"चर्चा मंच" अंक-48 चर्चाकारः डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक" आइए आज के "चर्चा मंच" को सजाते हैं-
कुश की चिठ्ठाचर्चा : क्या यही नैतिकता है?आज फालोअप टिप्पनी में यह टिप्पनी प्राप्त हुई जो चिठ्ठाचर्चा पर कही नजर नही आती है| मुझे इसे न छापने का कोई कारण समझ नहीं आ रहा है| क्या नैतिकता और सौहार्द की दुहाई देने वाला चिठ्ठाचर्चा मन्च अपनी तानाशाही नहीं देख पाता?........
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सोमवार, फ़रवरी 01, 2010
“चर्चा में चर्चा…..!” (चर्चा मंच)
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वाह शास्त्री जी आपने तो कमाल कर दिया
जवाब देंहटाएंसारी चर्चाओं की चर्चा करके धमाल कर दिया।
जोरदार पोस्ट। बधाई
चर्चाओं का सुंदर संग्रह आपकी यह बेहतरीन चिट्ठा चर्चा...बधाई शास्त्री जी
जवाब देंहटाएंचर्चाओं की चर्चा
जवाब देंहटाएंकार्टूनों की चर्चा
इतना बढि़या पर्चा
सब देना चाहेंगे।
अब और क्या कहा जा सकता है?
जवाब देंहटाएंशास्त्री जी द्वारा की गई चर्चा होती ही है -
कुछ अलग हट कर!
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नवसुर में कोयल गाता है -"मीठा-मीठा-मीठा! "
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संपादक : सरस पायस
बहुत सुंदर रही आपकी चर्चा की चर्चा .. तेताला पर आज मैने भी चर्चा की है .. हमारे ब्लॉग जगत में व्यक्तित्व विकास को लेकर बहुत सारे आलेख लिखे गए हैं !!
जवाब देंहटाएंवाह्! शास्त्री जी....ये भी खूब रही..
जवाब देंहटाएंचर्चा में चर्चा!!!
बहुत बढिया!
अरे वाह आपने तो सभी को एक साथ पिरो दिया ।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन संयोजन ! आभार चर्चा के लिये !
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रंगविरंगी समग्र चर्चा.
जवाब देंहटाएंkamaal kar diya shastriji !
जवाब देंहटाएंcharcha hi charcha
lamisaal kam hai aapka
mujhe shaamil karne ke liye khaas shukriya
लाजवाब चर्चा.
जवाब देंहटाएंरामराम.
बहुत अच्छी चर्चा।
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