आज की चर्चा में आप सबका हार्दिक स्वागत है
अब चलते हैं चर्चा की और
सबसे पहले गद्य रचनाएं
- भीड़ और अन्ना का आन्दोलन - इस विषय को उठाया गया है दखलंदाज़ी ब्लॉग पर .
- सर्जना शर्मा पूछ रही हैं - अगर अन्ना की शादी हो गई होती ?
- संस्मरण में परसाई जी को याद कर रही हैं वन्दना जी .
- मन पाए विश्राम जहाँ - एक माँ का संस्मरण .
- जेब का इतिहास , नफा-नुकसान सब बता रहे हैं रामवृक्ष सिंह .
- मदद कितनी की जानी चाहिए -- देखिए CG पर और जताएं अपनी सहमति-असहमति.
- इंग्लैण्ड में बुरी तरह से क्यों हारा भारत ?-- क्या पैसा एक कारण नहीं था ?
- कुछ गहरी बात है इसमें -- देखें ब्लॉग कुश की कलम.
अब बात करते हैं पद्य रचनाओं की
- उर्मी जी पूछ रही हैं याद उनकी हमें पल-पल सताए क्यूं ? .
- प्रियंका राठौर की बातें और शब्द लहरें पैदा कर रहे हैं...ज्वार-भाटा ला रहे हैं ...
- इस गुमनाम सफर की मंजिल कहाँ है - यह पूछ रही हैं साधना वैद .
- बग़ावत लफ्ज़ सुनने में, बहुत अच्छा तो लगता है , फिर उसके बाद जो होता है उसको भी समझते हो ?-----ऐसा ही कुछ कह रहे हैं संजय ग्रोवर .
- मुखौटे बेच रहे हैं डॉ. विजय कुमार शुक्ल .
- नारी शक्ति -शाश्वत शक्ति ब्लॉग पर है नारी-पुरुष की तुलना.
- मुक्तकों में हालात ब्यान कर रहे हैं डॉ.मयंक जी.
- बरसों की नींद के बाद दिल्ली जाग गई है .
- मीडिया को परिभाषित कर रहे हैं -- एम. के. मिश्र
- अग्निशिखा पर शांतनु सान्याल कह रहे हैं ग़ज़ल.
- प्यार में क्या क्या होता है - मुक्तकों में बता रही हैं विद्या जी.
- कविता ब्लॉग पर अना जी ने कविता रच डाली.
- कविता संग्रह तेरी रौशनाई होना चाहती हूँ की प्रतिनिधि कविताएँ.
- विवेक सिंह सुझाव दे रहे हैं - पतली गली से निकल जा .
- संसद की गरिमा का ख्याल किस-किस को होना चाहिए - कडुवा सच कर रहा इसकी बात .
- उम्मीद की किरण दिख रही है प्रदीप कुमार को .
- शाम न होने देना साथी --- यह आह्वान कर रहे हैं एस.एम.हबीब .
- ब्लॉग दिल की बातें पर बताई जा रही हैं कुछ मजबूरियां.
- खोटी से खरी हो गईं पंख ब्लॉग की ब्लोगर.
- अमि अज़ीम कह रहे हैं एक ग़ज़ल.
- बिना तेल के चिराग जला रहे हैं नीरज द्विवेदी.
अंत में है एक शुरुआत
आज की चर्चा में बस इतना ही .
धन्यवाद
अच्छी लिंक्स और चर्चा |
ReplyDeleteबधाई
आशा
डा. अमर कुमार जी को अनूठी श्रद्धांजलि,
ReplyDeleteडॉ.अमर कुमार एक बहुविध अध्ययनशील ,प्रखर मेधा के धनी ब्लॉगर थे -साथ ही जिजीविषा ऐसी की अपनी बीमारी के बाद भी बिना इसका अहसास लोगों को दिलाये वे लगातार लोगों के चिट्ठों को ध्यान से पढ़ते और सारगर्भित टिप्पणियाँ करते ...
