फ़ॉलोअर



यह ब्लॉग खोजें

शुक्रवार, मई 27, 2011

खूबसूरत दोस्तों के लिए (चर्चा मंच - 526)

नमस्कार दोस्तों 
* मैं दर्शन कौर धनोए *
आपके समक्ष पिछली बार की तरह ही
इस शुक्रवार को भी चर्चा- मंच लेकर आई हूँ--- 
 आपका प्यार चाहती हूँ   ---
आज मैं कुछ जाने -माने दोस्तों को लेकर उपस्थित हुई हूँ 
दोस्ती फूलो की तरह न हो जो
 एक  बार खिले और मुरझा जाए !
दोस्ती तो काँटों की तरह हो जो
        बार-बार चुभे और बार-बार याद आए!!"      
सबसे पहले शास्त्री जी की रचना 
-उच्चारण के माध्यम से 
मेरा परिचय

"मेरे लिए उपहार है" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")

जड़जगत पर आपका माता बहुत उपकार है।
आपके आशीष हीमेरे लिए उपहार है।।
"पिकनिक में मामा-मामी उपहार में मिले" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")
मामा-मामी की यादों के सुंदर संस्मरण 
"यादे उस हिना की तरह होती है जो 
सुख जाने के बाद ही रंग लाती है"
*क्यों नैन हुए हैं मौन,* 
*आया इनमें ये कौन?*
 *कि आँसू रूठ गये हैं...!*
 *सितारे टूट गये हैं....!!*
 *थीं बहकी-बहकी गलियाँ,*
 *चहकी-चहकी थीं कलियाँ,...
"सितारे टूट गये हैं...." (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")  
डॉ. सा. लेकर आए है ..
"शराफत छोड़ दी मैने" 
शराफत का जमाना अब लद चूका है क्यों न गुंडा बनकर कुछ किया जाए पर जनाब डॉ सा.शराफत छोड़कर भी कुछ हासिल  नही हुआ न ? 
 'अंतर मंथन' से डॉ. दराल सा.
 ' मुसाफिर हँ यारों ' के नीरज जाट 
मेरा फोटो
नीरज बता रहे है अपनी यात्रा का कुल हिसाब 
अजी जनाब  हम  तो हजारो रूपए उड़ा देते है .. 
हेमकुंड साहेब में मेरे घोड़े का खर्चा ही 1400 रुपया था ...नीरज ???  
मेरा फोटो
राजीव कुल्श्रष्ठ जी लाए है  
परमात्मा पर   
H P SHARMA
हरी शर्मा साहब
 आज लेकर आए है अपनी ओल्ड इज गोल्ड रचना
कैसे लौटे मोहब्बत "
जिसके होने से घर रोशनी से नहा जाता
जिसके कहने से कोई बात घर मे होती है
वो मेरा प्यार चुपचाप है दम तोड़ रहा
कैसे लौटे मोहब्बत बस यही सोच रहा...   
* सबसे पहले मेरी एक कोशिश का लुत्फ़ उठाए *
[Picture1+084.jpg]
मेरी ही एक कविता  
कभी -कभी इंसान चाहता कुछ है और मिलता कुछ है?
 " मेरे अरमान मेरे सपने " 
मेरी भावनाए ..
मेरा फोटो
प्रेम मौन कभी
प्रेम मुखर कभी
परिचय सुनना चाहता है
शब्दों की लहरों में बहना चाहता है
आत्मा के समर्पण की भाषा में
खुद को पाना चाहता है ....
बिखरे मोती

दंश ..

My Photo
संगीता जी लाई है 
जब  भी मन के चूल्हे पर मैने ख्वाबो की रोटी सेकी 
तेरे दंश भरे अंगारों ने उसे जला डाला   
रफ्तार  का  जूनून  
मेरा फोटो
  सुशील  बाकलीवाल 
साहित्य प्रेमी संध 
संस्थापक
सत्यम शिवम् द्वारा 
नहीं नौकरी ,पढ़े लिखे हो ,है बेकारी
तो फिर तुमको ,सच्ची,अच्छी,राय हमारी
बहुत धर्मप्रिय है जनता ,तुम लाभ उठाओ
छोडो सारे चक्कर ,तुम बाबा बन जाओ
मदन मोहन बहेती 'घोटू' 
'सभी चोर' 
' रिमांड '
रूप शर्मा जी की दो लघु क्षणिकाए..   
संजय भास्कर  
मेरा फोटो
पर लाए है
बदलते हालत 
"फुल हो गए प्लास्टिक के 
खुशबु कहा रह गई आज " 
हल्ला बोल पर देखिए 
निरीह जानवरों पर अत्याचार आधुनिकता के दिखावे के लिए
हमारे आराध्य
चमड़े का कम से कम उपयोग करना समझा रहे है 

झंझट के झटके

My Photo 
रेडियो रोता है
यहाँ सुरेंदर साहेब के झटके है 
बी. ऐस पाबला साहेब  
पाबला साहेब एक खुशदिल इंसान है सबको दुसरो का जन्म दिन याद करवाने वाले इंसान..
बताइए खुशदिल इंसान हुए न ?   
जख्म जो फूलो ने दिए 
मेरा फोटो
वन्दना गुप्ता जी 
वो आग नही मिली जो जला सके मुझे !
वो रेत न मिली जो दबा सके मुझे ! 

