मैं चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ चर्चा मंच पर सोमवासरीय चर्चा में आप सब का स्वागत और अभिनन्दन करता हूँ। आज की चर्चा की शुरुआत होती है-
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1-
"मधुशाला" कई बार पढ़ने के बाद कुछ विचार मेरे मन में आए सो आदरणीय बच्चन जी की ही रवानी में कलमबद्ध कर दिये प्रस्तुत कर रहा हूँ "ग़ाफ़िल की अमानत" पर 'मधुशाला पर दो शब्द अपने भी'
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2-
डॉ0 विजय कुमार शुक्ल ‘विजय’ "तिमिर-रश्मि" पर फ़रमा रहे हैं कि 'बहुत छिछोरा है मन मेरा' उनके मन का आंकलन करिए!
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3-
"My Unveil Emotions" पर डॉ. आशुतोष मिश्र ‘आशू’ को विश्वास है कि 'बच्चे अब भी अपना फ़र्ज निभा रहे हैं'
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4-
"राजभाषा हिन्दी" पर मनोज कुमार जी प्रस्तुत कर रहे हैं- 'मानवीय मूल्यों के संस्थापक- प्रेमचन्द्र'
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5-
"सुव्यवस्था सूत्रधार मंच" पर अंकित जी का ज्ञान का मुक्त प्रवाह या धन नियंत्रित ज्ञान, 'ज्ञान के लिए धन की आवश्यकता के दुष्प्रभाव'
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6-
"झरोख़ा" पर निवेदिता जी बता रही हैं 'डाइबिटीज'
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7-
"विचार" ब्लॉग पर मनोज कुमार जी प्रस्तुत कर रहे हैं पक्षियों का प्रवास-14, 'प्रवास में समूह-यात्रा'
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8-
"नवगीत" पर डॉ. व्योम प्रस्तुत कर रहे हैं डॉ. अश्वघोष की कविता 'मनचाहे सपनो को'
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17-
"कुछ कहानियाँ, कुछ नज़्में"...सोनल रस्तोगी...'सड़कों पर ख़र्च होती ज़िन्दगी'
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18-
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19-
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20-
"उसने कहा था..." से माधवी शर्मा गुलेरी जी ले चल रही हैं 'कोंकण किनारे एक ख़ूबसूरत पड़ाव' पर आइए सैर कर ली जाय
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21-
20-
"उसने कहा था..." से माधवी शर्मा गुलेरी जी ले चल रही हैं 'कोंकण किनारे एक ख़ूबसूरत पड़ाव' पर आइए सैर कर ली जाय
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21-
गिरीश पंकज जी 'हर सिम्त खुल रहे हैं बदन देख रहे हैं'
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22-
डॉ. रूप चन्द्र शास्त्री ‘मयंक’ का उच्चारण 'सियासत में तिज़ारत है'
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23-
डॉ.वर्षा सिंह को "ग़ज़ल यात्रा" में 'कोई अपना सा मिल गया होगा'... बहुत-बहुत बधाई डॉक्टर साहिबा!
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24-
श्यामल सुमन जी कह रहे हैं "मनोरमा" पर 'शिकायत कैसी'
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और अन्त में
25-
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22-
डॉ. रूप चन्द्र शास्त्री ‘मयंक’ का उच्चारण 'सियासत में तिज़ारत है'
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23-
डॉ.वर्षा सिंह को "ग़ज़ल यात्रा" में 'कोई अपना सा मिल गया होगा'... बहुत-बहुत बधाई डॉक्टर साहिबा!
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24-
श्यामल सुमन जी कह रहे हैं "मनोरमा" पर 'शिकायत कैसी'
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और अन्त में
25-
"काल चिंतन" पर एस. एन. शुक्ल जी का बहस और विचार 'नपुंसकों से भरी दिल्ली?'
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अब आप लोगों से अगले सोमवार यानी 08-08-2011 को मुख़ातिब होऊँगा, तब तक के लिए नमस्कार!
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अब आप लोगों से अगले सोमवार यानी 08-08-2011 को मुख़ातिब होऊँगा, तब तक के लिए नमस्कार!
आज रांची प्रवास के मध्य में हूँ |
जवाब देंहटाएंएक मित्र के घर से आपका आभार कर रहा हूँ ||
आज की चर्चा पच्चीसी का तो ज़वाब नहीं!
जवाब देंहटाएंबहुत परिश्रम किया है आपने सोमवार के चर्चा मंच को सजाने मे!
i am very sorry witting in English,due to lack of proper net working .
