|
इस तरह मत ... - इस तरह मत देखूँ तुम्हें कि कि अनदिखा ही रह जाय तुम्हारा रूप-लावण्य अनछुआ ही रह जाय तुम्हारी आंतरिक बनक दबे ही रह जाएँ मन में हिलोरें लेते सपन...
|
ब्लॉग की ख़बरें में पढ़िए-
|
|
|
|
- धुली-धुली सी धरा का ... खिला-खिला सा ये रंग जीवन ...!! बरसती पुरज़ोर घटा का... बिखरी अलकों से टप...टप...टपकता .. भीगा-भीगा सा ये रूप जीवन...!! ये सौंदर्य जीवन...!!!! |
बेअख्तियार सी हैं करवटें बहुत भारी है आज की रात, कह दिया यूँ तल्ख़ी से उसने तन्हाई है ज़िन्दगी की बात .....
फिर से मात... |
एक छोटी सी पोस्ट बेहद बड़ा और गंभीर सवाल लिये हुये।
और भी कई गम है ज़माने में भ्रष्टाचार के सिवाय। नक्सलवाद भी एक फ़ोड़ा है को नासूर बन गया है |
दुर्भाग्य यह है सरकार अभी भी छल बल अगर मगर में बात कर रही है यह तो मानती है हिन्दुस्तान की राजनीतिक काया पर ट्यूमर जगह बना चुका है
|
चंद शेर पढ़िए दिल की बातें में
यह मजबूरियां ...- *अब मैं कैसे देखूं सपने, तुझसे मिलने के ,
* *मेरी आँखों ने तो नींद से रिश्ता तोड़ रखा है |*
*और नींद रूठी है एक मासूम बच्चे की तरह,*....
|
अशोक सलूजा जी कह रहे हैं!
कभी वक्त राह में रुक गया ,कभी फूल लौट के आ गये. वो जो गीत तुमने सुना नही ,मेरी उम्र भर का रियाज़ था , मेरे दर्द की थी वो दास्ताँ ,... |
जलो तो चरागों की तरह जलो
शबे-गम के इरादों की तरह जलो किसने देखी है सुबह आफताब के वादों की तरह जलो कतरा कतरा काम आये किसी के किसी काँधे पे दिलासे की तरह... |
"छोटू" -
चाय की दुकान पे, एक बालक है रहता |
नौ-दस वर्षीय, सकुचाया हुआ-सा |
चाय पीने वालों का मुख निहारता रहता ;
पेंट भी है ढीला, गंजी भी फटेहाल |....
|
|
|
|
मेरे हिस्से का सामान....... - * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * *पूनम सी गुजरे तेरी हर रात * *मेरे हिस्से में ही अमावस आये
|
दोस्ती क्या है - *प्यार जीवन का सलोना गीत है।*** *ये वही है साज जिसमें प्रीत का संगीत** **है।*** *जय-पराजय की नहीं इसमें जगह,*** *जीत में भी हार है और हार में भी जीत है।।**...
|
नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की पुण्यतिथि - आज़ाद हिन्द फ़ौज़ द्वितीय विश्व युद्ध में ब्रिटेन और मित्र राष्ट्रों की विजय के बाद जापान से वायुमार्ग से रूस की ओर जाते हुए महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सु...
|
यह नहीं अंजाम है || - दोस्तों, नागरिकों का उफान अब कुछ कुछ रंग तो लाया है पर ढीला ना पड़ जाए यह उफान अब कि बड़ा गहरा काला साया है बस एक मोर्चा ही जीता है अभी बाकी अभी सारा संग्राम...
|
इस से पहले भी तो दूसरी आजादी आयी थी ? - देश में दूसरी आजादी के लिये आन्दोलन चल रहा है। और मैं समझ नहीं पा रहा हूँ कि इस से पहले भी तो दूसरी आजादी आयी थी, उसे कहाँ गुमा आये ? मैं यह भी नहीं समझ ...
|
अगर लामप्याले और मिस समीला टेढी के कहने पर चले तो.... - ताऊ महाराज धॄतराष्ट्र राजमहल के तलघर में बने अपने गुप्त कक्ष में चिंता मग्न बैठे हुये हैं. पास ही मिस समीरा टेढी गमजदा बैठी हुई है. दोनों के चेहरे पिटे हुय...
|
*''बिटिया रानी ''* * *दादा जी कहते हैं मुझको ' राजदुलारी ' ,
* *दादी कहती - मेरी पोती ' सबसे प्यारी' ,* *
|
और अन्त में देखिए यह कार्टून!
|
शास्त्री जी नमस्कार ...
जवाब देंहटाएंसुंदर लिंक्स संकलन है आज की चर्चा का ....
मुझे स्थान देने के लिए ह्रदय से आभार....!!
शास्त्री जी नमस्कार ...
जवाब देंहटाएंसुंदर लिंक्स संकलन है आज की चर्चा का ....
