हम स्वतन्त्र हैं................? |
आप किस रोजगार(Profession) से धन कमाएंगें ?इन्सान को न केवल जिन्दा रहने बल्कि जीवन की गाडी को गतिमान बनाए रखने के लिए भी अपने लिए किसी सही रोजगार का चुनाव करना वैसा ही आवश्यक है, जैसा किसी मुसाफिर के लिए यात्रा से पूर्व अपने गंतव्य स्थल की दिशा निश्चित कर लेना. अगर हम यात्रा आरम्भ करने से पहले अपनी दिशा निश्चित न करें तो हम कभी एक ओर चलेंगें,कभी दूसरी ओर; कभी दायें तो कभी बायें, कभी आगे को तो कभी पीछे को. इसका परिणाम यह होगा कि बहुत समय तक घूमते रहकर भी गंतव्य तक न पहुँच पायेंगें. होगा यही कि जिस स्थान से चलना आरम्भ किया, उसके आसपास ही चक्कर लगाते रहेंगें अथवा यह भी सम्भव है कि रवानगी की जगह से भी शायद कुछ कदम पीछे हट जायें. यात्री के लिए यह बहुत जरूरी है कि वह पहले से यह स्थिर कर ले कि उसे किस दिशा में कदम बढाने है. इसी तरह व्यक्ति को अपने कैरियर के विषय में निर्णय लेने से पूर्व ये जान लेना चाहिए कि उसके भाग्य में किस माध्यम से धन कमाना लिखा है अर्थात उसकी जन्मकुंडली अनुसार उसे किस कार्यक्षेत्र में जाना है. |
इस बार का भारत प्रवास-----दीपक मशाल
इस बार जब भारत आया तो यू.के. से वहाँ पहुँचने के दो दिन के अन्दर बचपन में भूगोल की कक्षा में पढाये गए सारे यातायात के महत्वपूर्ण साधन प्रयोग कर डाले.. जल मार्ग, वायु मार्ग से लेकर थल मार्ग तक और थल मार्ग में भी रेल मार्ग एवं सड़क मार्ग.. इनके भी विस्तार में जाएँ तो ट्रेन,
मेट्रो, बस, कार, जीप, ऑटो-रिक्शा, रिक्शा, मोटरबाइक, साइकल सभी. किस्से-कहानियों, संस्मरण तो कुछ कविता के रूप में
कागज़ पर उतरने को. कई हिन्दी-साहित्य, ब्लॉग के महत्वपूर्ण हस्ताक्षरों से मुलाक़ात तो हुई ही साथ ही मुलाक़ात हुई अपने जीवनसाथी से और चट मंगनी पट ब्याह भी हो गया. हालांकि इस दौरान कुछ दुखद घटनाओं ने रास्ता रोकने की कोशिश भी की और यही वजह रही कि अधिकाँश दोस्तों से ना दुःख बांटा और ना ही खुशी. प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से आप सभी की दुआएं मिलती रहीं.. कह सकते हैं कि इस सब के बावजूद ब्लॉग की दुनिया से अलग नहीं रहा क्योंकि घर में ही एक ब्लॉगर मौजूद हैं... जी हाँ ब्लॉगर श्री संजय कुमार चौरसिया जी
जो कि रिश्ते में मेरे बहनोई भी हैं, हर सुख-दुःख में मेरे कन्धे से कन्धा मिलाते हुए मेरे साथ ही रहे..... |
तुम्हारे लिए …. डॉ नूतन गैरोला हे पुरुष! तुम मायासुत जैसे, मर्यादित.. तन मन की व्यथा भुला कर .. भूख प्यास से ऊपर उठ कर .. घर द्वार को पीछे रख कर .. दंभ हिंसा... |
वो चुप रहें तो ....100 वीं पोस्ट - Share साथियो, आज यह मेरी 100 वीं पोस्ट है...इसलिए कुछ उदासीनता भरा या आक्रोश भरा लिखने की बजाय सोचा कि क्यूँ न कुछ अच्छा अच्छा सा, मंद मंद ठंडी बयार जैसे... |
गीत.......मेरी अनुभूतियाँ
मैं यशोधरा नहीं होती - आज रश्मि प्रभा जी की रचना उनके ब्लॉग पर पढ़ी ...सिद्धार्थ ही होता उनके द्वारा लिखी गयी रचना की अंतिम पंक्तियों को ले कर जो विचार मेरे मन में उपजे ..उनको ... |
