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बुधवार, अगस्त 22, 2012

"बाबा नागार्जुन की स्मृति" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') - चर्चा मंच 979


नया -परिचय 

आदमी शैतान बनता जा रहा है

 

नव -उद्दगार

आदमी शैतान बनता जा रहा है ,
नित नए प्रतिमान गढ़ता जा रहा है ।
१-आदमी की आदमीयत खो गयी ,
आज क्यों कर नेक नीयत रो रही ।
सृजन क्यों विध्वंश बनता जा रहा है -
२-क्यों नहीं संसाधनों में संतुलन ,
भिन्नता में एकता पर  जोर कम ,
बिक रहा है नीर क्या कल वायु भी बेचेगा तू ?

[loke.jpg]


2

आखिर क्यों--------?

JHAROKHA
JHAROKHA  



3

आपके ब्लॉग पर कोई टिप्पण डिलीवर नहीं होती है-रविकर 

बिरवा हूँ

udaya veer singh
उन्नयन (UNNAYANA)

4

"मनमोहन सींह गेट वेल सून" विडिओ के साथ ( व्यंग )

SACCHAI
AAWAZ  



5

जन्मदिन मुबारक हो मेरे प्रिय ...मेरे पिता - आपका राहुल

शिखा कौशिक 'नूतन '

6

एक ‘कवि’ बीबी से अकड़ा

Surendra shukla" Bhramar"5 


7

आसान था तुझे भूल जाना......



8

टीम अन्ना और उनके आन्दोलन का नया स्वरुप....!!



9

Untitled

 



10

वैज्ञानिक परम्पराएँ-वेद और हवन

विजय राज बली माथुर
क्रांति स्वर.....


11

अम्बेडकर , आरक्षण और राजनीति.

ZEAL 


12

शादी की उम्र एवं न्याय का प्रश्न

प्रेम सरोवर
प्रेम सरोवर

13

चला ढूंढने बाप, सही सा एक निठल्लू-

रविकर फैजाबादी
"लिंक-लिक्खाड़" 




14

फिर एक नया कान - डॉ नूतन गैरोला

डॉ. नूतन डिमरी गैरोला- नीति   MY~LIFE~SCAN  

15

जहां निर्वाण होता हो मासूमियत का !!!

सदा
SADA  


16

थोड़ा वक्त तो लगेगा ही !

रवीन्द्र प्रभात 



17

विश्व बंधुत्व की एक मिशाल

पी.सी.गोदियाल "परचेत" 
 


18

प्रेस काउंसिल की तर्ज़ पर बने वेब काउंसिल

devendra gautam 

19

छलिया चितचोर साँवला सलोना नंद का छोरा

ऋता शेखर मधु
मधुर गुंजन



 21

डायन का तिलिस्म!

DrZakir Ali Rajnish 



24

एक से एक मेहँदी डिजाईन देखें

Bhagat Singh Panthi
 

25

अपने ये गोविन्द जी, रहे कबड्डी खेल-

 
A

बेनी प्रसाद के विवादास्पद बयान पर कड़ी निंदा.

  वरिष्ठ मंत्री यह कहता है कि वह महंगाई से खुश है और इससे किसानों को फायदा ही हुआ है
बेनी दरियाबाद के, है पड़ोस मम ग्राम |
उपजा गुंडे खेत में, बेंचें ऊंचे दाम |
बेंचें ऊंचे दाम, कभी गन्ना बोते थे |
बड़ा मुलायम नाम, ख़ास नेता होते थे |
अब तो नाम किसान, शान से लोहा बोवें |
लेगा लोहा कौन, शत्रु सरयू में धोवें ||
  B

अपने ये गोविन्द जी, रहे कबड्डी खेल |
शाखा पर खेले बहुत, उलटबासियाँ पेल |
उलटबासियाँ पेल, कहें पाले में घुसकर |
नीति नियम अंदाज, एक तो रहिये मिलकर |
दोनों का सिरदर्द, टूट जायेंगे सपने |
मिलकर लड़ो चुनाव, नतीजे भुगतो अपने ||

C

पूरी बात

सुशील
उल्लूक टाईम्स 


नंगों को नंगा किया, बड़ा भला अंदाज |
एक पैग से लुढ़कता, आ दूजे से बाज |
आ दूजे से बाज, राज है इसमें गहरा |
हैं नेता के अंश, लगा के रखना पहरा |
पहरा गांधी टोप, बदलता है रंगों को |
देता है टरकाए, पोटता है नंगों को ||

