मित्रों!
बुधवासरीय चर्चा में एक बार फ़िर आप सब का स्वागत है । चर्चा शुरू करने के पहले मैं फ़िर आप सब से आह्वान करता हूं कि देश में चल रहे संक्रमण काल में अपनी लेखनी को राजनैतिक अव्यवस्था पर केंद्रित रखें । जरूरी नहीं कि आपकी सोच सरकार के विरूद्ध ही हो पर जनता के सामने दोनो पक्षों की कमियां और खूबियां रखने का काम लेखक का ही होता है । मुख्यधारा की मीडिया के सरकार और कारपोरेट हाउस के धनबल मे बह जाने के कारण समाज को जगाने की जिम्मेदारी इंटरनेट पर लिखने वालों पर आ गई है ।
तलवारों को लहराने दो
बाणो को चल जाने दो
अब न हो इश्क गिले शिकवे
कलम को आग लगाने दो
चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ साहब ने बताया क्या बताऊँ के क्या ग़ज़ब देखा आज संसद मे कांग्रेस का स्लट वाक हो रहा था नीरेन्द्र नागर साहब का कहना था कि साहब बेशर्म और ढीठ सरकार से यही उम्मीद थी! । प्रमोद जोशी जी ने कहा संसदीय व्यवस्था को प्रभावी बनाना भी हमारी जिम्मेदारी है । स्वराज्य करूण जी ने कहा मांगते क्यों नही जवाब पूछो -पूछो कौन हैं वो ? जो देश को लूट रहा है । कुंवर प्रीतम जी ने कहा बापू, लो अवतार आज फिर वही पुराने वेश में तभी होगा हमारा उद्धार ।एम सिंह जी ने तीखा तड़का लगाया चकित क्यों हैं सिब्बल साहब जिस दिन देश मे शिक्षा फ़ैल जायेगी 100 % लोगो की राय आपके खिलाफ़ हो जायेगी । ललित शर्मा जी ने झाड़ू लगाओ का नारा लगा दिया अथ सम्मार्जनी कथा --- ललित शर्मा बोलने लगे कचरे को देश से बाहर फ़ेंकना ही सही है । उनकी कथा पढ़ हमे बहुत गुस्सा आया झाड़ू का इतिहास लिखा और उस झाड़ू से सदियों से पिटते आये पतियो का नाम ही न लिया । हमने पत्नि पीड़ित संघ की ओर से उन्हे नोटिस दे दिया है । कल तक भूल ना सुधारी तो ब्लाग गंज में उनके खिलाफ़ अनशन किया जायेगा । खुशदीप सहगल जी ने कहा कहीं बाहर नही भेजना है भाई तिहाड़ ही सही है कुछ चले गए, कुछ जाने को तैयार... हैं । हिमांशु राय जी ने कहा भाई , सदियो से शोषण का इतिहास है पढ़ लीजिये बन्दर नामा । शास्त्री जी का एंगल अलग था “आजादी की वर्षगाँठ तो एक साल में आती है” (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’) उस दिन को खुशी का त्योहार मनाओ न कि विरोध का ।अविनाश वाचस्पति जी शीला के शब्दों की जवानी मे चुनावी नारों की हकीकत बता रहे हैं । वहीं धनंजय जी चाँद दिखा मे बड़ी ही कसी हुई लेखनी मे इफ़्तेखार की दावत मे भी सियासत का घिनौना चेहरा दिखा रहे हैं । आज साहित्यिक दृष्टी से एक ही लेख का चयन किया है सृजन और समाज ..............केवल राम । जिसे छोड़ते न बना हलांकि मन यही था केवल समसामयिक रचनाओं को शामिल करुं पर ऐसी शानदार लिखावट छोड़ते न बनी । आखिर मे भगवान शिव के सावन महिने मे जाट देवता (संदीप पवाँर) चलो श्रीखण्ड महादेव की ओर (पिंजौर से जलोढी जोत) भाग 3 को पढ़ना मतलब बिना टिकट महादेव दर्शन और पुण्य लाभ । समापन विद्या जी के गाजर का हलवा से ।
पुनश्च - जिन्हे भी चर्चामंच मे चर्चाकार बन सहयोग प्रदान करने की इच्छा हो टैस्ट चर्चा मंच: "सूचना" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक") वे यहां क्लिक कर आगे की जानकारी ले सकते हैं ।
बुधवासरीय चर्चा में एक बार फ़िर आप सब का स्वागत है । चर्चा शुरू करने के पहले मैं फ़िर आप सब से आह्वान करता हूं कि देश में चल रहे संक्रमण काल में अपनी लेखनी को राजनैतिक अव्यवस्था पर केंद्रित रखें । जरूरी नहीं कि आपकी सोच सरकार के विरूद्ध ही हो पर जनता के सामने दोनो पक्षों की कमियां और खूबियां रखने का काम लेखक का ही होता है । मुख्यधारा की मीडिया के सरकार और कारपोरेट हाउस के धनबल मे बह जाने के कारण समाज को जगाने की जिम्मेदारी इंटरनेट पर लिखने वालों पर आ गई है ।