जन्मदिन...... - * मेरी छोटी बेटी निक्की का जन्मदिन * * * * * * अपने पापा की गोद में निक्की * * * * * * * *(पहला जन्म दिन निक्की का )* *( 4 अगस्त 1990 )* * * पंजाबी में* नि... |
सुना है आज रक्षाबंधन है - सुना है आज रक्षाबंधन है एक धागे में सिमटा भाई बहन के प्यार का बँधन जो धागे का मोहताज नहीं होता सिर्फ स्नेह की तार में लिपटा एक अनोखा बँधन मगर पता नहीं यहाँ... जब तुम्हारा नया जन्म होगा……एक अपील देश की जनता के नाम - स्वतंत्रता दिवस है या महज औपचारिकता? क्या वास्तव मे स्वतंत्रता दिवस है? क्या वास्तव मे हम स्वतंत्र हैं? कौन से भ्रम मे जी रहे हैं हम? किसे धोखा दे रहे है... |
विचार
क्या यही है स्वतंत्रता! - स्वाधीनता दिवस पर …क्या यही है स्वतंत्रता! स्वतंत्रता की पैंसठवीं जयंती, मना रहे हम भारतवासी। सैंतालिस के मध्य निशा की, क्या हमको है याद ज़रा सी। ख़ु... हे मातृभूमि शत कोटि नमन! - *हे मातृभूमि शत कोटि नमन!* *करण समस्ती पुरी* ** हे मातृभूमि शत कोटि नमन! करते हैं रवि-शशि-तारक गण, निशि-दिन तेरा पूजन-वंदन। हे मातृभूमि शत ... |
kaushal
स्वतंत्रता दिवस भ्रष्टाचार और आज की पीढ़ी - स्वतंत्रता दिवस की ६५ वीं वर्षगांठ मनाने को लेकर जहाँ सरकारी क्षेत्र में हलचल मची है वहीँ जनता में असमंजस है कि हम क्या करें क्योंकि जनता को आज कहीं ... बड़ी कीमती आजादी है!आया फिर से आजादी का दिन ये प्यारा ,.
चहुँ दिशा में गूँज रहा ''जयहिंद' का नारा जश्न मनाएं आओ मिलकर हम सब झूमें .... शिखा कौशिक |
India to celebrate 65th Independence Day
India, the world’s biggest democracy, celebrates its 65th Independence Day reminding
the masses of an end to British rule on August 15, 1947. |
मनमोहन को सत्ता सुंदरी का पत्र - श्री मन्नू प्यारे इसलिये नहीं कहा कि अब मुझे आपसे प्यार नहीं रहा। पिछले सभी पतियों की तरह आपकी भी फ़ोटो मेरे भूतपूर्व पतियों के साथ टंगने वाली है। इन पतिय... |
जा रहे हैं वो मुस्कुराते हैं - मेरे जानिब से जब भी जाते हैं। पाँव उनके भी डगमगाते हैं॥ जो दिये बुझ चुके थे यादों के, राहे-उल्फ़त मेँ जगमगाते हैं। अश्क़ हैं के ठहर नहीं सकते, चश्म बे-वक़्... |
अमन का पैग़ाम
अमन का पैग़ाम अब करने है लगा दिलों पे असर - जी हाँ अमन का पैग़ाम है ही ऐसी चीज़ जिसका असर सीधे दिलों पे हुआ करता है. इस ब्लॉग ने पिछले १६ महीनो मैं इस समाज मैं अशांति फैलाने वाले हर संभव कारणों पे ... |
दिनेश की दिल्लगी, दिल की सगी
भोग-विलासी जीवन के हित पागल पूरे - कनरसिया के कानों के भी कान-खजूरे--- मनभावन सुर-तालों को अब बेढब घूरे || व्यस्त जमाने के पहलू में ऊँघे बच्चा कैसे पूरे हों बप्पा के ख़्वाब अधूरे |... |
सरस पायस दूरभाष : नई कविता : रावेंद्रकुमार रवि - दूरभाष हैलो, सागर! मैं वर्षा बोल रही हूँ! मैं संध्या के साथ आ रही हूँ, तुमसे मिलने! वसुधा से कहना – वह प्रतीक्षा न करे! आकाश उससे कभी नहीं मिलेग... |