D

छिपकली - डूबते को तिनके का सहारा

G.N.SHAW
cha  


छिपकलियों ने कई की, हालत रखी बिगाड़ |
छिपकलियों की ले रहे, बड़े खिलाड़ी आड़ |
बड़े खिलाड़ी आड़, पुराना रद्दी राशन |
मध्याहन का भोज, बांटता यही प्रशासन |
यह संक्रमित अनाज, राज इनका न खोले |
छिप जाते दुष्कर्म, नहीं छिपकलियाँ बोले ||
क्वचिदन्यतोSपि..
"अब खुश न" का अर्थ क्या, ख़तम हो गया दर्प |
प्राकृत है फुफकारना, सदा सर्पिणी - सर्प |
सदा सर्पिणी - सर्प, हर्प पर झंझट कर लो |
डसने को तैयार, सामने से ही टर लो |
बिना द्वेष बिन प्यार, करेंगे गुरु ब्लॉगरी |
गरियाये घनघोर, लगा के चले हाजिरी ||

  F

सशक्त (तगड़ा )और तंदरुस्त परिवार रहिये

 जब ओवर दी काउंटर, मेडीसिन मिल जाय |
उदर शूल की फ़िक्र क्या, देता तुरत मिटाय |
देता तुरत मिटाय, मिटाता जाए काया |
बचपन की वह चोट, आज तक अति तड़पाया |
काइरोप्रेक्टर जांच, रीढ़ संरेखण बिगड़ा |
लगे इसी की आंच, लगा फिर झटका तगड़ा ||


G

Watch the video on life Murder of Satyaprakash Dubey murdered for honesty

From Politics To Fashion
झूठे लोगो ने किया, एक सत्य का क़त्ल |
दर्दनाक विवरण दिया, सही दिखाई शक्ल |
सही दिखाई शक्ल , अक्ल पर पत्थर पड़ते |
दुस्साहसी ये दुष्ट, कहानी कैसी गढ़ते |
सादर नमन प्रकाश, उजाला तो फैलेगा |
अब भी जिन्दा आस, न्याय ईश्वर कर देगा ||
  H
गठरी 
 अजय कुमार 
  इन्तजार है हार को, आ बहार इस बार |
बार बार सूखे लड़ी, होय प्यार की हार |


होय प्यार की हार, लड़ी किस्मत से नजरें |
बदकिस्मत बदहाल, गुजरता ताकूँ गजरे |

*गटपट गजगामिनी, कहो अब क्या विचार है |
चाल तेज या नई, चाल का इन्तजार है ||

I

त्रिलोक सिंह ठकुरेला की पांच कुंडलियाँ

Abnish Singh Chauhan 

 ठकुरेला की कुण्डली, डली यहाँ पर श्रेष्ठ ।
कष्ट निखारे गुणों को, चरित्रवान ही ज्येष्ठ ।
चरित्रवान ही ज्येष्ठ, काम कुछ नहीं असंभव ।
करिए उद्यम नित्य, खुदी का करिए अनुभव ।
कार्य सफल हो सिद्ध, नहीं कुछ यहाँ झमेला ।
शिक्षा प्रद कुंडली, गुरु जी हैं ठकुरेला ।
J
ज़िंदा  है  माँ  जानता, इसका मिला सुबूत ।
आज पौत्र को पालती, पहले पाली पूत ।
पहले पाली पूत, हड्डियां घिसती जाएँ ।
करे काम निष्काम, जगत की सारी माएं ।
 किन्तु अनोखेलाल, कभी तो हो शर्मिन्दा ।
दे दे कुछ आराम, मान कर मैया ज़िंदा ।। 

60 टिप्‍पणियां:

  1. सुन्दर चर्चा।
    बहुत से उपयोगी लिंक मिले पढ़ने के लिए!
    आभार!

    जवाब देंहटाएं
  2. पैंतीस डब्बों की रेल बना के लाया है
    इंजन एक आगे से नया लगाया है
    छुक छुक चर्चा की रेल अब चलायेंगे
    एक एक कर हर डब्बे में जायेंगे !

