देव कुमार झा बता रहे हैं श्रेष्ठ कौन: राम, रावण या बालि...राम...आखिर इन दो अक्षरों की महत्ता आखिर क्या है....आज शाम मित्रों के साथ होने वाली ऐसे ही बकर बकर में भगवान राम का ज़िक्र हो आया. यार मेरी समझ में एक बात कभी नहीं आई की आखिर राम का राजनीतिकरण क्यों हो गया.... जब कोई आदमी गिरता है तो दूसरा यह कहेगा ना ओह्ह राम राम चोट लग गई, या फ़िर सामान्य सम्बोधन.... राम-राम भैया कैसे हो.... कोई यह कहता है क्या सोनिया सोनिया कैसे हो... या फ़िर मनमोहन मनमोहन कैसे हो..... कोई यह कहेगा क्या की आडवाणी आडवाणी कैसे हो..... यार राम को राम रहनें दो और बिना फ़ज़ूल की बातों में राम के नाम को ना घसीटो.... राम मर्यादा पुरुषोत्तम हैं और समस्त मानव जाति के लिए प्रेरक तत्व हैं। |
शिक्षा और आत्मविकास----सुश्री रंजना सिँहजबतक परिवार समाज का आस्तित्व इस धरती पर है,किसी भी धर्म पंथ के अनुयायी समाज के लिए यह प्रासंगिक रहेगा. इनकी शिक्षाओं में आज भी वह शक्ति है जो समाज को दिशा दिखा मनुष्यमात्र का नैतिक उत्थान कर सकती है.यह अलग बात है कि पूर्वाग्रह ग्रस्त हमारी तथाकथित धर्मनिरपेक्ष सरकार इन से सम्बंधित पुस्तकों को पूर्णतः एक धर्म विशेष की पूजा पाठ संबंधी पुस्तकें ठहरा इन्हें पाठ्यक्रम से बाहर रखना ही श्र्येकर मानती है...
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जीवन उर्जा का क्रीडा स्थल: तनाव न पालें-------श्री जयन्ती जैन हमारा जीवन ऊर्जा की बहती नदी समान है। हमारी सारी क्रियाएं, सोच व भावों का आधार ऊर्जा है। मनुष्य इन ऊर्जाओं का जोड़ है। जीवन ऊर्जाओं का खेल है।सफलता असफलता बहुत महत्वपूर्ण नहीं है। यह हमारी सोच पर निर्भर है। अन्यथा सब ऊर्जा का अभिव्यक्तिकरण है। इसलिए यहाँ पाने-खोने की कोई बात नहीं है। जीत-हार,मेरा-तेरा, प्यार-घृणा,सब ऊर्जा पथ है। |
भविष्य बहुत उज्ज्वल है, चच्चा !! [एक नेता की कहानी, उसी की जुबानी]—श्री दिवाकर मणिरामलुभाया चच्चा,प्रणाम।खुश रहो गुणगोबर, क्या हाल-चाल है? आजकल ना तो दिखाई देते हो, और ना ही सुनाई पड़ते हो, क्या बात है? और तोहरे चेहरा पर ई खुशी टपक रही है, एकर का राज है? अरे बात-वात कुछो ना है, चच्चा? जब से पिछला पंचायत चुनाव हारा हूं, तबसे खलिहरे चल रहा था, तो सोचा कि समाजसेवा में और आगे बढ़ने के लिए कुछो अऊर टरेनिंग-वरेनिंग ले ली जाए। |
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ये चिराग़ कैसा है |
प्री-टेक्निक युग की खुदाई--डा.पवन मिश्रनीम का पेड़ छोटे -छोटे शालिग्राम कुए का ठंडा पानी और पीपल की नरम छांह सुबह का कलेवा 'अग्गा राजा दुग्गा दरोगा' गन्ने का रस और दही साथ में आलू की सलोनी गेरू और चूने से लिपे पुते घर में आँगन और तुलसी दरवाजे की देहरी ताख में रखा दिया उजास का पहरिया बाबा की झोपड़ी और मानस की पोथी |
डा.अजमल खान देख बाग़-ए- बहार है दुनिया कौन जाने किसे मिले क्या क्या जेब में नोट और दिल खाली क्यों ज़रा भी सुकूं नहीं दिल में |
मैं लड़की होने की सजा पा रही हूँ .....सुश्री काव्यमंजुषा “अदा”'इज्ज़त' 'आबरू' ये महज शब्द नहीं हैं नकेल हैं, जिनसे बंधा है मेरा वजूद ये कील हैं, जिनसे टंगा है मेरा मन | हर शोक झूठा—पंकजहर कष्ट अब स्वीकार हैजैसे मिली कोई खुशी कौन अपना है यहां किससे कहें हैं क्यों दुखी वेदना के कंटकों को यूं ही अब सहना पडेगा आप ही अब दर्द अपना विष घूंट सा पीना पडेगा |
कार्टून:- आप समझ रहे हैं न मैं क्या कह रहा हूं ?—काजल कुमार | अब जाकर वामपंथियों की हवा निकली!इरफान |
उधार के रंगों से सपने हसीन नहीं होते— रवीश कुमारगंडकमेरे होने की साक्षी सिर्फ तुम्हीं हो तुम्हारी ही लहरों से बच कर आया था जब उसने दुपट्टे से खींच लिया था एक मन्नत भी मांगी तुमसे सर पे भंवर पड़े हैं इसके ये फिर डूबेगा लहरों में बचा लेना इसको सपनों से तब भी रंग लिया था अपने सपनों को किनारे पर खड़े होकर पांव धोती सुहागिनों के आलते से तब तुम्हीं ने कहा था मिट्टी का बना है इसका मन कभी धूल की तरह उड़ता है कभी बारिश की तरह रोता है कहीं किसी किनारे जमा होकर फिर मिट्टी बन जाता है | हाँ भैया हम तो कुत्ते हैं...दिलीपजहाँ किया मन हवस मिटा ली नाम बन गया है बस गाली... झुंड बना कर घूम रहे हैं.... लोभी अवसर ढूँढ रहे हैं... मन नंगा तन पे लत्ते हैं... हाँ भैया हम तो कुत्ते हैं.. रात जागते और नाचते... टेढ़ी दुम के साथ भागते... बातों मे तो भौंक रहे हैं... ऊँची ऊँची छौंक रहे हैं... डरते ज्यों सूखे पत्ते हैं... हाँ भैया हम तो कुत्तेहैं... |
पद की गरिमा घटी बढ़ा काम वासना रोग...!!! (कार्टून)अजय सक्सेना | कार्टून :ये गैस वाला आइडिया सही है उस्ताद!!!कीर्तीश भट्ट् |
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pasand**
जवाब देंहटाएंBAHUT SUNDAR CHARCHA.
जवाब देंहटाएंबहुत सारे अच्छे लिंक्स के लिए आभार !!
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया चर्चा की है पण्डित जी आपने!
जवाब देंहटाएंआभार!
bahut hi badhiya charcha...
जवाब देंहटाएंaabhaar..!
बहुत ही शानदार चर्चा शर्मा जी।
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया चर्चा रही...
जवाब देंहटाएंgud ...lagbhag sabhi badhiya post yahi par..dhanywaad
जवाब देंहटाएंgood reference
जवाब देंहटाएंkafi acchhe link diya. aabhar.
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया चर्चा की है पण्डित जी आपने!आप का बहुत बहुत आभार !
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