मैं चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ सोमवासरीय चर्चा में आप सभी का स्वागत और अभिनन्दन करता हूँ। सम्पूर्ण भारत वर्ष में श्री कृष्ण-जन्म-पर्व कल से ही समारोह पूर्वक मनाया जा रहा है। भारतीय परम्परा में श्री कृष्ण पूर्णावतारी हैं इसीलिए पौराणिकों ने उन्हें 'कृष्णस्तु भगवान्स्वयम्' कहा है। कृष्ण शब्द का अर्थ ही है आकर्षण, आवर्जन, खींच लेना, अभिमुख करना। कृष्ण के व्यक्तित्व में उक्त समस्त गुण एक साथ घटित होते हैं। वे सद् के ऊपर से प्रतिष्ठित हैं। सद् उनका अनुगमन करता है इसलिए वे मर्यादा निर्वाह की चिन्ता नहीं करते। वे मर्यादा पुरुषोत्तम राम से विशिष्ट हैं। इसीलिए जहां राम बारह कला के अवतार हैं कृष्ण वहीं सोलहों कला के अवतारी हैं। ऐतिहासिक, पुरातात्त्विक विमर्शों की बात करें तो राम की पूजा से शताब्दियों पहले कृष्ण की पूजा प्रचलित थी। अन्धकार में प्रकाश की उम्मीद, तमोगुण पर सद् की प्रतिष्ठा के लिए किसी भी सीमा तक जाना कृष्णत्व है। यही कारण है कि लौकिक दृष्टि से कृष्ण के चरित्र में बहुत सारे विरोधाभास सकारात्मक ऊर्जा में परिवर्तित हो विश्राम पाते हैं। श्री कृष्ण गोपाल हैं, गायों को चराने का काम करते हैं। यज्ञ के जटिल कर्मकाण्ड के विरोधी हैं इसीलिए गोवर्धन की पूजा को 'इन्द्रयाग' से अधिक महत्व देते हैं। वे प्रेम के विस्तार के लिए रुक्मिणी का हरण करके उनका मान रखते हैं तो श्री राधा आयु में ग्यारह साल बड़ी होने पर भी बिना किसी लौकिक विवाह-मर्यादा में बंधे उनकी प्रेमिका हैं और कुब्जा को अपने स्पर्श से उसका नारीत्व लौटाकर समाज की कोई परवाह किए बिना मथुरा में वे उसके एकान्त अतिथि होते हैं। अपने पौरुष से स्थानीय दुराधर्ष राक्षसों का संहार करके वे महाभारत युद्ध के महानायक बनते हैं और राष्ट्र को दबोच लेने वाली धृतराष्ट्र शक्तियों के मुका़बले युद्धघोष करते हैं। सत्ता के केन्द्रीकरण और अन्याय की सम्भावना को लक्ष्य करके अपने पक्ष के महानायकों बर्बरीक तथा अभिमन्यु का वध करवाने में संकोच नहीं करते और अन्त में प्रभास के समुद्र तट पर अपनी सन्तानों को एक दूसरे के खिलाफ़ उकसाकर अपने जीवित रहते ही यादव वंश का नाश करवा देने में उन्हें कोई हिचक नहीं होती।
श्री कृष्ण के लिए 'जन' बड़ा है। सत्ता अगर जन की पक्षधर नहीं तो कृष्ण उसके सम्मुख ताल ठोंक कर खड़े हैं। यही कारण है कि वे सही अर्थों में जननायक हैं और ज्ञात इतिहास के पहले क्रान्तिकारी। देखा जाय तो क्रान्तियां, संघर्ष और हक़ की लड़ाइयां कृष्ण से गति पाती हैं, इसीलिए वे योगेश्वर भी हैं। इस वर्ष का जयन्ती पर्व इसलिए भी विशेष है कि श्री कृष्ण की प्रेरणा गौतम, महावीर, जीसस, गांधी, जयप्रकाश और अन्ना हजारे तक जिन प्रतिक्रान्तियों को रूपायित करती है वे भारत के जन-मन को बुरी तरह झकझोर रही हैं। श्री कृष्ण का जयन्ती पर्व अन्ना हजारे की जीत का प्रत्यय बने इस शुभकामना के साथ आज का यह मंच राष्ट्रार्पित-
‘‘नाहं कामये राज्यम् ना मोक्षम् ना पुनर्भवम्।
जनानाम् दुःखतप्तानाम् केवलमार्तिनाशनम्।।’’
-गीता
अब आनन्द लीजिए लिंकों का-
1- बड़ी देर भई नंदलाला -प्रेरणा अर्गल
2- भ्रष्टाचार - जनता - अन्ना -Barthwal Pratibimba
3- जन लोकपाल बिल ही सही है -अमित चन्द्र
4- अन्ना-शक्ति-भाग 1...युवा व महिला शक्ति को सलाम -डॉ. श्याम गुप्त
5- अन्ना हजारे -ओंम प्रकाश नौटियाल
6- हाँ मैं भारत की संसद हूँ ..मुझे शर्म आती है ... -अख्तर खान "अकेला"
7- ओ कान्हा सिखलाओ ना...! -चैतन्य का कोना
8- मुग़ल काल में सत्ता का संघर्ष-1 -मनोज कुमार
9- श्याम...जीवन चेतना का नाम...! -डॉ. मोनिका
10- इंटरव्यू -कृष्ण कन्हैया से -मदन मोहन बाहेती 'घोटू'
11- जन्माष्टमी पर कृष्ण के रंग -विद्या
12- कान्हा में खो गयी.....!!! -'आहुति'
13- व्यक्ति बड़ा है या मुद्दा ? -डॉ. दिव्या
14- तोहमत भी लगाते हो तो अन्ना पर लगाते हो -डॉ.आशुतोष ‘आशू’
15- आंदोलन या आराजकता... -महेन्द्र श्रीवास्तव
16- मैं कांग्रेस हूँ -बबन पाण्डेय
17- कहानी: अन्ना और कांग्रेस -एस.विक्रम
18- अन्ना का समर्थन ऐसे भी -रेखा
19- भ्रष्टाचार -आशा
20- भ्रष्टाचार ...रक्तबीज ... -निवेदिता
21- बातें बनाना जानते हैं -डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
22- क्या आप सच में अन्ना हैं ?? -अपर्णा त्रिपाठी "पलाश"
23- हम विरोध जरूर करते हैं, पर देखभाल कर -गगन शर्मा
24- वो जमाना और था -ग़ाफ़िल
और अन्त में-
25- यक्ष-प्रश्न -विजय
धन्यवाद, आज के लिए इतना ही, फिर मिलने तक नमस्कार!
अब आनन्द लीजिए लिंकों का-
1- बड़ी देर भई नंदलाला -प्रेरणा अर्गल
2- भ्रष्टाचार - जनता - अन्ना -Barthwal Pratibimba
3- जन लोकपाल बिल ही सही है -अमित चन्द्र
4- अन्ना-शक्ति-भाग 1...युवा व महिला शक्ति को सलाम -डॉ. श्याम गुप्त
5- अन्ना हजारे -ओंम प्रकाश नौटियाल
6- हाँ मैं भारत की संसद हूँ ..मुझे शर्म आती है ... -अख्तर खान "अकेला"
7- ओ कान्हा सिखलाओ ना...! -चैतन्य का कोना
8- मुग़ल काल में सत्ता का संघर्ष-1 -मनोज कुमार
9- श्याम...जीवन चेतना का नाम...! -डॉ. मोनिका
10- इंटरव्यू -कृष्ण कन्हैया से -मदन मोहन बाहेती 'घोटू'
11- जन्माष्टमी पर कृष्ण के रंग -विद्या
12- कान्हा में खो गयी.....!!! -'आहुति'
13- व्यक्ति बड़ा है या मुद्दा ? -डॉ. दिव्या
14- तोहमत भी लगाते हो तो अन्ना पर लगाते हो -डॉ.आशुतोष ‘आशू’
15- आंदोलन या आराजकता... -महेन्द्र श्रीवास्तव
16- मैं कांग्रेस हूँ -बबन पाण्डेय
17- कहानी: अन्ना और कांग्रेस -एस.विक्रम
18- अन्ना का समर्थन ऐसे भी -रेखा
19- भ्रष्टाचार -आशा
20- भ्रष्टाचार ...रक्तबीज ... -निवेदिता
21- बातें बनाना जानते हैं -डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
22- क्या आप सच में अन्ना हैं ?? -अपर्णा त्रिपाठी "पलाश"
23- हम विरोध जरूर करते हैं, पर देखभाल कर -गगन शर्मा
24- वो जमाना और था -ग़ाफ़िल
और अन्त में-
25- यक्ष-प्रश्न -विजय
धन्यवाद, आज के लिए इतना ही, फिर मिलने तक नमस्कार!