डा. साहब अक्सर टिप्पणी पर मॉडरेशन लगाए जाने के विरोधी थे।
इसके खि़लाफ़ वह अक्सर ही आवाज़ बुलंद किया करते थे।
उनकी ख़ुशी के लिए कम से कम एक दिन सभी लोग अपने ब्लॉग से मॉडरेशन हटा लें तो उनके लिए हमारी तरफ़ से यह एक सम्मान होगा।
वह एक ज्ञानी आदमी थे।
उनकी टिप्पणी उनके ज्ञान का प्रमाण है।
जिसे आप देख सकते हैं इस लिंक पर http://commentsgarden.blogspot.com/2011/01/holy-family.html
अप्रत्याशित रूप से अपनी रचना को चर्चामंच पर देख कर आनंदित एवं विस्मित हूँ ! आपका आभार एवं धन्यवाद दिलबाग जी ! सभी लिंक्स बेहतरीन हैं !
ReplyDeleteडा. अमर जी
ReplyDeleteको श्रद्धांजलि ||
भाई दिलबाग विर्क जी।
ReplyDeleteआपने बहुत ही अच्छे लिंको के साथ संतुलित चर्चा की है।
स्व. डॉ. अमर कुमार जी को श्रद्धांजलि।
सुंदर चर्चा...अच्छे लिंक दिये हैं आपने
ReplyDelete...........धन्यवाद दिलबाग जी
|मेरी कविता को यहाँ स्थान देने के लिए आभार |
स्व. डॉ. अमर कुमार जी को श्रद्धांजलि।
best
ReplyDeleteडा. अमर जी को श्रद्धांजलि .
ReplyDeleteअच्छी चर्चा. आभार
सर्वप्रथम डा. अमर जी को श्रद्धांजलि |
ReplyDeleteबहुत ही बढ़िया चर्चा | आज पूरा समय देकर सारी कवितायेँ पढ़ी | बहत से अच्छे ब्लोग्स को फोलो भी किया | धन्यवाद दिलबाग विर्क जी |
साथ ही मेरी रचना उम्मीद को शामिल करने के लिए धन्यवाद |
कृपया मेरी नई रचना देखें |
सुनो ऐ सरकार !!
और इस नए ब्लॉग पे भी आयें और फोलो करें |
काव्य का संसार
डा. अमर कुमार जी को विनम्र श्रद्धांजली...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर चर्चा...
सादर बधाई/आभार...
Bahut accha collection, kai achi-achi kavitayein padne ko mili.
ReplyDeleteस्व. डॉ. अमर कुमार जी को श्रद्धांजलि
Meri bhi kuchh panktiyon ko shamil karne ke liye abhar.
कभी कभी हमें उम्मींद भी नहीं होती और ऐसा हो जाता है कि हम भी यहाँ है| आभार (सूचना मिली मगर देर से कोई बात नहीं )
ReplyDeleteaapne soochit kiya tha ki meri naveena rachana, "ekakaar" ko apke manch par sthan diya ja raha hai, kintu mujhae apni purani rachna, os ki boond" hi yahan nazar ayi...
ReplyDeletekripya nayi rachna ko bhi shamil karein... hardik khushi hogi...
शॉर्ट व स्वीट चर्चा।
ReplyDeleteमुझे गुरुजनों के मध्य स्थान देने के लिये...
ReplyDeleteचर्चा मंच का धन्यवाद......
सभी लिंक जोरदार है
आभार..
धन्यवाद दिलबाग जी...चर्चा मंच पर अपनी चर्चा देखकर दिल बाग बाग हो गया है....आपने हमें सराहा, चर्चा का विषय बनाया, लोगों तक हमारा लिंक पहुचाया, शुक्रिया...
ReplyDelete... aapkaa bahut bahut aabhaar dilbag ji !!
ReplyDelete... saarthak charchaayen !!
ReplyDelete... dr. amar ji ko shraddhanjali !!
ReplyDeleteitna accha manch dene ke liye aapka bohot bohot dhanyawad :)
ReplyDeleteचर्चामंच पर लाने के लिये शुक्रिया दिलबाग़ जी. बढिया चर्चा है.
ReplyDeleteअमर कुमार जी को विनम्र श्रद्धान्जलि.
umda charcha ke liye badhaai
ReplyDeleteदिलबाग विर्क जी, ब्लोगर डॉ अमर जी को श्रद्धांजली ! मुझे भी बृहस्पतिवार की चर्चा में शामिल करने के लिए शुक्रिया! सुंदर चर्चा.
ReplyDeleteacche links...bahut bahut dhanybad is chahcha mei meri post ko shamil karne ke liye....
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