नमस्कार , आज शनिवार की चर्चा लेकर हाज़िर हुई हूँ आप सबके समक्ष …आज के चर्चा मंच पर यही कोशिश रही है कि अधिक से अधिक लिंक्स आप तक पहुंचा सकूँ …तो आज बातों में वक्त न ज़ाया करते हुए सीधे चलते हैं कुछ चुने हुए चिट्ठों पर …. पहले आपके सामने है काव्यांजलि |
1- डा० रूपचन्द्र शास्त्री जी की सीख …नाविक की सीख… सीख लें तो बेहतर 2- गोविन्द सलोता की कविता ….मासूम की पुकार …. कोई तो सुने 3- डा० शरद सिंह की भावनाएं …..उस चंचल लडकी के सपने .. कुछ तो पूरे हों . 4- अरविन्द जांगिड की मजबूरी …हर दौर में भी जिन्दा लगता हूँ .. लगना भी चाहिए .. 5-- सप्तरंगी पर वंदना जी की रचना ..बिखरे अस्तित्त्व…. समेटने की कोशिश कीजिये . 6--वंदना शुक्ला बता रही हैं ….व्यतीत … बीत गयी सो बात गयी 7--वटवृक्ष पर पढ़िए हमें गर्व है कि हम विकसित हो रहे हैं .. होना भी चाहिए .. 8--आशा जी लायी हैं …सुरमई आँखों की स्याही .…. चमक बनी रहे . 9-- स्वप्न मंजूषा “ अदा “ कह रही हैं ..मेरे घर की उखाड़ी साँस … अभी तक तो इंसान की ही साँस उखडती थी .. 10 - अविनाश पूछ रहे हैं कि क्या ..प्रेम नहीं है ? … पढ़ कर बताते हैं … 11-- प्रकाश वरुण की कविता …है कितना आसाँ कह देना , कि बीत गयी सो बात गयी .. है तो मुश्किल ही . 12- - राजवंत राज बता रही हैं …शर्म आती है .. आती तो है . 13- डा० जे० पी० तिवारी जी अन्तर बता रहे हैं ….नेत्र बनाम चक्षु … सही है .. 14-- अनामिका कह रही हैं कि …वक्त तो लगता है ...क्या सच में ? 15-- अनीता निहलानी जी बता रही हैं ….जीवन जैसे खेल क्रिकेट का …. खेलते रहो .. 16- अरुण से राय कह रहे हैं …विज्ञापन बनाते हुए ... आज कल विज्ञापन का ही दौर है . 17- नवगीत कि पाठशाला पर पढ़िए नवीन चतुर्वेदी जी को …आप हम सब खुश रहें…. आमीन . . 18 ..रूप जी खुश हैं और कह रहे हैं …अच्छा लगता है ...क्या वाकयी ? 19 -- प्रांजल के चित्र पर शास्त्री जी की रचना पढ़िए ….देखो मैंने चित्र बनाया… बहुत सुन्दर . 20 - अरुणेश मिश्र जी कह रहे हैं …..व्यंग में बड़ा दम है , साहित्य की मांग कम है . बिलकुल सही .. 21 -- दीपक बाबा कैसे सौदागर हैं जो कह रहे हैं …दर्द का खरीदार हूँ ... तो बेच दीजिए सब दर्द .. 22 -- अनुपमा पाठक दे रही हैं चेतावनी …संकट बढ़ता ही रहा .. संभल कर .. 23 - सत्यम शिवम लाये हैं ….सफर में ठोकर ... बच के रहना .. 24-- आलोकिता बता रही हैं अन्तर ….चिन्ता और चिता का … एक अनुस्वार का अन्तर .. 25--पलाश चिंतित हैं ……ऐसा भी कर देते हैं लोग ….अब क्या किया जा सकता है ? 26-- देवेन्द्र जी पूछ रहे हैं …ऐसा क्यों होता है ..? अब क्या बताएँ कि क्यों होता है ? 27- सुमन सिन्हा जी की खूबसूरत सोच ..गुलमर्ग बनेगा .. इंतज़ार है .. |