मेरा फोटो
पेशे से वकील राकेश जी बहुत ही आत्म चिन्तन व्यक्ति है
इनके ब्लोक पर जाने से पहले तैयार होना पड़ता है जनाब, बहुत गम्भीर बातो का संकलन है ..दिमागी कसरत हो जाती है ...

शालिनी कोशिक 
मेरा फोटो
साहित्य प्रेमी संध पर  
शालिनी कोशिक जी की एक रचना
My Photo
राशि अग्रवाल 
 बूढी माता की सोच ,आशंका से सराबोर एक कविता  
[Image0127.jpg] 
धर्मशाला की जन्नत में आपको लेकर जा रहे है 
ललित जी 
आज आपका परिचय अपने बेटे से कराती हूँ  
अन्त में देखिए ये दो पोस्ट!
मनोज जी लेकर आये हैं!
शिवस्वरोदय – 44 
--

* जब तोड़ रही थी दम तेरे क़दमों में मेरी वफ़ा * 
* हिज्रेगम से भरी मेरी उन आँखों की वीरानी तो याद होगी !* * * *
--
@ अगले 2 शुक्रवार आपके सामने नही हाज़िर हो पाउंगी 
भाई की लडकी की शादी मै शामिल होना है  .. 
2 शुक्रवार शास्त्री जी सञ्चालन करेगे ..         
अपनी अदना- सी कोशिश  के साथ 
आपकी अपनी 
|| दर्शन कौर धनोए  ||

18 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत ही मेहनत से सजाया है आपने चर्चा मंच का गुलदस्ता.
    आभार.

    जवाब देंहटाएं
  2. कई अच्छी लिंक्स देखने को मिली |अच्छी चर्चा |
    बधाई
    अगले दो सप्ताह आपको मिस करेंगे |
    आशा

    जवाब देंहटाएं
  3. परिश्रम से तैयार की गई बढ़िया चर्चा!
    --
    चर्चा में नवोदित ब्लॉगरों को भी
    सम्मिलित किया करें!
    --
    इससे उनका भी उत्साहवर्धन होगा!

    जवाब देंहटाएं
  4. आप निश्चिन्त होकर वैवाहिक समारोह में जाइएगा!
    --
    चर्चा मच को सम्भालने के लिए
    बहुत से समर्पित सहयोगी आपके साथ हैं!

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत ही सुंदर चर्चा........"साहित्य प्रेमी संघ" पर ये रचना मेरी नहीं जबकि मदन जी की है..........मेरी रचना "काव्य कल्पना " पर देखे।

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत सुन्दर लिंक्स के साथ चर्चा मंच सजाया है।

    जवाब देंहटाएं
  7. सच में इस बार का चर्चा मंच कुछ हट कर है। व्यंग, कविताएं और कहानियों से भरा ये चर्चा मंच। बधाई।

    हां एक बात और कहनी थी... वैसे तो यहां बहुत वरिष्ठ साहित्यकार है और भाषा को समझने वाले हैं। बस मुझे यूं ही लग रहा है कि "चर्चाकारा" गलत शब्द है। यहां स्त्री पुरुष का कोई भेद नहीं है। शायद चर्चाकार ही होना चाहिए। अगर मैं गलत हूं, तो मुझे क्षमा कर दीजिएगा। मेरा उद्देश्य किसी को आहत करने का कत्तई नहीं है।

    जवाब देंहटाएं
  8. @ mahendra srivastava
    शायर का शायरा हो सकता है तो व्बॉगर का ब्लॉगारा क्यों नहीं हो सकता?
    क्या हम हिन्दी बालों को विदेशी शब्दों का हिन्दीकरण करने का भी अधिकार नहीं है?

    जवाब देंहटाएं
  9. धन्यवाद चर्चामंच की इस दिलकश प्रस्तुति के साथ ही मेरी पोस्ट को भी यहाँ स्थान देने के लिये । आभार सहित...

    जवाब देंहटाएं
  10. आपकी तैयार चर्चा के अच्छे अच्छे नए लिंक मेरी लिए तो नियामत ही है. आपके परिश्रम के लिए आपको बहुत बहुत आभार.

    जवाब देंहटाएं
  11. बहुत सुन्दर चर्चा रहा! उम्दा प्रस्तुती!

    जवाब देंहटाएं
  12. बहुत ही सुन्दर ढंग से चर्चा मंच की प्रस्तुति ....बड़ी मनमोहक लगी
    अच्छे लिंक्स ......मेरी पोस्ट को भी स्थान देने का बहुत-बहुत आभार

    जवाब देंहटाएं
  13. बहुत ही सुन्दर चर्चा
    ......मेरी पोस्ट को भी स्थान देने का बहुत-बहुत आभार

    जवाब देंहटाएं

"चर्चामंच - हिंदी चिट्ठों का सूत्रधार" पर

केवल संयत और शालीन टिप्पणी ही प्रकाशित की जा सकेंगी! यदि आपकी टिप्पणी प्रकाशित न हो तो निराश न हों। कुछ टिप्पणियाँ स्पैम भी हो जाती है, जिन्हें यथा सम्भव प्रकाशित कर दिया जाता है।