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गुरुवार, दिसंबर 30, 2010

बच के रहना रे बाबा………… चर्चा मंच (384 )

 दोस्तों ,
लीजिये इस साल की आखिरी चर्चा लेकर हाजिर हूँ आपके सामने............अब तो अगले साल में ही मिलेंगे ना मुझसे तो ..........तो चलिए देखिये आपकी पसंद के लिंक्स आपका इंतज़ार कर रहे हैं ...........

तो तुम्हे ख़त लिखूं.........
हाँ उसी का तो इंतज़ार है मगर कशमकश में हूँ कि क्या लिखूं


जय हो महाराज


ममता बनर्जी को मिथ बनाने की आदत है वह उनमें जीती हैं। ममता बनर्जी निर्मित पहला मिथ है माकपा शैतान है। दूसरा मिथ है मैं तारणहार हूँ। तीसरा मिथ है माओवादी हमारे बंधु हैं। चौ�...
नए वर्ष पर 
 
 अभी देते हैं जी ...........यही तो फ़ोकट में हैं हमारे पास

आंसू की जुबां
किसने जानी ?
कौन ?

अरे बाबा सब झोलम-झोल

  बिल्कुल जी बहुत गड़बड़ घोटाला है 


'सरदारों' में असरदार कौन...खुशदीप

Computer Duniya 
 अजब गजब 

कविता : एक नया साल दुनिया के लिये

 सच ..............


तुम कहाँ हो ? ? ?
तुम्हारे पास ही तो ...........अपने ख्यालों को झटक कर तो देखो 
 
*** आशा की डोर ****
बनी रहे ...........जब तक ज़िन्दगी रहे

बात तो लाख टके  की कही है
जरूर लिखिए ...........

इकरार करो...............
 क्यूँ ? क्या बिना इकरार के मोहब्बत मोहब्बत ना होगी ...............

लम्हों की कहानी सदियों की जुबानी हो जाये ..............200 वी पोस्ट 
ये भी पढ़ ही लीजिये शायद कोई दास्ताँ आपकी ही हो इसमें 


ये तो गज़ब रहा ..................

तड़प, उत्साह, प्रश्न, निष्कर्ष और लेखन

एक अलग अनुभूति ....................
किसी परिचय के मोहताज नहीं
किसके लिए ?

इस सुबह को गौर से देखो
क्या है इसमें नया बताइए ज़रा ...........
सच कहा .................
यही तो है ज़िंदगी ...........

मेरे प्रेम करने से पहले.....
बहुत कुछ था जो मैं ना देख पाया


जरूरी है  ये भी 
ज़िन्दगी और क्या है इसके सिवा

कुछ उम्दा कविताएँ 
 ज़िन्दगी के कडवे सच 

बदन...क्या कहे!!!
जो कहता है कोई समझ नही पाता


आहट प्रेम की , मृत्यु की और ईश्वर की ..
सम्पूर्णता की चाह मे छुपा अदृश्य संसार

उस गुलमोहर के तले.....
हम क्या कहें .........खुद ही पढ़ लीजिये 

ऐसी जिद तो करनी ही चाहिए 


आतंरिक निष्ठायें ही व्यवहार और आचरण का मूल आधार होती हैं .... 
 सत्य वचन 

कैलेण्डर 
तारीखो के साथ भावनाओ का आदान प्रदान

मंडे की मंडी पर मंदी की मार--- 
बच के रहना रे बाबा…………

अलविदा ! वर्ष २०१०
सुस्वागतम !आने वाले कल का

क्यूंकि वह वहसी दरिंदा था
मार्मिक घटना की भर्तस्ना...........


"मिक्की माउस" 

*मिक्की माउस कितना अच्छा।


आओ खेलें विधा विधा --
सुधरा हुआ हास-परिहास......


एक किरण! 
जिसका हमें भी इन्तजार है......


"कर दूँगा रौशन जग सारा" 
*मैं नये साल का सूरज हूँ,* *हरने आया हूँ अँधियारा.....


मो सम कौन???? 
कोई तो है!!!


धन्यवाद २०१० बहुत बहुत धन्यवाद ....


शुक्रिया.... 


अच्छा दोस्तों अब अगले साल मिलेंगे ..........नयी हवाओं में, नयी फिजाओं में , नए रंग में , नए ढंग में ...........तब तक आप नए साल के आगमन की तैयारी कीजिये .............नव वर्ष आप सबके जीवन में सुख और समृद्धि  लाये ...........इसी कामना के साथ दीजिये इजाज़त!
-------------------
आशा ही नहीं विश्वास भी है कि 
वर्षान्त की कल की चर्चा 
"डॉ.नूतन गैरौला" जी की होगी!