काव्यांजलि के बाद मैं लायी हूँ गद्य कलश …उम्मीद है आपको लेख और कथाएं पसंद आएँगी .. |
1- मनोज कुमार जी विचार ब्लॉग पर विषय लाये हैं ….पति – पत्नि 2—स्वप्न मंजूषा जी बता रही हैं ..शंकर की तीसरी आँख और शिवलिंग 3- ललित शर्मा जी करा रहे हैं …एक एंजिल से मुलाक़ात 4- श्याम कोरी “ उदय “ जी जप रहे हैं …जय - जय भ्रष्टाचार .. 5- शिखा वार्ष्णेय लन्दन की ठण्ड के बारे में बताते हुए लायी हैं ठिठुरता सेंटा 6- डा० दराल बता रहे हैं ….सर्दियों का मौसम और दिल्ली की शादियाँ , तौबा तौबा 7 - अर्चना जी लायी हैं ..नया साल नयी शुरुआत 8 -- राजभाषा पर रेखा श्रीवास्तव जी की कहानी --पहले मेरी माँ है. 9 - रश्मि रविजा का एक प्रश्न …हम उत्तर भारतीय क्या दे सकते हैं , इन सवालों के जवाब ? 10- डा० कुमारेन्द्र सिंह सेंगर कह रहे हैं ..बुजुर्गों के रहते देश को नौजवानों की ज़रूरत है नहीं .. 11--- आलोकिता की पढ़िए प्रेरक एक लघु कथा 12- एम० वर्मा जी बता रहे हैं मंगतू का गणित ….पेट्रोल की कीमत नहीं बढ़ी 13--राजकुमार सोनी जी कह रहे हैं ..तो हो गया न मामू केमिकल लोचा 14 - अराधना चतुर्वेदी “ मुक्ति “ कर रही हैं अडोस पड़ोस की बातें 15 -- सलिल जी परेशान हैं ..संस्मरण , साहित्य और बेचारा बिहारी . 16-- सतीश सक्सेना जी दिखा रहे हैं …ब्लोगर मीटिंग , ब्लॉग जगत का खूबसूरत चेहरा 17- अरविन्द मिश्रा जी कर रहे हैं … संकलनों की असमय मौत पर एक शोकांजलि . 18 - शहरोज़ बता रहे हैं …ले मशालें चल पड़ी है नाजिया रांची शहर की . 19 - पूजा उपाध्याय कह रही हैं …आई स्टिल लव यू जान . 20- महेंद्र मिश्र जी कह रहे हैं …..हिंदी ब्लोगों के लिए नए एग्रेगेटर के विकल्पों पर विचार करना ज़रूरी . 21 - रेखा श्रीवास्तव जी कुछ कह रही हैं …ऐसा भी क्या ? 22 - करण समस्तीपुरी मनोज ब्लॉग पर कह रहे हैं ..मोहि कपट छल छिद्र न भावा |
आशा है आज की चर्चा आपको पसंद आई होगी … और आपको अपने मनपसंद चिट्ठे ज़रूर मिले होंगे ….. फिर मिलते हैं …नमस्कार …. संगीता स्वरुप |
बहूऊऊउत सारे लिंक्स और बहुत व्यवस्थित .
जवाब देंहटाएंबहुत काम की चर्चा.
पूजा उपाध्याय की पोस्ट बहुत अच्छी लगी.
आभार.
सुन्दर चर्चा...
जवाब देंहटाएंआभार!
आपकी चर्चा दर्शाती है आपकी लगन और परिश्रम...
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी लगी..
हृदय से आभारी हैं हम सभी...
गुड मोर्निंग मैम
जवाब देंहटाएंअदा जी की बात से मैं भी सहमत हूँ बहुत बढ़िया चर्चा !
यकीनन बहुत अच्छी और समग्र चर्चा ..
