|
||||
कालीपद "प्रसाद'
ॐ नम : शिवाय
महाशिव रात्रि में शिवजी की पूजा न केवल भारत में वरन
पूरे विश्व में होती है,जहाँ हिन्दू है। शिव जी के बारे में भिन्न
भिन्न बिचार पढने को मिलता है। कोई कहते है देवादि देव महादेव है।
ईश्वर कौन हैं ? कहाँ हैं ? कैसा सुन्दर रूप है ?
इंसान में हमेशा इन्हें जानने का कौतुहल है ।
कोई कहता ईश्वर है आत्मा ,वही है परमात्मा,
मन है उसका मंदिर,मस्जिद,वही है गुरुद्वारा।
मन जब प्रसन्न होता है ,घर आँगन महकने लगते हैं,
धरती ही स्वर्ग , धरती ही गोलकधाम लगने लगते हैं।
कपोल कल्पित रमणीय स्वर्ग किसी ने ना देखा ,
धरती का कैलाश ,मानसरोवर ,वैतरणी गंगा देखा ।
|
||||
(डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)
|
||||
सुबीर संवाद सेवा
|
||||
दिनेश चन्द्र गुप्ता 'रविकर'
छोड़े सज्जन शॉर्टकट, उधर भयंकर लूट |
देर भली अंधेर से, पकड़ें लम्बा रूट |
पकड़ें लम्बा रूट, बड़ी सरकार निकम्मी |
चुनो सुरक्षित मार्ग, सिखाते पापा मम्मी |
लिए नौ लखा हार, सुरक्षा घेरा तोड़े |
बाला लापरवाह, लुटा करके ही छोड़े ||
|
||||
|
||||
|
||||
Dr (Miss) Sharad Singh
|
||||
Ravishankar Shrivastava
|
||||
Vandana Gupta
अपनी अपनी हदों में चिने हमारे वजूद
जब भी दखल करते हैं
हदों की खामोशियों में
एक जंगल चिंघाड उठता है
दरख्त सहम जाते हैं
पंछी उड जाते हैं पंख फ़डफ़डाते
घोंसलों को छोडना कितना दुरूह होता है
|
||||
दिनेश चन्द्र गुप्ता 'रविकर'
लिंक - लिक्खाड़
औरत रत निज कर्म में, मिला सफलता मन्त्र ।
सेहत से हत भाग्य पर, नरम सुरक्षा तंत्र ।
नरम सुरक्षा तंत्र, जरायम बढ़ते जाते ।
करता हवश शिकार, नहीं कामुक घबराते ।
जिन्सी ताल्लुकात, तरक्की करता भारत ।
शादी बिन बारात, बिचारी अब भी औरत ॥
|
||||
|
||||
Priti Surana
मन आज उदास है
बार बार भीगी पलकों को
छुपाती हूं तुमसे
और
अकेले में जाकर
सुबक-सुबक कर रोती हूं
मन से ये चाहती हूंकि
मुझे रोता देखकर
कंही से तुम आ जाओ
|
||||
|
||||
इसी के साथ आप सबको शुभविदा मिलते हैं अगले रविवार को . आप सब चर्चामंच पर गुरुजनों एवं मित्रों के साथ बने रहें. आपका दिन मंगलमय हो | ||||
जारी है ..... मयंक का कोना
(१) "नीलकण्ठ भोले की महिमा" (२) महाशिवरात्रि महाशिवरात्रि उस पावन पर्व का नाम है जब भगवान शिव शंकर ने माता पार्वती से पाणिग्रहण संस्कार करा था ! हिंदू मान्यता बताती है कि त्रिमूर्ति में ब्रह्मा श्रृष्टि की रचना करते हैं, विष्णु उसका पालन, तथा शिव उसका संहार.... ! (३) "तुम पंचदेव में महादेव"
|
फ़ॉलोअर
यह ब्लॉग खोजें
रविवार, मार्च 10, 2013
हर - हर महादेव - चर्चामंच 1179
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
सम्यक लिंकों के साथ सुन्दर चर्चा!
जवाब देंहटाएंआभार अरुण जी!
महाशिवरात्रि की मंगलकामनाएँ!
शुभप्रभात बेटे :)
जवाब देंहटाएंउम्दा पसंद की अद्धभुत प्रस्तुती !!
ॐ नाम: शिवाय ! हर-हर महादेव !!
शुभकामनायें !!
महाशिवरात्रि पर्व पर हार्दिक शुभकामनाएँ!
जवाब देंहटाएंसुन्दर सूत्र..
जवाब देंहटाएंबढ़िया प्रस्तुति-
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें प्रिय अरुण जी -
हर हर बम बम
हर हर महादेव - बम बम भोले सभी पाठकों एवं मित्रों को सीरवी सोलंकी परिवार की ओर से महाशिव रात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंबहुत ही सार्थक लिंक संयोजन,आभार.महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनायें.
जवाब देंहटाएंमहाशिवरात्री की हार्दिक शुभकामनायें !!
जवाब देंहटाएंशुभ शिवरात्रि आपको परिवार सहित
जवाब देंहटाएंअरुण बहुत बढ़िया links को सूत्रों में पिरोया है अभिनन्दन
जवाब देंहटाएंगुरु जी का आभार मेरी रचना को स्थान देने के लिए
महाशिवरात्रि की मंगलकामनाएँ
सभी मित्रों को महा शिव रात्रि मंगल मय हो
जवाब देंहटाएंअनंत जी आपको भी महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं ...सुन्दर लिनक्स से सजी आज की ये चर्चा ..मेरी रचना को शामिल करने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद :-)
जवाब देंहटाएंबढिया लिंक्स
जवाब देंहटाएंसार्थक लिंक संयोजन ……... महाशिवरात्रि की शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंचर्चा - मंच में सम्मिलित करने के लिए आभार !
जवाब देंहटाएंएक से बढ़कर एक लिंक्स दिए हैं .....विविधता लिए हुए .....पढने में भी बड़ा आनंद आ रहा है ...शुक्रिया
जवाब देंहटाएं....एक बड़ा सा शुक्रिया मेरी पोस्ट शामिल करने के लिए भी :)
विविध रंगों को स्वयं में समाहित किए एक सुन्दर व सार्थक चर्चा .... सुन्दर प्रयास अरुण जी.... बधाई !
जवाब देंहटाएंमहाशिव रात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ
जवाब देंहटाएंसुन्दर लिंक संयोजन …स्थान देने का शुक्रिया ... महाशिवरात्रि की शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंस्थान देने का शुक्रिया -बढ़िया लिंक सुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएं