फ़ॉलोअर



यह ब्लॉग खोजें

मंगलवार, अगस्त 09, 2011

"विद्या जी के द्वारा की गई चर्चा" (चर्चा मंच-601)

यह चर्चा टैस्ट चर्चा मंच की सहयोगी
विद्या जी ने लगाई है,
जो मुझे पसंद आई और
मैंने इसे आपकी सेवा में
ज्यों का त्यों प्रस्तुत कर दिया है!
नमस्कार मित्रों!
आज की चर्चा में आप सबका हार्दिक स्वागत है

परियों की शहजादी...

from रुनझुन


सिमटी रहे तू मुझमे

from "हरएक आँख में नमी" by -कुसुम ठाकुर-

Kusum's Journey (कुसुम की यात्रा)


जिंदगी क्या है,

माटी की गागरिया................(बवाल)

इंतजार में बैठी हूँ ?
ये अधूरी जिंदगी

बारिश


लघु-कथा : दुर्मुख-विजयी सोच |

From


"कुछ कहना है"

by

कुछ तो है उनमें ,जो किसी और में नहीं


"बस यूँ ही " .......अमित » by


"आहट".....आँसुओं की...


नैतिक रूपांतरण की जरुरत है ....

थकी जिंदगी की ख्वाहिश


From "मेरे भाव मेरी कविता" » by


शायद किसी जन्म में हम मिले थे कभी

From *गद्य-सर्जना* »by From हल्ला बोल »


भगवान को मानने में शर्म कैसी ........


अपने कंप्यूटर को दे बेहतरीन सुरक्षा

शायद उनके परिवार में किसी को Cancer नहीं हुआ...
From Desiresby आज के लिए बस इतना ही … फिर मिलते हैं ..नयी प्रविष्टियाँ ले कर!
बताइए तो मेरी चर्चा कैसी रही?
अब मैं डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
कुछ और लिंक भी विद्या जी के ही स्टाइल में
आपके लिए प्रस्तुत कर रहा हूँ!

सबसे पहले कुछ लिंक "पल-पल हर पल!" से!
भरोसा सिर्फ भगवान का
Author: vinay bihari singh | Source: divya prakash
--
यूँ ना देखो मैं पिघल जाउंगी
ज्यादा उमड़ी तो बूंदों में ढल जाउंगी
दिल की उमस ने गर सताया मुझको
तेरी कसम घर से निकल जाउंगी
ना समझोगे हालत मेरी
इतना भीगूँगी के सावन में घुल जाउंगी ...
--
दो पक्ष: मौन के
Author: Dr.J.P.Tiwari | Source: pragyan-vigyan
दो पक्ष: मौन के निःशब्दता और मौन के, दीखते है -
दो पक्ष. प्रथम मौन, शिशु की 'अज्ञता'. द्वितीय, ज्ञान की - 'दिव्यता'...
--
कवि रूमी को पढ़ते हुए
Author: Madhavi Sharma Guleri | Source: उसने कहा था ..
(आज रूसी कवि अनातोली परपरा की...
--
खोज
Author: रजनीश तिवारी | Source: रजनीश का ब्लॉग
कोशिश करता रहता हूँ खुद को जानने की
चल रहा हूँ एक लंबे सफर में
खुद को समझने की
सब करते होंगे ये जो जिंदा है ,
मरे हुए नहीं करते कोशिश का ये रास्ता ,
दरअसल भरा है काँटों से...
--
देर है अंधेर नहीं '
Author: रश्मि प्रभा... | Source: परिकल्पना
मैं अनिल जी के चौखट पर कई बार गया ...
भावनाएं थीं , पर बाड़ नहीं लगे थे...
हवाएँ थीं , नमी थी पर सिंचन में कमी थी ....
आज कुछ विराम के बाद
मैं वहाँ गया और देखा
फसलों में एक अंकुरण है ,
जो कह रहे हैं ' देर है अंधेर नहीं '...
आइये मेरी सच्चाई का आकलन कीजिये ,...
--
वो "राखी सरताज", बीस बहना हों जिस के
Author: Navin C. Chaturvedi | Source: ठाले बैठे
बहना की दादागिरी, भैया की मनुहार|
ये सब ले कर आ रहा, राखी का त्यौहार||
राखी का त्यौहार, यार क्या कहने इस के|
वो "राखी सरताज", बीस बहना हों जिस के|
ठूँस-ठूँस तिरकोन*, मिठाई खाते रहना|
फिर से आई याद, हमें राखी औ बहना||...
--
ब्‍लॉग के लिए ज़रूरी चीजें... (Blogs Essential)
Author: Zakir Ali 'Rajnish' | Source: मेरी दुनिया मेरे सपने
मेरे साथ तो अक्‍सर ऐसा होता है। अक्‍सर हम किसी लिंक, किसी सर्च अथवा किसी मेल के द्वारा ऐसे ब्‍लॉग पर पहुँच जाते हैं, जो पहली नजर में ही दिल में उतर जाता है। ऐसे में मन में यह इच्‍छा होती है कि जब भी समय मिले, इसे देखा जा सकता है। लेकिन अगले ही पल यह देखकर घोर निराशा होती है कि उसपर फॉलोअर का विजेट ही नहीं लगा हुआ है। हालाँकि आप यह कह सकते हैं ...
--
कार्टून: नंगों की क्रेडिट रेटिंग
obama cartoon, america, usa cartoon, international cartoon, economy, recession cartoon, indian political cartoon
Cartoon by Kirtish Bhatt (www.bamulahija.com)

