मित्रों! आज मंगलवार है! सबसे पहले देखिए विद्या जी के द्वारा लिए गये कुछ लिंक! |
"निरंतर" की कलम से..... क्यों कहते हो ? तुम्हारे साथ चलूँ जैसा कहो वैसा करूँ जैसे तुम रोते रहे हो वैसे मैं भी रोऊँ मुझे अकेला छोड़ दो अपने आप चलने दो जीवन की चट्टानों से टकराने... |
एक बिल्कुल ताज़ा ख़बर हिंदी ब्लॉगिंग की दुनिया से, ताकि आप जान लें कि कीर्तिमान यहां भी स्थापित किये जा रहे हैं तमाम तरह की दिक्क़तों के दरम्यान। |
नत्था नहीं, हम मर रहे हैं |
| Author: sanjiv verma 'salil' |
आकलन:अन्ना आन्दोलन |
नीम-निम्बौरी
अग्नि वेश धरे शिखंडी-वेश - स्वामी फिर पकड़ा गया, धरे शिखंडी-वेश, सिब्बल के षड्यंत्र से, धोखा खाता देश
| माँ ...अब तुम बहुत याद आती हो...!!
विलक्षण उज्ज्वलता.. बांटता-बांटता..
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नीरज -0-0-0-
आओ मिलाऊँ सबको मै गुडिया इंग्लिशतान से
रहन सहन आचार वि्चार मे
जिसके बसता हिन्दुस्तान है
इंग्लिशतान से आयी वो मगर हिंदी ...
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Near nature - प्रकृति के पास |
ये कैसा देश है भला ये कैसा आशियाँ?
from अनवरत |
*भारतीय नारी ब्लॉग पर सितम्बर माह का विषय ? * निवेदन * भारतीय नारी ब्लॉग के योगदानकर्ता आने वाले माह में किस विषय पर लिखना चाहेंगे ? ... |
अन्ना के लिए ! | हँस के मेरे करीब आवो तो! |
टीम अन्ना को जन लोकपाल बिल पारित होने पर अब भी संदेह
from :: हिन्दुराष्ट्र :: by Net Guru
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"हार मिले तब हार बिना "
सूना जीवन प्यार बिना नीरस होता यार बिना
कला नहीं जीवन जीने की पर पलता व्यवहार बिना
दिल में उपजे प्रणय-भाव पर ...
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कुछ अंश दान ही करो तुम .....
from SADA by सदा
| शब्दों का दंगल: "एस एम मासूम साहब के जन्मदिवस पर विशेष" |
विदुषी .... |
कितना ज़रूरी है हस्तक्षेप
from 'अपनी माटी' वेबपत्रिका | खुली किताब - |
अब देखिए! मेरे द्वारा लगाए गए कुछ लिंक! | रोक सको तो रोक लो... इन्तजार,इन्तजार है उसमें जितना गुस्सा उतना ही प्यार है.. |
GULDASTE - E - SHAYARI
- * दर्द को भी दर्द होने लगा, दर्द ख़ुद ही मेरे घाव धोने लगा, दर्द के लिए मैं तो रोया नहीं पर मुझे दर्द छूकर **ख़ुद** रोने लगा !
| जनसामान्य के लिए कैसा रहेगा कल शाम साढे तीन से साढे पांच के मध्य का समय ?? - गत्यात्मक ज्योतिष इस बात को नहीं मानता कि ग्रहों के हिसाब से रं... |
मेरे दिल की बात
इन्हें भी तो जोड़ो
जन-लोकपाल में ! - दुनिया उम्मीद पर ही टिकी होती है. हमें उम्मीद करनी चाहिए कि असत्य . अहंकार ,अत्याचार और भ्रष्टाचार पर आधारित यह समाज व्यवस्था बहुत... | HOME REMEDY ( HICHAKI ) ( हिचकी )* ==== कई कारणो से हमे हिचकी लग जाती है,काफी परेशानी होती है. क्या करे ? बस अपने दोनो कानो में अपनी उंगली... | विशेषधिकार की बात करने वालों से दो टूक . - आज संसद के विशेषाधिकार हनन की तलवार -ए - तोहमत माननीय किरण बेदी पर लटकाने वाले,ॐ पुरी पे गुस्साए हमारे सांसद, उस वक्त कहाँ थे जब कोंग्रेस के एक प्राधिकृत ..... |
दिनेश की दिल्लगी, दिल की सगी
सान-*सान सद*-कर्म को, बसा के *बद* में प्राण | *अपनी रोटी सेक के*, करते महा-प्रयाण | करते महा-प्रयाण, *साँस दो*-दो वे ढोते | ढो-ढो लाखों गुनी,...
