आइए आपको पिछले 24 घण्टों की
कुछ ताजा-तरीन पोस्टों की ओर ले चलता हूँ!
कैसे मान लूँ बोलो तो, कोई पासबाँ नहीं मेरा... - ये तस्वीर कनाडा में Banff नेशनल पार्क की है... ये ज़मीं नहीं मेरी, वो आसमाँ नहीं मेरा ठहरी हूँ जहाँ मैं आज, वो जहाँ नहीं मेरा होगा क्या जुड़ कर भी, उस अनज... सुनी थी रात उसकी हिचकियाँ .... - Banff नॅशनल पार्क ..मोरेन लेक... लहू में कौंध रहीं हैं बिजलियाँ साँसों में चलने लगीं आँधियां यादों का आँचल अब उड़ने लगा नज़रों में तैर गई परछाईयाँ थके थ... |
Dr. Smt. ajit gupta America के Varsona park में मनायी birthday और देखा duck festival - कल मेरे बेटे के मित्र ( voltak) के पुत्र का जन्मदिन था। इमेल से निमंत्रण मिला कि जन्मदिन पर आना है। सेनोजे (san jose) से आधा घण्टे की दूरी पर वर्सोना पार... एक आत्मीय वार्तालाप ......................सागर नाहर जी से ...................... - मैने दी एक दस्तक ........ सागर नाहर जी को ........और वे तकनीकी जानकारी देने हाजिर हो गए invisible होने पर भी ....................... आप भी पढिए .......
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मुडा-तुडा नोट
-
*एक मुडा-तुडा
पांच का नोट
शायद आपके किसी
काम न आए
लेकिन मेरे लिए
इसकी अहमियत
थोड़ी ज्यादा है *
*नौकरी को अपनी माशूका
बनाने के लिए
जब मैं भागता रहा
एक द...
नीरा जाग गयी है.... - आज फिर घर में बड़ी चहल-पहल थी. पूरा सामान उलट-पुलट किया जा रहा था. पापा व्यस्त थे. माँ व्यस्त थीं. छोटी बहनें चहक रहीं थीं, बस नीरा चुप थी. देख रही थी चुपच... गैस ने बिगाड़ा महंगाई का हाज़मा - *(उपदेश सक्सेना)* भोपाल गैस कांड पर आये फैसले ने एक और जहां देश भर की जनता जो उद्वेलित कर दिया है वहीँ केन्द्र सरकार को इसने एक बड़ी राहत भी दी है. देश में म... |
कशमकश ! - *कशमकश बढ़ जाती है खुद-व-खुद, जब कभी उनका हाल नहीं मिलता, अश्क बहाने को जी करता है किन्तु, पोंछ्न्रे को स्वच्छ रूमाल नहीं मिलता ! ये जिसने भी कहा, सच ही कहा ...
सारा देश भोपाल के साथ, हम किसका मुंह तक रहे हैं? - कल्पेश याग्निक मुट्ठी भर मठाधीश, पांच लाख निर्दोषों को छल रहे हैं। पूरे 26 बरस से। तब ये बेगुनाह निर्ममता से बर्बाद कर दिए गए। अब निर्लज्जता से प्रताड़ित क... बन्दिनी वर्षा, बन्दिनी मैं................... घुघूती बासूती - वर्षा तू भी तो मजबूर है इस शहर में, मुझ सी तू भी कैदी है! जैसे मैं इतनी खिड़कियों बाल्कनियों के होने पर भी, हूँ सलाखों के पीछे तू भी तो चाहे बरसती है अपने म... एक मुसलमान के बदले 32 हिन्दू-सिखों के कत्ल की तैयारी।आओ मिलकर बचाने का प्रयत्न करें। - हमारे पास कहने के लिए शब्द नहीं हैं बस इतना कहेंगे कि हम इन हिन्दू-सिखों को बचाने के लिए अपनी तरफ से 51000 रूपए देने को तैयार हैं अगर आप भी कुछ दे सकते हैं... |
मैं लौट कर नहीं आऊंगा - कल एक लम्हा टूटा गिरने लगा मैंने लपका पकड़ा हाथ में कहा रुक तो ज़रा कहाँ जा रहा है? वो बोला रुक नहीं सकता मुझे तो मिटना है तुम जी लो जितना जी सकते हो ...
आए जब दो पाखी उड़कर : रावेंद्रकुमार रवि का नया बालगीत - * आए जब दो पाखी उड़कर* मेरे घर में बना एक घर, आए जब दो पाखी उड़कर! मादा ने दो अंडे देकर, गरम किया फिर उनको सेकर! कुछ दिन बाद निकलकर आए, उसके दो बच्चे म... |
‘‘आदमी का अब जनाजा, जा रहा संसार से’’- “25 साल पुरानी मेरी एक रचना” *आदमी के प्यार को, रोता रहा है आदमी। आदमी के भार को, ढोता रहा है आदमी।।* * आदमी का विश्व में, बाजार गन्दा हो रहा। आदमी का आदम...अन्त में देखिए यह कार्टून-क्या इस कार्टून को पढ़कर प्रणब मुखर्जी जवाब देंगे?Posted by IRFAN |
बहुत सारे अच्छे अच्छे लिंक्स मिले .. आभार !!
जवाब देंहटाएंएक से बढ़कर एक, धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया जानकारी।
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा .. समग्र
जवाब देंहटाएंप्रभावशाली लेखन।
जवाब देंहटाएं( आइये पढें ..... अमृत वाणी। )
एक से बढ़कर एक
जवाब देंहटाएंअति उतम प्रयास के लिए धन्यावाद। व हमारी पीड़ा को जगह देने के लिए कृतज्ञ।
जवाब देंहटाएंवाह जी इतनी समग्र जानकारी के लिए आभार
जवाब देंहटाएंShastri ji,
जवाब देंहटाएंlinks to kamal ke hain hin...lekin post ki saaj -sajja bahut hi man mohak hai...
dekh kra hi man khush ho jaata hai...
aabhka hriday se aabhaar..
बेहद सुंदर सुंदर पोस्ट...बधाई
जवाब देंहटाएंbahut saare links mile.bahut acchhi charcha.
जवाब देंहटाएंaabhar.
बहुत उम्दा और विस्तृत चर्चा....आज तो बहुत से लिंक्स मिले ..
जवाब देंहटाएंलम्बी-चौड़ी और सुन्दर चर्चा शास्त्री जी !
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा और विस्तृत चर्चा……………आभार्।
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा और विस्तृत चर्चा.आभार
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा और विस्तृत चर्चा.आभार|
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा !
जवाब देंहटाएंachhi jankari mili.....dhanywad
जवाब देंहटाएंरंग-रँगीली सुंदर चर्चा!
जवाब देंहटाएंएक चर्चा में आप कितने लेखकों को जोड़ लेते हैं यह काबिले-तारीफ है।
जवाब देंहटाएंबढिया एवं विस्तृ्त चर्चा शास्त्री जी.....
जवाब देंहटाएंआभार्!
bahut badhiya..
जवाब देंहटाएंबहुत ज़रूरी लिंक्स प्राप्त हुए धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंराजकुमार सोनी जी की बात से सहमत हूँ - "एक चर्चा में आप कितने लेखकों को जोड़ लेते हैं यह काबिले-तारीफ है।"
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