सार्थक चर्चा |बहुत बहुत बधाई |मेरी कविता को यहाँ स्थान देने के लिए आभार |
जवाब देंहटाएंआशा
बहुत ही शानदार चर्चा....
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छे लिंक्स...
सादर...
|मेरी कविता को यहाँ स्थान देने के लिए आभार |
vidya
कृष्ण की उपादेयता पर आपका विमर्श और आज के मौज़ू लिंक्स दोनों प्रशंसनीय हैं...धन्यवाद और बधाई
जवाब देंहटाएंacchi charcha,
जवाब देंहटाएंYaha mai bhi hu.
Bahut bahut aabhar
चर्चा अच्छी लग रही है!
जवाब देंहटाएंअभी तो सफर में ही हूँ!
नेट डायरी से आपको कमेंट दे रहा हूँ!
--
कल भाई मासूम जी चर्चा लगाएँगे!
charcha se jude likn abhi padhe nahi hain..lekin krishna janmastmai per aapke shandar lekh ka prabah, rochak tathya aur bartman sandarbho me samicheenta man ko moh lete hain..hardik badhayee..meri kavita ko aapka aaur charcha manch ka sneh mila iske liye bhi tahe dil shukriya
जवाब देंहटाएंअच्छे लिंक्स.........धन्यवाद !
जवाब देंहटाएंआपको सपरिवार, पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंbaehtreen
जवाब देंहटाएंसार्थक चर्चा...धन्यवाद...
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा !!
जवाब देंहटाएंसार्थक प्रस्तुति सुन्दर लिनक्स समेटे चर्चा.आप को व् चर्चा मंच के सभी सदस्यों को कृष्ण जन्माष्टमी की बहुत बहुत शुभकामनायें.
जवाब देंहटाएंसुन्दर सार्थक चर्चा।
जवाब देंहटाएंकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें।
मेरी पोस्ट को चर्चामचं पर जगह देने के लिए आभार। लिंक्स भी अच्छे है।
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया कृष्णमयी चर्चा प्रस्तुति और जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें!
जवाब देंहटाएंउद्देश्यपूर्ण चर्चा।
जवाब देंहटाएंbahut sundar charcha... Sabhi tarah ke vicharo ka samagam hai yaha..
जवाब देंहटाएंMujhe bhi jagah dene ke liye sukkriya
बढ़िया चर्चा...
जवाब देंहटाएंसदर आभार...
बहुत खुबसूरत लिनक्स.... और बहुत सुन्दर प्रस्तुती.... मेरी रचना को चर्चामचं में सामिल कने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद....
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया लिंक्स | सुन्दर चर्चा |
जवाब देंहटाएंइस नए ब्लॉग में पधारें |
काव्य का संसार
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं !
जवाब देंहटाएं/अन्नाजी के माध्यम और उनके नेतृत्व में जनता जागी है /अब ये आन्दोलन सफल होना ही चाहिए /बहुत ही अच्छा चर्चा मंच सजाया आपने/आज के हालात के अनुसार आपने बहुत मेहनत से छांटकर लिनक्स लगाए /मेरी पोस्ट को स्थान देने के लिए धन्यवाद / शानदार अभिब्यक्ति के लिए बधाई आपको /जन्माष्टमी की आपको बहुत बहुत शुभकामनाएं /
जवाब देंहटाएंआप ब्लोगर्स मीट वीकली (५) के मंच पर आयें /और अपने विचारों से हमें अवगत कराएं /आप हिंदी की सेवा इसी तरह करते रहें यही कामना है /प्रत्येक सोमवार को होने वाले
" http://hbfint.blogspot.com/2011/08/5-happy-janmashtami-happy-ramazan.html"ब्लोगर्स मीट वीकली मैं आप सादर आमंत्रित हैं /आभार /
चर्चा मंच में स्थान देने के लिए धन्यवाद .
जवाब देंहटाएंThanx for including my story sir...:)
जवाब देंहटाएंअच्छे लिंक्स !
जवाब देंहटाएंबढ़िया चर्चा !
सुन्दर और आदर्श तरीका
जवाब देंहटाएंचर्चा जमाने का ||
बधाई ||
कम शब्दों में पूरे कृष्ण ||
जय नन्द-भूषण ||
भिन्न भिन्न रंगो मे रंगी चर्चा सुंदर तो है ही साथ साथ कृष्ण के रंग से और निखार आ गया..... शुभं
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को यहाँ स्थान देने के लिए आभार|