"चर्चा मंच" अंक-55 चर्चाकारः ललित शर्मा |
इस वर्ष पद्म पुरस्कारों को लेकर काफी छिछालेदर हुयी. इस पर उठे विवाद अभी तक थमने का नाम ही नहीं हैं.अदनान सामी का एक गाना था, "ऐसे ऐसों को दिया, कैसे कैसों को दिया, मुझको भी तो लिफ्ट कर दे". बस लिफ्ट की ही महिमा थी कि सब लिफ्ट से ही चढ़ गए. एक प्रकार से पद्म पुरस्कारों को इन हरकतों ने मजाक बना कर रख दिया. पद्म पुरस्कारों की गरिमा को ताक पर रख दिया गया है. अब मैं ललित शर्मा आज का चर्चा मंच सजाता हूँ और चलते हैं आज के ताजा तरीन चिट्ठों की चर्चा पर.................. |
पहला चिट्ठा लेते है शेफ़ाली पाण्डे जी का-एक ठो पद्मश्री इधर भी लेकिन इधर कुछ ऐसे लोगों को पुरस्कार मिलने लगे हैं जो मेरी नज़र में इसके कतई लायक नहीं हैं| जिनको मेरी नज़रों पर संदेह है उन्हें बता दूँ कि मेरी नज़र कोई साधारण नज़र नहीं है| लेज़र से लेकर एक्स-रे किरणें भी जिनके आगे दम तोड़ जाती हैं, ऐसी मास्टरनी की नज़र है मेरी| पहले, ओबामा को जब शान्ति के लिए नोबेल मिला तब मेरे बरसों से चले आ रहे शान्ति के अभियान को धक्का लगा| आस - पड़ोस में, जहाँ पहले से ही शान्ति थी, मैंने वहां भी शांति लाने के प्रयास किये| धक्के, गालियों और अपमान की छोटी-छोटी बाधाएं भी मेरे इस अभियान को बाधित नहीं कर नहीं पाईं |
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इसे एक बार पढ़िए ज़रूर...खुशदीपहम अपने-अपने कामों में बड़े मसरूफ़ हैं...अपने बच्चों को ज़िंदगी में कोई मकाम बनाने के लिए हर तरह की मदद देना चाहते हैं...चाहते हैं कि वो किसी भी मामले में दूसरों से पिछड़े नहीं...लेकिन कभी ठीक यही बात हमारे लिए भी किसी ने चाही थी...चाही थी क्या, वो अब भी |
गत्यात्मक ज्योतिष की प्रवर्तक श्रीमती संगीता पुरी जी की भविष्यवाणी सही हुईसुधि श्रोता गण सादर-अभिवादन पोडकास्ट साक्षात्कार के दूसरे भाग में संगीता पुरी जी ने ज्योतिष को विज्ञान कहने में कहीं कोई कमीं नहीं छोड़ी. किन कारणों से ज्योतिष को विज्ञान की सहमति न मिल सकी यह भी बताया है. साथ ही उनके द्वारा मेरे जन्म से लेकर अब तक के |
ज़माना ही ऐसा है, जिसका दिखता है, उसीका बिकता है...........संयोग से आज सब्ज़ी बाज़ार में जाना हुआ। क्योंकि एक फ़िल्मके लिए सब्ज़ी बेचने वाली का आयटम सोंग लिखने का काममिला है और मैं इसे एकदम रापचिक यानी गुनगुनी यानी ठेठमांसल भाषा में लिखने के मूड में था लिहाज़ा मैं बाज़ार का मुआयना कर रहा था तो एक मज़ेदार वाकिया |
टिप्पणी, टिप्पणी, टिप्पणी, टिप्पणी, टिप्पणी, टिप्पणीदिल तो है दिल ..क्या कीजिये ??कल मन बड़ा खिन्न हुआ था टिप्पणी के प्रति लोगों की बात सुन-सुन कर...और मैंने टिपण्णी आप्शन हटा दिया....यह नहीं कि मैंने आपकी टिप्पणी को मिस नहीं किया..बहुत किया...और अवधिया भईया की डांट, निर्मला जी की फटकार,डॉ.अजित गुप्ता जी का समझाना , दीपक का फ़ोन, अरविन्द जी का धिराना, गिरिजेश जी का चिढ़ाना, महफूज़ का मनाना , किशोर जी का मुस्काना, रानी का मुझे समझना, मिथिलेश का जाना, ललित जी का खटखटाना, और वाणी का ना बतियाना....सबने मिलकर मुझे मेरे फैसले पर रहने ही नहीं दिया.... फलस्वरुप टिप्पणी दान-पेटी खोल रही हूँ.... आशा है, आपलोग मेरे इस छोटे से कदम का मकसद समझ रहे होंगे... अब क्योंकि 'टिप्पणी' से सम्बंधित इतनी प्रविष्ठियां पढ़ ली थी मैंने, कि मेरा आस्तित्व ही 'टिप्पणीमय' हो गया...अतः एक कविता का जन्म हुआ है...देखिये कैसी है...!!! |
