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गुरुवार, अगस्त 18, 2011

"कैसी आज़ादी ?" (चर्चा मंच - 610)

आज की चर्चा में आप सबका हार्दिक स्वागत है
आज 18 अगस्त है , यानी स्वतन्त्रता दिवस बीते तीन दिन हो गए हैं , जिन्दगी अपनी पटरी पर लौट आई है और देश की याद अब 26 जनवरी को आएगी . स्वतन्त्रता दिवस ,गणतंत्रता दिवस मनाने से ही क्या हमारे कर्तव्यों की इतिश्री हो जाएगी . क्या इन मौकों पर हमें देश हित में कुछ प्रण नहीं लेने चाहिए ? सोचिए और साथ ही देखिए आज की चर्चा.


चलिए चर्चा की ओर  


गद्य रचनाएँ -----
  • सोने की चिड़िया का हाल बता रहे हैं आदर्श कुमार पटेल 
  • आज़ादी का मन्तव्य क्या है ? --- पूछ रही हैं प्रीत अरोड़ा जी.
  • अमेरिका में रह रहे भारतीय और पाकिस्तानी दोस्त के माध्यम से कुछ सवाल उठाएं हैं उमेश अग्निहोत्री जी ने कहानी लकीर में.
  • विदेश का चक्कर लगाते ही देश की हर बात बुरी लगने लगती है --- इसी सच से रु-ब-रु करवाती कहानी प्रवासी पुत्र .
  • सुनील कुमार जी लघुकथा में बयान कर रहे दिहाड़ीदार मजदूर के प्रति मालिक की संवेदना 
  • आज़ादी के बाद से आज तक के भारतीय क्रिकेट से जुड़े पहलू दिखाए गए हैं ब्लॉग दखलंदाजी पर.
  • शम्मी कपूर को याद कर रहे हैं प्रेम प्रकाश .
  • देखिए सफर रंग दे बसंती चोला से चोली के पीछे क्या है तक.
  • डॉ अनवर जमाल बता रहे हैं बड़ा ब्लोगर बनने के नुस्खे , जरूर सीखिएगा और यथाशीघ्र अपनाईगा मेंढक शैली.
  • सतीश पंचम ने शायद फोन टेप किया है , यकीन नहीं आता तो खुद देखि
कुछ पद्य रचनाएं -----
                 अंत में देखिए ज्ञान की कुंजी 

                 आज की चर्चा में बस इतना ही .
                                        धन्यवाद 
                                    दिलबाग विर्क 

27 टिप्‍पणियां:

  1. सुप्रभात , श्री दिलबाग जी ! आपका प्रयास सफल है /बधाईयाँ ,सुंदर सृजन का सम्मलेन ,सुखद एवं प्रभावकारी है ,विभिन्न आयामों की रचनाएँ ,मुखरता को स्थान दे रही हैं ..
    साधुवाद जी /

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत बढ़िया ....! विषय आधारित चर्चा के लिए ..!

    जवाब देंहटाएं
  3. आज की चर्चा बहुत सुन्दर और संयत लिंकों के साथ सजाई है भाई दिलबाग विर्क जी ने!
    --
    हमारे शुक्रवार के चर्चाकार श्री दिनेश चन्द्र गुप्ता "रविकर" जी का कोई अता पता नहीं मिल रहा है!
    --
    अगर शाम तक उनकी लोकेशन स्पष्ट नहीं हुई तो चर्चा तो मैं लगा ही दूँगा!
    --
    रविकर जी अगर आज की चर्चा देख रहें हों तो मुझे मेरे मेल, गूगलचैट या चलभाष पर सम्पर्क करने की कृपा करें!

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  4. आपका शुक्रिया कि आपने बड़ा ब्लॉगर बनने के लिए हमारे नुस्ख़ों को कारगर बताया है।

    आज रात इसी विषय पर एक और लेख लिखा है जिसे पढ़ने के बाद आदमी भूल जाए यह नामुमकिन है , देखिए
    डिज़ायनर ब्लॉगिंग के ज़रिये अपने ब्लॉग को सुपर हिट बनाईये Hindi Blogging Guide (26)
    आपका शुक्रिया इस सम्मानित मंच पर हमारे ब्लॉग का ज़िक्र करने के लिए.

    जवाब देंहटाएं
  5. सुंदर चर्चा...अच्छे लिंक दिये हैं आपने
    ...........धन्यवाद दिलबाग जी

    जवाब देंहटाएं
  6. देश की आजादी की कथा को याद करने एक ही दिन मुक़र्रर नहीं होना चाहिए , सही कहा आपने ...
    बेहतरीन लिंक्स ...
    आभार !

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत ही अच्‍छे लिंक्‍स ....आभार मेरी रचना को स्‍थान देने के लिये ।

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  8. देश से सम्बंधित रचनाओं का सुन्दर संकलन आज की चर्चा में... अच्छी लगी चर्चा

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  9. बहुत बढ़िया लिंक्स के साथ सार्थक चर्चा प्रस्तुति के लिए आभार!

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  10. दिलबाग जी
    बहुत अच्छे लिंक्स सहेजे हैं आपने .प्रस्तुति सराहनीय है .मेरी रचना ''कीमती आजादी ' को यहाँ स्थान देने हेतु हार्दिक धन्यवाद .

    blog paheli no. 1

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  11. मेरी रचना को यहाँ स्थान देने हेतु, धन्यवाद .