जवाब देंहटाएंआजकल चिट्ठाजगत नहीं खुल रहा है ऐसे में आपकी चर्चा के इतने सारे लिंक्स बहुत उपयोगी हैं और आपकी मेहनत को दर्शा रहे हैं.
सुन्दर लिंकों स सजी शानदार चर्चा करने के लिए आपका शुक्रिया!
जवाब देंहटाएंसंक्षिप्त एवं सामयिक चर्चा ।
जवाब देंहटाएंआपके निः स्वार्थ प्रयत्न का ही परिणाम है की हम सभी को इतने सुन्दर लिंक्स पर जाने का मौका मिलता है.
जवाब देंहटाएंआपका साधुवाद.
sundar charcha,achchhe links...aabhar..
जवाब देंहटाएंबढ़िया चर्चा !
जवाब देंहटाएंबहुत सारे लिंकों से सुसज्जित सुंदर चर्चा के लिए आभार !!
जवाब देंहटाएंकाफी मेहनत के साथ तैयार की गई सुन्दर चर्चा ... अच्छे लिंक मिले.... सारगर्वित चर्चा के लिए आभारी हूँ .... आपका चर्चा मंच लोकप्रियता के शिखर पर दिनोंदिन पहुंचे .... शुभकामनाओं के साथ ...
जवाब देंहटाएंउम्दा चर्चा...आभार इन लिंक्स के लिए.
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंविभिन्न ब्लॉग्स पर सामग्री पढ़ना, समझना और उपयुक्ततानुसार चयन कर संकलित करने का गंभीर दायित्व, और उसे बखूबी निबाहना। साधुवाद।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर चर्चा आज कि, मेरी रचना "सफर में ठोकर" को आज चर्चा मंच में जगह देने हेतु, आपको बहुत बहुत धन्यवाद.......यूँही आशीर्वाद बनाएँ रखे।
जवाब देंहटाएंshukriya sngeeta di chrcha mnch me mujhe bhi sthan dene ke liye .
जवाब देंहटाएंbhut mehnat our pyar se taiyyar ki gai chrcha mnch ki aapki ye prstuti bhut si pthneey shmgri ko sngheet krti hai .sath hi links bhi nye nye mil rhe hai jo blog pathko ke liye nihsndeh bhut hi labhprd siddh honge .
pustkayan pr meri prstuti ke liye aapka margdrshn sdaiv apekshit rhega .
punh ek bar fir bhut bhut dhnywaad .
धन्यवाद. एग्रीगेटरों की अनुपस्थिति में आपकी चर्चा की महत्ता अब कहीं और ज़्यादा नज़र आने लगी है
जवाब देंहटाएंआज चर्चा मंच की बगिया मेँ बहुत ही सुन्दर फूल खिले हैँ। आभार संगीता दी!
जवाब देंहटाएंढेर सारे लिंक देकर एक बार फिर से मंच का सद्प्रयास चिट्ठाजगत की अनुपस्थिति दूर करने का।
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लोग ‘मनोज’ को मंच पर स्थान देने का शुक्रिया।
आज के नये अन्दाज़ की चर्चा बहुत सुन्दर लग रही है और लिंक्स भी काफ़ी है मगर वक्त नही है आज मेरे पास पढने का मगर बाद मे पढूँगी अभी 3 दिन और व्यस्त हूँ……………बहुत सुन्दर और सुगठित चर्चा…………आभार्।
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा , बहुत सारे नए लिंक्स मिले .
जवाब देंहटाएंshukriyaa.
जवाब देंहटाएंbehtar blogers se milaane ke liye.
aapko kotish: dhanyawad aur aabhar , apne meri kawita charcha layak samjhi !
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चर्चा , चिट्ठा जगत की कमी को पूरा करने की कोशिश काफी हद तक कामयाब रही ।
जवाब देंहटाएंआभार एवं धन्यवाद! नए लिंक मिले.
