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गुरुवार, अगस्त 11, 2011

"अंदाज़ की बातें करो!" चर्चा मंच - 603

आज की चर्चा में आप सबका हार्दिक स्वागत है 

चर्चा मंच पर एक तरफ 600 से अधिक चर्चाएँ प्रस्तुत की जा चुकी हैं तो दूसरी तरफ इसके अनुसरण कर्ताओं की संख्या भी 600 का आंकड़ा पार कर चुकी है . यह इस मंच की महानता है और इससे जुड़े हर शख्स को इस पर गर्व होगा . आशा है यह मंच इसी तरह प्रगति पथ पर बढ़ता रहेगा .

अब चलते हैं चर्चा की ओर

सबसे पहले गद्य रचनाएँ
  •  लघुकथाओं में प्रेम को परिभाषित कर रहे हैं उमेश कुमार चौरसिया
  • परिकल्पना ब्लोगोत्सव पर है कन्या शिशु की पीड़ा का ब्यान करती प्रीत अरोड़ा की कहानी संयोग.
  • कहानी संग्रह पहचान की समीक्षा पढ़िए ब्लॉग कलम पर.
  • एक नज़र इतिहास के पन्नों पर 
  • गाँधी जी की द. अफ्रीका की यात्रा का वृत्तांत पढ़िए विचार ब्लॉग पर.
  • चिन्तन विषय पर चिंतन कर रहे हैं केवल राम .
  • अजित गुप्ता जी सुना रही हैं रेल यात्रा का अनुभव.
  • भारत रत्न किसे मिलना चाहिए, पढ़िए व्यंग्यलोक पर.
  • भारत में बात को रफा-दफा करने का तरीका बताया जा रहा है हास्यफुहार ब्लॉग पर .
  • मैं बड़ा तू छोटा --- यही तो सोचते हैं सब , ऐसा ही बता रही हैं डॉ. मोनिका शर्मा जी.
  • छह अंधे और हाथी का प्रसंग के माध्यम से सभी दृष्टिकोणों का महत्व प्रतिपादित किया गया है ब्लॉग सुबोध पर .

अब बात करते हैं पद्य रचनाओं की 

                            आज की चर्चा में बस इतना ही .
                                           धन्यवाद 
                                              दिलबाग विर्क

31 टिप्‍पणियां:

  1. सन्तुलित और सहज पठनीय लिंकों से सजी हुई बढ़िया चर्चा!
    आभार!

    जवाब देंहटाएं
  2. सुंदर चर्चा...अच्छे लिंक दिये हैं आपने
    ...........धन्यवाद दिलबाग जी
    aap ka sab se sundar muje laga ki padane ke badh rang change ho jatha hai
    bahut hi sundar lagatha hai
    hame patha rahatha ki kaha tk pade
    baad may behi padh sakathi hai nahi to vah fer se dekhna padtha hai
    thanks

    जवाब देंहटाएं
  3. दिलबाग जी ..
    गद्य और पद्य दोनों का बढ़िया संकलन...
    बढ़िया चर्चा......!!
    abhar.

    जवाब देंहटाएं
  4. vicharon ,rachnaon kr sunder prvahmayi sangam men dubakiyan lagana anandmayi hai . sunder prayas
    samma yogya .... dhanyavad ji

    जवाब देंहटाएं
  5. बोधगम्य चर्चा!! सभी लिंक पढ़ने को विवश करती चर्चा। शानदार प्रस्तुतिकरण!!

    "सुबोध" पर आलेख को सम्मलित करने के लिए आभार

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत बढिया चर्चा .. अच्‍दे लिंक्‍स मिले !!

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत ही अच्‍छे लिंक्‍स और बेहतरीन चर्चा के लिये आभार ।

    जवाब देंहटाएं
  8. बहुत सुन्दर संकलन! शानदार चर्चा रहा !

    जवाब देंहटाएं
  9. बहुत से लिंक पढने को मिले ..शुक्रिया सुबह के शगुन को यहाँ लेने के लिए

    जवाब देंहटाएं
  10. अच्छे लिंक्स का संकलन किया है .....हमारी पोस्ट को जगह देने के लिए आपका आभार

    जवाब देंहटाएं
  11. बहुत सुंदर लिंक्स, एक से बढ़कर एक, चर्चा मंच की प्रतिष्ठा के अनुरूप !! मेरी रचना शामिल करने के लिए अलग से धन्यवाद !

    जवाब देंहटाएं
  12. बहुत - बहुत शुक्रिया दोस्त हमारी रचना को यहाँ तक लाकर आपने हमें सम्मान दिया उसके लिए मैं आपकी शुक्रगुजार हूँ दोस्त |और भी बहुत से लिंक्स है समय मिलते ही पढ़ने कि कोशिश करुँगी धन्यवाद |

    जवाब देंहटाएं
  13. गागर में सागर भर दिया है भाइ दिलबाग विर्क ने- और सागर की एक बूंद ‘कलम’ की भी जोड़ दी है, आभारी हूँ॥

    जवाब देंहटाएं
  14. BAHUT ACHCHE DHANG SE SAJAAYAA AAPNE CHARACHA MANCH.BAHUT SAARE LINKS SE PARICHAY KARAAYAA.USKE LIYE THANKS.BADHAAI AAPKO ITANA ACHCHA CHARCHA MANCH SAJAANE KE LIYE.

    जवाब देंहटाएं
  15. Dilbaag ji saahityabhivadan

    aapka bahut bahut shukriya jo apne meri kshanikaa ko apne charcha manch me prastut kiya bahut bahut dhanyawad aapka

    जवाब देंहटाएं
  16. अच्छे लिंक्स का संकलन ,आभार !

    सावन तूने निराश किया , धरती को उदास किया .

    http://www.ashokbajaj.com/2011/08/blog-post_11.html

    जवाब देंहटाएं
  17. सुंदर संकलन के साथ पोस्टोँ के लिंक का अच्छा समन्वय है

    जवाब देंहटाएं
  18. बड़े सुन्दर लिंक्स...
    सादर आभार...

    जवाब देंहटाएं

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