अब कुछ लिंक मेरी ब्लॉग सूची से!
अल्लाह हाफिज - चली गयीं कोटला साहब... मौत जिंदगी का वक्फा है यानी आगे चलेंगे दम लेकर। आज सुबह के वक्त हमारा पूरा परिवार जब सेहरी की तैयारी में था कि अचानक सालों से ...
शोले को नहाते देखा - नज़र से मिल के इक नज़र को लजाते देखा। मखमली दस्त से खंजर को छुपाते देखा॥ डसके बलखाती हुई कौन गयी नागन इक, होश हँसते हुए इस दिल को गँवाते देखा। लपट सी उठ र...

चाँदीपुर समुद्र तट भाग 1 : डूबता सूरज..समुद्र में बदते कदम और वो यादगार शाम... - चाँदीपुर ओडीसा का एक बेहद खूबसूरत समुद्र तट है। दशकों पहले एक बार यहाँ जाना हुआ था और उस यात्रा में समुद्र के रातों रात गायब होने और फिर सुबह में वापस अवतर...


जो न कह सके
चालिस साल बाद - 1965 में आयी थी राजेन्द्र कुमार, साधना, फिरोज़ खान और नाज़िमा की फ़िल्म "* आरज़ू*", जिसके निर्देशक थे *रामानन्द सागर*. तब दिल्ली के इंडिया गेट पर अमर जीवन ज...
शीला---- शीला का बुढ़ापा - हम नुक्कड़ मे खड़े गुनगुना रहे थे शीला---- शीला का बुढ़ापा। तभी हमारे अजीज मित्र सोहन शर्मा उर्फ़ कांग्रेसी ने भूल सुधार का प्रयास किया। *कहने लगे- दवे जी..

सभी नगमें साज़ में गाये नहीं जाते,
सभी लोग महफ़िल में बुलाये नहीं जाते,
कुछ पास रहकर भी याद नहीं आते,
कुछ दूर रहकर भी भुलाये नहीं जाते !
गीता 2.5 - *इस गीता शृंखला के पिछले भाग देखें --> * * भाग १.१, १.२, १.३, २.१ , २.२** **२.३ , २.४ * * * *अब आगे * गुरूनहत्वा हि महानुभावान् ...
इस मुल्क की तो ले ली भईया...खुशदीप - *जिसे देखो आता जाए, खाता जाए, पीता जाए, * *क्या कहूं अपना हाल, ए दिल-ए-बेकरार,* *सोचा है के तुमने क्या कभी,* *सोचा है कभी क्या है सही,* * * *सोचा नहीं तो...