तलवारों को लहराने दो
बाणो को चल जाने दो
अब न हो इश्क गिले शिकवे
कलम को आग लगाने दो
चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ साहब ने बताया क्या बताऊँ के क्या ग़ज़ब देखा आज संसद मे कांग्रेस का स्लट वाक हो रहा था नीरेन्द्र नागर साहब का कहना था कि साहब बेशर्म और ढीठ सरकार से यही उम्मीद थी! । प्रमोद जोशी जी ने कहा संसदीय व्यवस्था को प्रभावी बनाना भी हमारी जिम्मेदारी है । स्वराज्य करूण जी ने कहा मांगते क्यों नही जवाब पूछो -पूछो कौन हैं वो ? जो देश को लूट रहा है । कुंवर प्रीतम जी ने कहा बापू, लो अवतार आज फिर वही पुराने वेश में तभी होगा हमारा उद्धार ।एम सिंह जी ने तीखा तड़का लगाया चकित क्यों हैं सिब्बल साहब जिस दिन देश मे शिक्षा फ़ैल जायेगी 100 % लोगो की राय आपके खिलाफ़ हो जायेगी । ललित शर्मा जी ने झाड़ू लगाओ का नारा लगा दिया अथ सम्मार्जनी कथा --- ललित शर्मा बोलने लगे कचरे को देश से बाहर फ़ेंकना ही सही है । उनकी कथा पढ़ हमे बहुत गुस्सा आया झाड़ू का इतिहास लिखा और उस झाड़ू से सदियों से पिटते आये पतियो का नाम ही न लिया । हमने पत्नि पीड़ित संघ की ओर से उन्हे नोटिस दे दिया है । कल तक भूल ना सुधारी तो ब्लाग गंज में उनके खिलाफ़ अनशन किया जायेगा । खुशदीप सहगल जी ने कहा कहीं बाहर नही भेजना है भाई तिहाड़ ही सही है कुछ चले गए, कुछ जाने को तैयार... हैं । हिमांशु राय जी ने कहा भाई , सदियो से शोषण का इतिहास है पढ़ लीजिये बन्दर नामा । शास्त्री जी का एंगल अलग था “आजादी की वर्षगाँठ तो एक साल में आती है” (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’) उस दिन को खुशी का त्योहार मनाओ न कि विरोध का ।अविनाश वाचस्पति जी शीला के शब्दों की जवानी मे चुनावी नारों की हकीकत बता रहे हैं । वहीं धनंजय जी चाँद दिखा मे बड़ी ही कसी हुई लेखनी मे इफ़्तेखार की दावत मे भी सियासत का घिनौना चेहरा दिखा रहे हैं । आज साहित्यिक दृष्टी से एक ही लेख का चयन किया है सृजन और समाज ..............केवल राम । जिसे छोड़ते न बना हलांकि मन यही था केवल समसामयिक रचनाओं को शामिल करुं पर ऐसी शानदार लिखावट छोड़ते न बनी । आखिर मे भगवान शिव के सावन महिने मे जाट देवता (संदीप पवाँर) चलो श्रीखण्ड महादेव की ओर (पिंजौर से जलोढी जोत) भाग 3 को पढ़ना मतलब बिना टिकट महादेव दर्शन और पुण्य लाभ । समापन विद्या जी के गाजर का हलवा से ।
पुनश्च - जिन्हे भी चर्चामंच मे चर्चाकार बन सहयोग प्रदान करने की इच्छा हो टैस्ट चर्चा मंच: "सूचना" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक") वे यहां क्लिक कर आगे की जानकारी ले सकते हैं ।
अच्छे लिनक्स लिए चर्चा.... आभार
जवाब देंहटाएंचर्चा बहुत अच्छी रही |बधाई
जवाब देंहटाएंआशा
दवे जी,इस चर्चा में मुझे भी शामिल करने के लिए धन्यवाद,अब ब्लागिंग को लेकर उत्साह बढ़ रहा है.चर्चामंच का कलेवर काबिले तारीफ है.
जवाब देंहटाएंआज की चर्चा बहुत सुन्दर और संतुलित है!
जवाब देंहटाएंआभार!
बहुत सुन्दर चर्चा... बधाई....हमारा भी लिंक शामिल किया आभार
जवाब देंहटाएंचर्चा का अंदाज बहुत प्रभावी है ....हमारी एक छोटी सी कोशिश और विचार को सुंदर शब्दों सहित चर्चा में शामिल करने के लिए आपका आभार ....!
