"चर्चा मंच" अंक-61 आइए आज का "चर्चा मंच" को सजाते हैं।
सभी ब्लॉगर्स को महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनायें
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तेतालाखट्टे और तीखे पर लगेंगे मीठे क्योंकि हैं ख़ास, भेज रहा हूं सब आपके पास ( प्रवीण पथिक)आईये आप को आज फिर मिलाते है अपनी पसंद के ६ चिट्ठो से पिछली मेरी चिठ्ठा चर्चा बहुत ही सफल साबित हुयी आप सब ने खूब सराहा और उन चिट्ठो को खूब पढ़ा भी देखिये ६ चिट्ठे मेरी नजर से पढने के लिए चित्र पर…… |
गत्यात्मक चिंतनआप ठंड के दिनों में भी ताजे और स्वादिष्ट दही का मजा ले सकते हैं !!हमारे शरीर को जितने आवश्यक तत्वों की जरूरत होती है .. जल , चर्बी , प्रोटीन , शक्कर के साथ ही साथ नमक भी दूध से प्राप्त हो जाते हैं। इसलिए दूध को एक संपूर्ण आहार कहा गया है। गाय के अतिरिक्त भैंस , भेड , बकरी , रेन्डियर और ऊंट से भी दूध प्राप्त किया जाता है। दूध में जब थोडी मात्रा में दही डाल दिया जाता है , तो धीरे धीरे सारा दूध ही दही बन जाता है। दूध में मौजूद केसिन नामक प्रोटीन में मनुष्य के शरीर के लिए अमीनो अम्ल पर्याप्त मात्रा में मौजूद होता है। लैक्टिक अम्ल का बैक्टेरिया प्रोटीन के साथ रासायनिक प्रतिक्रिया करता है , तो सारा दूध दही में बदल जाता है। …….. |
लोक वेब मीडियाजनभावना की निष्पक्ष आवाज लो क सं घ र्ष !: ‘‘बहुमत का जुल्म’’प्रजातंत्र भी आग के समान है जो अत्यंत उपयोगी है और अत्याधिक खतरनाक भी। लोकतंत्र हो, भीडतंत्र हो, सर्वसम्मति हो, या बहुमत हो, ये सभी उस समय व्यक्ति या समाज के लिये घातक बनते हैं जब इस अस्त्र का इस्तेमाल करने वाले मन में खोट होती है या स्वार्थ भावना के अन्तर्गत फैसले किये जाते हैं। आप देखते ही है कि सुरक्षा परिषद में बेटों और आम राय के बहाने पांच स्थायी सदस्य कैसे कैसे खेल खेलते हैं तथा जनरल असेम्बली मूक दर्शक ही बनी रहती है। |
TSALIIMविज्ञान केन्द्रित विचारों और वैज्ञानिक पद्धतियों से परिचित कराने का एक विनम्र प्रयास। दुनिया का सबसे बड़ा झूठ....प्रस्तुतकर्ता : ज़ाकिर अली ‘रजनीश’ आप कितना झूठ बोलते हैं? सॉरी, मुझे ये पूछना चाहिए था कि क्या आप झूठ बोलते हैं? अब अगर आप ये कहते हैं कि हाँ, तो इसमें कोई नई बात नहीं होगी, क्योंकि झूठ तो वे भी नहीं बच पाए जो 'धर्मराज' कहे जाते थे। फिर आप और मैं तो साधारण मनुष्य ठहरे। इसलिए कभी-कभार का झूठ चलता है। …….. |
मसिजीवीभड़ास-मोहल्ला अब ( मौसेरे) भाई भाईWritten by मसिजीवी on 4:16 PMयह पोस्टिका एक रहस्यपूर्ण सूचना बॉंटने भर के लिए है। आप में से कुछ को अवश्य हीमोहल्ला के विषय में याद होगा ऐसे ही भड़ास के भी। दोनों ही ब्लॉग रहे हैं और अब मीडिया समाचार पोर्टल बन गए हैं तथा एक मायने प्रतिस्पर्धी भी हैं। दोनों ही के संचालकों में विवादों, बलात्कार की कोशिश के आरोप जैसी कई चरित्रगत समानताएं भी बताई जाती हैं पर तब भी ये समानधर्मी पूर्व-ब्लॉगर विरोधी ही कहे जाते हैं या कम से कम पब्लिक ऐसा ही जानती है। इसलिए कल जब ब्लॉगवाणी पर ये दिखा तो हैरानी हुई- ये अविनाश भला क्यों यशवंत का प्रचार कर करने लगे।…….. |
