आज की कविता का अभिव्यंजना कौशल
आज की कविताओं में भाषिक खिलंदड़ापन और ऐसे ऐसे शब्दों का इस्तेमाल होता है जो कविता में शायद ही कभी प्रयुक्त हुए हों। एक उदाहरण लेते हैं, रघुवीर सहाय की कविता‘सभी लुजलुजे हैं’ -
खोंखियाते हैं, किंकियाते हैं, घुन्नाते हैं
चुल्लु में उल्लू हो जाते हैं
मिनमिनाते हैं, कुड़कुड़ाते हैं
सो जाते हैं, बैठ जाते हैं, बुत्ता दे जाते हैं.....
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विश्व दीपक | Source: आवाज़
हम हरबार किसी एक या किन्ही दो फिल्मों के गानों की समीक्षा करते थे और इस कारण से कई सारी फिल्में हमसे छूटती चली गईं। अब चूँकि अगले मंगलवार से हम दो हफ़्तों के लिए अपने "ताजा सुर ताल" का रंग कुछ अलग-सा रखने वाले हैं, इसलिए आज हीं हमें बची हुई फिल्मों को निपटाना होगा। हमने निर्णय लिया है कि हम चार-फिल्मों के चुनिंदा एक या दो गाने आपको सुनवाएँगे और ...
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shikha kaushik | Source: nanhe farishton ke liye;hum to har pal jiye.
मेरी दादी बड़ी निराली ; रखती हर ताले की ताली , उनके आगे पूंछ हिलाते ; बन्दर ,कुत्ता ,बिल्ली काली , मेरी दादी बड़ी निराली ! ********************************* एक रोज एक बन्दर आया ; दादी को उसने धमकाया , दादी ने भी दम दिखलाया ; उठा के लाठी उसे भगाया , मैं बोला फिर बजा के ताली ; मेरी दादी करती रखवाली , मेरी दादी बड़ी निराली ! ********* ...
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अरविन्द जांगिड | Source: Arvind Jangid
अच्छा हो या बुरा, रख भरोसा,एक दिन वक्त सबका, बदल जाया करता है। बे कदर जब जमाने वाले बने,रोज रोज तू क्यूँ अश्क, जाया करता है। कभी इससे या कभी कभी उससे भी,दिल नाजुक है सो अक्सर, टूट जाया करता है। जिंदगी जिंदादिली का नाम,जिंदा वही, अश्क पीकर भी जो, हँसा करता है। सुख दुख तो धूप छाँव का खेल,एक दिन तो चाँद को भी ग्रहण, लगा करता है। पुरानी फि ..
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कार्टून : जरूरत तो लोकसभा की भी नहीं है. |
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: रंजना | Source: संवेदना संसार
बच्चे से कुल औ गाँव के आँख के तारे रहे हैं हमरे पवन भैया.बड़े परतिभा शाली.दसवीं में बिहार बोर्ड में टॉप किये रहे और उनका बम्पर नंबर उनको सीधे सीधे इंजीनियरिंग कालेज के गेट्वा के अन्दर ले गया..गणित विज्ञान इतना तगड़ा रहा उनका कि उहाँ भी टॉप किये और उनका रिजल्ट पर न जाने कितने कम्पनी वाले लहालोट हुए. अंततः एक बड़का नामी कम्पनी उनको लूट अपने इहाँ ल ...
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ज़ाकिर अली ‘रजनीश’ | Source: मेरी दुनिया मेरे सपने
कहते हैं कि दिल्ली दिलवालों का शहर है। इसीलिए जब ग्यारहवें अन्तर्राष्ट्रीय विज्ञान एवं तकनीक के जन संचार सम्मेलन में भाग लेने के बहाने दिल्ली में तीन दिन रहने का अवसर मिला, तो मन में चाह उठी कि चलो इसी बहाने एक दिन दिल्ली के दिलवालों के नाम कर दिया जाए। चूँकि मेरी पहले से ही शैलेश भारतवासी और अंतर साहिल जी से बात हो गयी थी, और बकौल अरविंद मिश् ...