    जवाब देंहटाएं
  3. आदमी शैतान बनता जा रहा है
    नव -उद्दगार
    बहुत खूब ! लिखते रहें !

    आदमी को शैतान बनते देख रहा है
    जिस तरह बन रहा है कह रहा है
    एक दिन ऎसा जल्दी ही आयेगा
    सब शैतान होंगे बन चुके और
    आदमी कहीं ना पाया जायेगा !

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत बढ़िया चर्चा रविकर जी............
    हमारी रचना शामिल करने का शुक्रिया...

    सादर
    अनु

    जवाब देंहटाएं
  5. आखिर क्यों--------?
    JHAROKHA
    सुंदर !
    पूछना पडे़गा चिडियों से अब
    फिर शुरू करेंगी आना वो कब!

    जवाब देंहटाएं
  6. आपके ब्लॉग पर कोई टिप्पण डिलीवर नहीं होती है-रविकर
    बिरवा हूँ
    udaya veer singh
    उन्नयन (UNNAYANA) -

    बहुत खूबसूरत पंक्तियाँ !

    जवाब देंहटाएं
  7. "मनमोहन सींह गेट वेल सून" विडिओ के साथ ( व्यंग )
    SACCHAI
    AAWAZ

    गेट वैल सून
    और कुछ हमारी
    भी कभी सुन !

    बहुत अच्छा है वाह वाह !

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. शुशील जी आपका स्नेह मुझ पर और मेरी कलम पर ऐसा ही बरसता रहे आपका बहुत बहुत धन्यवाद

      हटाएं
  8. ३-भीड़ है लाखो करोड़ो लोग है ,
    यांत्रिक सम्बन्ध बस गठजोड़ है ।
    हो रही प्रतियोगिता पर स्वस्थ हो,
    क्यों बिना उद्देश्य बगता जा रहा है -भीड़ है लाखों ,करोड़ों लोग हैं ,यांत्रिक सम्बन्ध बस गठजोड़ हैं ,हो रही प्रतियोगिता पर स्वस्थ हो ,क्यों बिना उद्देश्य भगता जा रहा है .....अच्छी रचना है भाई साहब! अनुनासिक /अनुस्वार का कृपया ध्यान रखें ...बिंदी की हिंदी न करें .नया -परिचय
    1
    आदमी शैतान बनता जा रहा है

    नव -उद्दगार.....कृपया यहाँ भी पधारें -
    ram ram bhai
    बुधवार, 22 अगस्त 2012
    रीढ़ वाला आदमी कहलाइए बिना रीढ़ का नेशनल रोबोट नहीं .
    What Puts The Ache In Headache?

    जवाब देंहटाएं
  9. जन्मदिन मुबारक हो मेरे प्रिय ...मेरे पिता - आपका राहुल
    शिखा कौशिक 'नूतन '
    (विचारों का चबूतरा )
    बहुत सुंदर !

    एक शहीद पिता
    एक पुत्र के लिये
    गर्व भी होता है!

    जवाब देंहटाएं
  10. ये भाई साहब "उद्दगार "
    को उदगार कर लें.
    नया -परिचय
    1
    आदमी शैतान बनता जा रहा है

    नव -उद्दगार

    जवाब देंहटाएं
  11. उपयोगी लिंक्स की बढ़िया प्रस्तुति. मेरे ब्लॉग को शामिल करने के लिए आभार.

    जवाब देंहटाएं
  12. टीम अन्ना और उनके आन्दोलन का नया स्वरुप....!!
    Chandan Jha

    बहुत खूब लिखा है

    हम बदलेंगे
    जग बदलेगा
    प्रश्न खड़ा है
    पहले कौन
    बदलेगा ?

    जवाब देंहटाएं
  13. बैठ कर इसकी गोंद में
    कल,
    लिखेंगे अपने अतीत ,गीत
    बुनेंगे सपने ....
    मीत के ,प्रीत के.-वृक्ष का मानवीकरण करती बहुत वृक्ष से बतियाती ,उसका भविष्य बांचती सशक्त रचना ....उदय वीर जी "गोंद".को गोद कर लें ,इतनी सुन्दर रचना में वर्तनी की अशुद्धि खटकती है ......कृपया यहाँ भी पधारें -
    ram ram bhai
    बुधवार, 22 अगस्त 2012
    रीढ़ वाला आदमी कहलाइए बिना रीढ़ का नेशनल रोबोट नहीं

    जवाब देंहटाएं
  14. जाट देवता का सफर
    बहुत खूब
    चलते रहें लिखते रहें
    और हम पढ़ते रहें !