जवाब देंहटाएंबहुत ही शानदार चर्चा रही। बढिया लिंक, झमाझम बरसाती चर्चा,हलवे के स्वाद के साथ। मजा आ गया।
जवाब देंहटाएंपठनीय सूत्र।
जवाब देंहटाएंअति सुन्दर चर्चा .
जवाब देंहटाएंशानदार चर्चा ||
जवाब देंहटाएंअच्छी चर्चा !
जवाब देंहटाएंbahut sundar prastyti ,manoveg se sanvari gayi rachanaon ko samman dete huye sarahniya prayas ...dhanyavad ji
जवाब देंहटाएंहलचल मच गयी आज तो ....बस पढ़ते जाना है ..!
जवाब देंहटाएंसारगर्भित संक्षिप्त टिप्पणियों से की गयी सजावट के साथ बेहतरीन चर्चा के लिए बहुत-बहुत बधाई .आपने 'मेरे दिल की बात' को भी जगह दी ,इसके लिए आभार.
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा।
जवाब देंहटाएंआपकी चर्चा अच्छी है। कुछ और लेखकों के लिंक भी हमें अच्छे लगे तो उन्हें भी हम यहां ले आए ताकि अगर आपकी चर्चा सोना लगे तो यह सहायक चर्चा ‘सुहागा‘ साबित हो।
जवाब देंहटाएंहमारा यह प्रयास कैसा लगा ?
आप भी बताइयेगा।
देखिए अलग-अलग लेखकों के कुछ लिंक्स :
1- अच्छी टिप्पणियाँ ही ला सकती हैं प्यार की बहार Hindi Blogging Guide (22)
http://hbfint.blogspot.com/2011/08/hindi-blogging-guide-22.html
2- औरत हया है और हया ही सिखाती है , ‘स्लट वॉक‘ के संदर्भ में
http://hbfint.blogspot.com/2011/08/blog-post_5673.html
3- हाइकु गीत ----- दिलबाग विर्क
http://hbfint.blogspot.com/2011/08/blog-post_97.html
4- मुस्कुरा दिया करना
http://hbfint.blogspot.com/2011/08/blog-post_1517.html
5- ये हैं क्रिकेट के बद्तमीज़
http://hbfint.blogspot.com/2011/08/blog-post_1989.html
6- राष्ट्र गान--किसकी जय गाथा
http://hbfint.blogspot.com/2011/08/blog-post_02.html
7- ख़ुशख़बरी और मुबारकबाद Good news
http://blogkikhabren.blogspot.com/2011/08/good-news.html
--
*हिंदी ब्लॉगिंग http://hbfint.blogspot.com* को बढ़ावा देने के मक़सद से ही
आपको यह लिंक प्रेषित किए जाते हैं जिन्हें आप अपने मित्रों को फ़ॉरवर्ड कर दिया
करें ताकि नए लोग हिंदी ब्लॉगिंग से जु़ड़ें। अगर आपको इन लिंक्स के आने से
परेशानी होती है तो कृप्या सूचित करें ताकि आपका नाम सूची से हटाया जा सके।
हमारा मक़सद आपको परेशान करना नहीं है। अगर आप भी अपना ब्लॉग संचालित करते हैं
या आप सामान्य नेट यूज़र हैं और हिंदी ब्लॉगर्स से कोई विचार साझा करना चाहते
हैं तो आप भी अपनी पोस्ट का लिंक या कंटेंट भेज सकते हैं। उसे ज़्यादा से
ज़्यादा हिंदी ब्लॉगर्स तक पहुंचा दिया जाएगा। शर्त यह है कि यह कंटेंट
देशप्रेम की भावना को बढ़ाने वाला और समाज के व्यापक हित में होना चाहिए। हिंदी
ब्लॉगिंग को सार्थक दिशा देना ही ‘ब्लॉग की ख़बरें‘ का मक़सद है।
धन्यवाद !
शानदार चर्चा.
जवाब देंहटाएंअच्छी चर्चा
जवाब देंहटाएंदवे जी -राजनीति से जुड़े इतने लिनक्स एक साथ यहाँ प्रस्तुत करने हेतु हार्दिक धन्यवाद .आभार
जवाब देंहटाएंचर्चा बहुत अच्छी रही |बधाई
जवाब देंहटाएंbahut badiya charcha prastuti ke liye aabhar!
जवाब देंहटाएंआज मैंने भी सारे लिंक्स पढ़ें हैं ,काफी अच्छे -अच्छे हैं .आभार आपका
जवाब देंहटाएंपठनीय लिंक्स के प्रस्तुतिकरण हेतु आभार...
जवाब देंहटाएं