"चर्चा मंच" अंक-72
चर्चाकारः डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक"
आइए आज का "चर्चा मंच" सजाते हैं-
देखिए दिनभर की कुछ हलचल--
निवेदन यह है कि यदि आप
पल-पल! हर पल!! http://palpalhalchal.feedcluster.com/
में अपना ब्लॉग शमिल कर लेंगे तो
मुझे चर्चा मंच में आपका लिंक उठाने में सरलता होगी।
Tuesday, February 23, 2010 at 4:44 AM Posted by ताऊ रामपुरिया
आजकल के माहोल से त्रस्त होकर हमने एक पोस्ट "मेहरबां फ़रमाईये किस पर लिखूं?" लिखी थी. क्योंकि सच मे समझ नही आता कि क्या लिखें और क्या ना लिखें. लोगबाग चीरफ़ाड करने को उधार ही रहते हैं. असल मे वस्तु या कथ्य तो एक ही होता है परंतु हर आदमी उसका अवलोकन अपने नजरिये से ही करता है. जैसे हाथी को देखकर कोई कहेगा यह बहुत विशालकाय है..कोई कहेगा ..ये तो काला है...यानि हर किसी की अपनी नजर होती है.
और खासकर ब्लागजगत में तो ताऊ के लिखे को देखकर लोग यही कयास लगाते हैं कि आज ताऊ ने ये किसके बारे में लिखा? कुछ लोग पूछते भी हैं और सलाह भी देते हैं कि ताऊ लौट आवो पुरानी गलियों मे. यहां सब तुम्हारा इंतजार कर रहे हैं...अब ये ताऊ ना हुआ..कश्मीर का आतंकी होगया जो बहक कर फ़ैसलाबाद चला गया और एक रियायती पैकेज ताऊ को मुख्य धारा में लौटाने के लिये सरकार ने दिया हो?
…………..
"मुर्गी तो जान से गई और खाने वाले को मजा नही आया"…….
बस आप यूं समझ लें कि ताऊ एक गोल और चिकना सा पत्थर है. उस चिकने पत्थर पर आप प्रेम से हाथ फ़िरायेंगे तो आपको स्निग्धता और प्रेम का आभास होगा….
| ताऊजी डॉट कॉम
खुल्ला खेल फ़र्रुखाबादी (195) : आयोजक उडनतश्तरी - बहनों और भाईयों, मैं उडनतश्तरी इस फ़र्रुखाबादी खेल में आप सबका आयोजक के बतौर हार्दिक स्वागत करता हूं. जैसा कि आप जानते हैं कि अब खुल्ला खेल फ़र्रुखाबादी क...
अंधड़ !
होली पर एक धमकी भरी गजल ! - *हिम्मत बा तोहरा में त अबकी तू, गुजर कर देख हमरा गली से, नाम हमरा मुंती ना गर, मरवा न देत तोहरा के कौनो नक्सली से! डराय करत रहनी जो कबो तोरा से, समझिएगा न ह...
मेरी भावनायें...
.....! - मैं अकेली कहाँ और कब? नज्में मेरे पास सांसें लेती हैं
Dr. Smt. ajit gupta
ग्वालियर किला जो कैदखाने में बदल दिया गया - दिनांक 20 फरवरी को हमारी गाड़ी ग्वालियर की सड़कों से होती हुई एक पहाड़ी पर चढ़ने लगी। एक सुदृढ़ किले की दीवारे दिखायी देने लगी और उन दीवारों पर बनी हुई जैन तीर...
चिट्ठाद्योग सेवा संस्थान-----:-)
| पं.डी.के.शर्मा"वत्स" | कुछ इधर की, कुछ उधर की
जैसा कि आप सब लोग जानते हैं कि हिन्दी ब्लागर्स को आ रही समस्यायों को देखते हुए पिछले दिनों हमने आप लोगों की सहायतार्थ "चिट्ठाद्योग सेवा संस्थान" नाम से एक कुटीर उद्योग का शुभारंभ किया था। जिसके पीछे हमारा एकमात्र यही उदेश्य रहा है कि इस ... |
कबाड़खाना
लीलाधर जगूड़ी से बतकही - 1 - यह इन्टरव्यू उस्ताद कबाड़ी अनिल यादव ने कल लिया था लखनऊ में. अनिल का इन्टरनैट ठीक से काम नहीं कर रहा सो इसे पोस्ट करने यह ज़िम्मा मुझे मिला. आओ पास बैठो, सोने .
|
नारी
साहस और चतुराई को बनाया हथियार................ - आज आये दिन लगभग सभी दैनिक समाचार पत्रों में शहरी क्षेत्रों में होने वाली लूट-खसोट और चोरी की घटनाओं का उल्लेख मिलता है, जिसमें सबसे अधिक घटनाएँ महिलाओं क..
|
उच्चारण
“लगता है बसन्त आया है” *हर्षित होकर राग भ्रमर ने गाया है! * *लगता है बसन्त आया है!! * * * *नयनों में सज उठे सिन्दूरी सपने से, * *कानों में बज उठे साज कुछ अपने से, * *पुलकित होकर...
|
संवेदना संसार
बहुत याद आये !!! - *मादक मंद समीर बसंती, छूकर तन, मन को सिहराए, इस मोहक बेला में साथी, आये, बहुत याद तुम आये !!! नींद पखेरू,पलकों को तज, स्मृति गगन में चित भटकाए, इस नीरव बेला..
| मोहल्ला
अनंत अंत - अनंत अंत को तलाश करते हुए एक ऐसे पथ पर चल रहा हूँ जहाँ दूर दूर तक फैला अन्धकार है मुझे लगा ये मेरा वहम है लेकिन इस अंधकार से बाहर निकलने का कोई रास्ता मुझे... |
बना रहे बनारस
बोल-चाल की हिन्दी में कविता - *महावीर प्रसाद द्विवेदी* (1864-1938) कुछ लोगों का खयाल है कि बोल-चाल की हिन्दी में कविता का जन्म हुए अभी बीस ही पच्चीस वर्ष हुए। पर खोज से इस भाषा की कवित.
|
|
aapka kaam dekh kar bar bas hi shraddha umad aati hai hriday me.....
जवाब देंहटाएंjai ho aapki shaastri ji !
सुन्दर व विस्तृत चर्चा के लिए आभार !
जवाब देंहटाएंसादर
शास्त्री जी! आपके द्वारा निस्वार्थ भाव से किए जा रहे इस अति श्रमसाध्य चर्चा कार्य हेतु आप वाकई साधुवाद के पात्र हैं। हैरानी होती है कि आप इतनी मेहनत कर कैसे लेते हैं..हमारे बस की तो कभी नहीं।
जवाब देंहटाएंपुन: धन्यवाद्!
शाश्त्रीजी, इस सतत और वृहद चर्चा के लिये आपको बहुत धन्यवाद. आपने तो चर्चा के मायने ही बदल दिये हैं. शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंरामराम.
सुन्दर व विस्तृत चर्चा
जवाब देंहटाएंbahut hi mehnat ki hai aur kafi link bhi mil gaye .........shukriya.
जवाब देंहटाएंदिलचस्प चर्चा...अगली चर्चा का इंतजार.
जवाब देंहटाएं