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Wednesday, June 30, 2010

“चर्चा मंच” (200वाँ अंक)

आप सबके स्नेह और आशीष से
"चर्चा मंच" सतत् रूप से चलते हुए
आज अपनी 200वीं पायदान पर
पहुँच गया है!
भविष्य में भी आपका प्यार
हमारे चर्चाकार साथियों को
मिलता रहेगा!
इन्हीं कामनाओं के साथ-
आपका सद्-भावी-
 डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री “मयंक 
www.blogvani.comब्लॉगवाणी आज न जाने किस समस्या से जूझ रहा है? कुछ दिनों पहले भाई समीर लाल जी ने किसी पोस्ट पर कमेंट किया था कि सिरिल के पिता मैथिली जी अस्वस्थ हैं! उसके बाद कोई सूचना नही मिली!
सभी ब्लॉगर हृदय से यह कामना करते हैं कि आदरणीय मैथिली शरण गुप्त जी जल्दी से स्वस्थ हों और “ब्लॉगवाणी” फिर से अपने जीवन्तरूप में हम सबके मध्य में आये!
ब्लॉगवाणी के ठप्प हो जाने से सबसे कठिन समस्या का सामना करना पड़ रहा है चर्चाकारों को! क्योंकि ब्लॉगवाणी भारतीय ब्लॉगों का सबसे बढ़ा अग्रीगेटर रहा है!
इस समय हम लोग निर्भर हैं ब्लॉग-जगत के एक बड़े और तकनीकीरूप से  महत्वपूर्ण एग्रीगेटर “चिट्ठा-जगत्” पर! चिट्ठाजगत“चिट्ठा-जगत्” पर सक्रियता क्रमांक के साथ बहुत से तकनीकी विजेट लगे होने के कारण यह देर से खुल पाता है! एक पृष्ठ पर मात्र 25 ही पोस्ट होती हैं! यदि चिट्ठाजगत के स्वामियों से अनुरोध भी करें कि अक पृष्ठ  पर 50 पोस्ट कर दीजिए तो मेरे विचार से दिक्कत यह हो जायेगी कि 25 पोस्ट खुलनें में ही जब समय लग जाता है तो 50 पोस्ट खुलने में तो और भी ज्यादा समय लगेगा!
“चिट्ठा-जगत्” का आभार!
“ब्लॉगवाणी” का इन्तज़ार!!
Albelakhatri.com

क्यों री रचना ? कहाँ हैं तुम्हारे सब नापसन्दीलाल ? - क्यों री रचना ? क्या हुआ ? कहाँ गये तुम्हारे सब नापसंदीलाल ? ब्लोगवाणी के साये में ही जी रहे थे क्या ? ब्लोगवाणी के अभाव में मर गये क्या सब ? बस ? इतन...
आइए  वर्तमान परिवेश को
दृष्टिगत् रखते हुए बिना किसी भूमिका के
आपको कुछ अद्यतन पोस्टों की
ओर ले चलता हूँ-
बुरा भला

इंतज़ार ...इंतज़ार ...इंतज़ार और इंतज़ार - 40 साल से अटका पड़ा है लोकपाल बिल - लोकपाल विधेयक पिछले 40 साल से संसद में पारित नहीं हो सका है और राजनीतिक पार्टियां इसके लिए एक दूसरे पर दोषारोपण कर रही हैं। कर्नाटक के मशहूर लोकायुक्त एन ...
उल्टा चश्मा

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' हया '

मेरे पड़ौसी - पेड़, परिंदे और पुलिस - जी हाँ, मैं पेड़ों की, परिंदों की और पुलिस की पड़ौसन हूँ, दूसरे अल्फाज़ में ये सब मेरे पड़ौसी हैं. कैसे? वो ऐसे कि ओशिवरा पुलिस स्टेशन के ठीक पीछे मेरा घर ...
Albelakhatri.com

ये अदालत है ! अदालत है !! अदालत है !!! - चार अक्षर का एक शब्द जिसके चारों ओर चलती है चाण्डाल चौकड़ी और बीच में पलती है वकालत ! उस शब्द को कहते हैं अदालत ! अदालत !! अदालत !!! अ का आमन्त्रण ...
Gyan Darpan ज्ञान दर्पण

याद आते है दूरदर्शन के वे दिन - एक जमाना था जब दूरदर्शन के अलावा कोई दूसरा टी.वी. चेनल नहीं था और कुछ थे भी तो वे आम आदमी की पहुँच से दूर थे |आम आदमी को तो टी.वी पर प्रोग्राम देखने के लिए...

