"चर्चा मंच" अंक-77
चर्चाकारः डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक"
आइए आज का "चर्चा मंच" सजाते हैं-
सभी ब्लॉगर्स को “होली की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!”
निवेदन यह है कि यदि आप
पल-पल! हर पल!! http://palpalhalchal.feedcluster.com/
में अपना ब्लॉग शमिल कर लेंगे तो
मुझे चर्चा मंच में आपका लिंक उठाने में सरलता होगी।
नवगीत की पाठशाला
प्रत्यंचा टूट गई - प्रत्यंचा टूट गई छूट गए फूलों के वाण ऋतुओं के गंध कलश छलक गए रेशमी हवाओं की रस्सियाँ भाँजता बटरोही वसंत वन-बगीचों में झाँकता कोयल के पैने संधान अंध कूप में ... | नन्हें सुमन
"कम्प्यूटर" - ** * * *यह मेरा कम्प्यूटर प्यारा,* *इसमें ज्ञान भरा है सारा।* ** *भइया इससे नेट चलाते,* *नई-नई बातें बतलाते।* *यह प्रश्नों का उत्तर देता,* *पल भर में गणना कर... |
युवा दखल
आपका घर गच्ची वाला है - *( देवास के हमारे साथी सौरभ का यह लेख युवा दख़ल के ताज़ा अंक में प्रकाशित है। होली की मस्तियों के बीच उम्मीद करता हूं आप इन्हें भी नहीं भुलेंगे!)* *पूरे क... | मेरी डायरी
प्रिया शर्मा की कविता - यह कविता जयपुर से प्रिया शर्मा ने भेजी है। यह उनका पहला प्रयास है, इसलिए इसमें हो सकता है कि कहीं कच्चापन नजर आए, लेकिन यह रचना एक संभावना जगाती है। चलना स... |
स्वप्न(dream)
हम तो ऐसे ही कहेंगे जी "गज्जल" - हम तो ऐसे ही कहेंगे जी "गज्जल" (होली के अवसर पर विशेष ) टोकरी ये भर गई , कविताओं सेसुनलो फिरता हूँ गधे-सा लाद कर देर से बैठा हूँ इस उम्मीद मेंमैं सुनाऊं औ... | एक प्रयास
श्याम संग खेलें होली - कान्हा ओ कान्हा कहाँ छुपा है श्याम सांवरिया ढूँढ रही है राधा बावरिया होली की धूम मची है तुझको राधा खोज रही है अबीर गुलाल लिए खडी है तेरे लिए ही जोगन बनी है म... |
काव्यशास्त्र : भाग 4
आचार्य भामह -- आचार्य परशुराम राय आचार्य भामह का काल निर्णय भी अन्य पूर्ववर्ती आचार्यों की तरह विवादों के घेरे में रहा है। आचार्य भरतमुनि के बाद प्रथम आचार्य भामह ही हैं जिनका काव्यशास्त्र पर ग्रंथ उपलब्ध है। आचार्य भामह के काल निर्णय के विवाद को…
मनोज
करण समस्तीपुरी | खुशदीप जी ..झेलिये ना फागीस्म..
बाकी बाद में देखेंगे..
बवाल : सर पर टोपी डाल ब्लाग पर बैठे हैं समीर लाल ..हो तेरा क्या कहना... अपनत्व : तुम्हें अपना बनाने कि कसम खाई है ..खाई है वी वर्मा.: आँखों में उसका चेहरा जब थोड़ा सा धुन्धलाये छम से वो आ जाए छम से आ जाए. रंजना (रंजू) : प्यार
काव्य मंजूषा
'अदा' |
फाग-छंद ( संकलित ) - 1
घनानंद (राग केदारौ) फाग-रंग चढ़ गया है इन दिनों सब पर ! नदा कर चुप बैठा हूँ, ये ओरहन सुनना ठीक नहीं । अपना कौन-सा रंग है ख़ालिस कि रंगूँ उससे ! सो परिपाटी का रंग चढ़ा रहा हूँ । मेरा उद्यम इतना ही है कि जिन कवियों के नाम आप यहाँ देखेंगे, उनकी रचनाओं से
सच्चा शरणम्
हिमांशु । Himanshu | प्रस्तुतकर्ता Suman लेबल: सत्य नारायण ठाकुर
महायुद्ध
यूरोप में लड़ी गयी दो लड़ाइयों को विश्वयुद्ध संज्ञा दी जाती है- प्रथम विश्वयुद्ध और द्वितीय विश्वयुद्ध। किंतु ज्यादा सही बात यह है कि दुनियां का प्रथम महायुद्ध सं0 रा0 अमेरिका ने पश्चिमी गोलार्द्ध में शुरू किया। यह युद्ध लातिन अमेेरिका कब्जाने के लिये स्पेन से लड़ा गया। स्पेन-अमेरिका युद्ध 1898 हुआ, जिसमें जीर्णशीर्ण स्पेन का राजतंत्र हार गया। फिर तो लातिन अमेरिका में यूरोप का प्रभाव घटता गया और वह धीरे-धीरे पूरी तरह सं0 रा0 अमेरिका के प्रभाव में आ गया। इसने प्रशांत महासागर के हवाई द्वीप पर कब्जा किया और फिलीपींस को भी दबाया। इस तरह पश्चिमी गोलार्द्ध से यूरो को निकाल बाहर कर अमेरिका ने उसे अपना गलियारा बनाया।
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मस्त रही चर्चा ....आनन्द आया.
जवाब देंहटाएंये रंग भरा त्यौहार, चलो हम होली खेलें
प्रीत की बहे बयार, चलो हम होली खेलें.
पाले जितने द्वेष, चलो उनको बिसरा दें,
गले लगा लो यार, चलो हम होली खेलें.
आप एवं आपके परिवार को होली मुबारक.
-समीर लाल ’समीर’
shaandaar rahi charcha.. aapko holi ki shubhkaamnayen.
जवाब देंहटाएंसुंदर चर्चा.
जवाब देंहटाएंआपको होली पर्व की घणी रामराम.
रामराम
सुन्दर चर्चा.....
जवाब देंहटाएंहोली की आपको सपरिवार हार्दिक शुभकामनाऎँ!!!
रंग बिरंगे त्यौहार होली की रंगारंग शुभकामनाए
जवाब देंहटाएंholi ke rango se saji is rangeen charcha ke liye aabhar!
जवाब देंहटाएंAapko sapariwaar holi ki hardik shubhkamnaae!!
होली की शुभकामनाए.nice
जवाब देंहटाएंहोली की शुभकामनाए
जवाब देंहटाएंहोली की पावनवेला पर ढेरों मंगलकामनाएं.
जवाब देंहटाएंभल्ले गुझिया पापड़ी खूब उड़ाओ माल
जवाब देंहटाएंखा खा कर हाथी बनो मोटी हो जाए खाल
फिरो मजे से बेफिक्री से होली में,
मंहगाई में कौन लगाए चौदह किला गुलाल
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