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"आओ ज्ञान बढ़ाएँ-पहेली:97"
उत्तर देने का समय
30 अगस्त, 2011, सायं 7 बजे तक!
परिणाम 31 अगस्त, 2011 को प्रातः10 बजे तक
प्रकाशित किये जायेंगे!
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Love Everybody
*चन्दा मामा आवो ना ,*
*साथ मुझे ले जावो ना.*
*बादल के घोड़े पर चढ़ कर*
*मुझे घुमा कर लाओ ना.* ....
-0-0- हम दोनों के बीच |
राजभाषा हिंदी
- एक और जंजीर तड़कती है, भारत मां की जय बोलो।
इन जंजीरों की चर्चा में कितनों ने निज हाथ बँधाए,
कितनों ने इनको छूने के कारण कारागार बसाए...
-- "वो आना तो चाहती थी !"
पर छुपा न पायी
सुर्ख आँखों से बहे काजल से
चेहरे कि लाली छुपा न पायी
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ये अंश लिखने से पहले मन में बहुत से ख्यालात आये
नारियों की आज भी सामाजिक स्थिति दयनीय देख कर
मन कुंठा से भर गया
जब कुछ नारियों के मुंह से सुनी उनकी व्यथा...
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सोहन शर्मा उर्फ़ कांग्रेसी का प्यारी सोनिया मम्मी को खत आदरणीय मम्मी जी पहले तो मेरी गुजारिश स्वीकार करें, लौटती डाक से अपनी चरणधूली भेजने की असीम क्रुपा करें। ........ |
कर्मनाशा
इच्छाओं का जंगल और विराम से बाहर - * * *इच्छाओं के जंगल में* *दौड़ता फिरता है मन बावरा* *कहीं ओर न छोर* *बस रास्ते ही रास्ते **हर ओर * *एक दूसरे में गुम होता* *जंगल हरा - भरा..
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- अशोक सलूजा सब देख रहा भगवान ,
मत भूल अरे इंसान ........ यादें.....
मेरी यादों के गुलदस्ते से एक फूल आज फिर लाया हूँ
आप के लिए :- आज एक अपने मन-पसंद 'भजन' क...
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हमारे अधिकार, हमारा जीवन. 28 अगस्त 2011,
रविवार का दिन भारत के लोगों और लोकतंत्र के लिए
एक बड़ा दिन है. अन्ना हजारे की क्रांति को कामयाबी मिली है.
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जीवन की लंबी डगर पर देखे कई उतार चढ़ाव
अनेकों पड़ाव पार किये फिर भी विश्वास अडिग रहा |
कभी हार नहीं मानी जीवन लगा न बेमानी
जटिल समस्याओं का भी सहज.......
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अन्ना के आह्वान पर भारत की जनता का
बारह दिनों तक अहर्निश चलने वाला
ऐतिहासिकआंदोलन और आशा निराशा,
विश्वास अविश्वास और आश्वासन एवं
विश्वासघात के प्रहारों से..
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एक नई सोच का आगाज़
♥ अन्त में देखिए कार्टूनिस्ट के उद्गार ♥
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*मैं भी अन्ना.. तू भी अन्ना...*
*-- *आज हमने आजादी की दूसरी लड़ाई जीती है ..