काव्य मंजूषा

तुम्हारा नाम लिखूँ...! - कभी सोचा ! तुम्हारा नाम लिखूँ नहीं भेजा कभी जिसको वो पैगाम लिखूँ ! जो यादें आकर के इन्हें रुला जाती हैं कहो तो इन आँखों को छलकता जाम लिखूँ ! लिए फि...
कर्मनाशा

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तो क्या ख्याल है - एक ख्याल आया अभी-अभी। नौकरी की उकताहट, मन में क्रिएटिविटी के उडते बुलबलों के बीच। ख्याल की शुरुआत यहां से हुई कि मैं जहां रहती हूं पास में ही एक शॉपिंग क...
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संभवत: पूर्वघोषित आगरा-जयपुर ब्‍लॉगर मिलन हुआ ही नहीं होता (अविनाश वाचस्‍पति) - 18 जून 2010 की रात को अपने *भानजे वरुण गुप्‍ता के विवाहोपरांत आयोजित स्‍वागत-भोज* से लौटने में देरी के कारण सोना कम ही हो सका। पहले से तय कार्यक्रम के अन...
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JAGO HINDU JAGO
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मेरे मन की  
मित्र के साथ मुकदमा............................... जीत गई मै !!...............................(पक्का पता नही है ).......... - माननीय जज साहब , मुझ पर एक मित्र ----"*ब्लॉग* लिखने का *"ज्ञान"* उन्होंने ही दिया है,*" और फ़िर हमारा तो स्वभाव ही ऐसा है कि किसी का आभार व्यक्त करना हो तो...
इश्क-प्रीत-लव   
जीभ पलट गीत : पीतल के पतीले में पपीता पीला पीला - [image: http://www.abhivyakti-hindi.org/ss/images/papita.jpg] दो:- पीतल के पतीले में पपीता पीला पीला एक मदारी नेक मदारी आया लकड़ी टेक मदारी ढीला ढाला ..
जज़्बात  
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ललितडॉटकॉम  
जातिगत आधार पर जनगणना -वंचित को भी हक !!! - हमारा भारतीय समाज वैदिक काल में वर्णों के आधार पर बंटा हुआ था। लेकिन उस काल में वर्ण में परिवर्तन होता था। यह स्थाई नहीं थे। कार्य के आधार पर वर्ण परिवर्तन...
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हास्यफुहार

गड्ढा - गड्ढा *एक दिन सबेरे-सबेरे खदेरन अपने मुहल्ले से बाहर एक गड्ढा खोद रहा था। उसी समय फाटक बाबू नित्य टहलने के क्रम में उस जगह से गुज़रे। **खदेरन को गड्ढा...
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बरखा रानी, आओ ना : रावेंद्रकुमार रवि का नया बालगीत - बरखा रानी, आओ ना! --------------------------------------------------------- झूम-झामकर, धूमधाम से हमको गले लगाओ ना! बरखा रानी, आओ ना! परेशान होकर गरमी सें भ...
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    ईश्वर का पूनर्गठन!!!! - *आज अगर आपको अपनी धारणा के अनुसार ईश्वर को गढने का अवसर मिले तो आप कैसा ईश्वर गढेंगे? * ईश्वर की परिकल्पना तर्कपूर्ण,एवं मानव हीतार्थ है या नहिं? यथार्थ..
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संस्कार-गीत -  जन्म-दिन, तीज-त्योहार, पदोन्ति, परीक्षा में सफलता आदि अवसरों पर अपने यहाँ बधाई संदेशों के आदान-प्रदान करने की बहुत पुरानी परंपरा रही है। आजकल शादी की वर्षगा...
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ज्योतिष की सार्थकता

