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सोमवार, मार्च 14, 2011

संकेत में छुपा सन्देश .............चर्चा मंच …………

दोस्तों 

आज कुछ कहने का मन नहीं है
जब से जापान की त्रासदी देखी है
तब से मन अशांत है 
बस यही दुआ है 
कुदरत से
अब तो रहम कर   
चलिए 
सीधे चर्चा की ओर




 संकेत में छुपा सन्देश 
पहचान सके तो पहचान

 आइये मिलिए 


और जहान रूठ गया 

डालिए एक नज़र इधर भी 

 क्यों ?

जानिए एक शख्सियत को 

बहुत फर्क होता है 

वासंतिक बहार के रंग
होली के संग  



जरूर होना जी 
इस अंदाज़ में तो जरूर

किसे कहेंगे ?


जानिए यहाँ 


 ज़ख्म पर ज़ख्म खाने के लिए 


दिल की किताब पर 

सब बहा ले गयी 

और आसमां रोयेगा 



जानिए इनके बारे में 

जब मन हुलसेगा 

अन्दर भी बहता है 

मगर तुम्हारी तलबगार हूँ मैं
 



ये कैसा लोकतंत्र है मेरा ?

किससे करूँ ?

अब कहाँ वो बात 


मगर ले कौन ?



अपना असर दिखाती है 

जिसमे समाया सारा जहान 
 

 क्या करोगे जानकर 


यही तो देखने वाले की नजर है 
नज़रिया अपना अपना 

अब तो ले लो  

प्रेम भी वित्तीय हो गया

इससे सुन्दर और क्या होगा



आज की चर्चा को यहीं विराम देती हूँ 
आपके विचारों की प्रतीक्षारत  



32 टिप्‍पणियां:

  1. आज की चर्चा भी काफी नए ब्लॉग की जानकारी दे गयी ..आपका आभार वंदना जी

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत बढ़िया लिंक/ उत्तम चर्चा.

    जवाब देंहटाएं
  3. priya vandana ji
    namskar !
    aapke vidwat hanthon saji charcha , ati
    sundar ,samyik & vicharniya hai .bahut
    hi prasnashniya rachnayen padhane ko
    mili .hridaya se aabhar .

    जवाब देंहटाएं
  4. चुनिन्दा पोस्ट्स से रूबरू कराती बेहतरीन चर्चा. बढ़िया लिंक्स. धन्यबाद और आभार.

    जवाब देंहटाएं
  5. वंदना जी और शास्त्री जी को बधाई कि आपने इस तरह से अच्छे लेखन को बढ़ावा दिया है.वरना चयन करना बहुत मुश्किल हो रहा है कि क्या पढ़े और क्या न पढ़े?

    जवाब देंहटाएं
  6. charcha manch se jude karmath sahityakar mehnat karte hain aur lutf ham uthate hain
    dhanyavaad
    meri post shamil karne ke liye bhi bahut bahut shukriya

    जवाब देंहटाएं
  7. वंदना जी आपका आभार चर्चा मंच पर मेरी रचना को स्थान देने के लिए और इतने लिंक्स उपलब्ध कराने के लिए

    जवाब देंहटाएं
  8. जापान से मन खिन्न है, सुन्दर चर्चा।

    जवाब देंहटाएं
  9. सारे जहाँ का दर्द हमारे जिगर में है!
    --
    आज की चर्चा में बहुत से अच्छे लिंक मिले पढ़ने के लिए!

    जवाब देंहटाएं
  10. अच्छी और सार्थक चर्चा ...हरप्रीत जी से मिलना अच्छा लगा ..आभार

    जवाब देंहटाएं
  11. बहुत बढ़िया लिंक/ उत्तम चर्चा.
    बेहतरीन चर्चा

    जवाब देंहटाएं
  12. उत्तम चर्चा के लिए आपका आभार वंदना जी !

    जवाब देंहटाएं
  13. वंदना जी,
    बहुत बढ़िया लिक्स,बहुत सुन्दर चर्चा !
    आभार !

    जवाब देंहटाएं
  14. वंदना जी आपका आभार चर्चा मंच पर मेरी रचना को स्थान देने के लिए और इतने लिंक्स उपलब्ध कराने के लिए....

    http://nimhem.blogspot.com/

    जवाब देंहटाएं
  15. वंदना जी,
    कई आयाम समेटे अच्छी चर्चा के लिए आभार...

    जवाब देंहटाएं
  16. बहुत सुन्दर चर्चा...बढ़िया लिंक्स .आभार

    जवाब देंहटाएं
  17. बहुत अच्छे लिंक्स . पढ़कर मज़ा आ गया.

    जवाब देंहटाएं
  18. जापान की त्रासदी से मन बहुत भारी सा है ।
    फिर भी आपने इस पर भी पूरे मन से यह चर्चा सजायी
    धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  19. बहुत ही सुव्यवस्थित चर्चा....अच्छे लिंक्स के लिए बहुत बहुत आभार वंदना जी।

    जवाब देंहटाएं
  20. वंदना जी,
    नमस्कार
    सार्थक चर्चा। अच्छे लिंक्स दिए हैं आपने।
    मेरी रचना सम्मिलित करने के लिए आभार।

    जवाब देंहटाएं
  21. achhe links ke saath bahut badiya charcha ke liye aabhar. pahlee baar charchamanch par aayee hun, bahut suna tha, aaj dekhkar bahut achha laga ki blog par ek samanatar lekhan ho raha hai...

    जवाब देंहटाएं
  22. hridy se aabhari hoon
    auro ko man dena aur aapanami rhna aaj ke smy me bhi aap jaise log hain sadhuvad ai pustk aap ko bhejna chahta honn kripya apna smprk dene ka ksht kren mera n0 0986884268
    pun:aabhar

    जवाब देंहटाएं
  23. Vandana ji, aapke protsahan se bahut bal milta hai. bahut bahut dhanyawaad! Achchi charcha hai, abhi thode hi link dekhe hain, sabhi achche lage.

    जवाब देंहटाएं
  24. बेहतरीन चर्चा.....
    इतने अच्छे संयोजन के लिए वाकई बधाई की पात्र हैं आप !

    जवाब देंहटाएं
  25. ज्ञानवर्धक सार-संकलन . आभार.

    जवाब देंहटाएं
  26. बहुत प्यारी और खूबसूरत चर्चा है । रंग बिरंगे लिँकोँ को सजाया है आपने वन्दना दी चर्चा मेँ । छोटी मगर प्रभावशाली चर्चा के लिए आभार दी ।

    जवाब देंहटाएं

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