फ़ॉलोअर



यह ब्लॉग खोजें

शनिवार, अगस्त 13, 2011

"अब विलुप्त होने के कगार पे है" (चर्चा मंच-605)

Picture 114चर्चाकार :यह ब्लॉगजगत एस एम् मासूम के नाम से जानता है और अमन के पैग़ाम के नाम से पहचानता भी है. सामाजिक सरोकारों से जुड़ कर काम करना अच्छा लगता है . समाज में अमन और  शांति पे काम करते करते यह एह्साह हुआ कि अमन का पैग़ाम अब करने है लगा दिलों पे असर  लेकिन एक चिंता भी सताने लगी कि  : इमानदार इंसानों कि यह प्रजाति अब विलुप्त होने के कगार पे है तो अपना साथ कौन देगा?
imageसबसे पहले तो उस ख़त कि बात हो जाए जिसे मैंने बार बार पढ़ा और यकीनन आप को भी पढना चाइये. "तुम्हारे लिए, अपने इकलौते बेटे के लिए मैंने अपना सुख-चैन किसी खराब कोने में टिका दिया। तुम्हें काबिल बनाकर मैंने संतुष्टि का अहसास किया। मैंने पाया कि जीवन का असली सुख औलाद को सुखी देखना है।
imageघूमते घूमते अचानक नज़र पड़ी तो वंदना जी का आहत मन दिखा जो शायद आज के हालात से इतना आहत हुआ कि वो कह उठीं "आओ लहू का बीज बोयें लहू का खाद पानी देंऔर लहू की ही खेती करेंअब रगो मे लहू का उफ़ान कहाँवो जमीन आसमान कहाँबन्जर मरुस्थलो मे अब खिलते कँवल कहाँ चलो यारो थोडा तेरा थोडा मेरा
imageवाणी गीत जी ने दी रक्षा बंधन की बहुत शुभकामनायें ...और बढाया हम सब का ज्ञान  रक्षा बंधन भाई -बहन के निश्छल प्रेम का अनूठा त्यौहार है. सूनी कलाईयां और राखियाँ एक दूसरे की बाट जोहती हैं . इस पर्व को मनाये जाने की अनगिनत कहानियां हैं . 
imageभारतीय नारी का एक रूप ‘बहन‘ भी है और भारतीय पर्व और त्यौहारों की सूची में एक त्यौहार का नाम ‘रक्षा बंधन‘ भी है।
हुमायूं और कर्मावती के बीच का प्रगाढ़ रिश्ता और राखी का मर्म
image
ब्लॉगजगत कि गलियों से गुज़र ही रहा था कि अना ने का सवाल सुना सवाल क्यू करते हो?
पहले तो डरा फिर हिम्मत कि और जो पढ़ा वो आप भी पढ़ें क्या ये त्यौहार केवल हिन्दू भाई बहन के लिए ही है?
http://jagranjunction.com/avatar/user-390-96.pngआज देश के चार बड़े राज्यों की कमान महिला मुख्यमंत्रियों के हाथ में हैं, देश की राष्ट्रपति होने का गौरव भी एक महिला को ही हासिल है और तो और भारत के प्रधानमंत्री पद की डोर (अदृश्य रुप से) भी एक महिला के ही हाथ में है अश्लील विज्ञापन और नारी सशक्तिकरण : एक मजाक
imageपूजा जी का आज का एक लेख मुझे बहुत भा गया देखिये इतनी कम उम्र मैं कितनी बड़ी बात कह गयी और बता गयी divide and Rule पोलिसी  हम को बाँट के हमारी ताक़त कम करके हम पे राज करने के लिए  दुश्मनों की  साज़िश रही है.
खुkhush2शदीप सहगल

