एस एम् मासूम का नमस्कार हम क्यों हर चीज़ शार्ट कट से बिना मेहनत पा लेना चाहते हैं. |
धूम-धाम से आप मनातीं। रंग-बिरंगे गुब्बारों से, पूरे घर को आप सजातीं।। "दादी जियो हजारों साल" (प्रांजल-प्राची). |
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आओ कहें…दिल की बात -मेरी बेगम |
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वैसे तो आज के ज़माने में धर्म केवल ज़बान पे ही दिखता है .किरदार धर्म के अनुसार हो यह आवश्यक नहीं. इसीलिये मैंने कुछ लेख़ लिखे इस्लाम और मुसलमान नदी के दो किनारे क्यों. |
नन्ही पुजारन 'तिया' - कहानीमंदिर का पुजारी प्रातः की पूजा अर्चना की तैयारी में व्यस्त था। तभी ताजे गेंदे के फूलों से मंदिर महकने लगा। पुजारी ने समझ लिया की उनकी 'तिया' बिटिया आ गयी है। चहकती हुयी |
बातें - कुछ दिल की, कुछ जग की दुर्गा पूजक देश में कन्या भ्रूण हत्या - आजकल देश के अधिकाँश भाग में नवरात्रि का उत्सव मनाया जा रहा है. आदिशक्ति दुर्गा का पूजा अर्चन सभी जगह अपनी अपनी परंपरानुसार किया जा रहा है. नौ |
... एक बेईमान, दूजे की शान है ! - उफ़ ! एक अर्थशास्त्री को दूसरा निपटा रहा है प्रधानमंत्री बनने के लिए रास्ता बना रहा है ! ... पर्दा उठा, पर्दा गिर गया, फिर भी खेल जारी है राजा, कनिमोझी के बाद. |
मेरे दिल की बात सबको मिलाकर होती है मिलावट ? - मिलावट पर हाय-तौबा क्यों मचाते हो भाई ! क्या तुम्हें नहीं मालूम कि भारतीय मा |
Life is just a life ऐसी भी है क्या मजबूरी - मैंने एक विराम लिया क्या,तुमने कर ली मीलों की दूरी,कई दिन हुए झलक पाए हम,अब ऐसी भी है क्या मजबूरी? आँखों के सूरज के आगे,पानी की बदली है बेचारी,न सरक सके न .. |
नकारात्मक या सकारात्मक क्या ?? अरे खाना बनानाबहुत सी महिला खाना नहीं बनाती हैं । उनको खाना बनाना एक निकृष्ट काम लगता हैं । उनको लगता हैं जब तक वो रसोई से रिवोल्ट नहीं करेगी तब तक वो मानसिक रूप से आज़ाद नहीं हैं |
फिर प्रधानमंत्री की भूमिका क्या है? |
खुशखबरी आपके लिये……दिवाली की सौगातदोस्तोंआज आप सबके लिए एक खुशखबरी लेकर आई हूँ.........अब से हर महीने आपके बेशकीमती ब्लोगों पर आपके विचारों को प्रवासी भारतीयों की मैगजीन गर्भनाल पत्रिका में उतारने का मौका |
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शनिवार, अक्टूबर 01, 2011
सहमत या असहमत
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अच्छी चर्चा .
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चर्चा वाह!
जवाब देंहटाएंमजेदार लज्जतदार चर्चा ||
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार ||
नव रात्री उत्सव पर आपको शुभ कामनाएं |
जवाब देंहटाएंऐसी भी क्या मजबूरी कि इतनी सी लिंक्स दी हें आज |अचची पर छोटी सी चर्चा |
आशा
बहुत अच्छे जो मेरे लिए नए हैं लिंक दिए हैं मासूम जी !बहुत बहुत आभार !
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंmeri saari baat ko ......maari jam ke laat....
जवाब देंहटाएंsabki hi charcha kari.....meri hi nahi baat.......
meri hi nahi baat.....hue thode se upekshit....
nahi mila sthan.......hamara hame apekshit...
kah manoj sangharsh ka.....jhodenge naa sath....
koi kuch bhi hi kahe.....kahenge sachhi baat.....
बहुत सुन्दर चर्चा वाह
जवाब देंहटाएंसुन्दर सूत्र।
जवाब देंहटाएंsundar charchaa Masoom ji , aabhaar
जवाब देंहटाएंबढ़िया चर्चा के लिए आभार ।
जवाब देंहटाएंछोटी मगर खूबसूरत चर्चा।
जवाब देंहटाएंखूबसूरत चर्चा
जवाब देंहटाएंग़ज़ल,पसंद आए तो LIKE करें
संक्षिप्त किन्तु सुन्दर लिंक्स से सजी चर्चा।
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