नमस्कार !
शनिवार की चर्चा लेकर आपकी सेवा में उपस्थित हूँ…
आज केवल लिंक ही लिंक देखिए!
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क्रिसमस पर मुबारकबाद
दोस्तों आज
क्रिसमस हे
इस दिन
बच्चों का दिन
माना जाता हे
बच्चे मोज़े में
अपनी ख्वाहिशों को रख कर
सरहाने रख लेते हें
सुकून की नींद सोते हें..
नमस्कार !
शनिवार की चर्चा लेकर आपकी सेवा में उपस्थित हूँ…
आज केवल लिंक ही लिंक देखिए!
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क्रिसमस पर मुबारकबाद
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क्रिसमस पर मुबारकबाद
दोस्तों आज
क्रिसमस हे
इस दिन
बच्चों का दिन
माना जाता हे
बच्चे मोज़े में
अपनी ख्वाहिशों को रख कर
सरहाने रख लेते हें
सुकून की नींद सोते हें..
क्रिसमस हे
इस दिन
बच्चों का दिन
माना जाता हे
बच्चे मोज़े में
अपनी ख्वाहिशों को रख कर
सरहाने रख लेते हें
सुकून की नींद सोते हें..
सजा मिले तब ना!
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शरीर से मिलेगा, मन से नहीं
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लेकिन है तो कर्म ही प्रधान!
| महाकवि नाजिम हिकमत की कवितायें बहुत ही नायाब हैं यह तो! |
लेखा-जोखा,इक्कीसवीं सदी के प्रथम दशक का ! भ्रष्टाचार घटा है क्या? |
आपकी रचना में पढ़ लिया है!
| चश्मे से छुटकारे के लिए..... उपाय खुद ही पोस्ट पढ़कर जानिए! |
अब तो वो भी जाता रहा!
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दाँव पर मत लगाइए।
| लिमटी खरे यानि उपलब्धियों का पिटारा - |
एथेंस का सत्यार्थी! जन्म दिन है आज उसका!
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वो सब को ही लुभाना जानता है सभी के दुख मिटाना जानता है |
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खुशी के मारे…! हास्यफुहार |
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एक कोशिश |
क्या है सबसे सुन्दर जग में ?
क्या है सबसे कुरूप ?
मन है सबसे सुन्दर जग में |
मन है सबसे कुरूप |
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कम तो नहीं हुआ ना!
| तेरी नजर से - दिल मेरा घायल है, मुझे मरहम लगाता क्यूँ नहीं..? |
रोहतक से विदाई और राम त्यागी का स्वागत यह काम बहुत बढ़िया रहा और यादगार भी! |
पुस्तक को असमय श्रद्धांजलि हिमांशु । Himanshu | Source: सच्चा शरणम्
साहित्य क्यों ?
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Author:
Swarajya karun
Source:
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कार्टून:-न पूछो आंसू से नम थी आंखें वो वक्त बेवफा था … |
: उन्मुक्त | Source: उन्मुक्त
द मदर, आत्मचित्र - विकिपीडिया सेचलिये, मां की नगरी - यह चिट्ठी हमारी पॉन्डिचेरी यात्रा की शुरुवात है।
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Author: anurag vats
Source: सबद...
साहित्य एक समानांतर
इच्छालोक रचता है
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Author: amit-nivedita | Source: बस यूं ही
कुल गुब्बारे होंगे, सौ, दो सौ, चार सौ। वज़न सारी रेवड़ी का, आठ दस किलो। छोटी सी दुकान, कुल पतंगे तीस चालीस। सिर्फ़ रूई की बत्तियां, सारी बमुश्किल आधा किलो। बांसुरी सभी बजती हुई, मगर कुल सौ डेढ़ सौ। मिट्टी के खिलौने, रंग-बिरंगे सजे ज़मीन पर, कुल कीमत चार साढे चार सौ। चूरन का ठेला, बच्चों को ललचाता हुआ, लागत जोड़ें तो, रुपए डेढ़ पौने दो ...
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मेरी क्रिसमस आज आपके ब्लॉगों पर टिप्पणी में सूचना देने का समय नहीं है मेरे पास! नमस्कार ! |
हमेशा की तरह अच्छे लिंक्स ...