क्या वास्तु निर्माण के जरिए भाग्य में बदलाव संभव है? - हमारी भारतीय हिन्दू संस्कृ्ति अपने आप में एक ऎसी विलक्षण संस्कृ्ति रही है,जिसका प्रत्येक सिद्धान्त ज्ञान-विज्ञान के किसी न किसी विषय से संबंधित हैं और जिसक...
अपने पिता की खोज कीजिये
| : लो क सं घ र्ष ! 
कम्पनियाँ हमेशा ग्राहक की जेब पर नज़र रखती है तथा नये-नये शिगूफ़े खिलाती हैं। खास तौर से युवा वर्ग की भावनाओं को भुनाती हैं। ‘वैलेनटाइन डे‘ के बाद अब ‘फादर्स डे‘ का क्रेज पैदा कर रहीं हैं। विज्ञान को आधार बना कर यह उकसावां दे रही हैं कि यदि असली पिता को पहचानना है तो डी0एन0ए0 टेस्ट कराइये। दिल्ली स्थित कम्पनी ‘इडियन बायोसेंसेस‘ तथा एक अन्य कम्पनी ‘पेटेरनिटी टेस्ट इंडिया‘ ने पितृत्व-परीक्षण के लिये 25 प्रतिशत तक डिस्काउंट देने की घोषणा की है। यह बाज़ार अब तेज़ी से बढ़ रहा है। विज्ञान के कुछ आविष ..
जिलत
| Author: PASHA | Source: Shayari, ghazals, nazms
तमाम एतिहात हम से किये गये, फिर भी दोस्त अपने राह चले गये.
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Jun 29, 2010 | Author: सूर्य गोयल | Source: समाचार:- एक पहलु यह भी
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विधा दो प्रकार की होती है
  | Author: राजीव कुमार कुलश्रेष्ठ | Source: सतगुरु श्री शिवानन्द जी महाराज...परमहँस
विधा दो प्रकार की होती है । 1--अपरा--कहना , सुनना , देखना , लिखना , पढना , आदि भौतिक तत्वो के मध्य सब कुछ आदि । 2-- परा-- न वाणी के माध्यम से कही जाती है । न इन्द्रियों द्वारा देखी कही सुनी जाती है । और भौतिक से संगत नहीं करती । इसे " सहज योग " राज योग " राज विधा " ब्रह्म विधा " या गुहियम भेद भी कहा गया है । जो पराविधा का अभ्यास करता है । वह ग्यान तथा विग्यान दोनों को पाकर । विग्यान के परे जाकर परमात्मा का स्वरूप अनुभव करता है । जो अंतकरणः के सबसे भीतरी स्थान के समस्त ग्यान का आदिकरण है । ...
अन्त में दे्खिए ये कार्टून्स- 

कार्टून:- एक और वारेन एंडरसन........


Posted by chandrashekhar HADA


कार्टून : युवराज ने अफरीदी पर किताब लिखी थी क्या ??
 
Source: Cartoon, Hindi Cartoon, Indian Cartoon, Cartoon on Indian Politcs: BAMULAHIJA
बामुलाहिजा >> Cartoon By Kirtish Bhatt
नमस्कार!
अगले बुधवार फिर भेंट होगी!



यह चर्चा पिछले बृहस्पतिवार को भी
कुछ देर के लिए प्रकाशित की गई थी!
लेकिन इसके तुरन्त बाद 
हमारे प्रिय साथी ने
अपनी चर्चा लगा दी थी !
उनकी भावनाएँ आहत न हों,
इसलिए मैंने उस समय 
यह चर्चा हटा दी थी!
--------
मैं अपने बुधवार के "चर्चा मंच"
के साथ ही
"श्री रावेंद्रकुमार रवि" द्वारा तैयार की गई,
यह चर्चा भी लगा रहा हूँ!
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आज "चर्चा मंच" पर हम आपको
एक और प्रतिभाशाली व्यक्तित्त्व से मिलवा रहे हैं!
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जिसका नाम है : पवन टून!
इनकी प्रतिभा का तेज तो इनके चेहरे से ही झलकता है!
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उनके कार्टूनों को देखकर आप उनकी प्रतिभा के क़ायल हो जाएँगे!
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सभी कार्टूनों पर उनके ब्लॉग के लिंक लगे हुए हैं!

