"चर्चा मंच" अंक-74
चर्चाकारः डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक"
आइए आज का "चर्चा मंच" सजाते हैं-
आज की चर्चा में केवल पोस्ट का शीर्षक, रचनाकार का नाम और ब्लॉग के नाम ही है! तात्पर्य यह है कि आप यही से आधी-अधूरी पोस्ट न पढ़ें अपितु चर्चित पोस्ट पर भी जायें!
निवेदन यह है कि यदि आप
पल-पल! हर पल!! http://palpalhalchal.feedcluster.com/
में अपना ब्लॉग शमिल कर लेंगे तो
मुझे चर्चा मंच में आपका लिंक उठाने में सरलता होगी।
पता नहीं मन की ये दुविधा कब पीछा छोडेगी
Feb 25, 2010 | Author: पं.डी.के.शर्मा"वत्स" | Source: कुछ इधर की, कुछ उधर की
मालूम नहीं क्यों, कभी कभी तो ऎसा लगने लगता है कि ये ब्लागिंग,फ्लागिंग कुछ नहीं--सब फालतू की टन्टेबाजी है--ऎसा लगता है कि अपनी कोई खुशी, कोई दुख, कोई जानकारी, मन में आया जरा सा कोई विचार अपने तक ही सीमित न रख पाना और उसे झट से एक पोस्ट के जरिये ठेल देना बिल्कुल एक भोले बालकपन का सा काम है। जब कभी ... [read more]
6 Comments • View blog reactions | द संडे पोस्ट में 'कुछ भी कभी भी', 'ई ब्लॉग टिप्स', 'ब्लॉग बुखार', 'कुछ मेरी कलम से' तथा 'ब्लॉग मदद'
Feb 25, 2010 | Author: बी एस पाबला | Source: प्रिंट मीडिया पर ब्लॉगचर्चा
साप्ताहिक द संडे पोस्ट, 21-18 फरवरी 2010 अंक के पाक्षिक स्तंभ 'ब्लॉगनामा' में दिल्ली की हालिया ब्लॉगर मीट के साथ साथ कुछ भी कभी भी, ई ब्लॉग टिप्स, ब्लॉग बुखार, कुछ मेरी कलम से तथा ब्लॉग मदद जैसे ब्लॉग्स का उल्लेख करता एक लेख [read more]
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आज की चर्चा को देते है विराम!
सभी को रंग भरी राम-राम!! |
उपयोगी लिंक्स।
जवाब देंहटाएंबढ़िया जी!
behtreen charcha.
जवाब देंहटाएंधन्यवाद. यहां आकर कई नई पोस्टों की उम्दा जानकारी मिलती है.
जवाब देंहटाएंशास्त्री जी राम-राम
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया चर्चा
आभार
आज की चर्चा में
जवाब देंहटाएंसबसे ख़ास बात यह लगी कि
कमेंट करने के लिए सीधा लिंक मिल रहा है!
यह शायद आपके नए ब्लॉग एग्रीगेटर "पल-पल! हर पल!!" का कमाल है!
आनन्द आ गया चर्चा बाँच कर...बढिया लिंक्स समेटे हैं!!
जवाब देंहटाएंnice
जवाब देंहटाएंकमेंन्टस का लिंक अपने आप अपडेट हो जाता है क्या?
जवाब देंहटाएंबढ़िया चर्चा.
समीर भाई!
जवाब देंहटाएंऐसा नही है!
जिस समय चर्चा लगाई जाती है उस समय जितने कमेंट्स होते हैं वो ही दिखाई देते हैं!
हाँ इतना अवस्य है कि मेरे एग्रीगेटर को खोलने से आप अद्यतन कमेंट्स का जायजा ले सकते हैं!
हम भी चर्चियाये गये.
जवाब देंहटाएंबढ़िया चर्चा !
जवाब देंहटाएंbahut hi badhiya charcha ........kafi mehnat ki gayi hai..........aabhar.
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रंग जमाया है।
जवाब देंहटाएंहोली की हार्दिक शुभकामनाएँ।।
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कुछ खाने-खिलाने की भी तो बात हो जाए।
किसे मिला है 'संवाद' समूह का 'हास्य-व्यंग्य सम्मान?
Laajawab characha rahi...Bahut bahut dhanywaad!
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