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मित्रों!
सादर अभिवादन!
आज मैं अधिक से अधिक ब्लॉगरों की
आज मैं अधिक से अधिक ब्लॉगरों की
पोस्टों को आप तक पहुँचा रहा हूँ!
आज जो छूट गये हैं,
अगले सप्ताह उनकी भी खबर लूँगा!
आज जो छूट गये हैं,
अगले सप्ताह उनकी भी खबर लूँगा!
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♥ आलेख ♥
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- दिल्ली यात्रा के दौरान सबसे अधिक मौका भतीजे भतीजियों के साथ रहने का मिला। ये है साढे चार वर्षीय यूरी सेठी , तीन वर्ष की उम्र तक खाना ही नहीं जानती थी ,
स...
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*मन हो गया उदास* -- करण समस्तीपुरी
बहुत दिनों के बाद नहीं हो जब तुम मेरे पास !
बहुत दिनों के बाद आज फिर मन हो गया उदास !!
जान रहा हूँ मैं भी है यह...
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बिखरे सितारे: सितम यह भी था.. - .(गतांक:सब से भयानक बात जो सामने आयी वो यह थी...मेरे डॉक्टर ने मुझे ज़बरदस्त धोखा दिया था....एक डॉक्टर की शपथ को कूड़े में फेंक दिया था...क्यों? क्यों किया ...
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मेरे शहर के आटो - कभी बैठकर देखिये मेरे शहर के आटो पर. क्या खूब हैं, बढ़िया हरा रंग, जिस पर काले रंग से सुशोभित होता है "CLEAN CITY GREEN CITY". और इस हरे रंग तथा इन शब्दों ...
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भ्रष्ट राजनीति और रसूकदारों की रखैल बनकर रह गई है, हमारी यह न्याय व्यवस्था ! - शुरू करने से पहले एक छोटी सी पहेली ; "यू मस्ट ब्रिंग दी चेंज" (You must bring the change !) यह महान वाक्य किसने कहा ? अगर न मालूम हो तो आप इसका उत्तर लेख के...
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हरियाणा में दलितों की तो शामत आ गई लगती है.
मिर्चपुर की घटना
को हुये अभी लगभग एक महीना ही गुजर पाया था कि पलवल जिले के भिटुकी गांव
में एक बार
फिर दबंगों ने दलितों ...
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- नैपरविल गाँव का पतंग मेला ...
इस गाँव को शिकागो का पश्चिमी सबर्ब बोला जाता है और इसका आधिकारिक नाम है
"सिटी ऑफ़ Naperville ".
ये शिकागो से लगभग ४० मील की द...
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*दीद जी का प्रयास साथियों को **
आगे लाने में ही रहता है* भाई दीद जी का मैंने खूब नाम सुना था
मगर मिलने का पहला मौका इनके अखबार 'टाबर टोल़ी' के लोकार्पण पर...
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♥ लघुकथा ♥
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रमा के मामा
रमेश के घर में कदम रखते ही रमा के पिताजी को लगा कि
जैसे उनकी सारी समस्याओं का निराकरण हो
गया.
रमेश फ्रेश होने के पश्चात,
चाय की चुस्कियां लेने ...
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♥ काव्य-धारा ♥
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“व्यञ्जनावली-पवर्ग”
कल अन्तस्थ और परसों ऊष्म पर
मुक्तक लगाने है!
उसके बाद फिर से
अपने रंग में आ जाऊँगा!
मानो तो ये महादेव हैं, बहुत निराले इनके ढंग!!....
"प"
"प" से पर्वत और पतंग!
पत्थर हैं पहाड़ के अंग!
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मैं एक कविता बस छोटी सी - मैं एक कविता बस छोटी सी हर दिल की तह में रहती हूँ. भावो से खिल जाऊं मैं शब्दों से निखर जाऊं मैं मन के अंतस से जो उपजे मोती सी यूँ रच उठती हूँ. म...
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ज़िंदगी..........(श्यामल सुमन).................गजल - आग लग जाये जहाँ में फिर से फट जाये ज़मीं। मौत हारी है हमेशा ज़िंदगी रुकती नहीं।। आँधी आये या तूफ़ान बर्फ गिरे या फिर चट्टान। उत्तरकाशी भुज लातूर सुनामी और पाकि...
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जब भी चाहा तुमने दस्तक देना ,
मेरे ख्यालों का दरवाज़ा
हमेशा तुमको खुला मिला था
आज मैंने चाहा कि
ज़रा खटखटा दूँ पर वहाँ एक मौन का...
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आज तक ....!!! नही मिली .. - आज तक वो नही मिली ,जिसकी दरकार थी , झूठी निकली मेरी तमन्ना ,पीड़ मिली हार बार थी ॥ तिनका -तिनका जोड़ परिंदों ने, घर अपना बना लिया , ना मिला कोई मेरे घर को,...