41 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर चित्रमयी चर्चा!
    --
    काफी लिंक समेट लिए आज भी!
    आभार!

    जवाब देंहटाएं
  2. चर्चा शानदार ...
    लिंक्स जानदार ...:)

    जवाब देंहटाएं
  3. priya bandana ji

    pranam !
    itane sare prasuno ko ak guldaste men saja kar purane sal ko alvida ka ,ya naye varsh ke swagat ka
    kahun ,bahut sunder sanyojan/saman kiya hai/ sarthak ,bhav -purn charcha.
    abhar meri asha ka ,jo apne man kiya
    nav varsh mangalmaya ho /

    जवाब देंहटाएं
  4. कुछ और ब्लॉग डाल लिये अपनी फीड में।

    जवाब देंहटाएं
  5. मनभावन चर्चा , अच्छे लिंक्स, आभार।

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत सुन्दर चर्चा अच्छे लिंक्स मेरे ब्लॉग को अपनी चर्चा में जगह देने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  7. .

    आपका ब्लोग्स समेटने का ढंग अच्छा लगा. प्रस्तुत करने की तकनीक भी मन को मोह लेती है.

    .

    जवाब देंहटाएं
  8. भाई वाह !
    नया साल हैं मैम होली नहीं ...फोटो मेरा और लिंक किसी और का :-(
    रंग बिरंगी चर्चा के लिए हार्दिक शुभकामनायें

    जवाब देंहटाएं
  9. सुन्दर लिँक्स का चुनाव किया है आपने । चर्चा मँच सजाने का अंदाज अच्छा लगा ।
    बहुत बहुत आभार वन्दना जी ।

    -: VISIT MY BLOG :-

    " नज़रेँ मिलाके ना नज़रेँ झुकाओ......... गजल । "



    http://vishwaharibsr.blogspot.com

    जवाब देंहटाएं
  10. बहुत ही अच्छी चर्चा रही....
    मेरी कविता को शामिल करने के लिए आभार ...

    जवाब देंहटाएं
  11. बहुत अच्छी चर्चा |बहुत बहुत बधाई |
    आशा

    जवाब देंहटाएं
  12. वंदना जी बहुत ..से लिनक्स और बहुत अच्छा प्रस्तुतीकरण ...शुक्रिया

    जवाब देंहटाएं
  13. बहुत सुन्दर चर्चा संजोयी है दीदी आपने... बहुत ही अच्छे अच्छे ब्लॉग से रूबरू हुआ...

    आभार...

    सभी लोगो को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाये...

    जवाब देंहटाएं
  14. वंदना जी, बधाई बहुत ही अच्‍छी चर्चा ..और काफी सारे लिंक्‍स भी ..।

    जवाब देंहटाएं
  15. vandna ji...ache links hain aaj ke..mere lekh ko jagha dene ke liye shurmkiya..umeed .prne walon ko palaash ke bare me jaankari milegi

    aapko...sabhi prne walon ko..aur chrchaamanch aur blogh jagat ke sabhi sadyson ko ....

    Nav warsh ki shubhkaamnaayen

    take care

    जवाब देंहटाएं
  16. सुन्दर सार्थक ब्लोग चर्चा...

    मुझे लगता है जब लिन्क एंव चित्र पेज पर अधिक हो जाते हैं तो साईट खुलने में बहुत अधिक समय लगता है जिसके कारण बहुत से पाठक शायद टिप्पणी देने से वंचित रह जाते हैं...

    मेरे विचार से चर्चा पोस्ट को एक वानगी से लिखते हुये बीच में सिर्फ़ चर्चित चिट्ठों के लिन्क दिये जायें... फ़ोटो और दू्सरे प्रकार के लिन्क से बचा जाये.... यह मेरा सुझाव मात्र है... इसे अन्यथा न लें.

    जवाब देंहटाएं
  17. वंदना जी, आपकी प्रेरणा और प्रोत्साहन के लिए बहुत आभार. चर्चा मंच से पहली बार रूबरू होकर खुशी हुई. इतने सारे ब्लॉग्स के बीच अपने ब्लॉग को देखकर यह खुशी और दुगुनी हो गयी. कहना चाहूँगा कि मंच पर ब्लॉग्स कुछ बिखरे-बिखरे से लगे. कलेवर अगर और सुगठित और सुव्यवस्थित हो जाए तो क्या बात हो.

    जवाब देंहटाएं
  18. बहुत सुन्दर चर्चा..इतने सुन्दर लिंक्स का संकलन आपका परिश्रम दर्शाता है. मेरी रचना को चर्चा मंच में शामिल करने के लिए धन्यवाद..नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं

    जवाब देंहटाएं
  19. बहुत सुन्दर चर्चा..इतने सुन्दर लिंक्स का संकलन आपका परिश्रम दर्शाता है. मेरी रचना को चर्चा मंच में शामिल करने के लिए धन्यवाद..नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं

    जवाब देंहटाएं
  20. बहुत बढ़िया चर्चा ..काफी लिंक्स पर जाने में मदद मिली ....नव वर्ष की सुखद आशा और शुभकामनायें ...