मुझे स्थान देने के लिए ह्रदय से आभार....!!
सबसे पहले तो हम भी यही दोहरा दें कि
जवाब देंहटाएंशास्त्री जी नमस्कार ...
सुंदर लिंक्स संकलन है आज की चर्चा का ....
मुझे स्थान देने के लिए ह्रदय से आभार....!!
---और सच यह है कि हर तरह के रंग इसमें मौजूद हैं !!!
शास्त्री जी धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंचर्चा में मेरा कार्टून भी सम्मिलित करने के लिए आभार.
जवाब देंहटाएंचर्चा न सिर्फ़ ज़ोरदार है बल्कि असरदार भी। अंत जिस कार्टून से हुआ उसने तो काफ़ी असर पैदा किया है।
जवाब देंहटाएंnice
जवाब देंहटाएंअन्ना जी को ताकत देना, लोकपाल को लाने की।
जवाब देंहटाएंआज जरूरत जन-गण-मन के सोये भाव जगाने की।।
.
बढ़िया लिंक्स और बेहतरीन चर्चा
बढ़िया लिंक्स और बेहतरीन चर्चा
जवाब देंहटाएंचर्चा के अन्दर चर्चा अनेक संभावनाओं को छिपाए फैलाए आगे बढती है शाष्त्री जी की यह चर्चा .अन्नाके रंग इन्द्रधनुषी कविता के संग बिखेरती हुई चर्चा आगे बढती है .जय अन्ना .जय श्री अन्ना .
जवाब देंहटाएंबृहस्पतिवार, १८ अगस्त २०११
उनके एहंकार के गुब्बारे जनता के आकाश में ऊंचाई पकड़ते ही फट गए ...
http://veerubhai1947.blogspot.com/
http://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/
Friday, August 19, 2011
संसद में चेहरा बनके आओ माइक बनके नहीं .
Thanks for the great links.
जवाब देंहटाएंधन्यवाद की आपने इस बार की मेरी रचना को अपने चर्चा में जगह दी। पर आप किस बात से असहमत हैं ये मुझे नही पता चल सका।
जवाब देंहटाएंबहुत सारे लिंकों से संयुक्त अच्छी चर्चा .. मेरी पोस्ट शामिल करने के लिए आभार !!
जवाब देंहटाएंbahut achchi rahi charcha,mera lekh shamil karne ke liye abhari hun.
जवाब देंहटाएंसुन्दर लिंक्स से सजी रोचक चर्चा..
जवाब देंहटाएंShastri ji , charcha manch me shamil karne ka bahut bahut dhanyvaad...
जवाब देंहटाएंsundar v sarthak charcha.aabhar
जवाब देंहटाएंअलग अलग मूड के अच्छे लिंक्स...
जवाब देंहटाएंआभार !
बहुत ही चर्चा एवं लिंक्स के साथ ही मेरी रचना को स्थान देने के लिये आपका बहुत - बहुत आभार ।
जवाब देंहटाएंचर्चामंच पर स्थान देने के लिये आभारी हूं शास्त्री जी.
जवाब देंहटाएंहमेशा की तरह आज भी बेहतर लिंक्स से सजा हुआ है ये चर्चा मंच
जवाब देंहटाएंअन्ना के मसले पर मेरा विरोध है। मैं अन्ना की मांगो से सौ फीसदी सहमत हूं, लेकिन उनके तरीके से सौ फीसदी असहमत।
मेरी बातों को प्लीज अन्यथा ना लें।
शास्त्री सर, राम राम :)
जवाब देंहटाएंहमेशा की ही तरह सुन्दर लिनक्स हैं | मेरा लिंक शामिल करने के लिए धन्यवाद | आजकल मैं कम ही ब्लोग्स पर टिप्पणी कर पाती हूँ, क्योंकि कोलेज शुरू हो गए हैं| आज शनिवार है, तो आधा दिन बाद घर - सो टिप्पणी कर पा रही हूँ :)
आजकल सब ओर देशभक्ति की लहर है, बस ये लहर फिर से बैठ ना जाए - यही आशा है |
पठनीय सूत्र।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चर्चा ||
जवाब देंहटाएंअथक परिश्रम झलक रहा है ||
धन्यवाद |
जवाब देंहटाएंसारगर्भित ,सामयिक रचनाएँ स्थान पाती हुयीं ,आपके कोमल ,परिष्कृत बाग में , सुगंध बिखेर रही हैं .......
जवाब देंहटाएंसुंदर संकलन संपादन का आभार सर ! ...
बढिया लिक दिए हैं शास्त्री जी आपने। आभार॥
जवाब देंहटाएंचर्चा में मेरा लिंक देने के लिए आभार...
जवाब देंहटाएंजय हिंद...
आदरणीय रूप चन्द्र जी,
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग को यहाँ सम्मिलित कर मान देने केलिए ह्रदय से आभार.