सत्य है धरती पर जब-जब पाप बढेगा, ईश्वर उस...
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बडे श्रम से सजाया है चर्चा मंच।
जवाब देंहटाएं------
कसौटी पर शिखा वार्ष्णेय..
फेसबुक पर वक्त की बर्बादी से बचने का तरीका।
बहुत अच्छी चर्चा रही विद्या जी |अच्छी लिंक्स |
जवाब देंहटाएंश्री शास्त्री जी का आभार मेरी रचना आज के चर्चा मंच में शामिल करने के लिए|
आशा
बहुत सुन्दर चर्चा, चिन्मयी की पोस्ट को शामिल करने के लिए धन्यवाद !
जवाब देंहटाएंविविध रंगों से सजी सुंदर चर्चा ..आभार शास्त्री जी मेरी पोस्ट शामिल करने के लिए...
जवाब देंहटाएंAapke nimantrn ke bawzood mujhe apni kawita charcha-manch par nahi mili. Dhanyawad !
जवाब देंहटाएंबेहतरीन लिंक्स!
जवाब देंहटाएंआपका आभार ||
जवाब देंहटाएंआपका आभार ||
जवाब देंहटाएंShabdön ki heraferi hui. Galat tippani ja padi. Kshmaprarthi hoon. Meri kawita CHARCHAMANCH par saj kar dhany hui. Dhanyawad w aabhar !
जवाब देंहटाएंरूप जी!
जवाब देंहटाएं"अन्ना के लिए !
from अनुभूति ! by रूप"
आपकी पोस्ट की चर्चा 11 नम्बर पर लगी है।
लगता है कि आपने ध्यानपूर्वक आज का चर्चा मंच नहीं देखा है।
आज के लिंक्स की विविधता और प्रस्तुति आकर्षक है.
जवाब देंहटाएंमेरा हार्दिक आभार रूपचंद जी मेरी पोस्ट को चर्चामंच तक लाने के किये , सारे पोस्ट अच्छे लगे | आभार फिर से......सभी ब्लोगर साथियों को ..
जवाब देंहटाएंmeri rachna ko charcha manch tak lane ke liye aapka hardik aabhar .
जवाब देंहटाएंsabhi link bahut acche hai
सारे पोस्ट अच्छे लगे. आकर्षक....आभार
जवाब देंहटाएंबेहतरीन लिंक्स हैं आज भी ! मेरी माँ की कविता का चयन आपने चर्चामंच पर किया आभारी हूँ !
जवाब देंहटाएंविविध रूपा नारी सी मनभावन ,मौजू सजाई आपने मंच सज्जा चर्चा मंच की .आभार ,"विशेषाधिकार की बात करने वालों से दो टूक " दो चार होने के लिए
जवाब देंहटाएंसोमवार, २९ अगस्त २०११
क्या यही है संसद की सर्वोच्चता ?
http://veerubhai1947.blogspot.com/
चर्चा-मंच पर स्थान देने के लिए ...
जवाब देंहटाएंआभार !
एक सार्थक चर्चा....चर्चा मंच में पोस्ट शामिल करने के लिए आभार !
जवाब देंहटाएंbahut acchi charcha...ismei meri post ko shamil karne ke liye bahut bahut dhanybad...aabhar
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर और सार्थक मंच सजाया है ..........मेरी पोस्ट को शामिल करने के लिए धन्यवाद
जवाब देंहटाएंचर्चा मंच रंग बिरंगे
जवाब देंहटाएंफूलों का गुलदस्ता
हर फूल निरंतर
अपनी महक छोड़ता
बहुत सुन्दर और रोचक चर्चा..
जवाब देंहटाएंप्रस्तुतकर्ता डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक (उच्चारण) ji चर्चा मंच पर hichaki ko sthan dekar prcharit karane ke liye aapaka v aapki teem ka dil se aabhaar.baki sathiyon ki rachanaye bhi padhane ko mili ghar baithe hi itana kuchh badhayi.samman ke sath.
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