फ़ॉलोअर



यह ब्लॉग खोजें

रविवार, मार्च 10, 2013

हर - हर महादेव - चर्चामंच 1179

हर हर महादेव - बम बम भोले
सभी पाठकों एवं मित्रों को चर्चा मंच परिवार की ओर से
महाशिव रात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं.
मैं अरुन हाजिर हूँ आज की चर्चा के साथ.
कालीपद "प्रसाद'
ॐ नम : शिवाय
महाशिव रात्रि में शिवजी की पूजा न केवल भारत में वरन पूरे विश्व में होती है,जहाँ हिन्दू है। शिव जी के बारे में भिन्न भिन्न बिचार पढने को मिलता है। कोई कहते है देवादि देव महादेव है।
ईश्वर कौन हैं ? कहाँ हैं ? कैसा सुन्दर रूप है ?
इंसान में हमेशा इन्हें जानने का कौतुहल है ।
कोई कहता ईश्वर है आत्मा ,वही है परमात्मा,
मन है उसका मंदिर,मस्जिद,वही है गुरुद्वारा।
मन जब प्रसन्न होता है ,घर आँगन महकने लगते हैं,
धरती ही स्वर्ग , धरती ही गोलकधाम लगने लगते हैं।
कपोल कल्पित रमणीय स्वर्ग किसी ने ना देखा ,
धरती का कैलाश ,मानसरोवर ,वैतरणी गंगा देखा ।
(डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)
 
बौरायें हैं सारे तरुवर, पहन सुमन के हार ।
मोह रहा है सबके मन को बासन्ती शृंगार ।।
गदराई है डाली-डाली,
चारों ओर सजी हरियाली,
कुहुक रही है कोयल काली,
नीम-बेर-बेलों पर भी आया है नया निखार ।
मोह रहा है सबके मन को बासन्ती शृंगार ।।
हँसते गेहूँ, सरसों खिलती,
तितली भी फूलों से मिलती,
पवन बसन्ती सर-सर चलती,
सबको गले मिलाने आया, होली का त्यौहार ।
मोह रहा है सबके मन को बासन्ती शृंगार ।।
सुबीर संवाद सेवा
 
उकसाने पर हवा के आँधी से भिड़ गया है
मेरे चराग का भी मुझ-सा ही हौसला है
रातों को जागता मैं, सोता नहीं है तू भी
तेरा शगल है, मेरा तो काम जागना है
साहिल पे दबदबा है माना तेरा ही तेरा
लेकिन मेरा तो रिश्ता, दरिया से प्यास का है
बारिश तो शहर में कल हर ओर थी बराबर
फिर लॉन तेरा ही क्यूँ सबसे हरा-भरा है
दिनेश चन्द्र गुप्ता 'रविकर'
छोड़े सज्जन शॉर्टकट, उधर भयंकर लूट |
देर भली अंधेर से, पकड़ें लम्बा रूट |
पकड़ें लम्बा रूट, बड़ी सरकार निकम्मी |
चुनो सुरक्षित मार्ग, सिखाते पापा मम्मी |
लिए नौ लखा हार, सुरक्षा घेरा तोड़े |
बाला लापरवाह, लुटा करके ही छोड़े ||
राजेंद्र कुमार
१. देखता रहा
बदलते मौसम
छाया अँधेरा
२.हवा के झोकें
पुल्कित पेड़-पौधे
सिमट गये
DR. PRATIBHA DWIVEDI SOWATY
हूँ धरती पे !
उड़ान गगन की !
मौजें मन की !
देता दस्तक ! आकर दिल पर !
कौन मगर ?
मुझे बस इतना बताते जाते,
क्यूँ मुस्कुराते थे,तुम आते जाते!
शब-ए-इंतेजार मुख्तसर न हूई,
दम मगर जाता रहा तेरे आते आते। तिश्नगी लब पे मकीं हो गई, तेरी जुल्फों की घटा छाते छाते।
तुषार राज रस्तोगी
बसंती फागुनी बयार
प्यार सबको अपार
सजा होली का त्यौहार
मधुमास है आया
मस्ती साथ में लाया
सुधा अरोड़ा::
जन्मः ४ अक्तूबर १९४६ को विभाजन पूर्व लाहौर में जन्म ।
शिक्षाः कलकत्ता विश्वविद्यालय से १९६७ में एम.ए., बी.ए. ऑनर्स- दोनों बार प्रथम श्रेणी में प्रथम स्थान ।
कार्यक्षेत्रः १९६९ से १९७१ तक कलकत्ता के दो डिग्री कॉलेजों में अध्यापन, १९९३ से १९९९ तक महिला संगठन 'हेल्प' से संबद्ध।
प्रकाशनः बगैर तराशे हुए(१९६७), युद्धविराम(१९७७), महानगर की मैथिली(१९८७), काला शुक्रवार(२००३), काँसे का गिलास(२००४), मेरी तेरह कहानियाँ(२००५), रहोगी तुम वही(२००७), (कहानी संग्रह), ऑड मैन आउट उर्फ़ बिरादरी बाहर(एकांकी), यहीं कहीं था घर (२०१०),(उपन्यास)।
Dr (Miss) Sharad Singh
Ravishankar Shrivastava
Vandana Gupta
अपनी अपनी हदों में चिने हमारे वजूद
जब भी दखल करते हैं
हदों की खामोशियों में
एक जंगल चिंघाड उठता है
दरख्त सहम जाते हैं
पंछी उड जाते हैं पंख फ़डफ़डाते
घोंसलों को छोडना कितना दुरूह होता है
दिनेश चन्द्र गुप्ता 'रविकर'
लिंक - लिक्खाड़
औरत रत निज कर्म में, मिला सफलता मन्त्र ।
सेहत से हत भाग्य पर, नरम सुरक्षा तंत्र ।
नरम सुरक्षा तंत्र, जरायम बढ़ते जाते ।
करता हवश शिकार, नहीं कामुक घबराते ।
जिन्सी ताल्लुकात, तरक्की करता भारत ।
शादी बिन बारात, बिचारी अब भी औरत ॥
Shikha Gupta
Pallavi Saxena
पारुल 'पंखुरी '
Veena Sethi
Priti Surana
मन आज उदास है
बार बार भीगी पलकों को
छुपाती हूं तुमसे
और
अकेले में जाकर
सुबक-सुबक कर रोती हूं
मन से ये चाहती हूंकि
मुझे रोता देखकर
कंही से तुम आ जाओ
संध्या शर्मा
(1) तू...
चली गई
अच्छा ही हुआ
रहती तो
दिल धडकता
अन्याय के
विरोध में
निवेदिता श्रीवास्तव
एक कदम आगे चलो न ...........
ये अनुरोध था या आदेश समझ ही नही पायी ,बस इन शब्दों को ही गुनती रह गयी और मुदित हो उठी :)
दरअसल ये और किसी ने नहीं अपितु हमारे बड़े बेटे "अनिमेष " ने दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर कहे थे ।
इसी के साथ आप सबको शुभविदा मिलते हैं अगले रविवार को . आप सब चर्चामंच पर गुरुजनों एवं मित्रों के साथ बने रहें. आपका दिन मंगलमय हो
जारी है ..... मयंक का कोना
(१)
"नीलकण्ठ भोले की महिमा"