    जवाब देंहटाएं
  21. dhanyawaad vandana ji..meri rachna doosri baar aapke karan charchamanch par aai....aabhaar..

    mere blog par aap sab ka swaagat hai.. jeewaneksangharsh.blogspot.com

    जवाब देंहटाएं
  22. वंदना जी की चर्चा सदैव ही विविधता पूर्ण होती है .. आज भी है.. कविता, कहानी, व्यंग्य.. निबंध.. सब कुछ शामिल है.. और मैं भी.. बहुत बहुत आभार.. नव वर्ष की हार्दिक शुभकामना...

    जवाब देंहटाएं
  23. वाह पूरी छुट्टियों का जुगाड कर दिया आपने तो.
    बढ़िया सार्थक चर्चा.

    जवाब देंहटाएं
  24. .

    वंदना जी,

    बेहतरीन चर्चा एवं उम्दा लिनक्स के लिए आपका आभार।
    आपको एवं आपके परिवार को नए वर्ष की शुभकामनायें।

    दिव्या।

    .

    जवाब देंहटाएं
  25. बहुत सुन्दर लिंक सजाये हैं चर्चा में .... नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई ...

    जवाब देंहटाएं
  26. vandana ji , aapka bahut shukriya , meri kavita ke zikr ke liye

    dhanywad.

    जवाब देंहटाएं
  27. बहुत से लिंक समेटती चर्चा .. सुन्दर लिंक .
    नए वर्ष की अपार शुभकामनाओं के साथ ...

    जवाब देंहटाएं
  28. सुन्दर प्रस्तुतीकरण...
    सुन्दर चर्चा!
    नववर्ष की शुभकामनाएं!

    जवाब देंहटाएं
  29. अच्छी चर्चा -अच्छे लिंक्स । धन्यवाद , शुभकामनाएं । पढ़िए "खबरों की दुनियाँ"

    जवाब देंहटाएं
  30. वंदना जी
    बहुत सुन्दर चर्चा मंच सजाया और बहुत रोचक तरीके से....बहुत बहुत धन्यवाद मेरे गुलमोहर को यहाँ स्थान देने के लिए ...आभारी हूँ

    जवाब देंहटाएं
  31. वन्दना जी,

    ब्लॉगजगत की इतनी हलचल में से लिंक्स छाँटना और उन्हें किसी गुलदस्ते की तरह सजाना कितना दुरूह हो सकता है यह तो चर्चाकार ही बता सकता है। हम तो यह मान लेते है कि बहुत ही कठिन काम है और उसे आप लोग बड़ी ही खूबसुरती से अंजाम दे रहे हैं जिससे हिन्दी सेवा को प्रोत्साहन मिलता है।

    आपकी टिप्पणियाँ ने तो हौंसला बढाया ही है आज आपने चर्चामंच की चर्चा में शामिल कर जो मान दिया है उसने सचमुच में ही नववर्ष का शानदार तोहफा दिया है।

    मेरी ओर से सम्पूर्ण ब्लॉग जगत के रसिकों को और मेरे ब्लॉगर्स सहभागियों को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनायें.....

    सादर,

    मुकेश कुमार तिवारी

    जवाब देंहटाएं
  32. नव वर्ष की हार्दिक बधाई ।

    ((1947 से अब तक)) हाँ अगर आप हैं नाखूश, आप हैं हताश राजनीतिज्ञों के रवैये से तो मन में मत रखिए अपनी बात, करिए उसे खूलेआम ताकि सच्चाई से रुबरु हो हम । गाँव हो या कस्बा या शहर लिख भेजिए सच्चाई हमें और निकलाइए राजनीतिक भड़ास अपने इस मंच पर । लिख भेजिए कोई भी सच्चाई जो करे बेपर्दा राजनीति को । हमारा पता है mithilesh.dubey2@gmail.com तो आईये हमारे साथ http://rajnitikbhadas.blogspot.com पर

    जवाब देंहटाएं
  33. ढेर सारे उपयोगी लिंक जब यहीं मिल जाते हैं तो एग्रीगेटर की कमी नहीं खलती।
    आपको नव वर्ष की मंगल कामना।
    हमारे ब्लोग को सम्मान देने के लिए आभार।

    जवाब देंहटाएं
  34. चर्चा के लिए आभार ........नये साल की हार्दिक शुभकामनाएँ !!

    जवाब देंहटाएं

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