    जवाब देंहटाएं
  15. वैज्ञानिक परम्पराएँ-वेद और हवन
    विजय राज बली माथुर
    क्रांति स्वर.....

    शानदार !
    अपनी जमीन छोड़ कर
    दूसरे की जमीन पर
    एक मकान जो बनायेगा
    किसी ना किसी दिन
    वो बेघर हो ही जायेगा !

    जवाब देंहटाएं
  16. अम्बेडकर , आरक्षण और राजनीति.
    ZEAL
    देश को भी
    आरक्षण की
    जरूरत है
    विश्व समुदाय में
    आईये
    यू एन ओ में
    आवेदन करें ।

    जवाब देंहटाएं
  17. एस .एम, भाई ! आज यह वीडियो देख के मन विचलित हो गया .एक नै बात समझ में आई ,एक नया पर्यायवाची शब्द पैदा हुआ -ट्रांसफर का एक मतलब "मौत "भी होता है ,हिन्दुस्तान में ,हम तो समझे थे यह सिर्फ एक उद्योग है ,या मुख्यमंत्री के वित्तपोषक का धक्का ,जो किसी का भी ट्रांसफर रुकवा सकता है ,मुख्य सचिव से आपको सीधे मिलवा सकता है .भले आप खुद मामूली मुलाजिम हों ,इतना ही नहीं मुख्य सचिव अपना आदमी भेजेगा सचिवालय के स्वागत कक्ष में ,आपसे चाय कोफी की पूछेगा .जब तक इस देश की गद्दी पर रोबोट बैठेंगे बिना रीढ़ के ऐसा ही होता रहेगा ,सत्य प्रकाश मारा जाएगा ,क्योंकि रोबोट सिर्फ सोफ्ट वेयर लेता है उसके पास अपना दिमाग या बुद्धि तत्व नहीं होता . .G
    Watch the video on life Murder of Satyaprakash Dubey murdered for honesty
    From Politics To Fashion....कृपया यहाँ भी पधारें -
    ram ram bhai
    बुधवार, 22 अगस्त 2012
    रीढ़ वाला आदमी कहलाइए बिना रीढ़ का नेशनल रोबोट नहीं .
    What Puts The Ache In Headache?

    जवाब देंहटाएं
  18. शादी की उम्र एवं न्याय का प्रश्न
    प्रेम सरोवर
    कच्ची डाल में फल उसे तोड़ देता है
    पका फल पकी डाल पर शोभा देता है
    प्रकृति के अनुरूप ही सब होना चाहिये
    मन और शरीर दोनो से वयस्क
    बालक बालिका दोनो को होना चाहिये !

    जवाब देंहटाएं
  19. चला ढूंढने बाप, सही सा एक निठल्लू-
    रविकर फैजाबादी
    "लिंक-लिक्खाड़"
    शुभकामनाऎं बिटिया को !

    ये बाबाराम की फोटो
    फेसबुक में लटक रही थी
    आप यहां भी ले आये
    अब बाबा राम आराम
    करने को कहाँ जाये ?

    अपनी फोटो देखने तो
    कम से कम आ जाते
    बाबा राम पता नहीं
    फोटो दे दे के कहाँ
    हैं अपना खो जाते !

    जवाब देंहटाएं
  20. फिर एक नया कान - डॉ नूतन गैरोला
    डॉ. नूतन डिमरी गैरोला- नीति MY~LIFE~SCAN

    संवेदनाओं से भरपूर है
    घर से दूर शहर एक कहीं
    बहुत से ऎसे कानों से भरा है
    पर कौन सुन रहा है !

    जवाब देंहटाएं
  21. रविकर जी एवं शास्त्री जी को लेख शामिल करने हेतु तथा सुशील जी को काव्यात्मक टिप्पणी हेतु हार्दिक धन्यवाद।

    जवाब देंहटाएं
  22. जहां निर्वाण होता हो मासूमियत का !!!
    सदा
    SADA

    बहुत खूब लिखा है जी

    कुछ शब्‍दों के अर्थ
    अनर्थ होने के भय से
    जिभ्‍या पर आने से कतराते हैं

    इसी लिये तो हम भी
    सब कुछ नहीं कह पाते हैं जी !
    ़़़़़़़़़़़़़़

    इसके बाद काम पर जाते हैं जी
    बाकी लिंक्स शाम को आके निपटाते हैं जी !

