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मंगलवार, दिसंबर 07, 2010

अखबार ही अखबार ….साप्ताहिक काव्य मंच -28 चर्चा-मंच - 361

नमस्कार ,  आज  अचानक बहुत से अखबार दिखाई दे गए ….सब आपके लिए समेट लायी हूँ …वैसे भी कभी तो मन होता ही है कि हमारी कोई रचना अखबार में भी छपे , तो आज छप गयी न ….तो देर किस बात की अखबार पर क्लिक करें और  रचना का आनंद लें … तो आज की चर्चा प्रारंभ करते हैं ….  शास्त्री जी की कविता  से ----------   
 
डा० रूपचन्द्र शास्त्री
     
गिरीश पंकज
   रश्मि प्रभा        
       
My Photo       एम० के० वर्मा
    
स्वप्न  मंजूषा
मेरा फोटोवंदना गुप्ता
मेरा फोटो      स्वप्निल कुमार आतिश"

                                                         सांझ             
इमरान अंसारी
                My Photo  
   दीपाली
 

अनुपमा पाठक
रोली पाठक
My Photo   
पूर्णिमा त्रिपाठी
         अपर्णा मनोज भटनागर
My Photo                        देवेन्द्र पांडे
My Photoअनामिका

ज्योत्सना पांडे
My Photoस्वराज्य करुण
वंदना शुमेरा फोटोक्ला               
My Photo  राजीव 
 

           
डिम्पल मल्होत्रा
 राजभाषा हिंदी
मेरा फोटो       
राहुल यादव 
      
संजय चौरसिया
My Photo     
वर्तमान !     
राम रूप पांडे
       
     My Photo  
आलोकिता  गुप्ता
My Photo  
तदात्मानं सृजाम्यहम्
My Photo     अना
My Photoकैलाश सी० शर्मा

मेरा फोटो             
ज्ञान चंद मर्मज्ञ
चलिए जी , सारे अखबार बाँट दिए …..अब आप धूप में बैठ कर पढ़िए आराम से ….पर कहाँ …यह अखबार तो आपको कमरे में ही बैठ कर पढ़ने पड़ेंगे ….अंतरजाल है न ….आशा है ख़बरें पसंद आई होंगी ….आपकी प्रतिक्रिया और सुझावों का इंतज़ार है ….फिर मिलते हैं , अगले मंगलवार को नयी चर्चा के साथ …  संगीता स्वरुपhttp://uchcharan.blogspot.com/2010/12/blog-post_05.htmlhttp://uchcharan.blogspot.com/2010/12/blog-post_05.htmlhttp://uchcharan.blogspot.com/2010/12/blog-post_05.htmlhttp://uchcharan.blogspot.com/2010/12/blog-post_05.html

44 टिप्‍पणियां:

  1. ओह हो हो आज तो अंदाज ही नया है और खूबसूरत भी.कितनी मेहनत करती हो ?थकती नहीं?रोज नए प्रयोग सजाने के ,रोचक बनाने के ..
    मान गए आपकी हिम्मत और जज्बे को.

    जवाब देंहटाएं
  2. नए अन्दाज की यह चर्चा बहुत खूबसूरत है और सुन्दर लिंक्स से सजा है.
    आपकी दृष्टि और अन्दाज निराला है

    जवाब देंहटाएं
  3. आपने तो बहुत से पत्र पत्रिकाओं से परिचित करवा
    दिया | इस के लिए बधाई |
    आशा

    जवाब देंहटाएं
  4. बड़ी ज़बरदस्त रही यह चर्चा तो... वाह!

    जवाब देंहटाएं
  5. नए अंदाज में जबरजस्त चर्चा.... वाह

    जवाब देंहटाएं
  6. संगीता जी,
    आज चर्चा मंच को आपने नए कलेवर में सजाकर प्रस्तुत किया है जो खूब निखर रहा है !
    मेरी रचना को चर्च मंच में सम्मलित करने के लिए धन्यवाद !
    -ज्ञानचंद मर्मज्ञ

    जवाब देंहटाएं
  7. इस चर्चा को पाकर तो चर्चामंच धन्य हो गया!
    --
    आपकी सदाबहार चर्चा को हम सदैव याद रक्खेंगे!

    जवाब देंहटाएं
  8. मंच को सजाने-संवारने में गजब की मेहनत . ऐसा लगा -हम सबकी रचनाओं को आपने अखबारों में भी प्रकाशित करवा दिया.प्रस्तुतिकरण में भावनाओं के साथ-साथ टेक्नोलॉजी का सुंदर प्रयोग .बहुत-बहुत बधाई और आभार .

    जवाब देंहटाएं
  9. बहुत ही अच्छा प्रयोग मेहनत को ठेंगा दिखाते हुए,
    आभार।

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  10. बहुत कमाल का प्रस्तुतीकरण है जो दांतों में ऊँगली दबाने को मजबूर कर रहा है और आँखे हैं की झपकना भूल गयी हैं. बहुत ही मेहनत की है आपने और बहुत कुछ सीखना पड़ेगा आपसे....लेकिन अगर आप सिखाएं तो......????

    मेरी पोस्ट लेने के लिए आभार.

    जवाब देंहटाएं
  11. charchamuchn pe aaye sabhi doston ko akhbar me prakashit hone kee bahut bahut badhayi... :) meri rachna ko yahan shamil karne ke liye dher sara thanku....

    ye naya style jordar hai ek dum...

    जवाब देंहटाएं
  12. सभी पाठकों का आभार ...आपको यह प्रयोग पसंद आया ...

    @@ संजय धानी जी ,

    आप इस मुगालते में मत रहिये की इसमें मेहनत नहीं है ...और चर्चाओं से ज्यादा मेहनत है , बस दिखाई नहीं देती ...