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  12. bahut hi sunder charcha
    mujhe charcha mai samil karne ko bahut bahut aabhar

    जवाब देंहटाएं
  13. विस्तृत चर्चा में हमें भी जोड़ने के लिए आभार। अच्छी चर्चा के लिए बधाई दिलबाग भाई॥

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  14. चर्चा मंच पर विविध रचनाकारों की चर्चा की जाती है जोकि सराहनीय प्रयास है.हस्तक्षेप.काम पर प्रकाशित मेरे आलेख की चर्चा आपने चर्चा मंच पर की उसके लिए आभार.

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  15. तेजी से बढ़ती अंतरजाल की दुनिया में अच्छे लेखकों और वेब समूहों को स्थान देने के लिए आप बधाई के पात्र हैं.
    हस्तक्षेप.कॉम सौ से ज्यादा पत्रकारों का संयुक्त प्रयास है। काफी लम्बे समय से महसूस किया जा रहा था कि तथाकथित मुख्य धारा का मीडिया अपनी प्रासंगिकता खोता जा रहा है और मीडिया, जिसे लोकतंत्र का चौथा खंभा कहा जाता है, उसकी प्रासंगिकता अगर समाप्त नहीं भी हो रही है तो कम तो होती ही जा रही है। तथाकथित मुख्य धारा का मीडिया या तो पूंजीपतियों का माउथपीस बन कर रह गया है या फिर सरकार का। आज हाशिए पर धकेल दिए गए आम आदमी की आवाज इस मीडिया की चिन्ता नहीं हैं, बल्कि इसकी चिन्ता में राखी का स्वयंवर, राहुल महाजन की शादी, राजू श्रीवास्तव की फूहड़ कॉमेडी और सचिन तेन्दुलकर के चौके छक्के शामिल हैं। कर्ज में डूबे किसानों की आत्महत्याएं अब मीडिया की सुर्खी नहीं नहीं रहीं, हां 'पीपली लाइव' का मज़ा जरूर मीडिया ले रहा है। और तो और अब तो विपक्ष के बड़े नेता लालकृष्ण अडवाणी के बयान भी अखबारों के आखरी पन्ने पर स्थान पा रहे हैं।
    ऐसे में जरूरत है एक वैकल्पिक मीडिया की। लेकिन महसूस किया जा रहा है कि जो वैकल्पिक मीडिया आ रहा है उनमें से कुछ की बात छोड़ दी जाए तो बहुत स्वस्थ बहस वह भी नहीं दे पा रहे हैं। अधिकांश या तो किसी राजनैतिक दल की छत्र छाया में पनप रहे हैं या फिर अपने विरोधियों को निपटाने के लिए एक मंच तैयार कर रहे हैं।
    इसलिए हमने महसूस किया कि क्यों न एक नया मंच बनाया जाए जहां स्वस्थ बहस की परंपरा बने और ऐसी खबरें पाठकों तक पहुचाई जा सकें जिन्हें या तो राष्ट्रीय मीडिया अपने पूंजीगत स्वार्थ या फिर वैचारिक आग्रह या फिर सरकार के डर से नहीं पहुचाता है।
    ऐसा नहीं है कि हमें कोई भ्रम हो कि हम कोई नई क्रांति करने जा रहे हैं और पत्रकारिता की दशा और दिशा बदल डालेंगे। लेकिन एक प्रयास तो किया ही जा सकता है कि उनकी खबरें भी स्पेस पाएं जो मीडिया के लिए खबर नहीं बनते।
    आपने हस्तक्षेप.कॉम पर प्रकाशित आलेख को स्थान दिया इसके लिए हम आपके तहे दिल से आभारी हैं.
    अमलेन्दु उपाध्याय

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  16. नमस्कार दिलबाग जी,
    आपका बहुत आभार जो आपने इतने बड़े मंच पर इस नव आगंतुक को आमंत्रित किया।
    अनूठी रचनाओँ को सम्मान तथा मेरे जैसे नव आगंतुक को प्रोत्साहन देकर बड़ा अद्भुत् कार्य आप कर रहे हैँ।
    बहुत-बहुत शुभकामनायेँ........

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  17. बहुत बढ़िया ....! विषय आधारित चर्चा के लिए ..!

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  18. बहुत ही अच्‍छे लिंक्‍स ....आभार मेरी रचना को स्‍थान देने के लिये ।

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  19. दिलबाग़ जी बहुत ही प्यारे प्यारे और सार्थक लिंक्स मिले यहाँ पर आकर बहुत अच्छा लगा आपका आभारी हूँ जो आपने एक बार फिर मेरी क्षणिका को यहाँ स्थान इए बहुत बहुत धन्यवाद
    यहाँ शामिल सभी ब्लागर साथियो से आग्रह है की मेरे ब्लाग पर भी जरुर पधारे और वहां से मेरे अन्य ब्लाग पर क्लिक करके वह भी जाकर मेरे मित्रमंडली में शामिल होकर अपनी दोस्तों की कतार में शामिल करें
    यहाँ से आप मुझ तक पहुँच जायेंगे
    यहाँ क्लिक्क करें
    MITRA-MADHUR: ज्ञान की कुंजी ......

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