प्राचीन कालीन विमान तकनीकि-ज्ञान वर्धक !!आज वैदिक काल में विमानों के निर्माण और संचालन की बात करते हैं. विमान नामक यंत्र वैदिक काल से ही प्रचलित था.वेद में विमान के बनांने की विधि बताते हुए कहा गया है कि जो आकाश में पक्षियों के उड़ने की स्थिति को जानता है, वह समुद्र- आकाश की नाव-विमान-को भी |
प्रेम के दुश्मन.. हाय-हाय.. भारतीय किसान यूनियन.. हाय-हाय...--------->>>>दीपक 'मशाल''प्रेम अध्यात्म की उपज है और अध्यात्म की ओर उन्मुख करता है' यह सीधा सपाट वाक्य स्वयं में बड़ा गहरा और विस्तृत रहस्य सिमटे हुए है. खासकर जब श्रृंगारिक प्रेम की बात हो तो निश्चित ही इस शब्द की स्वाभाविक मिठास में इजाफा हो जाता है. वैसे तो ये परम सत्य | कविताकामना कीजिएगा कविता वाचक्नवी जी के जन्मदिन पर 6 फरवरी को (अविनाश वाचस्पति)कविता जी का जन्मदिन है आजशुभकामना यही है कि ढेरों शुभकामनाओं का पहनें वे ताजपर कवियों से है निवेदन मेराकविता में ही कीजिएगा शुभकामनाजिसे नाम कविताकामना नाम दीजिएगाइससे एक पंथ कई काज हो जायेंगेकवियों | घुंघराले बालों वाली गोरी खूबसूरत कन्या बारंबार मेरी अंतरात्मा को झकझोर रही है !!अपने लक्ष्य के प्रति मैं जितनी ही गंभीर रहती हूं और सफलता के लिए जितना ही प्रयत्न करती हूं , अपने सुख की चिंता उतनी ही कम रहती है। मुझे न तो ईश्वर से , न अपने परिवार से और न ही जान या पहचानवालों से कोई शिकायत रहती है। | कल दादा आये थे.. आदि से मिलने.. आदि के घर... कौन थे.. ये तस्वीरें देख कर पता लगा लो... पहचान गए न? |
हम पोस्ट लिखते हैं नामी बनकर ... वे चुटकियों में उड़ा देते हैं बेनामी बनकरAnonymous said...याने कि बेनामी ने कहा ...अरे भाई कुछ कहना है तो सामने आकर कहो! बुरका ओढ़ कर क्यों कहते हो। प्रशंसा करो, आलोचना करो, जो चाहे सो करो पर अपना परिचय देकर तो करो। जैसे हमने नामी बनकर पोस्ट लिखा है वैसे ही आप भी नामी बनकर टिप्पणी करो।हमने पोस्ट | “…..साथी साथ निभाना!” (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री “मयंक”)चलते-चलते थक मत जाना, साथी साथ निभाना! बीच डगर में रुक मत जाना, साथी साथ निभाना!! सुख आने पर पर मुस्काना है, दुख से खौफ नही खाना है, अपने जीवन में समरसता, पग-पग पर अपनाना! बीच डगर में रुक मत जाना, साथी साथ निभाना!! मेहनत से रखना है नाता, | प्रतिक्रिया करें, सुप्त ना रहेंरेल के एसी द्वितीय श्रेणी में अधिकतर सम्भ्रान्त लोग यात्रा करते हैं, मैंने अधिकतर सम्भ्रान्त लोग इसलिए लिखा है कि कभी-कभार मुझ जैसे लोग भी यात्रा करते हैं। वहाँ के बेड-रोल अक्सर गन्दे होते हैं। मैं उदयपुर में निवास करती हूँ तो मेरा उदयपुर से चलने | 'चैन से हमको कभी'Movie: Pran Jaaye par Vachan Na Jaaye (1973)Lyrics: S H BihariMusic: O P NayyarOriginal Singer: Asha BhosleCover by Alpana'चैन से हमको कभी आप ने जीने ना दिया,ज़हर भी चाहा मगर पीना तो पीने ना दिया...'This song was not included in movie[not even |
आस्तीन के सांप !जैसा कि आप लोग भी जानते होंगे, एक खबर के मुताविक हाल ही में आजमगढ़ से पकडे गए इंडियन मुजाहीदीन के आतंकवादी शहजाद आलम ने खुलासा किया है कि सितम्बर २००८ में बटला हाउस एंकाउन्टर से फरार होने में और उन्हें पनाह देने तथा आर्थिक मदद देने में दिल्ली का एक पूर्व |