अंधड़ !नमस्कार, जय हिंद ! मेरी कहानियां, कविताएं,गजल एवं समसामयिक लेख उस देश का यारों क्या कहना !!!!!!!!!!!!!!!!!नेताओ की खुशामदगी की हद जहां ऐसी हो, जहां चमचों के मस्तिष्क में कूट-कूट समाई, |
विरह दंश से |
क़दम-क़दम पे मिलेंगे, मेरी वफ़ा के चराग़पलट के देखेगा माज़ी, तू जब उठा के चराग़ |
मिल्क नॉट फॉर सेलआज गुरूवार को सुबह माताजी के दर्शनों के लिए अम्बाजी गया, वहाँ पर माता जी का बहुत विशाल मंदिर है, इस मंदिर में माता जी के दर्शनों के लिए दूर दूर से भक्त आते हैं। मातृदर्शन के बाद वापसी में जब मैं खेड़ब्रह्मा पहुंचा तो मेरी नजर सामने जा रहे एक दूध वाहन पर पड़ी, जिसके पीछे लिखा हुआ था "मिल्क नॉट फॉर सेल"। जिसका शायद हिन्दी में अर्थ दूध बेचने के लिए नहीं, कुछ ऐसा ही निकलता है। इस पंक्ति को पढ़ते ही जेब से मोबाइल निकाला और फोटो खींच डाली। ……… |
ज्योतिष की सार्थकताझूठ को सच से पृथक् करने वाली जो विवेक बुद्धि है-उसी का नाम ज्ञान है फलित ज्योतिष में विभिन्न राजयोगों की वास्तविकता (बद्धमूल धारणाओं के निराकरण का एक प्रयास)एक व्यक्ति ताज्जीवन ज्योतिषियों को अपनी जन्मपत्री दिखाता रहा और प्रत्येक ज्योतिषी नें उसकी जन्मपत्री देखकर उसके बारे में यही फलकथन किया कि आपकी जन्मकुंडली में तो अलाना फलाना राजयोग है, आप जीवन में बहुत उन्नति करेंगें किन्तु फिर भी यह व्यक्ति आजीवन वनवासी तथा धनाभाव से त्रस्त रहा। यद्यपि ज्योतिषीय ग्रन्थों के अनुसार उसकी जन्मपत्री में राजयोग है तथापि यह व्यक्ति जीवनभर दुःख ही भोगता रहा। उसे पत्नी,संतान एवं समाज सबसे तिरस्कृत होना पड़ा। उस व्यक्ति को अपने इस जीवन में तो उस कथित राजयोग का कोई भी फल प्राप्त नहीं हुआ। आखिर ऎसा क्यूं हुआ? …… |
स म य च क्रचिट्ठी चर्चा : बड़ा बवाल मचा हुआ है. पूरे भारत में दस-पंद्रह शब्द गूँज रहे हैं. शाहरुख़ खान, बाल ठाकरे, आई पी एल, माफी, महाराष्ट्र, उत्तर भारतीय....आज गुरूवार को मै महेंद्र मिश्र आपके समक्ष चिट्ठी लेकर उपस्थित हूँ . आज ब्लागर मित्रो की पोस्टो को पढ़ने का अवसर मिला . कुछ कविता कुछ लेख अच्छे लगे जिनका जिक्र इस चिट्ठी में कर रहा हूँ . कल महाशिवरात्रि का पर्व है फिर युवा दिलो की धड़कन कहा जाने वाला वैलेंटाइन डे आ रहा है . पिछली बार वैलेंटाइन डे पर मेरे युवा मित्र ने मुझ से मजाक में कहा भैय्या आज भाभीजी को कौन सा फूल देंगे तो वे बहुत खुश हो जायेंगी. मैंने उससे कहा भाई जिन्दगी के चालीस साल गुजर गए है फूल देते देते. फूल देखकर भाभी क्या ख़ाक खुश होंगी . |
मुसाफिर हूँ यारोंमाता वैष्णों देवी दर्शनप्रस्तुतकर्ता नीरज मुसाफिर जाट जम्मू पहुँचे, कटरा पहुँचे, पर्ची कटाई, जयकारा लगाया और शुरू कर दी चढाई। चौदह किलोमीटर की पैदल चढाई। दो किलोमीटर के बाद बाणगंगा पुल है। यहाँ चेकपोस्ट भी है। सभी यात्रियों की गहन सुरक्षा जांच होती है। पर्ची की चेकिंग भी यहीं होती है। वैसे तो कटरा से बाणगंगा चेकपोस्ट तक टम्पू भी चलते हैं जो आजकल बीस रुपये प्रति सवारी के हिसाब से लेते हैं। चेकपोस्ट के पास से ही पोनी व पालकी उपलब्ध रहती है। पोनी व पालकी का किराया माता वैष्णों देवी श्राइन बोर्ड द्वारा निर्धारित है। पोनी व पालकी की सवारी शारीरिक रूप से कमजोर व्यक्तियों को ही करनी चाहिये लेकिन भले चंगे लोग भी इनका सहारा ले लेते हैं।…….. (सामने है बाणगंगा चेकपोस्ट) |