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पहली बरसी पर विशेष :- अश्रुपूरित श्रद्धांजलि - आज से ठीक एक साल पहले हिंदी साहित्य और रंग मंच को घोर कठोर आघात लगा था उससे वह आज तक सदमे में है ! आज ही के दिन हिंदी साहित्य और रंग मंच के ४ धुरंधर खिलाडी..
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तुम्हें याद है वो.................. - तुम्हें याद है वो मौसम की पहली बारिश में भीगना और इतना भीगना कि हाथ -पैर और होठों का नीला पड़ जाना फिर ठण्ड से ठिठुरना और ठिठुरते -ठिठुरते तेरे आगोश में सि..
वन्दना गुप्ता जी!
आपको जन्म-दिन की हार्दिक शुभकामनाएँ!
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आ,दोनों अपनी उँगलियों से पानी को छेड़े और बैठे बैठे ख़ामोशी को यूँ उधेड़े कि हर लफ्ज़ खुद में कहानी हो जाये इन बूंदों की गिरफ्त में चलो रूमानी हो जाएँ ॥ आ जि...
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' गर , लेकिन ' ( if n buts ) - ** *खुरदरे सफ़र ने मिटा दिए ' गर , लेकिन ' चिकनी सतह पर नहीं टिकता कुछ भी* *ज़िन्दगी तेज चली खुशनुमा सफ़र में तो भारी वक़्त जैसे रेंग कर रुक गया हो अभी सा...
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अलबेला खत्री पर एक नापसंद का चटका लगादे ना भाई ! - फोन करके धमकाने वाले 78 फोन पर समझाने वाले 37 फोन पर पुचकारने वाले 12 फोन पर बधाई और शाबासी देने वाले 169 __________
वाह रे हिन्दी ब्लोगिंग ! स्तनो...
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अंधा प्यार - एक कहानी - आज एक छोटी सी कहानी कुछ अलग तरह की... रीना ज़िंदगी मुकम्मल तो कभी भी नहीं थी। बचपन से आज तक कहीं न कहीं, कोई न कोई कमी लगातार बनी रही। बाबा कितनी जल्दी हमें ...
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मेरा मुँह है कितना सुंदर :
प्रवीण त्रिवेदी का फ़ोटो फ़ीचर - मेरा मुँह है कितना
सुंदर
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चर्चा के अन्त में
♥ कुछ कार्टून्स ♥
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आईये जानें ... सफ़लता का मूल मंत्र।
जवाब देंहटाएंआचार्य जी
वाकई आज तो चर्चा में कुछ और बात है. सुंदर.
जवाब देंहटाएंrangon ki chhata dekhne yogy hai...aur saare links laajwaab...
जवाब देंहटाएंsach mein aapki baat hi niraali hai shastri ji...
aapke charan kahan hai...zara choo lun...
hriday se dhnywaad...
बेहतरीन विस्तृत चर्चा शास्त्री जी !
जवाब देंहटाएंsundar charcha...
जवाब देंहटाएंरंग-बिरंगी, सुंदर चर्चा।
जवाब देंहटाएंबहुत खूब, लाजबाब !
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर और अच्छी चर्चा....इतने सारे लिंक्स के लिए आभार
जवाब देंहटाएंआपने अपनी चर्चा में मेरी पोस्ट शाबाश लड़की को शामिल किया उसके लिए आपका धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंस्नेह बनाए रखेंगे... आभारी रहूंगा।
बहुत सुन्दर चर्चा शास्त्री जी!
जवाब देंहटाएंbahut umda........
जवाब देंहटाएंshaandaar charcha !
बहुत ही खूबसूरत सी चर्चा ..आभार.
जवाब देंहटाएंवाह वाह वाह्………………बेहद आकर्षक चर्चा।मज़ा आ गया।
जवाब देंहटाएंबढिया चर्चा शास्त्री जी!
जवाब देंहटाएंall above mentioned blogs/links are very interesting and worth reading
जवाब देंहटाएंयुही अपना आशीष बनाये रखें | प्रणाम !
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर चर्चा ,कई रचनाओं के लिंक पानें के लिए आभार |
जवाब देंहटाएंआशा
चर्चा मे शामिल करने के लिए आभार......
जवाब देंहटाएंबेहद सशक्त मंच, लाजवाब संकलन,और सुन्दर प्रस्तुति..बधाई !
जवाब देंहटाएंये नया अंदाज़ पहले की चर्चाओं से काफी बेहतर लगा.. आभार
जवाब देंहटाएंmujhe to aapki is charcha me hona hi ..mere liye saubhagy ki bat hoti hai ..shastri ji ko mera aabhar.
जवाब देंहटाएंbadiya rahaa....thx for including my post :)
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