चर्चाकारा -------------वन्दना गुप्ता
आज के लिए बस इतना ही...........!
अब आज्ञा चाहती हूँ...............!!
|
फ़ॉलोअर
यह ब्लॉग खोजें
सोमवार, जून 07, 2010
कुछ नये कुछ पुराने रंग्………………………चर्चा मंच 176
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
चर्चाकारा -------------वन्दना गुप्ता
आज के लिए बस इतना ही...........!
अब आज्ञा चाहती हूँ...............!!
|
वन्दना जी!
जवाब देंहटाएंइस सुन्दर और मनमोहक चर्चा के लिए बधाई!
--
बहुत ही बढ़िया लिंक सजाए हैं आज तो चर्चा में!
Sundar vyaapak charchaa vandna ji
जवाब देंहटाएंacchi lagi charcha...
जवाब देंहटाएंaabhaar..
बहुत बढ़िया चर्चा लगी.
जवाब देंहटाएंवंदना जी धन्यवाद स्वीकारें बहुत सुंदर चिट्ठा चर्चा.....बढ़िया पोस्ट मिली...
जवाब देंहटाएंवंदना,
जवाब देंहटाएंअच्छी चर्चा और अच्छे लिंक्स....सुन्दर चर्चा के लिए आभार
बेहद उम्दा चर्चा .......आभार !
जवाब देंहटाएंउपयुक्त ।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार वंदना जी...मेरी रचना को चर्चा-मंच मे शामिल करने के लिए...
जवाब देंहटाएंसुंदर, सजी हुई, ताज़ी हवा सी चर्चा।
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया चर्चा रहा!
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार वंदना जी..
जवाब देंहटाएंरचना को चर्चा-मंच मे शामिल करने के लिए.बहुत बहुत आभार
जवाब देंहटाएंprabhavi charcha. kuchh links padhe hue the...aur kuchh jo nazar se nikal gaye the dubara yaha dekhne ko mile. aabhaar.
जवाब देंहटाएंवंदना जी , चर्चा में बहुत कुछ मिला पढ़ने योग्य .
जवाब देंहटाएंलिंकों का अच्छा संयोजन रहा .
आभार
वंदना जी , चर्चा विविध आयामों को समेटे हुए रही .
जवाब देंहटाएंलिंकों को खूब सजाया आपने !
आभार
Shukriyaa Vandana jee, aabhaar
जवाब देंहटाएंआदरनीय, आप कल की चर्चा में आपने प्रिय कवि खत्री जी की कविता जिस पर आप कमेन्त करके आये हैं अवश्य सामिल करें,
जवाब देंहटाएंताकि आप, आपका परिवार और आपके स्कूल के छात्र भी आपकी काव्य परख से परिचित हो सकें
आप भी कवि हैं, श्री खत्री भी कवि हैं आप दोनों की कला को नमस्कार..
nice links
जवाब देंहटाएंबढिया एवं विस्तृ्त चर्चा!
जवाब देंहटाएंआभार्!
अच्छी प्रस्तुति, कई पोस्ट यहीं आकर पढ़ी गयी। आभार।
जवाब देंहटाएं