जवाब देंहटाएंगागर में सागर जैसी है यह चर्चा, बधाई।
जवाब देंहटाएंshikha varshney said...
जवाब देंहटाएंबहूऊऊउत सारे लिंक्स और बहुत व्यवस्थित .
बहुत काम की चर्चा.
M VERMA said...
यकीनन बहुत अच्छी और समग्र चर्चा ..
आजकल चिट्ठाजगत नहीं खुल रहा है ऐसे में आपकी चर्चा के इतने सारे लिंक्स बहुत उपयोगी हैं और आपकी मेहनत को दर्शा रहे हैं.
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक" said...
सुन्दर लिंकों स सजी शानदार चर्चा करने के लिए आपका शुक्रिया
महेन्द्र मिश्र said...
काफी मेहनत के साथ तैयार की गई सुन्दर चर्चा ... अच्छे लिंक मिले.... सारगर्वित चर्चा के लिए आभारी हूँ .... आपका चर्चा मंच लोकप्रियता के शिखर पर दिनोंदिन पहुंचे ...
इन्ही सब में मेरा स्वर भी समिल्लित किया जाए........
achchhe links ke sath sundar prastutikaran..badhai....
जवाब देंहटाएंआदरणीया सांगीता स्वरूप जी इस चर्चा में मेरे नवगीत का समावेश करने के लिए पुन: आभार|
जवाब देंहटाएंआपको बहुत बहुत बधाई इतनी सुंदर प्रस्तुति के लिए और बारंबार अभिनंदन आपके अथक परिश्रम के लिए|
सुन्दर चर्चा...आभार इन लिंक्स के लिए.
जवाब देंहटाएंशुक्रिया..चर्चा मंच पर पोस्ट को शामिल करने के लिए...
जवाब देंहटाएंmain charcha manch par aati to hamesha hun jiski bhi rachna padhi comment usi k blog par de diya par socha chalo charcha manch ko bhi dhanyawaad de dun meri do do rachnayen ek saath prastut karne k liye.
जवाब देंहटाएंaabhar
चिट्ठा जगत के अभाव में चर्चा मंच का महत्व बढ़ जाता है। इतने सारे पोस्ट को पढ़ना ही कठिन काम है। चर्चा करने लायक पढ़ना तो और भी बड़ी बात है।
जवाब देंहटाएंब्लॉग जगत के लिए आपका परिश्रम सर माथे पर।
अति उत्तम चर्चा जी
जवाब देंहटाएंक्लिक कीजिये कमाईये !!
bahut achchi -achchi cheejen padhne ko mili.dhanywad.
जवाब देंहटाएंबहुत सारे सुन्दर लिंक्स..आभार
जवाब देंहटाएंसंगीता स्वरुप जी, मैं आपको धन्यवाद भर कहूं तो कम होगा, आपके अपनत्व ने मुझे भावविभोर कर दिया है। चर्चा मंच के लिए आप सचमुच बहुत श्रम करती हैं. लोगों को लोगों से जोड़ना एक स्तुत्य कार्य है और इस हेतु आप साधुवाद की पात्र हैं।
जवाब देंहटाएंbahut hi sundar charcha...har link kmal ka....
जवाब देंहटाएंशानदार!!मैं ही विलंबित सुर में गा रहा हूँ!! क्षमा!!
जवाब देंहटाएंवाह! आज तो लिंक्स की भरमार है। आभार आपका जो आपने मेरे ‘विचार’ को यहां स्थान दिया।
जवाब देंहटाएंsangita ji , bahoot sunder charcha. kafi achchhe link mile.
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा संगीता जी... आज कल अत्यधिक व्यवस्ता की वजह से देर से आना हुवा.. चर्चा का सुन्दर स्वरुप और अच्छे लिंक्स मिले .धन्यवाद
जवाब देंहटाएंथोड़ा विलंब से पहुंचा इसके लिए खेद है।
जवाब देंहटाएंआपने मेरे लेख को चर्चा मंच में स्थान दिया उसके लिए आपका आभार।