लुट रहा है लंदन, कहां हैं स्काटलैंड यार्ड...खुशदीप

कहते हैं कि हर आपदा से कुछ सीखना चाहिए...ब्रिटेन में हो रहे दंगे भी ऐसी ही आपदा है...ब्रिटेन-अमेरिका जैसे पश्चिमी देश भारत की पुलिस का इसलिए मज़ाक उड़ाते रहे हैं कि वो 26/11
imageपूजा से ले कर खुशदीप भाई तक सभी का अपना अपना अंदाज़ है लन्दन मैं हो रहे दंगो को देखने का .देखिये अनीता जी का नया अंदाज़. कोई ऐसा क्यों करेगा
imageआज मुलाक़ात करवाता हूँ ऐसे घराने से जहाँ संगीत का ही बोलबाला है. जी हाँ जनाब अरविन्द मिश्रा जी को देखिये अपने पुत्र कि संगीत काला को देख कैसे खुश हो रहे हैं. सच कहूँ बहुत ही सुंदर संगीत का लुत्फ़ उठाया इस पोस्ट पे . आप भी लुत्फ़ उठाएं,
imageउफ्...एक और प्रतिबंध। किसी विचार, कृति, फिल्म या अन्य प्रकार की किसी अभिव्यक्ति पर प्रतिंबध को ले कर हम इतने उतावले क्यों रहते हैं? ऐसा लगता है कि भारत बात- बात पर प्रतिबंध करने/ प्रतिबंध करवाने/ प्रतिबंध चाहने वाले लोगों का विशालकाय समूह बन कर रह गया है!
imageदेखिये किरण बेदी जी अपने ब्लॉग से क्या कह रही हैं? मेरा नाम अफसाना है। मैं 35 साल की विधवा हूं। मेरा आठ साल का बेटा और छह साल की बेटी है। मैं यूपी के एक गरीब मुस्लिम परिवार में पैदा हुई। मेरे शौहर हामिद कढ़ाई करते थे। उनके साथ रहकर मैंने भी कढ़ाई सीखी और उनका हाथ बटाने लगी। उनकी तबीयत ज्यादातर खराब रहती थी। एक दिन काम के दौरान उनको दिल का दौरा पड़ा और उनका इंतकाल हो गया।
imageपुणे में हत्यारी पुलिस तीन लोगों की जान ले लेती है. इसी तरह के मंज़र कहीं भी देखे जा सकते हैं. मन विचलित हो जाता है यह सब देख कर. हम १५ अगस्त को अपनी आज़ादी की वर्षगाँठ मनाएंगे, लेकिन क्या सचमुच आज़ाद हो गए है? नंगे घूमने के लिए आजाद हैं,
धार्मिक वेबसाइट का आज कल बोलबाला है. कोई नफरत फैला रहा है कोई कुरान और वेद के गलत मेने समझा रहा है. मकसद केवल लोगों को गुमराह करना और धर्म के नाम पे इंसानों के दिलों मैं एक दूसरे के लिए नफरत भरता हुआ करता है. जब भी कोई धार्मिक वेबसाइट पे जाएं तो यह अवश्य जांच लें कि उसको चलाने वाला कौन है और क्या दे रहा है.
इज्ज़त और ज़िल्लत का फर्क समझना होगा
Gift with a bowरक्षा बंधन की बहुत शुभकामनायेंStar


18 टिप्‍पणियां:

  1. एक मुख़्तसर सी चर्चा में आपने बहुत साफ़ सुथरे लिंक्स समेट लिए हैं .
    इनमें इंसानियत को पेश आने वाली मुश्किलों का ज़िक्र भी है और उनका हल भी मौजूद है .
    इस पूरी चर्चा को हम साभार शामिल कर रहे हैं
    'ब्लॉगर्स मीट वीकली' में .

    शुक्रिया !

    जवाब देंहटाएं
  2. रक्षाबंधन की आपको बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं !

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत अच्छी प्रस्तुति है!
    रक्षाबन्धन के पुनीत पर्व पर हार्दिक शुभकामनाएँ!

    जवाब देंहटाएं
  4. आज इस पावन पर्व के अवसर पर बधाई देता हूं और कामना करता हूं कि आपकी कलाई पर बंधा रक्षा सूत्र हर समय आपकी रक्षा करें।

    जवाब देंहटाएं
  5. बढ़िया विषयों के साथ सार्थक चिंतनशील चर्चा प्रस्तुति के लिए आभार!
    सभी सम्मानीय चर्चाकारों और ब्लोग्गर्स को रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनायें.

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत सुन्दर लिंक संयोजन्।
    आपको भी रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनायें।

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत अच्छी प्रस्तुति है!
    रक्षाबन्धन के पुनीत पर्व पर हार्दिक शुभकामनाएँ!

    जवाब देंहटाएं
  8. नए links प्रदान करने हेतु हार्दिक धन्यवाद .Kiran बेदी जी के ब्लॉग का लिंक प्रदान करने हेतु विशेष रूप से आभार .''bhartiy नारी '' से अनवर जमाल जी की महत्वपूर्ण पोस्ट का लिंक यहाँ dene हेतु हार्दिक धन्यवाद .

    जवाब देंहटाएं
  9. चर्चा लोगों को पसंद आयी इस का शुक्रिया . मैं कभी भी ब्लॉगर का नाम देख के चर्चा मैं कोई लेख़ शामिल नहीं करता बल्कि मैं लेख़ कैसा है इसी देख के चर्चा मैं शामिल करता हूँ.

    जवाब देंहटाएं
  10. बढिया चर्चा, अच्छे लिंक... और अंतिम वाक्य सिर-आंखों पर॥

    जवाब देंहटाएं
  11. सही कहा मासूम भाई,

    ईमानदारी भी डायनासॉर की तरह है...इतने साल पहले विलुप्त हो गए लेकिन याद अब भी किए जाते हैं...

    मेरी पोस्ट का लिंक देने के लिए शुक्रिया....

    जय हिंद...

    जवाब देंहटाएं
  12. अच्छे लिंक्स...
    चर्चा में पोस्ट को स्थान दिए जाने के लिए आभार !

    जवाब देंहटाएं

"चर्चामंच - हिंदी चिट्ठों का सूत्रधार" पर

केवल संयत और शालीन टिप्पणी ही प्रकाशित की जा सकेंगी! यदि आपकी टिप्पणी प्रकाशित न हो तो निराश न हों। कुछ टिप्पणियाँ स्पैम भी हो जाती है, जिन्हें यथा सम्भव प्रकाशित कर दिया जाता है।