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: babanpandey | Source: " 21वीं सदी का इंद्रधनुष "
२१ वी सदी का भारत घोटालों का एक वटवृक्ष है दुनियाँ वालों .... हमने ही सिखाया था आपको राम राज अब सिखाते है आपको घोटाला राज क्योकि मैं विश्व -गुरु हूँ
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राजीव शर्मा | Source: कलम कवि की
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Ratan Singh Shekhawat | Source: नुक्कड़
११वीं-१२वीं शताब्दी की उजळी व जेठवा की अमर प्रेम कहानी और अपने प्रेमी जेठवा की मृत्यु के बाद उजळी द्वारा विरह में लिखे मर्मस्पर्शी दोहे पढने के लिए ज्ञान दर्पण पर निम्न पते पर जाएँ - उजळी और जेठवै की प्रेम कहानी और उजळी द्वारा बनाये विरह के दोहे | ज्ञान दर्पण
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अविनाश वाचस्पति | Source: नुक्कड़
हंसी दिवस हो सबका जन्मदिवसअब तक जिन्होंने दी है जन्मदिन पर मेरे शुभकामना, नहीं भी दी है पर लाईन में लगे हैं, बहुत सारे तो अपनी नींद में बेसुध सोये हैं, जागकर देंगे, यह निश्चय कर के सोये हैं, सबका नंबर आयेगा, पर मैं तो कुछ काम कर लूं, धन्यवाद, शुक्रिया, खुशामदीद अपना सबको अर्पण कर दूं। कुछ कहना चाहें तो माउस से यहां पर क्लिकिलायें
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Dec 14, 2010 | Author: वन्दना | Source: ज़िन्दगी…एक खामोश सफ़र
दिल की मुश्किलें बढ़ जाती हैं जब तुम सामने होती हो ना तुम्हें छू सकता हूँ ना पा सकता हूँ तुम्हारे वजूद को आकार देना चाहता हूँ जिसे मैंने कभी देखा भी नहीं मगर फिर भी हर पल नज़रों में समायी रहती हो तुम्हारे अनन्त विस्तृत आकाश को मैं अपने ह्रदयाकाश में समेटना चाहता हूँ हर सम्भावना को स्वयं में समाहित करना चाहता हूँ ताकि तुम ...
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संजय
मो सम कौन ? | Source: मो सम कौन कुटिल खल कामी ?
नाम में क्या रखा है, इस बारे में अलग अलग पोस्ट आ चुके हैं। इस विषय पर हमने यह अनुभव किया है कि नाम में कुछ रखा है या नहीं, ये सब निर्भर करता है उस समय के हमारे ऑन-मोड पर। विद्युत सप्लाई के जैसे ए.सी\डी.सी. दो मोड होते हैं, हमारे इसी तरह के दस बीस पचास मोड हैं। जो स्विच चालू है, हमारे फ़ैसले उसी आधार पर होते हैं। जब अपना देशी मोड चालू होता ...
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कुमार राधारमण
- भारतीय भोजन में स्वाद व सुगंध देने वाले पौधों में पुदीना व तुलसी संभवत: सबसे पुराने व पूरे भारतवर्ष में सबसे प्रचलित पौधे हैं। अब हम उसमें हरा धनिया, मीठा ...
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आत्मा को शस्त्र नहीं काट सकता अग्नि नहीं जला सकती पानी नहीं गला सकता हवा नहीं सुखा सकती आत्मा अमर है ... आत्मा एक कलम है , जिसकी नोक भावनाओं की धार पर ...
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बुनते-बुनते ताना-बाना, कोई जीवनभर रहा पस्त।। परिणय बन्धन जब से बाँधा, हो गया प्रणय का पथ प्रशस्त।। कुछ ऐसे भी हैं भाग्यवान, जिनके साथी करुणानिधान, गाते दिन...