शिवकुमार मिश्र और ज्ञानदत्त पाण्डेय का ब्लॉगशिवकुमार मिश्र और ज्ञानदत्त पाण्डेय, ब्लॉग-गीरी पर उतर आए हैं| विभिन्न विषयों पर बेलाग और प्रसन्नमन लिखेंगे| उन्होंने निश्चय किया है कि हल्का लिखकर हलके हो लेंगे| लेकिन कभी-कभी गम्भीर भी लिख दें तो बुरा न मनियेगा| ......आप जल्द ही बोरियत गति को प्राप्त हों.बड़ा बवाल मचा हुआ है. पूरे भारत में दस-पंद्रह शब्द गूँज रहे हैं. शाहरुख़ खान, बाल ठाकरे, आई पी एल, माफी, महाराष्ट्र, उत्तर भारतीय, टैक्सी ड्राइवर, कराची, मन्नत, माई नेम इज खान, राहुल गाँधी, जूता, लोकल ट्रेन, ए टी एम, शरद पवार, इज्जत, धूल, पाकिस्तानी क्रिकेटर्स, वगैरह-वगैरह. |
मुझे मौन होना है मुझे मौन होना है |
आशीष कुमार अंशु से बतकही करना चाहेंगे (अविनाश वाचस्पति)10 फरवरी से 16 फरवरी 2009 की यात्रा में हिन्दी ब्लॉगर मिलें बतकही ब्लॉग है आशीष कुमार 'अंशु' जी का और वे बुधवार को पहुंचे थे उदयपुर जहां से वे जायेंगे रतलाम…… |
मेरी दुनिया मेरे सपनेसंवाद सम्मान 2009 - श्रेणी नवोदित ब्लॉगर। .... आप ही बताइए कौन हो सकता है इस सम्मान का हकदार? |
घुघूतीबासूतीGhughuti Basuti कुछ बातें सही गलत की सब मर्यादाओं से बाहर की होती हैं !................घुघूती बासूती |
मनोजअपनी भावनाएं, और विचार बांट सकूं। चौपाल : आंच पर ब्लेसिंग-परशुराम राय रचनाकार के अन्दर धधकती संवेदना को पाठक के पास और पाठक की अनुभूति की गरमी को रचनाकार के पास पहुँचाना आँच का उद्धेश्य है। आँच के इस अंक में लघुकथा विधा पर विचार किया गया है। आँच के इस अंक के लिए लिया गया है-मनोज कुमार की लघुकथा ‘ब्लेसिंग’। लघुकथा कथा-साहित्य की अर्वाचीनतम विधा है। लघुकथा का साहित्यशास्त्रीय विवेचन कम ही देखने को मिलता है। कहानी विधा के अंगों की तरह इसके भी अंग समान है, यथा कथावस्तु, पात्र, संवाद, संदेश आदि। इसकी कथावस्तु की भी चार अवस्थाएँ होती हैं- प्रारम्भ, विकास, चरमोत्कर्ष और अन्त। सीमित पात्रों की उपस्थिति, उनके चरित्र का मूल्यांकन या चरित्र-चित्रण कहानी की भाँति ही है। संवाद का पैनापन और संदेश की मुखरता आदि बिल्कुल कहानी-साहित्य की तरह ही हैं। तो अब विचारणीय प्रश्न यह है कि कहानी से लघुकथा को अलग कैसे किया जाय अथवा आधुनिकता के नाम का टीका लगाकर इति श्री कर दी जाय। …………. |
KAVITARAWATBPLसुस्वागतम. ब्लॉग के माध्यम से मेरा प्रयास है कि मैं अपने व्यक्तिगत दायित्वों के निर्वहन के साथ-साथ सामाजिक दायित्व को भी समझकर कुछ अच्छा लिख सकूँ और उसे अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचा सकूँ, इसके लिए आपके सुझाव, आलोचना, समालोचना आदि की आकांक्षी हूँ. जो भी आप कहना चाहें बेहिचक लिखें, ताकि मैं अपने प्रयास में बेहत्तर कर सकने की दिशा में निरंतर अग्रसर बनी रह सकूँ. महाशिवरात्रि : शिव-पार्वती-प्रसंगसभी ब्लोग्गर्स को महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनायें. एक दिन पार्वतीजी शिवजी से बोली- |