जवाब देंहटाएंReally mishra ji ,I read today's
CHARCHA-MANCH posts ,I am proud of you. Thanks for your maneuverability, sense of literature, above all your approach..../thanks a lot sir .
सुंदर लिनक्स समेटे बेहतरीन चर्चा.... आभार
जवाब देंहटाएंbahut achche links hain ...
जवाब देंहटाएंkafi rochak jankari se paripoorn is charcha ke liye abhar..
बड़े अच्छे लिंक हैं। शाम को इतमिनान से पढ़ना पड़ेगा।...आभार।
जवाब देंहटाएंबहुत ही शानदार चर्चा....
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छे लिंक्स...
सादर...
अच्छे लिंक्स!
जवाब देंहटाएंbeautiful presentation of links.
जवाब देंहटाएंस्तरीय पोस्टें लाने का आभार।
जवाब देंहटाएंchandr bhooshan mishr'Gafil ji'
जवाब देंहटाएंआपने आज का चर्चा मंच बहुत ही खूबसूरत प्रस्तुतियों और विद्वान् रचनाकारों से सजाया है और मुझ जैसे रचनाकार को स्थान देकर आपने हमें अनुग्रहीत किया है, आभारी हूँ धन्यवाद.
बढ़िया लिनक्स .. बहुत सुन्दर चर्चा...
जवाब देंहटाएंचन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’जी,
जवाब देंहटाएंआज के चर्चा मंच को बहुत ही सुन्दरता से सजाया है आपने. बहुत ही रुचिकर लिंक्स दिए हैं.
आज की इस सुन्दर चर्चा में मेरी ग़ज़ल को शामिल करने के लिए हार्दिक आभार.
कई अच्छी रचने पढने मिल गई आज के मंच के माध्यम से.
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को शामिल करने का धन्यवाद्.
sarthak charcha .aabhar
जवाब देंहटाएंसुन्दर लिंक्स से सजी सुन्दर चर्चा।
जवाब देंहटाएंचर्चा मंच में स्थान देने के लिए धन्यवाद,
जवाब देंहटाएंअच्छे लिंक्स दिए हैं
कृपया मेरे नाम में सुधार कर लें
"सिंह,हटा दें
तेला जी आपके नाम में सुधार कर दिया गया है, पता नहीं कैसे हो गया? शायद ज़ल्दबाजी में। हमें खेद है
जवाब देंहटाएंsarthak charcha shandar prastuti.badhai
जवाब देंहटाएंआदरणीय मिश्र जी आपकी प्रस्तुति बेजोड़ है बधाई और शुभकामनायें |
जवाब देंहटाएंआदरणीय मिश्र जी आपकी प्रस्तुति बेजोड़ है बधाई और शुभकामनायें |
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर लिंक, एक संतुलित और मनोहारी चर्चा. आपकी मधुशाला ने तो एक पूरा चित्र , सजीव चित्र. चित्र क्या वेदिओग्रप्फ्य कहेंगे इसे. बच्चान जी ने तो शब्द-चित्र, भाव चित्र हो प्रस्तुत किया था. आपने चल चित्र इस रूप में प्रस्तुत किया जो सोचने, समझने और विचारने पर मजबूर करता है. भधाई इस प्रस्तुति के लिए.
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को सम्मिलित करने के लिए आभार!!
बहुत मेहनत से आपने सजाया संवार है चर्चा को बेहद खूबसूरत बन पड़ी है बधाई स्वीकार करें
जवाब देंहटाएंआपका चयन लाजवाब है।
जवाब देंहटाएंउस पर से जो रंग-रंग के रंगों से मंच को सजाया है आपने वह बड़ा ही मनभावन है।
बहुत ही अच्छी चर्चा ...प्रस्तुति का आभार ।
जवाब देंहटाएंबहुत ही शानदार चर्चा....
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छे लिंक्स...
सादर...
सारे लिंक्स शानदार हैं पढ़ने का मौका देने के लिए आभार
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा...अच्छे लिंक्स
जवाब देंहटाएंआप सभी शुभचिन्तकों का उत्साह वर्द्धन के लिए बहुत-बहुत आभार
जवाब देंहटाएंबहुत ही स्तरीय और सुन्दर लिंकों का चयन तथा सुरुचिपूर्ण प्रस्तुतिकरण के लिए बधाई और आभार
जवाब देंहटाएंअच्छा लगा, धन्यवाद
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