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गुरुवार, मार्च 17, 2011

जब तौलिये से कसमसाकर ज़ुल्फ उसकी खुल गयी... ..चर्चा मंच्…………457

होली रे होली
रंगों की टोली
सबके मन में फूटते
गुब्बारों की बोली
गोरी में मन में
उमड़ती प्रीत के 
रंगों की रोली 
आओ खेलें हम
हिल मिल कर होली 
ये तो है प्रेम की बोली 
हाँ.... होली रे होली 
प्रेम के रंगों की टोली 


स्वागत है दोस्तों ..........होलीमय चर्चा में






खेलें हिल मिल होली
उड़े अबीर गुलाल
गोरी के मुख पर 
छाये रंग हज़ार  
 
आओ रंग गुलाल लगा लें
कुछ तुमको रंग दें
कुछ खुद को रंगवा लें   


 मुख पर मलकर लाल गुलाल
हो गयी मैं भी लाल


 आओ न खेलें 
जोगी रा सा रा रा रा  

 ये तो देखने का नजरिया है
 सत्य वचन 
जब भी तुम्हें देखूं
खुद को भूल जाता हूँ  
 और एक दिल में उठ रही है 
कैसे कैसे कहर बरपा रही है
 जो निशान भी नहीं छोडती
 कैसे कह दूं तेरी याद आती नहीं
हर जगह तेरी ही कहानी 
ये भी एक कार्य है 

 कौन से देखूं
कौन से बुनूं 


 
आ जाओ मैदान में
देखें किसमे कितना है दम  
 हर वक्त साथ साथ चलता है 
कुछ यूँ तू मुझमे पिघलता है 


दिल को भायी है होली  
रंगों की आशनाई है होली 



दो कविताएं

आईना  दिखाती हैं 
एक नज़र डालो
तुम्हारा ही प्रतिबिम्ब होगा 


जानिए इनको 
मदमायी होली 
मेरे मन भायी होली 
हाय ये होली
कैसी ये होली 
रंगों की है 
आँख मिचौली 



हर सफा ज़िन्दगी का पलट गया

 इक ख्वाब आँख में छोड़ गयी
इक नज़र घायल कर गयी   



जिन्‍दगी का यह कौन सा पाठ है? - अजित गुप्‍ता
जो सिखा दे ज़िन्दगी सीख लेते हैं
कुछ ऐसे ज़िन्दगी से गुफ्तगू कर लेते हैं 

 कुछ सिरे वक्त चुरा ले जाता है







दोस्तों अब चलती हूँ...........उम्मीद है आज की चर्चा पसंद आई होगी............सभी पाठकों और चर्चामंच के चर्चाकारों को होली की हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाएं 
आपके विचारों की प्रतीक्षारत

38 टिप्‍पणियां:

  1. होली पर अग्रिम शुभकामनाएं |आपकी चर्चा भी होली मैं रंग गयी है ऐसा प्रतीत हो रहा है |अच्छी और सटीक चर्चा के लिए बधाई | आभार मेरी कविता शामिल करने के लिए |
    आशा

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत उम्दा चर्चा....बेहतरीन लिंक मिले.

    जवाब देंहटाएं
  3. वंदना जी,
    मेरी रचना को यहाँ सम्मिलित कर सम्मान देने केलिए तहेदिल से आपका आभार. रंगमय चर्चा प्रस्तुत करने केलिए धन्यवाद. होली की शुभकामनाएं.

    जवाब देंहटाएं
  4. अच्छे लिंक्स दिए आपका आभार !

    जवाब देंहटाएं
  5. बेहतरीन लिंक की उम्दा चर्चा वंदना जी.....धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत अच्छी चर्चा ..बेहतर लिनक्स पढने को मिले ..आपका आभार

    जवाब देंहटाएं
  7. बेहतरीन लिंक्स से सुसज्जित अच्छी प्रस्तुति के लिये आभार ।
    होली की अग्रिम शुभकामनाओं सहित...

    ब्लागराग : क्या मैं खुश हो सकता हूँ ?

    जवाब देंहटाएं
  8. होली पर बहुत सुन्दर चर्चा मंच सजाया है आपने!
    बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!