    जवाब देंहटाएं
  23. भाई साहब!देवी और पत्नी सदैव दीर्घ होतीं हैं ह्रस्व नहीं ये "देवि" काहे लिख दिया ,खैर ...लिख दिया सो लिख दिया ...अरे भाई साहब गलत या सही भाषिक प्रयोग नहीं होते स्लेंग से भी भाषा का विकास होता है ,हमारे यहाँ तो मुहावरे हैं ही इस अपभाषा में ,ब्लॉगर शब्द वैसे भी एक संकर नस्ल लिए है हाईब्रीड है ,अब जाट को कुछ लोग जटअंगर भी कह देते हैं ख़ास कर ये यू पी (ऊपी वाले ),जाट तो बुरा नहीं मानते .ध्वनी बढ़िया लगी ब्लोगरा(ब्लोग्रा) शब्द की ,ब्लोगवती लिखिए ब्लॉग वालियों को या फिर लिखिए ब्लोगावती ,भई भाषा है बनारसी. अब इलाहाबादी लोग तो गाली देके हाल पूछते हैं -"कॉ गुरु का हाल बा भौ.... ...ड़ी.के तोसे तो बढ़िया ही है" तो भाई साहब जनपदी है ...तुलसी बुरा न मानिए .....सीते बुरा न मानिए जो तुलसी कह जाए .E
    मैंने कब किसी को कहा ब्लागरा या ब्लॉग वालियां!?
    (Arvind Mishra)
    क्वचिदन्यतोSपि.....कृपया यहाँ भी पधारें -
    ram ram bhai
    बुधवार, 22 अगस्त 2012
    रीढ़ वाला आदमी कहलाइए बिना रीढ़ का नेशनल रोबोट नहीं .

    जवाब देंहटाएं
  24. भाई साहब नामकरण करते समय ग्रंथी जी से गलती हो गई राशि तो यही थी लेकिन नाम हो गया मोहन सिंह ,रखा जाना था "मौन सिंह ".
    4
    "मनमोहन सींह गेट वेल सून" विडिओ के साथ ( व्यंग )
    SACCHAI
    AAWAZ

    जवाब देंहटाएं
  25. .
    करत करत अभ्यास के जड़मत होत सुजान ,
    रसरी आवत जात के सिल पर परत निसान .बहुत ही सौद्देश्य कुंडली है .
    Practice makes a men perfect ..when goings become tough tough gets going .Beginning is half done .मुश्किल काम को मुल्तवी करते जाने से मुश्किल आसान नहीं होगी .
    मुश्किलें मुझ पर पड़ी इतनी के आसाँ हो गईं I
    त्रिलोक सिंह ठकुरेला की पांच कुंडलियाँ
    Abnish Singh Chauhan
    पूर्वाभास .कृपया यहाँ भी पधारें -
    ram ram bhai
    बुधवार, 22 अगस्त 2012
    रीढ़ वाला आदमी कहलाइए बिना रीढ़ का नेशनल रोबोट नहीं .
    What Puts The Ache In Headache?

    जवाब देंहटाएं
  26. .बहुत बढ़िया गज़ल है ज़नाब की -यूं न रह रह कर हमें तडपाइए ,आइये आजाइए ,आजाइए H
    गठरी
    अजय कुमार .कृपया यहाँ भी पधारें -
    ram ram bhai
    बुधवार, 22 अगस्त 2012
    रीढ़ वाला आदमी कहलाइए बिना रीढ़ का नेशनल रोबोट नहीं .
    What Puts The Ache In Headache?

    जवाब देंहटाएं
  27. विस्तृत और अच्छी चर्चा के लिए शुक्रिया और आभार रविकर जी !

    जवाब देंहटाएं
  28. सब किया धरा चाँद का था,सो
    उसको भी अमावस कर आये....
    अब ज़रा होशियारी बरतती हूँ.....
    तेरे नाम के किसी और शख्स से भी
    अंजान बनी रहती हूँ.....
    अपनी चाहतें और शौक बदल डाले है मैंने...
    अब न सुनती हूँ गज़ल,न शोख रंग पहनती हूँ...

    ऐ मेरी हंसीं के दीवाने! अब न मैं ,उन दिनों की तरह ,खिलखिला के कभी हँसती हूँ.....
    आखिरी बात से हम आपकी इत्तेफाक नहीं रखेंगे ,क्योंकि रूप साम्य और नाम रूप ,समान नाम का होता है अपना एक आकर्षण और फितरतें बदला नहीं करतीं -हुजूमे गम ,मेरी फितरत बदल नहीं सकते ,मैं क्या करूँ ,मुझे आदत है मुस्कुराने की .....बढ़िया प्रस्तुति है आपकी दिल की लगी ,दिल को लगी ,न करो दिल्लगी .....7
    आसान था तुझे भूल जाना......
    my dreams 'n' expressions.....याने मेरे दिल से सीधा कनेक्शन.....

    जवाब देंहटाएं
  29. लिंक - १३

    बिटिया सदा सुखी रहे,अनुरूप मिले ससुराल
    हर बाप की यही कामना,जोड़ी रहे खुशहाल
    जोड़ी रहे खुशहाल,ढूढता जोड़ी दर दर
    खाली हाथ लौट,बाप जब आता घर पर
    हाय विधाता तूने,कैसा खेल दिखाया
    दहेज में बिक रही,बेटियों की काया,,,,,,,

    जवाब देंहटाएं
  30. लिंक - D

    होनी तो होके रहे, अनहोनी न होय
    जाको राखे साइयां मार सके न कोय,,,,,

    जवाब देंहटाएं
  31. लिंक - 25-B

    चाणक्य गोविंदाचार्य ने,रखे अहमं सवालात
    क्या दोनों के मिल पायेगे,आपस में ख्यालत,,,,,,

    जवाब देंहटाएं
  32. लिंक - ६

    वाह!!!!!जबरजस्त झगडा,
    एक कवि और बीबी से अकडा,,,,
    लाजबाब प्रस्तुति,,,,,,,भ्रमर जी,, बधाई हो,,,,

    जवाब देंहटाएं
  33. बहुत सुन्दर सूत्रों से चर्चामंच सजाया है हार्दिक बधाई रविकर भाई

    जवाब देंहटाएं
  34. आभार रविकर जी,इसे कहते हैं मर्दानगी :-)

    जवाब देंहटाएं
  35. चर्चा मंच को मेरी तरफ से खूब खूब ईद मुबारक.और ईद की ढेरों शुभकामनायें.साथ ही एक अर्ज़ है की चर्चा मंच पर सभी धर्मों और समुदाय के लोग आते हैं.और शौक से लिंक पढ़ते हैं.लिहाजा ऐसी पोस्ट शामिल नही की जानी चाहिए जो धर्म के नाम पर भारत को तोडना चाहती है.और भारत में साम्प्रदायिकता फैलाना चाहती है.क्यूँ की अंग्रेज तो चले गये लेकिन उनके चेलों ने उनका काम संभाला हुआ है.जो भारतियों को धर्म के नाम पर लड़वाकर देश के टुकड़े करने पर तुले हुए हैं.उम्मीद है की चर्चा मंच टीम इस पर विचार करेगी.इस तरह की पोस्ट को शामिल नही किया जाना चाहिए.वर्ना चर्चा मंच भी समुदाय में बंटकर रह जायेगा.

    जवाब देंहटाएं
  36. मजहब नही सिखाता आपस में बैर रखना ,
    हिंदी हैं हम वतन हैं हिन्दोस्तां हमारा.

    जवाब देंहटाएं
  37. सामाजिक वैषम्य- रोज़ रचती है, ये कुरीत ,नागर भाव का अभाव है ,सिविलिती का अभाव है ये तमाम घटनाएं ,तभी शिक्षा चाहिए सबको ,दिल दहलाने वाली घटनाएं होतीं हैं ये तमाम लेकिन दिल है कि दहलता ही नहीं है प्रशासन को सांप सूंघ जाता है ,वोट -जोड़ की फ़िक्र रहती है इसीलिए चाहे बात खाप पंचायतों की हो या इस वहशीपन की परिदृश्य एक ही है ,हम बहुत ज़हीन (इसे कमीं पढ़ें )लोग हैं . 21
    डायन का तिलिस्म!
    DrZakir Ali Rajnish
    TSALIIM
    .कृपया यहाँ भी पधारें -
    ram ram bhai
    बुधवार, 22 अगस्त 2012
    रीढ़ वाला आदमी कहलाइए बिना रीढ़ का नेशनल रोबोट नहीं .
    What Puts The Ache In Headache?