Alag saश्रीरामजी को भी श्राप का सामना करना पडा था.देवताओं ने सदा अपना हित साधा है। श्रीराम और सुग्रीव की मैत्री में सुग्रीव का सूर्य पुत्र होना एक बड़ा कारण था। |
"हे प्रभु यह तेरा-पथ"
"परिवार का निर्माण करना, अब हम सब के हाथ मैं, "हे प्रभु यह तेरापन्थ" अब आपके साथ मै
जैन:प्राचीन इतिहास-17गतांक से आगे ...... |
सारथीहिन्दी, हिन्दुस्तान एवं ईसा के चरणसेवक शास्त्री फिलिप का बौद्धिक शास्त्रार्थ चिट्ठा!! (2008 का औसत: 500,000 हिटस प्रति महीने!!) दुर्घटना: कौन जिम्मेदार है?मेरे घर के पास ही है राजमार्ग 47, जिस पर हर महीने मैं 1000 से 3000 किलोमीटर की सफारी करता हूँ. अधिकतर अपनी कार में, लेकिन कई बार गैरों की गाडी में. एक औसत यात्रा 100 से 400 किलोमीटर की होती है. 4-लेन के इस राजमार्ग पर यात्रा सामान्यतया सुखद होती है, लेकिन एक चीज मन को दुखी करती है और वह है दुर्घटनायें…….. |
युग क्रांति.....एक सोच एक जज्बा.. सो मैं अब ब्लोगिंग से चलता हूँब्लोगिंग एक नशा हैं |
पराया देश कहां से शुरु करूं ओर कहा खत्म करूं बताना... आप सब का प्यार इतना मिला कि शव्दो मै बताना भी कम पड रहा है, ओर मेरी झोली भी छोटी पड गई.नमस्कार . सलाम आप सब को, |
दिल के दरमियाँ - डॉ० भावना कुँअर
बस यूँ ही...मित्रों काफी दिनों से आप लोगों से वार्तालाप नहीं हुई, व्यस्तता ही इतनी रही,लिखा तो इन दिनों बहुत पर पोस्ट नहीं कर पाई,किन्तु अब ऐसा नहीं होगा, जो लिखा सभी अब क्रम से पोस्ट किया जायेगा, आप सबका स्नेह और दुआएं ही मेरी प्रेरणा रहें हैं। कल मेरा जन्मदिन है और मैं यहाँ (आस्ट्रेलिया-पर्थ) में अकेली हूँ बच्चे और प्रगीत आस्ट्रेलिया-सिडनी में हैं,सबको बहुत मिस कर रही हूँ, पहली बार ऐसा हुआ है कि मैं मम्मा,पापा यहाँ तक कि बच्चों,प्रगीत सभी से दूर हूँ, पर किया जाये जब काम करना है तो करना ही है उसमें ये सब दूरियाँ तो सहनी ही होंगी,ऐसे वक्त में बस यही कह सकती हूँ |
Dubeyअब मैं ना हिम्मत हारूँगा---------------(मिथिलेश दुबे)एक बार फिर हाजीर हूँ मैं, साधारण भाषा में इसे पूर्नजन्म भी कह सकते हैं । मेरा ब्लोगिंग को छोड़ने का फैसला गलत था इसका एहसास मुझे प्रतिक्रिया मिलने के बाद हुआ । ब्लोगिंग छोड़ने का फैसला लेना मेरे लिए बहुत मुश्किल था , लेकिन कभी-कभी भावुकता वश कुछ गैर जरुरी फैसले हो जाते हैं जो कि मैंने किया । इन दिंनो लिखना तो पूर्णतया बन्द था , लेकिन पढ़ना यथावत चलता रहा, शायद इसे आप ब्लोगिंग का नशा ही कह सकते है कि दूर रहकर भी पास था । इस दर्मीयान मुझे अपनो का बहुत प्यार मिला जिनका सदा-सदा आभारी रहूंगा , ये अपने को प्यार ही है कि मै दोबारा से वापस आ पाया हूँ । ब्लोगिंग छोड़ने पर मुझसे प्यार करने वालो ने कहा कि ये फैसला तुम्हारा किसी भी विधा से सही नहीं है , साथ डांट भी पड़ी । वहीं कुछ लोग खुश भी हुए होंगे कि चलो एक दुश्मन गया , लेकिन उन्हे पता नहीं कि जहाँ अपनो का प्यार होता है वहाँ बड़े-बड़े घूटनें टेक देंते है । उन सभी का शुक्रगुजार हूँ जिन्होनें मेरा लगातार मेरा साथ दिया और मुझे अपना फैसला बदलना पड़ा । ….. |