जवाब देंहटाएंबस पूरा पढने का समय मिल जाए ..
आभार !
पढ़ने को बहुत कुछ मिला।
जवाब देंहटाएंचर्चामंच से जुड़े सभी महानुभावों को क्रिसमस की बधाई के साथ आज के अच्छे लिंक्स के लिये मयंक जी का आभार।
जवाब देंहटाएंbhayai kbhi hmen bhi yad kr liya kron is choti moti bsti men hm bhi kis kone men pdhe hen apake likhen ke andaz ke qaayl bne he . akhtar khan akela kota rajsthan
जवाब देंहटाएंपाइए ताऊ पहेली १०६ का सही जवाब
जवाब देंहटाएंhttp://chorikablog.blogspot.com/
पठनीय चुनिन्दा लिंक
जवाब देंहटाएंदिलचस्प लिंक्स . आभार .
जवाब देंहटाएंbhut hi achhe links mile....marry christmas
जवाब देंहटाएंएग्रीगेटरों की अनुपस्थिति में चर्चा मंच जैसी जिम्मेदार चर्चाएं नि:संदेह बहुत महत्व रखती हैं. आभार. व 9 जनवरी के कार्यक्रम की सफलता हेतु ढेरों शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंveer bahuti tak pahuchaaney kaa bahut shukriyaa.
जवाब देंहटाएं"मेर्री क्रिसमस" की बहुत बहुत शुभकामनाये !
जवाब देंहटाएंमेरी नई पोस्ट "जानिए पासपोर्ट बनवाने के लिए हर जरूरी बात" पर आपका स्वागत है
काफ़ी अच्छे लिंक्स लगाये हैं………………सुन्दर और सटीक चर्चा की है………………आभार्।
जवाब देंहटाएंक्रिसमस की बधाई ।
आज के अंक के माध्यम से पढने के लिए ढेर सारे लिंक मिले .. आपका आभार !!
जवाब देंहटाएंअच्छी और विस्तृत चर्चा ....आभार ..क्रिसमस की शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंBahut kuch mila padhne ko. mere blog ka link dene k liye aabhar
जवाब देंहटाएंअच्छी और विस्तृत चर्चा ....आभार ..क्रिसमस की शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंबहुत बेह्तरीन चर्चा मंच सजाया शास्त्री जी !
जवाब देंहटाएंभाषा,शिक्षा और रोज़गार ब्लॉग का आभार स्वीकार किया जाए।
जवाब देंहटाएंस्वास्थ्य-सबके लिए ब्लॉग इस चर्चा के लिए ऋणी है। क्रिसमस की बधाई भी स्वीकार करें।
जवाब देंहटाएंअच्छे पठनयोग्य लिंक आपने यहाँ दिये हैं । इनके माध्यम से जो पढने से छूट गये थे उन तक पहुँच पाना आसान हो गया ।
जवाब देंहटाएंचिट्ठाजगत की गतिविधियां अनियमित हो जाने के कारण यहाँ प्रस्तुत लिंक का महत्व और भी बढ जाता है । धन्यवाद मेरे भी ब्लाग जिन्दगी के रंग के लेख जिन्दगी क्या है ? को चर्चा में स्थान देने के लिये ।
आदरणीय शास्त्री जी,
जवाब देंहटाएंसबसे पहले आपको पुस्तकों के लोकार्पण के लिए advance में बधाई !
फिर क्रिसमस की बधाई के साथ साथ आपको एक और बधाई वह आज के चर्चा मंच को इतने लिंकों के साथ सजाने के लिए!
आज के चर्च मंच में आपका श्रम साफ़ साफ़ झलक रहा है !
-ज्ञानचंद मर्मज्ञ
acchhe links se bharpoor sunder charcha. meri post ko yahan sthaan dene ke liye shukriya.
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा!
जवाब देंहटाएंआभार!
बहुत ही अच्छे लिँक सँजोय है आपन आज की चर्चा मेँ।
जवाब देंहटाएंक्रिसमस डे की सभी को शुभकामनायेँ । आभार जी !
बहुत अच्छी चर्चा । धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएं