शाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद'' | Source: जज़्बात جذبات Jazbaat
मां.... इस रिश्ते के बारे में कितना भी कहिए, नाकाफ़ी है बस अल्फ़ाज़ की शक्ल में कुछ अहसास आपकी खिदमत में हाज़िर हैं-
---------------------------------------- - नव कोपल से नर्म एहसास सी तुम प्रकृति की सबसे अनुपम उपहार हो मेरे लिए वो ऊषा की पहली किरण सा मखमली अहसास हो तुम जाने कौन देस से आयीं मेरे जीवन प्राण हो तुम ...अनुपम उपहार हो तुम ♥ माँ ममता का आधार हो तुम ♥ |
.............हथेली की लकीरों में किस्मत लिखी होती है . ♥ कहीं रिश्वत तो कहीं अस्मत छिपी होती है . ♥ |
तीन मुक्तक (1) मंहगाई मंहगाई हरजाई है। ... ♥ सर्दी में अच्छी लगती रजाई है। ... ♥ |
सत्येन्द्र झा "सर ! आप जो कहेंगे मैं वह सब करूंगी।" मेरे सामने बैठी स्टेनो मुझ से कह रही थी। वह कृषकाया रूपसी युवती मेरे ही अधीन कार्यरत थी। उसके द...
लघुकथा :: अपराध - -- ♥ जीवन पथ पर चलते रहो ..निर्बाध- -- ♥ |
हाईकु - 1 कलियाँ खिली--------- मौसम भीगा भीगा रुत प्यार की 2 परछाई हूँ ---------- तेरी साजन मेरे संग चलूँगी 3 दोस्त कैसे?--- गिरगिट के जैसे रंग बदलें ............... ♥ सम्बन्ध के अनुबन्घ हो गये हैं पगले ............. ♥ |
विनम्रता मेरा स्वभाव है लाचारी नहीं है मुझे आडम्बर रचने की बीमारी नहीं है ... ♥ मन में अनुभाव हैं, लाचारी नहीं है.... ♥ |
कई सारी बातें हैं करने के लिये, लेकिन क्या किया जाये जब उलझनें निरंतर घेरने को प्रतिबद्ध ही दिखाई दे रही हों । खैर कुछ अच्छी बातें तो हैं आज करने के लिये । ♥ समय तो गुजारना ही है, खाली स्थान भरने के लिए ♥ |
मित्रो अब बहुत लोग साथ हैं एक सामूहिक ब्लाग बना लेते है
"लिखिये सोचिये और परतें खोलिये " - ♥ अब पोस्ट में ही सही, कुछ तो बोलिए ♥ |
बहुत हो गई गुमाई - फिराई खूब खाए गक्कड़ भुरता
जोगी चूर्ण अब पचाने के लिए ♥ हाजमा दुरुस्त बनाने के लिए ♥ |
पता नहीं हम गुजर रहे थे या वक्त हमें गुजार रहा था बस जी रहे थे यादों की रोशनाई से वक्त के लिहाफ पर दास्ताँ लिख के कुछ तेरी कुछ मेरी ... ♥ मनवा अब तो छोड़ दे हेराफेरी ♥ |
आज जहाँ देश विदेश में भारतीय शिक्षा पद्धति की प्रशंसा की जाती है,
वहीँ क्यूँ नहीं हमारे विद्यार्थी अपनी मिसाल कायम कर पाते हैं विभिन्न क्षेत्रों में? ...क्या हमारी शिक्षा पद्धति में सुधार की दरकार है ? ♥ यही तो जन-जन की पुकार है ♥ |
दर्द की नदी में .... - (१) हर रिश्ता, गहरा होता गया साथ तेरे.... उंगली पकड़ के चली जब मैं साथ तेरे ... ... ♥ भरने लगे हैं सब घाव गहरे ♥ |
♥ बोया पेड़ बबूल का तो आम कहाँ से पाय ♥ आओ सब मिलकर कहें कार्ला ब्रूनी हाय-हाय |
युवाओं में वैज्ञानिक नज़रिया विकसित होना जरूरी: ♥ तभी तो होगी हमारी साध पूरी ♥ |
माँ और गाय
केवल राम | Source: चलते -चलते ....!
(कभी जिन्दगी और इसके मंतव्य के बारे में सोचता हूँ तो खुद को अजीब सी स्थिति में पाता हूँ ..और फिर सोचता हूँ कुछ इस तरह ......