| पुरानी डायरी से - 14: मस्ती के बोल अबोल ही रह गएफाग महोत्सव में अब तक:(1) बसन तन पियर सजल हर छन (2) आचारज जी (3) युगनद्ध-3: आ रही होली (4) जोगीरा सरssरsर – 1 आज पुरानी डायरी उठाया - यह देखने के लिए कि फाग से सम्बन्धित | पप्पू का छोटा बेटा गंदी गंदी गालियां देता हैपड़ोसी पप्पू का नाम प्यारेलालआकर बोला - जय राधेलालछोटा बेटा तुम्हाराखोटा घणा हैगालियां देता हैगंदी गंदी।प्यारेलाल जी मत कीजिये चिंताउसे बड़ा होने दीजियेफिर गालियां भीअच्छी अच्छी दिया करेगासबका जिया जीत |
हरामी..? यानी हराम का जना हुआ “चर्चा हिन्दी चिट्ठों की”(ललित शर्मा)अभी तीन चार दिनों से ब्लागवाणी की नापसंद सेवा का भरपुर लाभ उठाया जा रहा है। कुछ विशेष पोस्ट आते ही लगातार नापसंद की बाढ आ जाती है। मतलब यह है कि वही पो्स्ट ज्यादा पसंद की जा रही है और तो और कविताएं और गजल भी नापसंद होने | अमर सिंह सपा से बाहरउत्तर प्रदेश की राजनीति में सपा के नेता मुलायम सिंह के भाई रामगोपाल यादव और मुलायम सिंह के सिपहसलार विश्वस्थ साथी अमर सिंह के बीच लंबे समय से चला आ रहा शीतयुध्द की परिणिति अमर सिंह को सपा से बाहर के रास्ते की ओर ले आई । पिछले दिनों एक लंबी बीमारी और |
अगले चुनाव में उम्मीदवारों की सूची जारी करेंगे बाबा रामदेवतीन साल में 150 लाख करोड़ की हो सकती है देश की जीड़ीपी : बाबा रामदेवसंजय स्वदेशनागपुर। देश की राजनीति की दशा और दिशा बदलने के लिए योग गुरु बाबा रामदेव अगले चुनाव में अपने उम्मीदवरों की सूची जारी करेंगे। बाबा रामदेव नागपुर के धंतोली स्थित तिलक पत्रकार भवन |
मानसिकता : संगीता स्वरूप की एक लघुकथा - मानसिकता-- संगीता स्वरूप -- "माँ ! मैं कक्षा में प्रथम आई हूँ !" - बिटिया ख़ुशी से चिल्लाती हुई घर में घुसी । माँ ने कहा - "अव्वल आई है तो क्या ? पराये घर... दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सहित कई जज करोड़पति की श्रेणी मेंदिल्ली हाईकोर्ट के जजों द्वारा 5 फरवरी को अदालत की आधिकारिक वेबसाइट में किए गए संपत्ति के खुलासे से यह बात स्पष्ट हो गई है कि दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सहित कई जज करोड़पति की श्रेणी में आते हैं। उनके पास महंगे फ्लैटों के साथ ही लाखों के शेयर,प्रतिक्रिया करें, सुप्त ना रहें - रेल के एसी द्वितीय श्रेणी में अधिकतर सम्भ्रान्त लोग यात्रा करते हैं, मैंने अधिकतर सम्भ्रान्त लोग इसलिए लिखा है कि कभी-कभार मुझ जैसे लोग भी यात्रा करते .. |
आपको ललित शर्मा का राम-राम |
ललित जी, मुझे तो ये लोग बुला-बुला के भी देंगे तो मैं तब भी नहीं लूंगा :)
जवाब देंहटाएंलाजवाब चर्चा भाई ललित जी.....
जवाब देंहटाएंकम से कम एक पदम पुरूस्कार तो किसी हिन्दी चिट्ठाकार को भी मिलना चाहिए था...खासकर किसी बेनामी ब्लागर को :)
apno ka sneh padm puraskaar hi hai
जवाब देंहटाएं"सरस पायस" पर प्रकाशित लघुकथा को
जवाब देंहटाएंचर्चा में शामिल करने के लिए धन्यवाद!
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मुझको बता दो -
"नवसुर में कोयल गाता है - मीठा-मीठा-मीठा! "
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संपादक : सरस पायस
अच्छी जानकारी, ढेर सारी नयी नयी पोस्टें. धन्यवाद.
जवाब देंहटाएंनए चिट्ठों की जानकारी देने के लिए आभार...अच्छी चर्चा..
जवाब देंहटाएंmere blogpost ko shamil karne ke lie aabhaar....
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