श्रीखण्ड महादेव यात्रा- भीमद्वारी से पार्वती बाग - इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें। 20 जुलाई 2011 दिन बुधवार। हम तीन जने श्रीखण्ड अभियान पर थे और उस दिन सुबह सुबह छह बजे के करीब भ...


यह बात................ - यह बात, मेरे लिए कुछ अजीब सी होगी| जब तेरे घर में हो अँधेरा और मेरे घर रोशनी होगी| यह बात, मेरे लिए कुछ ख़ुशी की होगी| जब मेरे घर एक चिराग जले और रो...
जो रह गया था अधूरा - जो रह गया था अधूरा आज हो गया पूरा साफ़ आवाज़ मे एक बार फिर सुनिये सार्थक बातचीत इस लिंक पर *श्रीमति वंदना गुप्ता से बातचीत ~ मिसफिट Misfit* http://sansk...
गोपनीय सत्य-निष्ठा ! - जनता की जेब पर हर दिन ,हर पल लग रही...

भ्रष्टाचार, भरोसा और भूल के त्रिकोण में खो गई रूचि भुट्टन - * * * * *रूचि भुट्टन* की याद है आपको. एक महीना भी नहीं हुआ है इस हादसे को, और अखबारों के पन्नों से उतरती यह खबर हमारी यादों से भी उतर सी गई थी. महिला अपरा...
ज्ञान और वैराग - एक ऐसा ग्रन्थ जिसका महात्म्य सर्वविदित है , वह है भगवद गीता! बहुत बार मन किया इसे पढूं , लेकिन पढ़ नहीं सकी क्यूंकि मन में एक संशय था की गीता पढने से मन मे...

डरूंगी मैं धमाकों से हुआ पागल है क्या ढक्कन? - मुंबई में बम ब्लास्ट अब कोई अनहोनी घटना नहीं है. इस शहर को न जाने कितने बम ब्लास्टों के हादसों से गुज़ारना पड़ा है. अभी हाल ही में *चौदह जुलाई* की शाम को ...
गीत मेरे ........
जिंदगी का गणित ऐसा ही है ! - बदलते मौसम पर हैरान क्यों हो !! नदी का पानी सोख लेती है कड़ी धूप बन जाते हैं बादल बादल घुटेंगे तो फटेंगे ही ... प्यार , नफरत , ख़ुशी और भय लौटा देती है द्व...
कंठ चढ़ी कजरी - *नवगीत* *कंठ चढ़ी कजरी*** *श्यामनारायण मिश्र*** ** *झूम - झूम*** *मधु बरसे सावन*** *मन - कदंब फूले।* *बादल की* *बाहों में बिजली* * ...
कितना गम उठाया , मुझे याद नहीं
क्यों खुद को भुलाया , मुझे याद नहीं ...

भ्रष्ट लोगों को यह सविनय अवज्ञा लगता है Civil disobedience - [image: NewsArticles] *सत्याग्रह* या सदाग्रह का शाब्दिक अर्थ *सत्य के लिये आग्रह करना* होता है.यह और बात है की असत्य की राह पे चलने वालों को यह शब्द ...

आज के लिए इतना ही!
नमस्ते!

31 टिप्‍पणियां:

  1. विद्या जी का स्वागत है। उनके स्टाइल में आपकी चर्चा अच्छी लगी।
    अब एक सवाल हमारा है। जिसे हल करना बिल्कुल भी अनिवार्य नहीं है।
    क्या आप जानते हैं कि कोई आया या नहीं आया लेकिन ब्लॉगर्स मीट वीकली का आयोजन बेहद सफल रहा ?

    जवाब देंहटाएं
  2. चर्चा मंच में श्रीमती विद्या जी का स्वागत और अभिनन्दन करता हूँ!
    एक अहिन्दीभाषी महिला हिन्दी में अपनी ब्लॉगिंग कर रही है और अब चर्चा मंच की भी चर्चाकार बनने जा रहीं हैं। यह तो हम हिन्दीभाषियों के लिए गौरव की बात है!

    जवाब देंहटाएं
  3. इस सुन्दर चर्चा में मेरी पोस्ट को भी शामिल करने का धन्यवाद.