(२)
महाशिवरात्रि

महाशिवरात्रि उस पावन पर्व का नाम है 
जब भगवान शिव शंकर ने माता पार्वती से पाणिग्रहण संस्कार करा था ! 
हिंदू मान्यता बताती है कि त्रिमूर्ति में ब्रह्मा श्रृष्टि की रचना करते हैं, 
विष्णु उसका पालन, तथा शिव उसका संहार.... ! 
(३)

"तुम पंचदेव में महादेव"
हे नीलकंठ हे महादेव!
हे नीलकंठ हे महादेव!
तुम पंचदेव में महादेव!!

तुम विघ्नविनाशक के ताता
जो तुमको मन से है ध्याता
उसका सब संकट मिट जाता
भोले-भण्डारी महादेव!
तुम पंचदेव में महादेव!!...


20 टिप्‍पणियां:

  1. सम्यक लिंकों के साथ सुन्दर चर्चा!
    आभार अरुण जी!
    महाशिवरात्रि की मंगलकामनाएँ!

    जवाब देंहटाएं
  2. शुभप्रभात बेटे :)
    उम्दा पसंद की अद्धभुत प्रस्तुती !!
    ॐ नाम: शिवाय ! हर-हर महादेव !!
    शुभकामनायें !!

    जवाब देंहटाएं
  3. महाशिवरात्रि पर्व पर हार्दिक शुभकामनाएँ!

    जवाब देंहटाएं
  4. बढ़िया प्रस्तुति-
    शुभकामनायें प्रिय अरुण जी -
    हर हर बम बम

    जवाब देंहटाएं
  5. हर हर महादेव - बम बम भोले सभी पाठकों एवं मित्रों को सीरवी सोलंकी परिवार की ओर से महाशिव रात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं.

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत ही सार्थक लिंक संयोजन,आभार.महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनायें.

    जवाब देंहटाएं
  7. महाशिवरात्री की हार्दिक शुभकामनायें !!

    जवाब देंहटाएं
  8. शुभ शिवरात्रि आपको परिवार सहित

    जवाब देंहटाएं
  9. अरुण बहुत बढ़िया links को सूत्रों में पिरोया है अभिनन्दन
    गुरु जी का आभार मेरी रचना को स्थान देने के लिए
    महाशिवरात्रि की मंगलकामनाएँ

    जवाब देंहटाएं
  10. सभी मित्रों को महा शिव रात्रि मंगल मय हो

    जवाब देंहटाएं
  11. अनंत जी आपको भी महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं ...सुन्दर लिनक्स से सजी आज की ये चर्चा ..मेरी रचना को शामिल करने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद :-)

    जवाब देंहटाएं
  12. सार्थक लिंक संयोजन ……... महाशिवरात्रि की शुभकामनायें

    जवाब देंहटाएं
  13. चर्चा - मंच में सम्मिलित करने के लिए आभार !

    जवाब देंहटाएं
  14. एक से बढ़कर एक लिंक्स दिए हैं .....विविधता लिए हुए .....पढने में भी बड़ा आनंद आ रहा है ...शुक्रिया
    ....एक बड़ा सा शुक्रिया मेरी पोस्ट शामिल करने के लिए भी :)

    जवाब देंहटाएं
  15. विविध रंगों को स्वयं में समाहित किए एक सुन्दर व सार्थक चर्चा .... सुन्दर प्रयास अरुण जी.... बधाई !

    जवाब देंहटाएं
  16. महाशिव रात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ

    जवाब देंहटाएं
  17. सुन्दर लिंक संयोजन …स्थान देने का शुक्रिया ... महाशिवरात्रि की शुभकामनायें

    जवाब देंहटाएं
  18. स्थान देने का शुक्रिया -बढ़िया लिंक सुन्दर प्रस्तुति

    जवाब देंहटाएं

"चर्चामंच - हिंदी चिट्ठों का सूत्रधार" पर

केवल संयत और शालीन टिप्पणी ही प्रकाशित की जा सकेंगी! यदि आपकी टिप्पणी प्रकाशित न हो तो निराश न हों। कुछ टिप्पणियाँ स्पैम भी हो जाती है, जिन्हें यथा सम्भव प्रकाशित कर दिया जाता है।