    जवाब देंहटाएं
  38. वैसे आँखें खुली हों तो सब कुछ दिखता है अन्डर शर्ट क्या ब्रांड भी दिखता है अन्डर पेंट का ,भूमध्य रेखा भी वैसे ये अंदर की बात है पूरी थोड़ी बताई जाती है ...पूरी जानने के लिए भी धैर्य चाहिए और बताने के लिए ईमानदारी ये विज्ञापन विभाग है जो हर आदमी लिए घूमता है अपनी जींस(जीवन इकाइयों का ) का दोहरे मानकों का .C
    पूरी बात
    सुशील
    उल्लूक टाईम्स
    .
    .कृपया यहाँ भी पधारें -
    ram ram bhai
    बुधवार, 22 अगस्त 2012
    रीढ़ वाला आदमी कहलाइए बिना रीढ़ का नेशनल रोबोट नहीं .
    What Puts The Ache In Headache?

    जवाब देंहटाएं
  39. सुन्दर चर्चा, उपयोगी लिनक्स
    now going to read the links

    जवाब देंहटाएं
  40. Bahut achchhi lagi apki aj ki yah charcha.Kai naye links ki jankari bhi mili....mujhe bhi shamil karne ke liye abhar....
    Poonam

    जवाब देंहटाएं
  41. छिपकली - डूबते को तिनके का सहारा
    जाको राखे साँई !

    जवाब देंहटाएं
  42. सत्याग्रह शब्द की खोज
    मनोज कुमार
    विचार
    बहुत सुंदर समीक्षा !

    जवाब देंहटाएं
  43. बढ़िया चर्चा, बढ़िया लिंक्स...आभार !!

    जवाब देंहटाएं
  44. बढिया लिंक्स.
    अच्छी चर्चा ,
    आभार !!!

    जवाब देंहटाएं
  45. रविकर साहब, सबसे पहले मै आपकी माफी मांगता हु की मै देर से आया हु यहाँ दर असल मेरे साथ क्या हुवा था ये आज की मेरी पोस्ट पढ़कर ही आपको पता चलेगा जो मैंने अभी अभी पोस्ट की है

    "चर्चा मंच" पर स्थान पाना बहुत ही बड़े गौरव की बात है और ये मेरा सौभाग्य है की मेरी पोस्ट को यहाँ स्थान मिला मगर इस बार आपके द्वारा मेरे ब्लॉग पर दी गयी टिप्पणी मे वो कविता भरा अंदाज़ देखने नहीं मिला क्यू की आपकी टिप्पणी के चंद अलफाज बहुत ही गहेराई भरी बात कहे जाते है |

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  46. रविकर जी बहुत बहुत धन्यवाद ..मुझे इस मंच पर स्थान देने के लिए .. शाम को ही लिंक पर जाना हो पायेगा ..

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  47. आदरणीय रविकर जी जय श्री राधे ..बहुत दिनों बाद मौका मिला इस बीच बहुत व्यस्त होने के कारण इस दुनिया से दूर रहा ..हमेशा की तरह अच्छे लिंक्स प्यारी छवियाँ ..उपयोगी और आनंद दाई भी
    एक कवी बीबी से अकड़ा को भी आप ने मेरे चिट्ठे भ्रमर का दर्द और दर्पण से शामिल किया ख़ुशी हुयी
    आभार
    भ्रमर ५

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  48. आदरणीय रविकर फैजाबादी जी, आज पहली बार यहाँ आयी...एकदम चकित हूँ...इतनी अच्छी चर्चाएँ..लाजवाब प्रस्तुति...आप सभी को ढेरो बधाई...आभार जो आपने मेरी रचना को जगह दिया...असल में परिस्थितियों ने इतनी तेज़ी से करवट लिया कि कई दिनों तक सोचने, पढने का होश नहीं रहा...आज नेट पर आयी तो पाया कि आपने आलेख को 'चर्चामंच ' पर लिंक किया है...अच्छा लगा..बहुत बहुत शुक्रिया...गर्वान्वित महसूस कर रही हूँ . .

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