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घर की ओर वापिस.. एक बिटिया के संग.. Delhi to San Francisco California - मै २२/११ को दिल्ली आ गया, शाम हो गई थी, दो दिन युही दिल्ली मे रहा, मन तो कब का बच्चो की ओर था,फ़िर आई २५ तारीख, ओर मैने शुक्र किया,पेकिंग तो पहले ही हो गई थ... |
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- अनवरत चलता है भावों का बहना जी लिए जाते हैं अनेकानेक शब्द अक्षरों के मेल में इसलिए शायद कविता कभी ख़त्म नहीं होती! आते जाते रहते हैं कई विम्ब कुछ ...
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हर दिवस के अंत पर
सज संवरकर आ खड़ी होती है सम्मुख शाम पूछने को प्रशन क्या किया दिनभर क्या हुए पूरे अधूरे काम ? |
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- इस बार पटना गए तो देखे छोटा भाई एगो इस्टील का कैबिनेट खरीदा है, किताब रखने के लिए. घर के देवाल में पहिलहीं से आलमारी बना हुआ है अऊर लकड़ी का अलगे से एगो क...
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- दिखाई देता है जैसा , वह उन सब सा नहीं है , बना सवरा रहता है , पर धनवान नहीं है , दावा करता विद्वत्ता का , चतुर सुजान होने का , कुछ भी तो नहीं है , संतृप्त दि...
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सिहरन .....
रूखसार पर ढुलका
पलक का इक बाल
चुटकी से पकड़
रख दिया था
तुमने मेरी
उल्टी बंद
मुट्ठी पर...
शाश्वत सत्य
मौत,
जो निश्चित है,
सत्य है/
आज नही तो कल
तुमको मिलनी है. ...
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गो गोवा - पर्यटन एक विशुद्ध मानसिक अनुभव है। मन में धारणा बन जाती है कि हमारे सुख की कोई न कोई कुंजी उस स्थान पर छिपी होगी जो वहाँ जाने से मिल जायेगी। अब तो घूमने जा...
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विस्तृत चर्चा के आभार
जवाब देंहटाएंशास्त्री जी,
जवाब देंहटाएंआपका आभार व्यक्त करता हूँ।
बधाई एवं धन्यवाद शास्त्री जी आपने बहुत परिश्रम के साथ इतना सुन्दर चर्चा मंच सजाया है ! मेरा आपसे अत्यन्त विनम्र अनुरोध है यदि आप 'उन्मना' से किसी रचना का चयन करते हैं और रचना के साथ रचनाकार का चित्र भी लगाते हैं तो कृपया मेरे चित्र के स्थान पर मेरी माँ के चित्र को रचना के साथ दिया करें क्योंकि इस ब्लॉग की सारी रचनाएं मेरी माँ ज्ञानवती जी के द्वारा रचित हैं ! बहुत आभारी रहूंगी !
जवाब देंहटाएंबड़ी विस्तृत व स्तरीय चर्चा। मेरी गूगल फीड के परे बहुत अच्छे लिंक्स मिल गये हैं जिन्हे आज मैं जोड़ रहा हूँ। अतिशय आभार।
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉगों का पता बदल जाने से बहुत से नये-पुराने मित्रों की फीड नहीं मिल पा रही है!
जवाब देंहटाएंइसलिए धीरे-धीरे दोबारा अनुसरण कर रहा हूँ!
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आप यदि उचित समझें तो "पल पल हर पल" में अपना ब्लॉग शामिल कर दें!
इससे मुझे सरलता हो जाएगी!
विस्तृत समीक्षा शास्त्री जी।
जवाब देंहटाएंआभार आपका जो आपने राजभाषा को मंच पर स्थान दिया।
उत्तम चर्चा। बहुविध,बहुरंगी। सबकी रूचि के अनुरूप। स्वास्थ्य-सबके लिए ब्लॉग की पोस्ट लेने के लिए आभार।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर और सार्थक चर्चा ....नए लिंक्स का पता चला ...मेरी रचना को चर्चा में शामिल करने के लिए आभार ..
