नमस्कार मित्रों बुधवासरीय चर्चा मे एक बार फ़िर आप सभी का स्वागत है। "सच्चा सा सपूत कोई नज़र नहीं आया है-" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")" की तर्ज पर इस बार चर्चा मुख्य रूप से राजनैतिक विषयों पर ही होगी। लेकिन अर्थव्यवस्था आज सबसे बड़ी चिंता का सबब है, सो शुरूआत उस से ही करता हूँ।
युद्ध और कर्ज के बोझ से कराहती अमेरिकी अर्थव्यवस्था मे आनंद प्रधान जी ने काफ़ी बातें साफ़ कर दी हैं। लेकिन काबिले गौर एक बात और है कि, आज जो भारत मे शेयर बाजर गोते लगाने के बाद फ़िर उपर की ओर आ चुके हैं, उसमे सरकार की कोई करामात नहीं है। उनको बस इतना करना था कि जनता की खून पसीने की कमाई, जो कि L.I.C. जैसी संस्थाओं के पास है, उसका पैसा झोंक गर्व का अनुभव करना था। खैर ऐसी हरकतों का परिणाम लन्दन की आग मे धनंजय ने बताया ही है। और यही शक्तियाँ है जो नोट के बदले वोट मे बंटी निहाल जी के मन को व्यथित कर रही हैं। खैर झंझट जी का ....बड़े लोग हैं ! स्वभाविक ही है। लेकिन ऐसे मे अपने मन्नू का मौन मौन-महिमा चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ जी को भारी लग रहा है। लेकिन शेखावत जी साफ़ कह रहें हैं कि भाई जब दासी रानी समान हो जाये रामप्यारी रो रसालो फ़िर क्या कहें, बस दासी की खूबियों को समझना होगा। पर अविनाश वाचस्पति जी सहमत नहीं दिमाग की आग में जलकर सब राख
मे बता रहे हैं कि भाई अब बस हुआ बंद करो ये नाटक। शिवम मिश्रा की बात मानॊ और काकोरी कांड की वर्षगाँठ है अब काम वही करना होगा। प्रमोद जोशी भी सहमत हैं कि इस प्रगति से इसे क्या मिला? । और मुख्यमंत्री शीला दीक्षित.... पर भी बहस है। संजय जी का साफ़ साफ़ कहना है कि साहब गगन उठा लो
मौका कल फ़िर न आयेगा । पर स्वराज्य करूण साहव का मत भिन्न है उनकी सोच है कि मनचाहे दाम पर 'सत्यवादी पुरस्कार ' ! मिलते हों तो फ़िर सच कहना ही क्यों।
खैर साहब यह चर्चा हुयी गंभीर और माहौल को खुशनुमा बनाने के लिये राहुल सिंग जी की पोस्ट अपोस्ट
बहुत ही मजेदार एक कृत्रिम ब्लाग गुरू से उनकी चर्चा और येन केन प्रकारेण पोस्ट लिखने वाले विद्वानों पर तीखा आक्षेप जो किसी भी प्रकार किसी भी तर्ज पर पोस्ट लगा देते हैं। यह नही सोचते कि हमने लिखा क्या क्या यह उपयोगी है। क्या इससे किसी अन्य का फ़ायदा है, तर्ज देखिये "मेरे चाचा को विवाह वर्षगांठ पर शुभकामनाएँ दीजिये"। अरे भाई ब्लाग जगत के मित्र तो सहलेखक हैं। उनसे सीखना है न कि कमेंट पाना है हिट पाना है। यह नही कि लिखा और फ़िर लग गये कमेंट जुगाड़ मे, खैर यह तो बात थी अपोस्ट की जिसमे मजा लिया गया है। यह भी अच्छा है, आत्म अवलोकन के हिसाब से अपने मे ही सुधार हो, बाहर किसी को बोलने का अवसर न मिले।
आखिरी लिंक
फ़र्जी डॉक्टरों से बचके रे बाबा ---- ललित शर्मा -यह भी सही है, सालो की मेहनत के बाद डाक्टर बने लोगों और झोला छाप डाक्टरों मे फ़र्क होना ही चाहिये। क्यों कोई सी ग्रेड आदमी खुद को डाक्टर कहे? और कहे भी तो प्रधानमंत्री तो बन ही न पाये जैसे अपने डा. मन्नू मोहन सिंग, शर्म भी नही आ रही हो तो चले जायें आम आदमी के घर। साहब होशियारी झाड़ने मे और इलाज करने मे फ़र्क होता है और यह फ़र्क आज जनता को मार रहा है।
फ़र्जी डॉक्टरों से बचके रे बाबा ---- ललित शर्मा -यह भी सही है, सालो की मेहनत के बाद डाक्टर बने लोगों और झोला छाप डाक्टरों मे फ़र्क होना ही चाहिये। क्यों कोई सी ग्रेड आदमी खुद को डाक्टर कहे? और कहे भी तो प्रधानमंत्री तो बन ही न पाये जैसे अपने डा. मन्नू मोहन सिंग, शर्म भी नही आ रही हो तो चले जायें आम आदमी के घर। साहब होशियारी झाड़ने मे और इलाज करने मे फ़र्क होता है और यह फ़र्क आज जनता को मार रहा है।
अरूण जी, बहुत ही उपयोगी लिंक सहेज दिये आपने। आभार1
जवाब देंहटाएं------
बारात उड़ गई!
ब्लॉग के लिए ज़रूरी चीजें!
अच्छी चर्चा !
जवाब देंहटाएंअरुणेश सी.दवे जी!
जवाब देंहटाएंआज की राजनीतिक चर्चा में तो बहुत उपयोगी लिंक दे दिये हैं आपने!
बहुत-बहुत आभार!
badhia links ..
जवाब देंहटाएंabhar.
'अपोस्ट' पोस्ट के मूल्यांकन हेतु आभार.
जवाब देंहटाएंमस्त चर्चा है मित्र।
जवाब देंहटाएंमेरी पोस्ट "फ़र्जी डॉक्टरों से बचके रे बाबा" का लिंक देने के लिए आभार
बेहतरीन और संतुलित चर्चा
जवाब देंहटाएंरोचक सूत्र पठन के।
जवाब देंहटाएंसधी एवं संतुलित चर्चा...बधाई मेरा भी लिंक शामिल हे...आभार
जवाब देंहटाएंbehatarin links ke saath charcha padhane me maja aa gaya
जवाब देंहटाएंhttp://eksacchai.blogspot.com
bahut badiya charcha..
जवाब देंहटाएंPrastuti ke liye Abhar!
Sabhi link bahut hi badhiya hai .........aabhar
जवाब देंहटाएंअच्छी चर्चा !
जवाब देंहटाएंबढिया चर्चा !!
जवाब देंहटाएंबेहतरीन चर्चा
जवाब देंहटाएंअपनी तो ऐश है, इस रस्ते पर नए हैं इसलिए यहीं से पता लेकर निकल पड़ते हैं.
जवाब देंहटाएंमुझे भी शामिल करने के लिए धन्यवाद, हौसला बना रहा रहा तो जमे रहेंगे.
सभी पोस्ट एक से बढकर एक
जवाब देंहटाएंबढिया
सभी पोस्ट एक से बढकर एक
जवाब देंहटाएंबढिया
जोरदार चर्चा, बेहतरीन लिंक...
जवाब देंहटाएंसादर बधाई एवं आभार...
अच्छी चर्चा , बधाई !
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