ताज भी गया , आबरू भी गई
भारत तीसरा टेस्ट मैच चौथे दिन ही एक पारी और 242 रन से हार गया . अलेस्टर कुक ने 294 रन बनाए और शर्म की बात यह रही की पूरी भारतीय टीम इस मैच में एक बार भी इतने रन नहीं बना पाई . एक बार वह 224 पर सिमट गई तो दूसरी बार 244 पर . भारतीय गेंदबाज़ इस मैच में पूरी तरह से रंगहीन नजर आए . इंग्लैण्ड ने मात्र सात विकेट पर 710 रन बना लिए . बीस विकेट लेने के स्वप्न देखने वाली टीम दस विकेट भी नहीं ... |
नन्हे सुमन
"अल्मौड़ा की बॉलमिठाई" - *मेरे पापा गये हुए थे,* *परसों नैनीताल।* *मेरे लिए वहाँ से लाए,* *वो यह मीठा माल।। खोए से यह बनी हुई है, जो टॉफी का स्वाद जगाती। मीठी-मीठी बॉल लगी हैं,*... |
उच्चारण
"गीत-...बन्दी है आजादी अपनी,." * आज स्वाधीनता की 65वीं वर्षगाँठ पर* *अपने दो गीत प्रस्तुत कर रहा हूँ!* *पहला गीत अपने प्यारे वतन को समर्पित है!* *मेरे पति (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक") न... |
शब्दों का दंगल
‘‘महाकवि तुलसीदास’’ - ‘‘महाकवि तुलसीदास’’ "सूर-सूर तुलसी शशि, उडुगन केशव दास। अब के कवि खद्योत सम, जहँ-तहँ करत प्रकाश।।’’ ** *ब्लागर मित्रों!* आज से 20 वर्ष पूर्व मेरा एक लेख ... |
मयंक
"उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचन्द के जन्म-दिवस पर विशेष" - *मुंशी प्रेमचन्द का जीवन परिचय * *(Premchand's Biography)* ** *जन्म-* प्रेमचन्द का जन्म ३१ जुलाई सन् १८८० को बनारस शहर से चार मील दूर लमही गाँव में हुआ था।.. |
अमर भारती साप्ताहिक पहेली-95 में इस चित्र को पहचानकर इसका नाम और स्थान बताइए! |
"गर्जना" न कुचलो हमारी स्वाधीनता को इस तरह, कि इसके लिए हमने बहुत कुछ सहा है, खैरात में नहीं मिली है हमे ये आजादी, कितने कुर्बान हुए हैं और कितनो का लहू बहा है |... |
प्रेरक प्रभावशाली प्रस्तुति ,देश-प्रेमी का देश-प्रेम छलकता हुआ, गुलशन है सरफरोशों का , सरफरोसी उन्वान है .. जय- हिंद ..../ शुभकामनायें सर ../
जवाब देंहटाएंसुन्दर सूत्र।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर लिंक्स का संकलन...
जवाब देंहटाएंबढ़िया चर्चा...
राष्ट्र पर्व की हार्दिक बधाईयाँ....
बहुत सुंदर लिनक्स ...शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंधन्यवाद शास्त्री जी ,आज के लिंक बहुत ही उम्दा है ..मेरी कविता को स्थान देकर मेरा मान बढाने के लिए शुक्रिया !
जवाब देंहटाएंshastri ji
जवाब देंहटाएंaap mujhe to bhool hi gaye .teen bar tooti-footi charcha maine bhi prastut ki thi .aabhar aaj ki sarthak charcha hetu .
kaushal
जवाब देंहटाएंस्वतंत्रता दिवस भ्रष्टाचार और आज की पीढ़ी - स्वतंत्रता दिवस की ६५ वीं वर्षगांठ मनाने को लेकर जहाँ सरकारी क्षेत्र में हलचल मची है वहीँ जनता में असमंजस है कि हम क्या करें क्योंकि जनता को आज कहीं ...