    जवाब देंहटाएं
  4. मुझे क्षमा करे की मैं आपके ब्लॉग पे नहीं आ सका क्यों की मैं कुछ आपने कामों मैं इतना वयस्थ था की आपको मैं आपना वक्त नहीं दे पाया
    आज फिर मैंने आपके लेख और आपके कलम की स्याही को देखा और पढ़ा अति उत्तम और अति सुन्दर जिसे बया करना मेरे शब्दों के सागर में शब्द ही नहीं है
    पर लगता है आप भी मेरी तरह मेरे ब्लॉग पे नहीं आये जिस की मुझे अति निराशा हुई है
    http://kuchtumkahokuchmekahu.blogspot.com/

    जवाब देंहटाएं
  5. आदरणीय विद्या आंटी और रूपचन्द्र शास्त्री मयंक अंकल, चर्चा मंच के इस सुन्दर प्लेटफार्म पर मुझे भी स्थान देने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद!

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत सुन्दर चर्चा रहा! मेरी शायरी चर्चा में शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद!

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत सूत्र पहले से ही पढ़े हैं, इस बार।

    जवाब देंहटाएं
  8. nai charchkar Vidya ji ki charcha pasand aai aur aap logon ne achche links diye dhanyavaad.

    जवाब देंहटाएं
  9. "चर्चामंच " रूपी चमन को महकाने में आज खूब मेहनत की गई है , बधाई .

    जवाब देंहटाएं
  10. बेहतरीन चर्चा ...अच्छे लिंक्स मिले !
    आभार !

    जवाब देंहटाएं
  11. विद्या जी के नाम के अनुरूप सरस्वती का आभास देने वाली चर्चा...

    मेरा लिंक देने के लिए आभार...

    जय हिंद...

    जवाब देंहटाएं
  12. चर्चा के माध्‍यम से कई महत्‍वपूर्ण लिंक मिले, शुक्रिया।
    मेरा लिंक देने के लिए आभार...
    बहुत बहुत धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  13. विद्या जी बहुत-बहुत बधाई आपकी चर्चा की स्टाइल बेहद पसन्द आई. आप इस जमात में शामिल हुईं, बहुत ख़ुशी हुई, आपका स्वागत है. आदरणीय शास्त्री जी को भी बधाई और आभार हमारा लिंक शामिल करने के लिए

    जवाब देंहटाएं
  14. विद्या जी को शुभकामनाएं आपको आभार!

    जवाब देंहटाएं
  15. अच्छी चर्चा अच्छी लिंक्स |
    आशा

    जवाब देंहटाएं
  16. बहुत सुन्दर चर्चा………विद्या जी को बधाई।

    जवाब देंहटाएं
  17. bahut achhe-achhe links ke saath badiya charcha prastuti ke liye dhanyavaad!

    जवाब देंहटाएं
  18. अच्छे लिनक्स - धन्यवाद|
    मेरी पोस्ट शामिल करने का शुक्रिया सर

    जवाब देंहटाएं
  19. आदरणीय श्रीमती विद्या जी और डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक" जी एवं चर्चा मंच का तहे दिल से कोटि कोटि धन्यवाद की आपने मेरी प्रस्तुति को चर्चा मंच पर प्रस्तुत करने का सम्मान दिया...
    - दिनेश सरोज

    जवाब देंहटाएं
  20. sarvpratham... thank you so much mujhe bhi yaha sthaan dene ke liye...
    yaha bahut hi acche-acchhe post padhne ko mile...
    thank you so much... :)

    जवाब देंहटाएं
  21. बहुत ही अच्छी चर्चा थी अच्छे लिंक्स के साथ .. मेरी कविता इस चर्चा में सम्मिलित करने पर आपको हार्दिक धन्यवाद । शुभकामनाएँ ...

    जवाब देंहटाएं

"चर्चामंच - हिंदी चिट्ठों का सूत्रधार" पर

केवल संयत और शालीन टिप्पणी ही प्रकाशित की जा सकेंगी! यदि आपकी टिप्पणी प्रकाशित न हो तो निराश न हों। कुछ टिप्पणियाँ स्पैम भी हो जाती है, जिन्हें यथा सम्भव प्रकाशित कर दिया जाता है।