"चर्चा मंच" अंक-76
चर्चाकारः डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक"
आइए आज का "चर्चा मंच" सजाते हैं-
लगता है आज की प्रातः की चर्चा अधिकांश ब्लॉगरों को पसन्द नही आई मगर में क्या करूँ!
चिट्ठाजगत जो बोलता है वही तो मैंने उजागर किया है !
अब पुराने रंग-ढंग से आज की चरचा शुरू करता हूँ-
निवेदन यह है कि यदि आप
पल-पल! हर पल!! http://palpalhalchal.feedcluster.com/
में अपना ब्लॉग शमिल कर लेंगे तो
मुझे चर्चा मंच में आपका लिंक उठाने में सरलता होगी।
उच्चारण
“होली का आया त्यौहार” - *[image: IMG_0889 - Copy (2)] प्राची गुझिया बना रही है, दादी पूड़ी बेल रही है।** **[image: IMG_0889] कभी-कभी पिचकारी लेकर, रंगों से वह खेल रही है।। ... | अंतर्मंथन
जाने कहाँ खो गई खुशबू गुलाबों की --- - आज सारा देश लुप्त होते जा रहे बाघों के लिए चिंतित है। होना भी चाहिए । आखिर वन्य जीवन हमारी धरोहर है। लेकिन हम इसे अपने ही हाथों नष्ट किये जा रहे हैं। इंसान ... |
सोचा ना था....
दुआ की कीमत - फरवरी की शुरुवात में ही हम अजमेर गए...वैसे हमारा १० दिनों का लम्बा प्लान था.....अजमेर पहुँचकर अपने भाई के दोस्त के घर पर फ्रेश हुए....फिर मशहूरअजमेर शरीफ (... | नन्हा मन
जब खेलने आए बच्चे - रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’ - नमस्कार बच्चो , आपके लिए *रामेश्वरम कम्बोज हिमांशु* जी नें अपनी कुछ बहुत ही प्यारी-प्यारी बाल-कविताएं लिख भेजी हैं , जिन्हें हम एक-एक कर आपको पढवाएंगे । पढि... |
मानवीय सरोकार
मौसम चुहुल मसखरी वाला - हास्य -डॉ०डंडा लखनवी गली देखिए घाट देखिए। रंगबिरंगी हाट देखिए।। मौसम चुहुल-मसखरी वाला, आज हुआ स्टार्ट देखिए।। इनको जनस... | JHAROKHA
पैगाम - *ख्वाबों में ही छलनी हो, गया जिगर जिसका*** *वही तो जिगर हमारा है, वहीं तो जिकर हमारा है।*** * * *खयालों के धागे बुनते बुनते, कुछ बिगड़े कुछ सूत बने।*** ... |
अंधड़ !
नफरत दिल में बसाने से फायदा क्या ! - *दर्द जुबाँ पे लाने से फायदा क्या, अश्रुओ को पलकों में छुपाने से फायदा क्या ! अब-जब धडकने बंद हो ही गई तो, खंजर को जिगर पर चुभाने से फायदा क्या !! ताउम्र को... | ज़िन्दगी
कैसे खेलें होरी - तिरछी चितवन सुर्ख कपोल भीगे अधर प्रिये कैसे प्रवेश करूँ ह्रदय में पहरे तुमने बिठा रखे हैं चितवन बांकी बींध रही है किस रंग से तुम्हें सजाऊँ कपोल सुर्ख किये हु... | ह्रदय पुष्प
होली है - होली है ढीठ गोपाल यशोदा के लाल ने ग्वालिन संग करी बरजोरी। आवत देख के राह में घेर के बाँह गही औ दई झकझोरी। भाल अबीर सों लाल कियौ और पकड़ उठाइ के नाँद में ब... |
कोई बड़ा गुल खिलाने की तैयारी में अमर सिंह
सियासत के सुपर स्टार ठाकुर साहबः 1समाजवादी पार्टी के आला ओहदेदार रहे सांसद ठाकुर अमर सिंह के कदम रफ्ता-रफ्ता जिस दिशा में बढ़ रहे हैं, सबसे ज्यादा सपा के भीतर बेचैनी गहराती जा रही है। काश, ऐसा न होता तो उत्तर प्रदेश के निकट भविष्य के विधानसभा चुनावों में
चिट्ठानामा
मुंहफट | Union Budget 2010-11
Today the seasoned Congress leader and
UPA government’s
finance minister
Sri Pranab Da
presented the much-anticipated
Union Budget
2010-11.
Now it is the time for
him to receive
both praise and
brickbat from
several quarters.
India is a big country
Amar Singh's Official Blog
A.Singh | होलियाए दोहे
होली तो अब सामने खेलेंगे सब रंग।मँहगाई ऐसी बढ़ी फीका हुआ उमंग।।पैसा निकले हाथ से ज्यों मुट्ठी से रेत।रंग दिखे ना आस की सूखे हैं सब खेत।।एक रंग आतंक का दूजा भ्रष्टाचार।सभी सुरक्षा संग ले चलती है सरकार।।मौसम और इन्सान का बदला खूब स्वभाव।है वसंत पतझड़ भरा
मनोरमा
श्यामल सुमन |
आज की चर्चा में इतना ही….! |
होली की बधाई
जवाब देंहटाएंचर्चा है मनभाई
आज की चर्चा मनभावन भी है
जवाब देंहटाएंऔर नयनाभिराम भी!
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मिलने का मौसम आया है!
"रंग" और "रँग" में से किसमें डूबें?
हो... हो... होली है!
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संपादक : सरस पायस
बहुत बढिया .. आपको भी होली की शुभकामनाएं !!
जवाब देंहटाएंहोली "मंगल-मिलन" की हार्दिक शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंहोली के रंगों से सजी सुन्दर चर्चा!!
जवाब देंहटाएंआभार्!
बहुत बढ़िया चर्चा रही..यहीं से सारे लिंक पर हो आये.
जवाब देंहटाएंआप एवं आपके परिवार को होली मुबारक.
बहुत बधाई होली की।
जवाब देंहटाएंचर्चा प्यारी बोली की।।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
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जवाब देंहटाएंरंग-बिरंगी होली की बधाई.
सुन्दर चर्चा...''ताका-झांकी'' की चर्चा हेतु आभार..होली की बधाइयाँ.
जवाब देंहटाएंholi ke sabhi rang bhar diye hain..........gazab ki prastuti.
जवाब देंहटाएंHAPPY HOLI.
आपको होली पर्व की घणी रामराम.
जवाब देंहटाएंरामराम