♥ माँ और गाय ही तो ममता के पूरक हैं ♥ |
shikha kaushik | Source: mera aapka pyara blog
आज सभी बन्दर बाराती ; सूट-बूट में घूम रहे हैं , टिमटिम-रिमझिम नन्हे बन्दर ; आज ख़ुशी से झूम रहे है , बंदरिया भी ओढ़ दुपट्टा ढपली -ढोलक बजा रही है , घर- आँगन दुल्हे की बहना आम-पत्र से सजा रही है , बाजे वाले बन्दर आज जोर से ढोल बजाते है ; सेहरा बांध के बन्दर मामा दुल्हन लेने जाते है .
दुल्हे राजा कूद-कूद कर सबको दात दिखाते है .. ♥ मन में लड्डू फूट रहे हैं, फूले नहीं समाते हैं ♥
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सुर्खियों से बुनती है मकड़ी की जाली रे.. "नो वन किल्ड जेसिका" के संगीत की कमान संभाली अमित-अमिताभ ने
विश्व दीपक | Source: आवाज़
सुजॉय जी की अनुपस्थिति में एक बार फिर ताज़ा-सुर-ताल की बागडोर संभालने हम आ पहुँचे हैं। जैसा कि मैंने दो हफ़्ते पहले कहा था कि गानों की समीक्षा कभी मैं करूँगा तो कभी सजीव जी। मुझे "बैंड बाजा बारात" के गाने पसंद आए थे तो मैंने उनकी समीक्षा कर दी, वहीं सजीव जी को "तीस मार खां" ने अपने माया-जाल में फांस लिया ...
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सूर्य गोयल | Source: समाचार:- एक पहलु यह भी
उम्र मात्र 23 साल. लेकिन इन 23 साल में उसे जो नहीं देखना और सहना था वो आज झेल रही है. कुदरत ने उसके साथ ऐसी नाइंसाफी की कि आज उसके साथ-साथ सभी की आँखे नम है. इस छोटी सी उम्र में न सिर्फ उसने अपना पति खो दिया बल्कि पति की मौत के बाद उसकी जिंदगी का सहारा बने मासूम को भी ऊपर वाले ने अपने पास बुला लिया. छोटी उम्र में पति की मृत्यु के पश्चात परिवार ...
♥ दरकने लगे हैं जिन्दगी के आधार ♥ |
योगेन्द्र मौदगिल | Source: कवि योगेन्द्र मौदगिल
पानीपत सांस्कृतिक मंच का पांचवा कवि सम्मेलन
♥ सफलता की शुभकामनाएँ ♥ ♥ श्रोता और कवि मौज मनाएँ ♥ |
Ratan Singh Shekhawat | Source: ज्ञान दर्पण
आजकल एलोवेरा के प्रयोग से बिमारियों को भगाकर स्वस्थ रहने के चर्चे पूरे देश भर में फैले हुए है एक तरफ बाबा रामदेव की दिव्य फार्मेसी के अलावा बड़ी संख्या में देशी कम्पनियाँ एलोवेरा का रस बाज़ार में बेच रही है वहीँ फॉरएवर लिविंग प्रोडक्ट नाम की विदेशी क. ने एलोवेरा के स्वास्थ्य वर्धक पोषक तत्वों से भरपूर विभिन्न उत्पादों के साथ ...♥ ग्वारपाठा खाओ, रोग भगाओ ♥ -----------------------------------------------------
टंटा-शब्द के उस नामकरण के पीछे कई दिमाग लगे थे. सुनील कैन्थोला की असंदिग्ध मौलिक प्रतिभा का सहयोग तो था ही, टंटों की सामूहिक चेतना ने इसे और ऊंचाई दी....
♥ टंटा शब्द! हर जगह है उपलब्ध ♥ |
प्रवीण त्रिवेदी ╬ PRAVEEN TRIVEDI | Source: प्राइमरी का मास्टर
मास्टर उवाच
♥ किताब को लीजिए बाँच ♥ |
: खुशदीप सहगल | Source: देशनामा
आपने महाभारत पढ़ी हो या देखी हो (अरे टीवी सीरियल भाई) तो बकासुर का नाम ज़रूर सुना होगा...आज आपको उसी राक्षस बकासुर की कहानी सुनाने का मन कर रहा है...क्यों कर रहा है...ये पोस्ट के आखिर में...पहले कहानी...