ITNI SI BAATHi Friends. I am Irfan khan,an editorial cartoonist,based in New Delhi.For last 20 years I have worked for India's almost all leading newspapers and also have done my cartoons and talk shows on tv channels. ठाकरे ने बताया बिग बी और किंग खान मैं फर्क !! |
आज की चर्चा को विराम! सबको राम-राम!! |
Kuch bhi nahi bacha aaj sab kuch aapke is charcha me aa gaya...badhiya charcha...dhanywaad shastri ji
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा .. अच्छे अच्छे लिंक्स मिले !!
जवाब देंहटाएंबहुत वृहद चर्चा,
जवाब देंहटाएंरामराम.
वाह! शास्त्री जी...हम तो अभी तक आपकी पहले वाली चर्चा ही बाँच रहे थे और आपने इधर नई चर्चा भी कर डाली...भई हम तो आपके द्वारा किए जा रहे इस अथक परिश्रम को देखकर ही दंग हैं।
जवाब देंहटाएंआभार्!
बहुत बेहतरीन चर्चा. मजा आ गया.
जवाब देंहटाएंमहाशिवरात्री की बधाई एवं शुभकामनाएँ.
आपकि भी महाशिवरात्री की शुभकामनाएँ....अच्छी चर्चा!!
जवाब देंहटाएंसादर
रानीविशाल
बेहतरीन चर्चा...
जवाब देंहटाएंमहाशिवरात्री की बधाई एवं शुभकामनाएँ....
कई चिट्ठों को एक साथ समेटने की बेहतर कोशिश।
जवाब देंहटाएंसादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
बेहद खूबसूरत चर्चा । आभार ।
जवाब देंहटाएंआपको महाशिवरात्रि की शुभकामनायें।
एक साथ कई पोस्ट पढ़ने मिल गए , आभार !! शिवरात्री की हार्दिक शुभकामनायें !!
जवाब देंहटाएंपंडित जी
जवाब देंहटाएंप्रणाम
बहुत सुन्दर चर्चा की . महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाये .
नया कलेवर नाइस है!
जवाब देंहटाएं--
"महाशिवरात्रि पर आपके लिए हार्दिक शुभकामनाएँ!"
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कह रहीं बालियाँ गेहूँ की - "मेरे लिए,
नवसुर में कोयल गाता है - मीठा-मीठा-मीठा!"
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संपादक : सरस पायस
bahut hi sundar aur vistrit charcha..........shivratri ki hardik shubhkamnayein.
जवाब देंहटाएंसादर अभिवादन! सदा की तरह आज का भी अंक बहुत अच्छा लगा।
जवाब देंहटाएंpuujaniya shastri sir,
जवाब देंहटाएंsabase pahale to mai aapki dil se aabhari hun jo aapne charcha manch par
lakarmujhe apna aashish diya. aur meri lekhani ki isksha shakti ko aur badhava diya.sadar pranam.
poonam
puujaniya shastri sir,
जवाब देंहटाएंsabase pahale to mai aapki dil se aabhari hun jo aapne charcha manch par
lakarmujhe apna aashish diya. aur meri lekhani ki isksha shakti ko aur badhava diya.sadar pranam.
poonam
ज़बर्दस्त चर्चा शास्त्री जी।हर हर महादेव।
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