    @@ श्याम गुप्त जी ,

    अब अच्छा लगने के लिए ख़याल ही सही ...पर अच्छा तो है कि यही सोच कर खुश हों लें कि नकली ही सही पर अखबार में छपा तो सही ...शुक्रिया

    जवाब देंहटाएं
  13. adbhut....itanimehanat....iss mehanat ko mera naman...bani rahe yah pavan bhavanaa....

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  14. wah dadi....aapne to sabko front page news bana diya.... ;)

    thanks for including me, aur aaj kaiii sari acchi rachnaayein padhne ko mili

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  15. नये अन्दाज़ की चर्चा बहुत पसन्द आयी…………जो पढे नही थे वो सब लिंक्स पढ लिये……………रोचक प्रस्तुति…………आभार्।

    जवाब देंहटाएं
  16. वाह , रचनात्मकता और उत्कृष्ट परिश्रम की पराकाष्ठा का प्रतिफल है ये चर्चा. hats off to u

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  17. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

    जवाब देंहटाएं
  18. संगीता जी,
    सर्वप्रथम मेरी रचना को चर्च मंच में सम्मलित करने के लिए धन्यवाद एवं आभार !
    आज चर्चा मंच को आपने बिलकुल ही नया रूप देकर अधिक आकर्षक बना दिया है जिससे इसमें काफी निखार आ गया है.

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  19. चिट्ठों की चर्चा - अखबारों में..........
    संजो लाये आप.

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  20. नए अन्दाज की यह चर्चा बहुत खूबसूरत है ...

    जवाब देंहटाएं
  21. बहुत ही अच्छा प्रस्तुतिकरण है चर्चा मंच का , लिंक्स सजाने के लिए बधाई |

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  22. बहुत धन्यवाद इस प्रोत्साहन के लिए। आपका ब्लॉग देखा, आप बहुत काम करती हैं अपने ब्लॉग पर। खास बात यह कि सारा काम उम्दा है।

    जवाब देंहटाएं
  23. नए अंदाज में प्रस्तुत खूबसूरत चर्चा के लिए बधाई. मेरी रचना को चर्चा में शामिल करने के लिए धन्यवाद ...आभार

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  24. अखबार की कटिंग का पोस्ट बनाने में उपयोग भी मैंने पहली बार देखा .good

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  25. interesting :)
    मेरी रचना को चर्चा में शामिल करने के लिए धन्यवाद :)

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  26. बस रोमांचित हूं। जितनी सक्रियता-समर्पण से साहित्य एंव सृजन के प्रति हमारा यह मंच काम कर रहा है, उसे देख बड़ी ही उम्मीद जाग जाती है। समवेत प्रयास सदैव सार्थक परिणाम देते हैं। ऐसे प्रयासों की जितनी सराहना की जाए, कम है।

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  27. आपको मेरी कविता पसंद आयी,इसके लिए कोटिश: धन्यवाद. चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर मेरी रचना छपने के लिए मैं आपका आभारी हूँ और उपकृत भी. आपके सुझाव मेरे संबल हैं .अत: कृपा बनाये रखें . यदि ब्लॉग फ़ॉलो कर सकें तो मेरे लिए अत्युत्तम होगा !

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  28. आज का चर्चा मंच तो अलग ही रूप में मिला, आ भी कई दिन बाद पायी हूँ लेकिन बहुत सी अच्छी अच्छी कविताएँ पढ़ने को मिली. इसके लिए संगीता को धन्यवाद !

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  29. सभी पाठकों का आभार ....बस यह एक नया प्रयोग था ....वैसे अभी इसमें कुछ अखबार की कटिंग नहीं दिख रही हैं ...पता नहीं सबको ठीक दिख रहा है या नहीं ...खैर ...मुझे कुछ सही दिख रही हैं तो कुछ की इमेज गायब है ...लेकिन आप वहाँ से लिंक पर जा सकते हैं ...असुविधा के लिए खेद है ....
    पुन: आभार

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  30. इतने ब्लॉगस पढ़ना ही बड़ी बात है। इससे भी बड़ा काम चर्चा योग्य ब्लॉग छांटना। मै आपकी मेहनत और समर्पण के इस भाव को प्रणाम करता हूँ। धीरे-धीरे सभी लिंक पढ़ने का प्रयास करूंगा मगर अभी मन बहुत दुःखी है, गंगा आरती में धमाके की खबर आ रही है...ईश्वर पापियों को माफ करना वे नहीं जानते कि वे मानवता के दुश्मन हैं।

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  31. ek naye kalevar me charcha ..........bahut achchha laga......मेरी रचना को चर्च मंच में सम्मलित करने के लिए धन्यवाद !

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  32. आज सच अंदाज नया रहा . काव्य को इस रूप में सजाकर आपने यहाँ भी सृजन सौष्ठव का परिचय दिया. नए ब्लोग्स से परिचय कराने के लिए शुक्रिया.

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  33. संगीताजी
    बहुत बहुत धन्यवाद चर्चामंच में कविता प्रकाशित करने के लिए!बहुत श्रेष्ठ सामग्री है इसमें...अप सभी सम्बंधित रचनाकारों को धन्यवाद एवं शुभकामनायेंवंदना

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  34. अनूठा अंदाज़, कुछ पुराने कुछ नए ब्लॉग, बहुत खूबसूरत .....चर्चा में शामिल सभी ब्लॉग जबरदस्त...

    आभार!!

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  35. संगीता जी,

    बहुत-बहुत धन्यवाद आपका जो आपने मेरा नाम यहाँ शामिल किया|

    जवाब देंहटाएं

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