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शिखा जी क्या यह ब्लॉग आपका नहीं है?
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भूल हो गई जी!
आपकी जगह आपकी बहन जी के ब्लॉग का लिंक दे दिया है!
इनके लिंक के साथ ही आपके भी किसी ब्लॉग की चर्चा जोड़ रहा हूँ!
बेहद सजगता से सजाई गयी चर्चा ...!
जवाब देंहटाएंशास्त्री जी ,
जवाब देंहटाएंआज आपने चर्चा मंच पर हम दोनों बहनों को एक साथ स्थान दिया इसके लिए हम दोनों ही आपकी बहुत बहुत आभारी हैं .सार्थक चर्चा प्रस्तुत करने में आपका कोई जवाब नहीं.सभी लिनक्स तो अभी नहीं देख पाई हूँ पर विश्वास है की उपयोगी व् शानदार लिंक्स ही आपकी चयन की श्रेणी में आये होंगे.बधाई.
शास्त्री जी,
जवाब देंहटाएंकौशल ब्लॉग मेरा है और शिखा जी इसे अपना मान भी लें तो ये तो नहीं मानेगी की ये विचार भी उनके हैं सभी के अलग विचार होते हैं और इसीलिए सभी अपने ब्लॉग अलग रखते हुए अपने विचार वहां प्रस्तुत करते हैं फिर शिखा के तो कई ब्लॉग हैं मेरा तो बस एक है जहाँ मैं अपने विचारों को खुले मन से प्रस्तुत करती हूँ यदि आपकी बात से उत्साहित हो शिखा ने वह ब्लॉग भी अपना लिया तो मेरा क्या होगा.
अच्छे लिंक्स का चयन ...
जवाब देंहटाएंपढ़ते हैं बारी- बारी...
शुभकामनायें एवं आभार !
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंइंजी. प्रदीप कुमार साहनी जी!
जवाब देंहटाएंआपकी मेल मिली!
इसपर रचना भले ही आपकी हो,
मगर ब्लॉग तो यह सत्यम शिवम जी का ही है!
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर लिनक्स ...शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंजी शास्त्री जी |
जवाब देंहटाएंमैं समझ गया था | इसलिए मैंने कमेन्ट हटा भी लिया हिया |
आपका बहुत बहुत धन्यवाद् मेरी रचना को शामिल करने के लिए |
गर्जना का लिंक
itne sare charchakaron ko ek sath paakr behad khushi hui
जवाब देंहटाएंaapka aabhaar
बहुत सुन्दर चर्चा...व्यवस्थापक का धर्म भी होता है कि घर के सदस्यों पर भी ध्यान दे और मैं कह सकता हूँ कि कुशल व्यवस्थापन के लिए आवश्यक गुण आप में भरपूर है...आभार
जवाब देंहटाएंचर्चा का बहुत सुन्दर अन्दाज़ रहा…………बधाई।
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छी चर्चा और लिंक्स ।
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया लिंक्स के साथ सार्थक स्वतन्त्रमयी चर्चा प्रस्तुति के लिए आभार!
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत धन्यवाद शास्त्री जी..पुराने चर्चाकारों संग सभी चर्चाकारों को याद करने के लिये आभार....आपका दिल बहुत बड़ा है...हम तो अभी नादान है,बच्चे है.....यूँही आशीर्वाद बनाये रखे।
जवाब देंहटाएंबहुत रोचक चर्चा...
जवाब देंहटाएंcharcha manch ke purane naye sabhi saathiyon ki rachnao ko yahan samman dene ke liye aabhar.
जवाब देंहटाएंइस चर्चा में विविध आयाम हैं। बहुत अच्छी चर्चा।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर लिंक्स का संकलन...
जवाब देंहटाएंबढ़िया चर्चा...
राष्ट्र पर्व की हार्दिक बधाईयाँ....
bahut sundar charcha .... aur meri rachna ko sthaan dene ke liye aapka tahe dil shukria
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