♥ कहानी में रवानी ♥ |
dhiru singh {धीरू सिंह} | Source: Darvaar दरबार
गुरु की खोज जारी है या कहें लगभग तय है . दो चार दिन में गुरु जी घोषित हो ही जायेंगे .
♥ हमें भी तलाश है, मिल जाएँ गुरू तो |
PD | Source: मेरी छोटी सी दुनिया
छः दिसंबर को भारत देश के लिए गौरवपूर्ण क्षण के साथ शर्मनाक क्षण एक साथ आते हैं.. शर्मनाक क्षण ऐसे जिसे हमें याद ना करना चाहिए, उसे हमारी मीडिया चिल्ला चिल्ला कर उत्तेजित आवाज में खबरें बांचती है, साथ में एक सवाल भी किसी जुमले जैसे उछाल देती है जिसमें हिंदू-मुसलिम सहिष्णुता पर सवाल इस कदर हावी होता है जैसे अगर किसी के मन में कोई राग-द्वेष नहीं ह ...
♥ समाधान से खुश हैं भारतवासी... ♥ |
कुश | Source: कुश की कलम
पतले चक्कों वाली सायकिल
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आज के लिए बस इतना ही!
चिट्ठाजगत की कुछ तो भरपाई होगी ही!!
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उत्तम लिंक्स मिले. आभार.
जवाब देंहटाएंबहुत सारे अच्छे लिंक्स ...
जवाब देंहटाएंआभार !
शास्त्री जी
जवाब देंहटाएंनमस्कार ...सभी लिंक्स बहुत अच्छे हैं , मेरी रचना को शामिल करने के लिए आपका बहुत -बहुत आभार ..
अच्छी सजी है, आज की चर्चा। हमारे ब्लॉग को मंच पर स्थान देने के लिए शुक्रिया। बहुत अच्छी प्रस्तुति। हार्दिक शुभकामनाएं!
जवाब देंहटाएंहिन्दी साहित्य की विधाएं - संस्मरण और यात्रा-वृत्तांत
bahut hi achchhi charcha .ab to charcha manch hamari dincharya ka ek ansh ban gaya hai .sarthak links mile .meri rachna ko charcha me sthan dene ke liye hardik dhanywad .
जवाब देंहटाएंअच्छे लिंक्स , अच्छी चर्चा
जवाब देंहटाएंबहुत सार्थक चर्चा ...अच्छे लिंक्स का चयन ..आभार
जवाब देंहटाएंचिट्ठाजगत पूरी चारपाई रही
जवाब देंहटाएंअब वो कहां चली गई
या किसी ने खड़ी कर दी
नमस्कार ,
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छे लिंक्स मिले लेकिन "मां तेरे बग़ैर " वाला लिंक मुझे नहीं मिल पाया हालांकि मैं ने कई बार देखा ,शायद छूट गया है ,कृप्या लिंक डाल दें क्योंकि इस शीर्षक से मैं ने "जज़्बात" पर कल ग़ज़ल पढ़ी है
धन्यवाद
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएं@ इस्मत ज़ैदी साहब!
जवाब देंहटाएं"मां तेरे बग़ैर "
यह लिंक छूट गया था!
अब लगा दिया है!
याद दिलाने का शुक्रिया!
shukriya manoj jee
जवाब देंहटाएंaaj ki charcha bahut hi achchi rahi.badhiya links mile .aabhar !
जवाब देंहटाएंव्यवस्थित और उत्तम लिंक्स से सजी चर्चा.आभार.
जवाब देंहटाएंBahut achi lagi links meri rachna ko saamil karne k liye sukriya achanak charcha manch par aakar surprise mila apni rachna ko yanhaa pa key
जवाब देंहटाएंबहुत सारे अच्छे लिंक्स ...
जवाब देंहटाएंआभार !
शास्त्री जी, बहुत अच्छी चर्चा रही.
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग को शामिल करने के लिए शुक्रगुज़ार हूं.
sundar charcha!
जवाब देंहटाएंअच्छे लिंक्स के साथ बहुत ही सुन्दर चर्चा की है………आभार्।
जवाब देंहटाएंबहुत सारे लिंक लगा कर कुछ हद तक चिट्ठा जगत की कमी को पूरा करने की अच्छी कोशिश की है.
जवाब देंहटाएंआपकी मेहनत को नमन.
आपकी मेहनत को नमन.
जवाब देंहटाएंबहुत सारे अच्छे लिंक्स ..
जवाब देंहटाएंअच्छी चर्चा
जवाब देंहटाएं.अच्छे लिंक्स का चयन
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