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with my AIDS-TOON charactor
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पवन जी पटना (बिहार, भारत) में
दैनिक हिंदुस्तान अख़बार के लिए कार्टून बनाते हैं!
अब तक विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में
वे कार्टूनों को लेकर कई प्रयोग करते रहे हैं,
जो जन-जागरण से संबंधित हैं!
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24 comments:

  1. सब से पहले तो आपको चर्चा मंच के २०० वे अंक की बहुत बहुत बधाइयाँ और हार्दिक शुभकामनाएं आगे आने वाले २००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००० अंको के लिए !

    इस २०० वे अंक में मेरे ब्लॉग को शामिल कर सम्मानित करने के लिए आप का बहुत बहुत धन्यवाद और आभार !

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  2. Aadarneey Shashtri ji,
    aapko hriday se badhai 200 ank poora ho gaya hai...
    aur aaj ki charcha bahut hi vishesh lagi hai...
    aapki mehnat ko mera pranam..

    ReplyDelete
  3. २०० वें अंक की बहुत बधाई..ऐसे ही बढ़ता रहे आगे चर्चा मंच..अनेक शुभकामनाएँ.


    विस्तृत चर्चा रही.

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  4. बधाइयां, शुभकामनाएं। विस्तृत चर्चा !

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  5. २०० वें अंक की बहुत बहुत बधाई...

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  6. 200वें अंक के लिये हार्दिक बधाई

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  7. वाह ! क्या बढ़िया विस्तृत चर्चा की है आपने | धन्यवाद ||
    r

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  8. पूरी चर्चा बेहतरीन थी..हर पोस्ट यही से मिल जाते है साथ ही साथ पवन जी के कार्टून भी दिल जीत लिए..सुंदर चर्चा के लिए बधाई

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  9. पूरी चर्चा बेहतरीन थी..हर पोस्ट यही से मिल जाते है साथ ही साथ पवन जी के कार्टून भी दिल जीत लिए..सुंदर चर्चा के लिए बधाई

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  10. 200 we ank ke liye badhai.........:)

    saath hi Pawan ji ke saare cartoons lajabab hain.....:)

    ReplyDelete
  11. आदरणीय शास्त्री जी !

    बहुत बहुत बधाई २०० अंक का पड़ाव पूर्ण करने पर............

    आज की चर्चा भी सदा की तरह बेहतरीन.........

    पहले मैं इन चर्चाओं का महत्व नहीं जानता था क्योंकि इनमे रस नहीं आता था लेकिन जब से आपकी चर्चा देखने लगा, रस भी आने लगा और महत्व भी समझ में आया.........

    आपका चयन तो नि:सन्देह उत्तम होता ही है, संयोजन और प्रस्तुतीकरण भी बेमिसाल सौन्दर्य बोध का अनुभव कराता है

    आप बहुत सकारात्मक कार्य कर रहे हैं ....आपका आभार और मेरी हार्दिक शुभ कामनाएं

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  12. आदरणीय शास्त्री जी,
    चर्चा मंच के २०० अंक पूरे होने पर आपको हृदय से बधाई .....आपकी मेहनत ने इसे इस मुकाम तक पहुंचाया है....यह मंच ऐसे ही नए आयाम हासिल करे ...इसके लिए शुभकामनायें

    आज कि विस्तृत चर्चा बहुत अच्छी लगी .

