"चर्चा मंच" अंक-60 चर्चाकारः डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक" आइए आज का "चर्चा मंच" को सजाते हैं। Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून क्या वसंत का मोल है जब न प्रियतम पास?कोयल की हर कूक में पिया मिलन की आस।।अमराई के संग में पीले सरसों फूल।किसके सर बिन्दी लगे किसी माथ पर धूल।।रस कानों में घोलती मीठी कोयल-तान।उस मिठास के दर्द से प्रायः सब अन्जान।।पतझड़ ने आकर कहा आये द्वार वसंत।नव-जीवन….. मनोरमा | उड़न तश्तरी .... जाने किस आहट से नींद खुल जाती है.कोई थकान नहीं, शायद नींद पूरी हो गई. खिड़की के बाहर झांकता हूँ. सफेद रात. जहाँ तक नजर जाती है, बरफ ही बरफ और रुई के फाहे की तरह गिरती लहराती बरफ अभी भी थमी नहीं है. घड़ी पर नजर डालता हूँ. ३ बज कर १० मिनट. अब फिर से सोने की कोशिश करना याने सुबह ५ बजे शुरु होने वाली दिनचर्या बिगाड़ना. रसोई में जा कर एक कप गर्म काली कॉफी बना लाता हूँ और फिर सामने कम्प्यूटर. ऐसे ही शुरु होती है अधिकतर दिनचर्या …… एक अमर प्रेम, एक रुढ़ीवादी समाज, एक संस्कार माँ बाप का सम्मान, धन लोलुपता, मान्यतायें, समर्पण.. त्याग… .. | फ़िरोज़ शाह कोटला जामी मस्जिदचौदहवीं शताब्दी के मध्य में भारत की सल्तनत फ़िरोज़ शाह तुगलक (१३५१-१३८८) के कुशल हाथों में रही ...इस्लाम के आगमन से लगभग डेढ़ शताब्दी तक देश का माहौल बड़ा ही अनिश्चित और हिंसा पूर्ण रहा ...लेकिन फ़िरोज़ शाह….. काव्य मंजूषा | रंग रंगीले फूल खिलेपुरवैया ठंडी आएकी आयो फागनियोकी आयो जी फागनियों..लाल हरी चुनर न ओढूबस पिली ओढ़नी भाएरंगादो मोहे फागनियोंकी आयो जी फागनियों...देवरजी जो करे ठिठोरीसैयाजी की याद सताएकी आयो फागनियोंकी आयोजी फागनियो...संग ननद के फाग मैं ……. Kavymanjusha | जरा याद कीजिये फिल्म काला बाजार के गीत ‘अपनी तो हर आह एक तूफान है…..’ को। या फिल्म दोस्त के गीत ‘गाड़ी बुला रही है…..’ को। कुछ विशेषता नजर आती है इनमें? जी हाँ इन गानों में रेलगाड़ी की आवाज को ताल के रूप में इस्तेमाल… भारतीय सिनेमा | यूं तो वो हमेशा ही दिल के पास में रहापर,उसका जल्वा मुस्तकिल कयास में रहाउसको ही ढूंढते रहे,कैसे थे बेखबरहर वक्त ही जो अपने आस-पास में रहाखुशबू बसी हुई है जिस तरह से फूल में ऐसे ही कुछ वो मेरी सांस-सांस में रहावो जिन्दगी से दूर, बहुत दूर…. gazal k bahane | आज की चर्चा में बस इतना ही! राम-राम! |
काफी कुछ समेटा है आपने, बधाई।
जवाब देंहटाएंKya baat hai ji ....sundar posts se sankalit suvyavsthit Charcha!!
जवाब देंहटाएंAabhar
http://kavyamanjusha.blogspot.com/
bahut hi badhiya charcha rahi.........kafi link yahin mil gaye........shukriya.
जवाब देंहटाएंकाफ़ी कुछ है
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर चर्चा.
जवाब देंहटाएंरामराम.
nice
जवाब देंहटाएंसुंदर चर्चा
जवाब देंहटाएंबहुत ही बढिया चर्चा...
जवाब देंहटाएंआभार्!
मैं तो यही सोचता रह जाता हूं कि कितनी मेहनत लगती है इस चर्चा पर। कैसे कर लेते हैं?
जवाब देंहटाएंविषद चर्चा -आभार !
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया चर्चा किया है आपने! मेरी शायरी को शामिल करने के लिए शुक्रिया!
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