    जवाब देंहटाएं
  9. बहुत सुन्दर रंगीली चर्चा ...धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  10. वंदना जी बहुत रंग बिरंगी चर्चा प्रस्तुत की है आपने .आपको भी होली की हार्दिक शुभकामनायें .

    जवाब देंहटाएं
  11. वंदना जी,
    बहुत-बहुत धन्यवाद चर्चा मंच में मेरे गीत को शामिल करने के लिए |

    बेहतरीन लिंक मिले...आपकी इस प्यार भरी मेहनत की जितनी भी प्रशंसा की जाय कम है |

    होली की हार्दिक शुभकामनाएं !

    जवाब देंहटाएं
  12. bahut sundar rang birangi charcha.swabhavik hi hai kyonki holi ab pas hai hame ye vishwas hai ki aap ke dil me rango se rangne ka ullas hai.होली पर्व की हार्दिक शुभकामनायें

    जवाब देंहटाएं
  13. आज तो आपने मंच को रंगीन कर दिया, होली के गुलाल से!!
    हमारे राजभाषा को मंच पर स्थान मिला, गर्वान्वित हूं।

    जवाब देंहटाएं
  14. वंदना जी...होली की हार्दिक शुभकामनाएँ...साथ में सभी अन्य चर्चाकारों और ब्लागरों को...बहुत ही सुंदर रंगमयी चर्चा है आज की।

    जवाब देंहटाएं
  15. दम तो बड़ा है, लेकिन आजकल तबीयत ज़रा नासाज है...

    इसलिए बोलो सारा...रा...

    जय हिंद...

    जवाब देंहटाएं
  16. बहुत बढ़िया और अच्छे और नए लिंक्स से सजी चर्चा ...

    होली की शुभकामनायें

    जवाब देंहटाएं
  17. वंदना जी,
    आज की रंगमय चर्चा के लिए हार्दिक बधाई...

    रंगपर्व होली पर असीम शुभकामनायें !

    जवाब देंहटाएं
  18. होली के पर्व को आत्मसात करती सुंदर रचना| बधाई वंदना जी|

    जवाब देंहटाएं
  19. वन्दना जी ,
    संकलन को चर्चा-मंच में स्थान देने के लिये धन्यवाद ....बहुत चुन-चुन के रचनायें ली हैं ....धन्यवाद ..

    जवाब देंहटाएं
  20. बहुत सुन्दर रंग बिरंगी चर्चा...सुन्दर लिंक्स..आभार

    जवाब देंहटाएं
  21. होली मुबारक.सुन्दर चर्चाएँ..

    जवाब देंहटाएं
  22. वंदना दी,

    आप के इस अनुपम संकलन के लिए बहुत- बहुत बधाई |

    आप का ये संकलन आप ही की छवि की तरह बिलकुल अलग हैं |

    इस संकलन में मेरी रचना को शामिल करने के लिए आप का बहुत - बहुत धन्यवाद !

    जवाब देंहटाएं
  23. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

    जवाब देंहटाएं
  24. bahut badhia charcha ke liye badhaii -shukriya meri kavita shamil karane ke liye -

    जवाब देंहटाएं
  25. bahut badhia charcha ke liye badhaii -shukriya meri kavita shamil karane ke liye -

    जवाब देंहटाएं
  26. bahut badhia charcha ke liye badhaii -shukriya meri kavita shamil karane ke liye -

    जवाब देंहटाएं
  27. bahut badhia charcha ke liye badhaii -shukriya meri kavita shamil karane ke liye -

    जवाब देंहटाएं
  28. चर्चामंच पे देसिल बयना को स्थान देने के लिये बहुत-बहुत धन्यवाद। होली की सरस शुभ-कमनाएं !

    जवाब देंहटाएं
  29. वन्दना जी, देरी से आने के लिये क्षमा, आपको होली की शुभकामनायें, चर्चा आज देख पायी मन रंग-रंग हो गया, मुझे शामिल करने के लिये शुक्रिया, आभार !

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  30. मेरी कविता की पहली दो पंक्तियाँ बदल दी गईं हैं (मुख पर मलकर लाल गुलाल
    in corroect मैं भी हो गयी लाल).
    मुख पर मलकर लाल गुलाल,

    Correct :प्रेमरस में भीग बेहाल,

    माथे पर टेसू की रोली

    लिए संग फूलों की टोली

    बसंत चला खेलने होली,

    जवाब देंहटाएं

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