    आभार

    ReplyDelete
  13. महोदय ,आज का चर्चा मंच बहुत अच्छा लगा |२०० वे अंक के लिए बहुत बहुत बधाई |हम जैसे लोग जो अभी अभी कंप्यूटर ऑपरेट करना सीखे है ,इससे
    बहुत सरलता से नई नई लिंक पढ़ पा रहे है | अच्छी रचना आसानी से पढ़ने को मिल जाती हैं |आप को फिर से धन्यवाद मेरे ब्लॉग पर आने के लिए भी |
    आशा

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  14. शास्त्री जी,
    चर्चा मंच के २०० वे अंक की बहुत - बहुत बधाइयाँ और हार्दिक शुभकामनाएं । ये चर्चा मंच इसी तरह तरक्की के नये नये सोपान चढता रहे यही दुआ है।
    आज की तो बहुत ही विस्तृत चर्चा लगाई है……………आपकी इसी लगन और मेहनत का नतीजा है जो आज चर्चा मंच का अपना एक मुकाम बन गया है।

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  15. थोडा सा इंतज़ार कीजिये, घूँघट बस उठने ही वाला है - हमारीवाणी.कॉम

    आपकी उत्सुकता के लिए बताते चलते हैं कि हमारीवाणी.कॉम जल्द ही अपने डोमेन नेम अर्थात http://hamarivani.com के सर्वर पर अपलोड हो जाएगा। आपको यह जानकार हर्ष होगा कि यह बहुत ही आसान और उपयोगकर्ताओं के अनुकूल बनाया जा रहा है। इसमें लेखकों को बार-बार फीड नहीं देनी पड़ेगी, एक बार किसी भी ब्लॉग के हमारीवाणी.कॉम के सर्वर से जुड़ने के बाद यह अपने आप ही लेख प्रकाशित करेगा। आप सभी की भावनाओं का ध्यान रखते हुए इसका स्वरुप आपका जाना पहचाना और पसंद किया हुआ ही बनाया जा रहा है। लेकिन धीरे-धीरे आपके सुझावों को मानते हुए इसके डिजाईन तथा टूल्स में आपकी पसंद के अनुरूप बदलाव किए जाएँगे।....

    अधिक पढने के लिए चटका लगाएँ:
    http://hamarivani.blogspot.com

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  16. चर्चा मंच के २०० वे अंक की बहुत बहुत बधाइयाँ !!

    __________________________
    'पाखी की दुनिया' में स्कूल आज से खुल गए...आप भी देखिये मेरा पहला दिन.

    ReplyDelete
  17. 200 अंक के लिए बधाई।
    चर्चा तो बहुत शानदार है ही।

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  18. २०० वें अंक के लिए दिली शुभकामनाएं .
    और चर्चा बहुत ही सुन्दर और उपयोगी है.

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  19. चर्चा मंच के २०० वें अंक की आपको बहुत बहुत बधाई...और शुभकामनाऎँ!!
    साथ ही सुन्दर चर्चा हेतु आभार्!

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  20. चर्चामंच अपनी २०० वीं पायदान को पार गया है इसके लिए आपका हार्दिक अभिनन्दन एवं बधाई ! सभी सार्थक और अनमोल रचनाओं की लिंक्स जिस तरह एक साथ एक स्थान पर चर्चामंच पर मिल जाती हैं इसके लिए इसकी जितनी भी सराहना की जाए शब्द बौने ही पड़ जायेंगे ! आपका बहुत बहुत आभार एवं शुभकामनायें !

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  21. सही बात है, सामूहिक ब्लाग की यह सीमा है कि कभी कभी कोई कोई पोस्ट बहुत कम समय के लिए ही रह पाती है. अच्छी कवरेज के लिए आभार.

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  22. २०० वी चर्चा के लिए बहुत बहुत बधाई. ये आप के प्रयत्नों से ही संभव हो सका है की आज चर्चा मंच अपने एक मुकाम पर पहुँच चूका है. आपके सरल स्वभाव ने सब को आपस में बांधे रखा. और आज की इस विस्तृत और बेहतरीन चर्चा बहुत सुन्दर और विशेष लग रही है.

    आभार ..

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  23. 200वीं चर्चा पोस्ट के लिए बधाई
    रंग बिरंगी चर्चा है बहुत सु्खदाई।

    नयनाभिराम चर्चा के लिए साधुवाद

    ReplyDelete

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