सामने हरिशंकर परसाई जी का एक ऐसा व्यंग्य है जो आज तीस सालो बाद भी अक्षरशः फ़िट बैठता है ।  दस दिन का अनशन   को पढ़िये जरूर और कलम की ताकत को पहचानिये।  इसके बाद कुछ नयी रचनाएं, कुंवर प्रीतम के मुक्तक  का तो मैं कायल हूं ही साथ ही  डां शरद सिंग  की रचना   नैमिषारण्य के प्रमुख दर्शनीय स्थल   बहुत ही अच्छी है। सतीश जायसवाल जी भी एक अनुभवी और सशक्त लेखक हैं उनकी रचना बस्तर रेल खंड की मांग अब सीधे तौर पर उठी  वाकई पठनीय है।   आखिर में चलते चलते में हमारी साथी लेखक से परिचित कराती बहन वंदना जी आइये मिलिये ग़ुडिया इंग्लिशतान से  , अब परिचय किससे है देख कर ही मालूम पड़ेगा।

15 टिप्‍पणियां:

  1. सुन्दर व शानदार लिंक्स्।

    जवाब देंहटाएं
  2. जैसे ही आसमान पे देखा हिलाले-ईद.
    दुनिया ख़ुशी से झूम उठी है,मना ले ईद.
    ईद मुबारक
    कुँवर कुसुमेश

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत सुन्दर चर्चा!
    अरुणेश सी दवे जी!
    आज मेरा नेट ही दोपहर को चला है, इसलिए चर्चा को 12 बजे के बाद प्रकाशित किया!
    आप अपनी चर्चा लगा कर स्वयं ही शैड़्यूल कर दिया करें!
    साभार!

    जवाब देंहटाएं
  4. ईद के मुबारक मौके पर हार्दिक शुभ कामनाएं |आज की चर्चा ने बहुत इन्तजार करवाया |अच्छी चर्चा अच्छे लिंक्स |
    आशा

    जवाब देंहटाएं
  5. .सार्थक और शानदार लिंक्स ....... ईद मुबारक हो

    जवाब देंहटाएं
  6. बढ़िया चर्चा...
    सादर आभार...
    समस्त मित्रों को ईद एवं गणेश चतुर्थी की हार्दिक बधाइयां...

    जवाब देंहटाएं
  7. अरुणेश सी दवे जी!
    आपको सपरिवार ईद एवं गणेश चतुर्थी की हार्दिक बधाइयां...
    अच्छे लिंक्स दिए हैं आपने...

    जवाब देंहटाएं
  8. मेरी पोस्ट को शामिल करने के लिए आपका बहुत बहुत आभार !

    आपको सपरिवार ईद एवं गणेश चतुर्थी की हार्दिक बधाइयां!

    जवाब देंहटाएं
  9. Dr. Roopchand Mayank ji sahitya ke kshitij ko jo naya kshitij pradan kar rahe hain, vah kabile tareef hai...
    Bahut hi acche links ke madhayam se charcha ka lurf le aayi.
    shubhkamanon sahit
    Devi Nangrani

    जवाब देंहटाएं
  10. अरुणेश सी दवे जी!
    आपको सपरिवार ईद एवं गणेश चतुर्थी की हार्दिक बधाइयां...
    अच्छे लिंक्स दिए हैं आपने...

    जवाब देंहटाएं
  11. प्रिय दोस्तों ,
    मेरे ब्लॉग को गूगल ने मिटा दिया है ,अत आपसे अनुरोध है की आप मेरे नए ब्लॉग www.pkshayar.blogspot.com पर पधार कर मेरा मार्गदर्शन करे ,
    तथा फोलोवर बनकर मुझे आश्रीवाद प्रदान करे .

    जवाब देंहटाएं
  12. काफी उपयोगी और मनोहारी लिँक .....

    मेरी पोस्ट नैमिषारण्य के प्रमुख दर्शनीय स्थल को भी यहाँ स्थान दे कर मान बढ़ाया ...
    आपका आभार...

    जवाब देंहटाएं

"चर्चामंच - हिंदी चिट्ठों का सूत्रधार" पर

केवल संयत और शालीन टिप्पणी ही प्रकाशित की जा सकेंगी! यदि आपकी टिप्पणी प्रकाशित न हो तो निराश न हों। कुछ टिप्पणियाँ स्पैम भी हो जाती है, जिन्हें यथा सम्भव प्रकाशित कर दिया जाता है।