जवाब देंहटाएंश्री रूपचंद्र जी शास्त्री का में हृदय से साधुवाद करता हूँ... जिन्होंने सभी प्रभु प्रेमियों को श्री श्यामधणी खाटूवाले के दरबार के दर्शन इस चर्चामंच के माध्यम से कराया... श्री श्यामधणी आप सभी प्रभु प्रेमियो पर अपनी अनुकम्पा बनाये रखे, ऐसी मेरी कामना है...
जवाब देंहटाएं!! जय श्री श्याम !!
चर्चामंच के पुरे सम्पादक मंडल को आभार समर्पित करता हूँ /
जवाब देंहटाएंआदरणीय मयंक जी और वंदना गुप्ता जी ने मेरी रचनाओ को शामिल करके
मेरी लेखनी में और स्याही भर दी है /
मुझे अब अपने पर स्वाभिमान होने लगा है /
बहुत ही सुन्दर चर्चा का संसार सजाया है……………काफ़ी अच्छे लिंक्स लगाये हैं……………आभार्।
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया चर्चा .... बढ़िया लिंक मिले ....आभार
जवाब देंहटाएंपांच लाख से भी जियादा लोग फायदा उठा चुके हैं
जवाब देंहटाएंप्यारे मालिक के ये दो नाम हैं जो कोई भी इनको सच्चे दिल से 100 बार पढेगा।
मालिक उसको हर परेशानी से छुटकारा देगा और अपना सच्चा रास्ता
दिखा कर रहेगा। वो दो नाम यह हैं।
या हादी
(ऐ सच्चा रास्ता दिखाने वाले)
या रहीम
(ऐ हर परेशानी में दया करने वाले)
आइये हमारे ब्लॉग पर और पढ़िए एक छोटी सी पुस्तक
{आप की अमानत आपकी सेवा में}
इस पुस्तक को पढ़ कर
पांच लाख से भी जियादा लोग
फायदा उठा चुके हैं ब्लॉग का पता है aapkiamanat.blogspotcom
बेहतरीन लिंक्स.पढ़कर मज़ा आ गया.
जवाब देंहटाएंचिट्ठाजगत की भी खूब कही आपने. सही में लगता है कि हिन्दी ब्लागिंग भी अब अंग्रेज़ी से मुक़ाबले में है क्योंकि वहां भी कोई एक भरोसे का एग्रीगेटर नहीं है :)
जवाब देंहटाएंमेरे कार्टून को भी चर्चा में पिरोने के लिए आपका सादर आभार.
मेरी पोस्ट को चर्चा में सम्मिलित करने,इतने सारे उपयोगी लिंक देने और इतने आकर्षक ढंग से चर्चा करने के लिए आपका बहुत बहुत आभार !!!!
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया चर्चा ....
जवाब देंहटाएंबढ़िया लिंक मिले ....
आभार
sarthak charcha-bahut sare achchhe links .meri rachna ''meri dadi' ko charcha me sthan dene ke liye hardik dhanywad !
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा!!!
जवाब देंहटाएंआभार!
पंडित जी!!आज तो पूरी ब्लॉग दुनिया ही घुमा दी आपने!! ज़बरदस्त संकलन... धन्यवाद!!
जवाब देंहटाएंबहुत सार्थक चर्चा ...मेरी रचना को चर्चा में शामिल करने के लिए आभार ..
जवाब देंहटाएंलिंक्स बहुत अच्छे लिंक्स हैं.आपको बहुत धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंआभार.
चर्चा मंच में पुन: मेरी कविता स्त्री, स्त्री होना चाहती है www.poetofindia.blogspot.com को स्थान देने के लिए आपका और आपके माध्यम से जुडे हर पाठक का भी हृदय से आभार!
जवाब देंहटाएंशास्त्री जी बेहद सुन्दर लिंक..और सभी लिंक की मय चित्र् के जानकारी .. अलग अलग रंग और खास टुकडो में.. शानदार चर्चा ..
जवाब देंहटाएं